माता-पिता
- Legal Explainers (49)
बच्चे को गिरफ्तार करना
जब पुलिस किसी बच्चे को गिरफ्तार करती है तो उसे न हथकड़ी लगाई जा सकती है और न ही उस पर बल का प्रयोग किया जा सकता है।
मृत्यु के बाद भी भरण-पोषण का उत्तरदायित्व
माता-पिता के भरण-पोषण का कर्तव्य किसी व्यक्ति के लिये, स्वयम् के मृत्यु के बाद भी रहती है।
मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा
शिक्षा के अधिकार की गारंटी देने वाले कानून को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के रूप में जाना जाता है।
लैंगिक चयन क्या होता है?
लैंगिक चयन में कोई भी प्रक्रिया या प्रशासन या नुस्खे या किसी भी चीज का इस्तेमाल जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भ्रूण का लिंग क्या होगा।
गोद लेना किसे कहते हैं?
‘गोद लेना’ वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से गोद लेने वाले भावी माता-पिता कानूनी रूप से बच्चे की जिम्मेदारी लेते हैं, जिसमें बच्चे को पहले से ही दिए गए सभी अधिकार, विशेषाधिकार और जिम्मेदारियां शामिल हैं। गोद लेने की कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद, बच्चे को उनके असली माता-पिता से स्थायी रूप से अलग […]
संतान द्वारा माता-पिता की देखभाल
भारतीय कानून के अनुसार, परिस्थितियों के आधार पर, सभी व्यक्तियों को अपने माता-पिता के भरण-पोषण और आश्रय की जिम्मेदारी लेना आवश्यक है, चाहे वो उनके जैविक माता-पिता हों, सौतेले हों, या दत्तक हों।
विद्यालय में प्रवेश पाने की प्रक्रिया
6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चे पहली कक्षा (प्रथम कक्षा) से 8वीं (आठवीं कक्षा) तक विद्यालय से फ्री शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाएं कौन-कौन सी हैं?
प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाओं में गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन के लिए कोई प्रसवपूर्व निदान परीक्षण करने हेतु किसी भी स्त्री रोग संबंधी |
किसे गोद लिया जा सकता है?
गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेना। गोद लेने के लिए गैर-धार्मिक कानून के तहत, निम्नलिखित बच्चों को गोद लिया जा सकता है |
वरिष्ठ नागरिकों को परित्याग करने और उपेक्षा करने की सजा
यदि आप किसी वरिष्ठ नागरिक को किसी स्थान पर छोड़ देते हैं परित्याग करने के विचार से, और उनकी देखभाल नहीं करते हैं तो आपको इसके लिये तीन महीने तक का जेल और/या तो 5000 रुपये तक जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
स्कूलों की विभिन्न श्रेणियां
भारत का संविधान अल्पसंख्यकों को अपने तरीके से स्कूल चलाने की अनुमति देता है ताकि वे अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा कर सकें।
यह कानून किस पर लागू होता है?
यह प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होता है जो लैंगिक चयन की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं|
कौन गोद ले सकता है?
गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने के लिए, आपको एक भावी माता-पिता के रूप में माने जाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा |
बाल न्यायालय
यदि बोर्ड यह निर्णय लेता है कि प्रारंभिक मूल्यांकन के बाद बच्चे पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए, तो वह मामले को बाल न्यायालय में भेजता है।
स्कूलों में प्रवेश से इनकार
किसी भी बच्चे को स्कूल में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता है, चाहे किसी भी शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश मांगा गया हो।
इस कानून के तहत क्या-क्या प्रतिबंधित है?
बांझपन विशेषज्ञों सहित कोई भी किसी स्त्री या पुरुष या दोनों पर किसी ऊतक, भ्रूण, गर्भजीव, द्रव या युग्मक का उपयोग करके यौन चयन नहीं कर सकता।
गोद लेने के लिए बच्चा कौन दे सकता है?
गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने पर, गोद लेने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं, लेकिन माता-पिता के रूप में अपने बच्चे को सरेंडर करने का विकल्प है।
हिंदू कानून के तहत भरण-पोषण का उत्तरदायित्व
जैविक/दत्तक माता-पिता जो हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख हैं और वृद्ध हैं, तो वे ‘हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण’ अधिनियम, 1956 के तहत अपने वयस्क संतानों से भरण-पोषण की मांग सकते हैं, यदि वे अपनी आय या संपत्ति से खुद का देखभाल करने में असमर्थ हैं।
दोषी बच्चों को सजा
बच्चे को कड़ी चेतावनी देना, फिर माता-पिता की काउंसलिंग करने के बाद उन्हें घर जाने देना। बच्चे को ग्रुप काउंसलिंग में भाग लेने का आदेश देना।
स्कूलों में पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रिया
प्रत्येक राज्य सरकार ने विभिन्न शैक्षणिक प्राधिकरणों को निर्दिष्ट किया है जिन्होंने पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रियाओं को निर्धारित किया है।
प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाओं की अनुमति कब दी जाती है?
उपर्युक्त असामान्यताओं का पता लगाने के लिए गर्भवती महिला की लिखित सहमति लेनी चाहिए, ऐसी प्रक्रियाओं का संचालन करने के लिए आवश्यक है|
गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त बच्चे
क बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने पर ऐसे बच्चों को गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने के लिए रखा जा सकता है |
‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसेड्यूर) के तहत भरण-पोषण
‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ की धारा 125 के तहत यदि पर्याप्त संसाधनों वाला कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को,
बच्चों का रिहेब्लिटेशन (पुनर्वास)
रिहेब्लिटेशन (पुनर्वास) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि एक बच्चे को उनके माता-पिता या अभिभावक की देखरेख में वापस भेजा जा सके।
निरोध नीति
पुन: परीक्षा में असफल होने पर छात्रों को पांचवीपांचवीं या आठवीं कक्षा में वापस दाखिलदाखिला कियादिया जा सकता है।
इस कानून के तहत क्या अपराध और दंड आते हैं?
इस कानून के अंतर्गत प्रत्येक अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-संयोजनीय है। चिकित्सा पेशेवर या कोई भी व्यक्ति, जो एक पंजीकृत केंद्र का मालिक है
गोद लेने के प्रकार
नीचे दिए गए गोद लेने के प्रकार केवल आप पर तभी लागू होते हैं जब आप गोद लेने से संबंधित गैर-धार्मिक कानून का पालन करने का निर्णय लेते हैं।
जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड
इन निकायों से अपेक्षा की जाती है, वे निम्नलिखित बातों से उन बच्चों की मदद करें, जिन्होंने अपराध किया है।
भ्रूण हत्या और शिशु हत्या
यह एक अपराध है कि महिला को अपना गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया जाए और महिला की अनुमति के बिना डॉक्टर 20 सप्ताह से पहले गर्भपात कर दे।
गोद लेने के प्रभाव
दत्तक माता-पिता का बच्चा: वह गोद लेने वाले (सौतेले) माता-पिता का बच्चा बन जाता है, और वे माता-पिता बच्चे के असली माता-पिता की तरह बन जाते हैं |
अस्थायी भरण-पोषण भुगतान
अपने संतानों या रिश्तदारों को, मासिक आधार पर अस्थायी भरण-पोषण का भुगतान करने का आदेश देने के लिए, आप न्यायालय में अर्जी दे सकते हैं।
स्कूलों की जिम्मेदारी
सरकार द्वारा चलाए जा रहे या इसके द्वारा सहायता प्राप्त सभी स्कूलों को एक स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) बनाना अनिवार्य है।
प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाएं कहां की जा सकती हैं?
चिकित्सकीय पेशेवरों सहित कोई भी पंजीकृत केंद्रों के अलावा किसी भी स्थान पर प्रसव पूर्व निदान प्रक्रिया नहीं कर सकता है।
भारतीय नागरिकों द्वारा किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)
एक भारतीय नागरिक के रूप में किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
न्यायधिकरण से भरण-पोषण के लिए दावा करना
आप, ‘भरण-पोषण न्यायधिकरण’ (मेंटीनेन्स ट्रिब्यूनल) में ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 के तहत अर्जी दे सकते हैं।
बच्चे की शिक्षा के संबंध में शिकायत/कष्ट
यदि आपको किसी बच्चे की शिक्षा के संबंध में कोई कष्ट है या आपको कोई शिकायत है, तो आप निम्नलिखित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं:
आप कानून के उल्लंघन के बारे में किससे शिकायत कर सकते हैं?
दिल्ली और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों ने कानून के उल्लंघन पर सूचना देने वालों के लिए पुरस्कार योजना की पेशकश की है।
भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) या भारत में रहने वाला एक विदेशी नागरिक द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)।
अगर आप भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हैं या आप विदेशी हैं और भारत में हमेशा से रहते आ रहें हैं, तो बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें |
स्कूलों में बच्चों के लिए मुफ्त भोजन (मध्याह्न भोजन योजना)
छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी छात्र जो नामांकन करते हैं और स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा के बीच पढ़ते हैं, वे पौष्टिक भोजन के हकदार होंगे।
भारतीय निवासियों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)
एक निवासी भारतीय के रूप में, आप देश में गोद लेने का विकल्प चुन सकते हैं, यानी भारत के भीतर गोद लेना।
शिक्षकों की योग्यता
किसी भी स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए किसी व्यक्ति के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक यह है |
रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)
एक बच्चे के रिश्तेदार के तौर पर, गोद लेने के लिए गैर-धार्मिक कानून का पालन करते हुए, आप भारत के भीतर और भारत के बाहर (अंतर्देशीय दत्तक) भी बच्चे को गोद ले सकते हैं। भारत के भीतर दत्तक ग्रहण या गोद लेना (अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण) अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण यानी भारत के भीतर ही रिश्तेदारों द्वारा […]
पिछड़े हुए समूहों से संबंधित बच्चों के लिए शिक्षा
स्थानीय अधिकारियों का कर्तव्य है कि पिछड़े हुए समूहों के बच्चों के साथ भेदभाव न हो और वे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने में सक्षम हों।
सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)।
सौतेले माता-पिता के रूप में आप जिस बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आप नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं।
ओ.सी.आई या अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) या किसी दूसरे देश में रहने वाले विदेशी नागरिक (गैर-धार्मिक कानून) द्वारा गोद लेना
अगर आप भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई), प्रवासी भारतीय (एन.आर.आई) या किसी अन्य देश में रहने वाले विदेशी हैं |
हिंदू दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया
हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, बच्चे को गोद लेने के लिए निर्धारित प्रक्रिया नहीं है। किसी भी दिशा-निर्देश का पालन करने की आवश्यकता नहीं है |