‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसेड्यूर) के तहत भरण-पोषण

‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ की धारा 125 के तहत यदि पर्याप्त संसाधनों वाला कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को, जो अपने भरण-पोषण के लिये स्वयं को असमर्थ पाते हैं, उनकी देखभाल करने से मना करता है या अनदेखा करता है तो प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति को भरण-पोषण के लिए उन्हें मासिक भत्ता देने के लिए आदेश दे सकता है।

गोद लेने के प्रकार

नीचे दिए गए गोद लेने के प्रकार केवल आप पर तभी लागू होते हैं जब आप गोद लेने से संबंधित गैर-धार्मिक कानून का पालन करने का निर्णय लेते हैं। अगर आप हिंदू दत्तक कानूनों का पालन करते हैं, तो इस तरह से गोद लेने का कोई भी विशेष प्रकार नहीं है।

गोद लेने की प्रक्रियाओं की ये निम्नलिखित श्रेणियां हैं:

भारतीय निवासी द्वारा गोद लेना (भारत में रहने वाले लोग)।

भारतीय नागरिकों द्वारा किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेना।

भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई, विदेश में रहने वाला भारतीय नागरिक) या भारत में रहने वाले किसी विदेशी नागरिक द्वारा गोद लेना।

ओ.सी.आई या अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) या दूसरे देशों में रहने वाले किसी विदेशी नागरिक द्वारा गोद लेना।

सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेना।

• रिश्तेदार द्वारा गोद लेना।

  • देश में गोद लेना यानी भारत में ही गोद लेना।
  • अंतर्देशीय गोद लेना यानी एक देश से किसी दूसरे देश में गोद लेना।

गोद लेने के प्रभाव

गोद लेने के निम्नलिखित प्रभाव हैं, भले ही आपने किस भी कानून के तहत बच्चे को अपनाया हो:

दत्तक माता-पिता का बच्चा: वह गोद लेने वाले (सौतेले) माता-पिता का बच्चा बन जाता है, और वे माता-पिता बच्चे के असली माता-पिता की तरह बन जाते हैं जैसे कि बच्चा उनकी ही सभी इच्छाओं से पैदा हुआ था।

बच्चे का पारिवारिक संबंध: बच्चे का जन्म जिस परिवार में हुआ है, उस परिवार के साथ संबंध टूट जाते हैं और गोद लेने वाले परिवार (दत्तक परिवार) के साथ नये संबंध बनते हैं। हालाँकि, हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, जिस परिवार में बच्चा जन्म लिया था, और उस परिवार ने जिस किसी भी व्यक्ति के साथ बच्चे की शादी के लिए मना किया हो, तो गोद लिया हुआ बच्चा अभी भी उस व्यक्ति से शादी नहीं कर सकता।

बच्चे के संपत्ति का अधिकार: गोद लेने से पहले भी अगर बच्चे की स्वामित्व वाली कोई भी संपत्ति है, तो वह संपत्ति के साथ लगाए गए अनुबंध-पत्र के साथ (असली परिवार में रिश्तेदारों को बनाए रखने के दायित्व सहित) वह बच्चे की ही संपत्ति बनी रहेगी।

इसके अलावा, हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, बच्चे के गोद लेने के लिए दिए गए आदेश को प्रभावी होने की तारीख से:

बच्चे के संपत्ति का अधिकार: व्यक्ति (दत्तक माता-पिता) के पास गोद लेने से पहले की जो संपत्ति थी,उस संपत्ति पर गोद लिया हुआ बच्चा स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता और ना ही उस संपत्ति को छीन सकता है। वह बच्चा दत्तक माता/पिता को अपने जीवनकाल के दौरान अपनी संपत्ति को बेचने से भी नहीं रोक सकता है, और ना ही किसी को देने या दान करने से रोक सकता है।

एक वैध दत्तक ग्रहण को रद्द करना: एक वैध दत्तक ग्रहण को दत्तक(गोद लिया हुआ या सौतेला) माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता है। एक बार गोद लेने के बाद, बच्चे को वह अस्वीकार नहीं कर सकता और न उसे वापस कर सकता है जिस परिवार में बच्चा जन्म लिया था।

अस्थायी भरण-पोषण भुगतान

अपने संतानों या रिश्तदारों को, मासिक आधार पर अस्थायी भरण-पोषण का भुगतान करने का आदेश देने के लिए, आप न्यायालय में अर्जी दे सकते हैं। न्यायालय को इस बात का फैसला करना है कि आपके आवेदन के बारे में आपके संतानों या रिश्तोदारों को सूचित करने के 90 दिनों के भीतर, क्या आपको अस्थायी भरण-पोषण का भुगतान मिल सकता है। विशेष परिस्थितियों में वे इसके लिये कुछ और समय (यानी 30 दिन) दे सकते हैं। यह उच्चतम भरण-पोषण राशि नहीं है जो आप पाने की उम्मीद कर सकते हैं। न्यायालय फैसला कर सकती है कि आपको कोई भी भरण-पोषण भत्ता नहीं मिले, या फिर अपने अंतिम आदेश में आपके भरण-पोषण की राशि को बढ़ाने या घटाने का फैसला कर सकती है।

भारतीय नागरिकों द्वारा किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)

एक भारतीय नागरिक के रूप में किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

चरण 1: किसी दूसरे देश के बच्चे को गोद लेने के लिए, उस देश के कानून के अनुसार, उनके द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।

चरण 2: संबंधित देश के प्राधिकारी, उस देश के कानूनों के आधार पर, केवल आवश्यक दस्तावेज और निम्नलिखित रिपोर्टें प्राप्त करने पर ही गोद लेने के लिए स्वीकृति या आदेश देगा। (कृपया प्राधिकरण से अधिक जानकारी के लिए पूछें) और वह रिपोर्ट्स निम्नलिखित हैं:

• गृह अध्ययन रिपोर्ट

• बाल अध्ययन रिपोर्ट

• बच्चे की चिकित्सा जांच रिपोर्ट

चरण 3: भारतीय नागरिकों द्वारा गोद लिए गए विदेशी बच्चे और विदेशी पासपोर्ट रखने वाले को भारत आने के लिए भारतीय वीजा की आवश्यकता होगी। इस वीजा को प्राप्त करने के लिए आप अपने संबंधित देश में भारतीय दूतावास में आवेदन कर सकते हैं।

चरण 4: गोद लिए गए बच्चे के लिए अप्रवासन मंजूरी उस देश की केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय और भारतीय राजनयिक मिशन के माध्यम से, गृह मंत्रालय से प्राप्त की जाएगी।

न्यायधिकरण से भरण-पोषण के लिए दावा करना

आप, ‘भरण-पोषण न्यायधिकरण’ (मेंटीनेन्स ट्रिब्यूनल) में ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 के तहत अर्जी दे सकते हैं। आप अपनी अर्जी उस क्षेत्र के भरण-पोषण न्यायधिकरण में दे सकते है जहाँः

  • आप वर्तमान समय में रह रहें हैं, या
  • पहले रह चुके हैं, या
  • जहां आपकी संतान या रिश्तेदार रहते हैं।

जब आप एक बार ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 के तहत न्यायधिकरण में अर्जी देते हैं तब आप आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 125 के तहत (जो भी आपको अधिकार देता है) भरण-पोषण के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। कृपया याद रखें कि इस संहिता के तहत, मासिक भरण-पोषण की राशि पर कोई उच्चतम सीमा नहीं है जिसकी आप मांग कर सकते हैं। हालांकि यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है।

प्रक्रिया

आपके द्वारा अर्जी दिये जाने के बाद (राज्य के आधार पर प्रारूपों में बदलाव होगा) न्यायालय पहले आपके संतानों को सूचित करेगा और उन्हें बतायेगा कि आपने ऐसी अर्जी दायर की है। तब न्यायालय इस मामले को, किसी ‘सुलह समझौता अधिकारी’ को भेज सकता है जो दोनो पक्षों को एक मैत्रीपूर्ण समझौते के लिए सहमत कराने का प्रयास करेगी। अगर न्यायालय इस मामले को वहाँ नहीं भेजती है तो वह दोनों पक्षों (माता-पिता, संताने या रिश्तेदार) की बात सुनेगी।

न्यायालय यह पता लगाने के लिए जांच कराएगी कि आपको अपने भरण-पोषण के लिये कितना दिया जाना चाहिये। हालांकि यह जांच पूरी तरह से कानूनी कार्यवाही नहीं है। कानूनन इन न्यायालयों में वकीलों द्वारा प्रतिनिधित्व की अनुमति नहीं है लेकिन हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि वकीलों के इनके इस अधिकार को सीमित नहीं किया जा सकता। यह न्यायालय स्वभाव से थोड़ा अनौपचारिक है लेकिन इनके पास सिविल कोर्ट की शक्तियां हैं और ये गवाहों की हाजिरी का आदेश दे सकती है, शपथ पर गवाही ले सकती है, इत्यादि।

अगर न्यायालय को पता चलता है कि संताने या रिश्तेदार, माता-पिता की देखभाल करने में लापरवाही कर रहे हैं तो वे उन्हें मासिक भरण-पोषण का भुगतान करने का निर्देश देते हुए आदेश पारित कर सकते हैं। न्यायालय यह भी आदेश दे सकती है कि आवेदन की तारीख से, भरण-पोषण की राशि पर ब्याज (5% से 8% के बीच) अदा किया जाए। अगर आपके संतान या माता-पिता कोर्ट के आदेश के बाद भी भरण-पोषण का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो आप इसी तरह की किसी न्यायालय में (‘भरण-पोषण न्यायधिकरण’) जा सकते हैं और उस आदेश को लागू कराने की मदद मांग सकते हैं।

भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) या भारत में रहने वाला एक विदेशी नागरिक द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)।

अगर आप भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हैं या आप विदेशी हैं और भारत में हमेशा से रहते आ रहें हैं, तो बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आप गोद ले सकते हैं। इसके माध्यम से बच्चे को आप तभी गोद ले सकते हैं जब आप एक ओ.सी.आई हो या विदेशी नागरिक हों जो भारत के निवासी हैं (अर्थात आप नियमित रूप से भारत में रहते हैं)।

चरण 2: आपको यहां केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करना चाहिए। यह आपको चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा जहां आपको अपना आवेदन भरना होगा।

चरण 3: अपने आवेदन के साथ, आपको आवश्यक दस्तावेज जमा करने चाहिए, जो हैं:

• आपकी फोटो

• पैन कार्ड

• आपका जन्म प्रमाण-पत्र (विवाहित जोड़े के मामलों में, पति या पत्नी का भी जन्म प्रमाण-पत्र)

• निवास प्रमाण-पत्र (आधार कार्ड/वोटर कार्ड/पासपोर्ट/वर्त्तमान बिजली बिल/टेलीफोन बिल)

• पिछले वर्ष की आय प्रमाण-पत्र (वेतन पर्ची/सरकार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र/आयकर रिटर्न)

• किसी चिकित्सक से प्राप्त किया ऐसा प्रमाण पत्र, जिससे यह साबित होता हो कि आप किसी भी पुरानी, ​​​​संक्रामक, घातक या जानलेवा बीमारी से पीड़ित नहीं हैं और गोद लेने के लिए स्वस्थ हैं (विवाहित जोड़े के मामलों में, पति या पत्नी का भी चिकित्सा प्रमाण-पत्र जरूरी है)

• विवाह प्रमाण-पत्र/तलाक डिक्री या तलाक सम्बन्धी दिया गया कोर्ट का निर्णय/अदालत से दी गयी घोषणा-पत्र या व्यक्तिगत कानून के तहत तलाक से संबंधित हलफनामा/पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण-पत्र, अगर लागू हो तो।

चरण 4: विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एस.ए.ए) द्वारा एक होम स्टडी आयोजित किया जाएगा, और इसके आधार पर, गोद लेने के लिए आपके द्वारा किया गया आवेदन को स्वीकार या फिर रद्द किया जा सकता है। इसका परिणाम CARINGS की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

चरण 5: अगर आपका आवेदन स्वीकार किया जाता है, तो आपकी वरीयता के आधार पर, CARINGS के माध्यम से आपके पास तीन बच्चों को SAA द्वारा भेजा जाएगा। आप 48 घंटों के भीतर गोद लेने योग्य किसी एक बच्चे को चुन सकते हैं, और उस बच्चे से आपका मिलान करने और योग्यता का आकलन करने के लिए एक बैठक तय की जाएगी। यह प्रक्रिया बीस दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, और अगर आप बच्चे को स्वीकार नहीं करते हैं, तो आपका नाम वरीयता सूची में सबसे नीचे कर दिया जाएगा।

चरण 6: एस.ए.ए गोद लेने पर आगे की कार्रवाई करेगा, और दो साल तक हर छह महीने में एक अनुवर्ती रिपोर्ट तैयार करेगा। कोई भी समस्या होने पर, इनके द्वारा परामर्श या सलाह दी जाएगी, और अगर बच्चे को गोद लेने के बाद कोई दिक्कत आती है, तो बच्चे को वापस ले लिया जा सकता है और अन्य संभावित या भावी दत्तक माता-पिता के लिए, उस बच्चे को फिर से गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित किया जा सकता है।

भारतीय निवासियों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)

एक निवासी भारतीय के रूप में, आप देश में गोद लेने का विकल्प चुन सकते हैं, यानी भारत के भीतर गोद लेना। गोद लेने के लिए आपका आवेदन विभिन्न चरणों से गुजरेगा, जैसा कि नीचे बताया गया है:

चरण 1: बच्चे को गोद लेने के लिए आप यहां केंद्रीय दत्तक संसाधन संस्था (कारा) (CARA) की वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते हैं। यह आपको चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा जहां आप अपने आवेदन में विभिन्न जानकारियां जैसे कि व्यक्तिगत जानकारी, रोजगार सम्बन्धी जानकारी आदि भर सकते हैं।

चरण 2: पंजीकरण के बाद, आपको आवेदन में माँगे गए संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। आपको कौन से दस्तावेज जमा करने होंगे, यह समझने के लिए कृपया यहां देखें। आवेदन फॉर्म भरने के बाद, आपको एक पावती पर्ची दी जाएगी।

चरण 3: एक बार जब आप संबंधित जानकारियों और दस्तावेजों के साथ आवेदन भर देते हैं, तो तब आप पावती पर्ची में दी गई पंजीकरण संख्या के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

चरण 4: आप बच्चे को गोद लेने के योग्य हैं या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए CARA या विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (SAA) द्वारा एक होम स्टडी आयोजित किया जाएगा।

चरण 5: आपका आवेदन स्वीकार या रद्द किया जा सकता है। अगर किसी कारणवश आपके आवेदन को खारिज कर दिया जाता है, तो उसके कारणों को CARINGS की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा, और आप लिए गए निर्णय के खिलाफ ‘बाल न्यायालय’ में अपील कर सकते हैं। अपील करने की प्रक्रिया की जानने के लिए कृपया यहां देखें।

चरण 6: अगर आपका आवेदन स्वीकार किया जाता है, तो आपकी वरिष्ठता के आधार पर, CARIINGS के माध्यम से आपके पास तीन बच्चों को SAA द्वारा भेजा जाएगा। आप 48 घंटों के भीतर गोद लेने योग्य किसी एक बच्चे को चुन सकते हैं, और उस बच्चे से आपका मिलान करने और योग्यता का आकलन करने के लिए एक बैठक तय की जाएगी। यह प्रक्रिया बीस दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, और अगर आप बच्चे को स्वीकार नहीं करते हैं, तो आपका नाम वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे कर दिया जाएगा।

चरण 7: आपके द्वारा बच्चे को चुने जाने के दस दिनों के भीतर, आपको बच्चे को गोद लेने से पहले उसकी देखभाल और पालन-पोषण करना होगा, जो आपको बच्चे का पालक माता-पिता बनाता है। यह तब होता है जब गोद लेने के लिए स्वीकृति या आदेश कोर्ट में लंबित होता है। बच्चे को ले जाने से पहले आपको इस सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए।

चरण 8: गोद लेने सम्बन्धी आदेश प्राप्त करने के लिए SAA (या अन्य संबंधित प्राधिकारी) संबंधित कोर्ट में एक आवेदन दायर करेगा। अगर आपके शहर में SAA नहीं है, तो संबंधित प्राधिकारी ऐसा करेगा कि, कोर्ट की कार्यवाही बंद कमरे में आयोजित की जाएगी, और आपके द्वारा गोद लेने के लिए किये गये आवेदन के दो महीने के भीतर उसका फैसला कर दिया जाएगा। इसके बाद, तीन कार्य दिवस के भीतर SAA आपके नाम के साथ बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेगा।

चरण 9: एस.ए.ए, जिसने होम स्टडी किया था, गोद लेने के बाद दो साल तक हर छह महीने में एक अनुवर्ती रिपोर्ट तैयार करेगा। कोई भी समस्या होने पर, इनके द्वारा परामर्श या सलाह दी जाएगी, और अगर बच्चे को गोद लेने के बाद कोई दिक्कत आती है, तो बच्चे को वापस ले लिया जा सकता है और अन्य संभावित या भावी दत्तक माता-पिता के लिए, उस बच्चे को फिर से गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित किया जा सकता है।

 

रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)

एक बच्चे के रिश्तेदार के तौर पर, गोद लेने के लिए गैर-धार्मिक कानून का पालन करते हुए, आप भारत के भीतर और भारत के बाहर (अंतर्देशीय दत्तक) भी बच्चे को गोद ले सकते हैं।

भारत के भीतर दत्तक ग्रहण या गोद लेना (अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण)

अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण यानी भारत के भीतर ही रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

चरण 1: आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आप बच्चे को गोद ले सकते हैं। आपका बच्चे के साथ निम्नलिखित में से किसी भी तरह का एक संबंध होना चाहिए:

  • आप उस बच्चे का चाचा या चाची हो,
  • आप उसके मामा या मामी हो,
  • आप उसके दादा-दादी हो,
  • आप उसके नाना-नानी हो।

आप या तो एक भारतीय निवासी हों, या अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) हों, या भारत का एक प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हों जो कम से कम एक साल से भारत में रह रहें हों।

चरण 2: आपको यहां केंद्रीय दत्तक संसाधन संस्था (कारा) (CARA) की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। यह आपको बाल दत्तक ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शन प्रणाली (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा। जहाँ आपको निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा:

  • निवास प्रमाण-पत्र
  • अगर बच्चा 5 वर्ष से अधिक उम्र का है, तो उस बच्चे की सहमति।
  • उसके असली माता-पिता की सहमति, या बच्चे के कानूनी अभिभावक को गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) की अनुमति
  • गोद लेने के लिए कोर्ट का आदेश, जैसा कि चरण 3 में बताया गया है।
  • आपका और आपके पति/पत्नी के रिश्ते के सम्बन्ध में, और आपकी वित्तीय और सामाजिक स्थिति की हलफनामा

चरण 3: इसके बाद, आपको इस प्रारूप में गोद लेने लेने के लिए एक आवेदन दाखिल करना होगा। एक बार आवेदन प्राप्त करने के बाद, आपको इसे चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

विभिन्न देशों में गोद लेने के लिए (अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण)

विभिन्न देशों में रिश्तेदारों द्वारा बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

चरण 1: आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आप बच्चे को गोद ले सकते हैं। अगर आप अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) या भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हैं तो आप किसी रिश्तेदार के बच्चे को गोद ले सकते हैं।

चरण 2: आप जिस देश में रह रहें हैं, उस देश के संबंधित प्राधिकरण यानी अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए। आप जिस देश में निवास कर रहें हैं, अगर उस देश में कोई अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है, तो आपको (भारतीय नागरिक होने पर) उस देश में संबंधित सरकारी विभाग या भारतीय राजनयिक मिशन में संपर्क करना चाहिए। आपके द्वारा जो होम स्टडी आयोजित किया जाएगा, उसके बारे में वे मार्गदर्शन देंगे और एक बार यह होम स्टडी हो जाने के बाद, पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी।

चरण 3: आपको जरूरी दस्तावेज जमा करना चाहिए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया उस प्राधिकारी से पूछें जिससे आपने संपर्क किया है।

चरण 4: एक बार आपके दस्तावेज जमा हो जाने के बाद, संबंधित प्राधिकारी आपके आवेदन को जिला बाल संरक्षण इकाई (डी.सी.पी.यू) को एक पारिवारिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेज देगा, (इसके लिए पैसा भी लग सकता है)। रिपोर्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां देखें। आप जिस देश में बच्चे को ले जाना चाहते हैं, उस देश के संबंधित प्राधिकारी को यह रिपोर्ट भेजी जाएगी।

चरण 5: आपको बच्चे के असली माता-पिता की सहमति पत्र और अन्य सभी दस्तावेजों के साथ, जिस जिला में बच्चा रह रहा हो, उस जिले के कोर्ट में गोद लेने के लिए एक आवेदन दाखिल करना चाहिए। वे सभी दस्तावेज नीचे दिए गए हैं:

  • बच्चे की सहमति, अगर बच्चे की उम्र 5 साल से अधिक है।
  • जिस देश में बच्चे को ले जाना चाहते हैं, उस देश की अनुमति।
  • बच्चे के साथ आपका रिश्ता (वंशावली)
  • आपकी, बच्चे और उसके असली माता-पिता की हाल की पारिवारिक फोटो
  • इस तरह बच्चे का असली माता-पिता की सहमति या बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) से बच्चे को उसके कानूनी अभिभावक को आत्मसमर्पण करने और उसे गोद देने की अनुमति
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट

इसके बाद, आपको दत्तक आदेश की एक प्रमाणित प्रति डी.सी.पी.यू को देनी चाहिए।

चरण 6: संबंधित प्राधिकारी डी.सी.पी.यू के द्वारा दत्तक ग्रहण आदेश प्राप्त करने के दस दिनों के भीतर गोद लेने के पक्ष में एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी) प्रदान की जाएगी।

 

 

 

सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)।

सौतेले माता-पिता के रूप में आप जिस बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आप नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं।

चरण 1: आपको और आपके पति या पत्नी (बच्चे के असली माता-पिता) को यहां केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। यह आपको चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा, जहां आप अपना आवेदन सम्बन्धी जानकारियां जैसे कि अपना व्यक्तिगत जानकारी, रोजगार सम्बन्धी जानकारी आदि भर सकते हैं।

चरण 2: फिर आपको संबंधित दस्तावेज अपलोड करना होगा, जो इस प्रकार हैं:

  • आपका और आपके पति/पत्नी का निवास या आवासीय प्रमाण-पत्र।
  • ऊपर बताए गए पति-पत्नियों (पार्टियों) का कानूनी रूप से विवाहित होने का प्रमाण-पत्र।
  • अगर बच्चे का असली माता-पिता जीवित नहीं है, तो उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र।
  • गोद लिए जाने वाले बच्चे, उसके असली माता-पिता, बच्चे को गोद लेने वाले पति या पत्नी और गवाहों की सत्यापित फोटो।
  • जैसा कि चरण 3 में बताया गया है, उसके अनुसार, बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) से प्राप्त अनुमति प्रपत्र।
  • कोर्ट से दत्तक ग्रहण आदेश, जैसा कि चरण 4 में बताया गया है।

चरण 3: बच्चे को गोद लेने के लिए आपको सी.डब्ल्यू.सी से अनुमति लेनी होगी। आपको यह फॉर्म भरना होगा, जो आपकी और आपके जीवनसाथी(पति/पत्नी) की सहमति भी प्रदान करता है। अगर गोद लेने के लिए दोनों पति-पत्नी द्वारा अपने-अपने पहले के शादी से हुए बच्चों का त्याग किया जा रहा है, तो दोनों को अलग-अलग सहमति फॉर्म भरना होगा।

चरण 4: इस तरह आपको अपने पति या पत्नी के साथ परिवार/जिला/शहर या सिविल कोर्ट में एक आवेदन दाखिल करना होगा। इसके बाद, आपको कोर्ट से दत्तक-ग्रहण (गोद लेने के) आदेश की एक प्रमाणित प्रति(कॉपी) प्राप्त करनी होगी और CARINGS की वेबसाइट के माध्यम से इसकी एक कॉपी को ऑनलाइन जमा करना होगा।