रिहेब्लिटेशन (पुनर्वास) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि एक बच्चे को उनके माता-पिता या अभिभावक की देखरेख में वापस भेजा जा सके।
यदि यह संभव नहीं है, तो अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे को बाल देखभाल संस्थान की देखरेख में रखा जाए जिसे किशोर न्याय अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त है। इन संस्थानों में बच्चों के पुनर्वास में मदद करने के लिए कई सेवाएं हैं।
जब बच्चे 18 वर्ष के हो जाते हैं तब बच्चे की संबंधित संस्थान के प्रति जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती। जो बच्चे संस्थान को छोड़ते हैं वे समाज में अपनी स्थिति सुदृढ़ कर सके इसके लिए संस्थान द्वारा उन्हें वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए।