भारत में लिंगानुपात 2021 में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाओं तक पहुंच गया है। हालांकि, भारत में जन्म के समय लिंग अनुपात अभी भी प्रति 1,000 पुरुषों पर 929 लड़कियों का है। जन्म के समय लिंगानुपात हर साल पुरुष से महिला जन्म का अनुपात है।

लैंगिक चयन क्या होता है?

आखिरी अपडेट Sep 6, 2022

लैंगिक चयन में कोई भी प्रक्रिया, तकनीक, परीक्षण या प्रशासन या नुस्खे या किसी भी चीज का इस्तेमाल जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भ्रूण का लिंग क्या होगा।

भारत में लैंगिक चयन अवैध है और किसी भी प्रसव से पूर्व निदान प्रक्रिया की अनुमति केवल सीमित परिस्थितियों में ही दी जाती है। और यहां भी डॉक्टर को महिला की लिखित सहमति की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र द्वारा गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीकों पर अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी पुस्तिका को पढ़ें।

 

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उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता कौन होता है?

उपभोक्ताओं को उनके द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली किसी भी सेवा या सामान के लिए शिकायत दर्ज करने का अधिकार है |

विवाद निपटान तंत्र के रूप में मध्यस्थता

मध्यस्थता एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है जहां पार्टियां कार्यवाही के तरीके को तय कर सकती हैं। यह विवादों के शीघ्र निपटारे में मदद करता है।