रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)

एक बच्चे के रिश्तेदार के तौर पर, गोद लेने के लिए गैर-धार्मिक कानून का पालन करते हुए, आप भारत के भीतर और भारत के बाहर (अंतर्देशीय दत्तक) भी बच्चे को गोद ले सकते हैं।

भारत के भीतर दत्तक ग्रहण या गोद लेना (अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण)

अंतरादेशीय दत्तक ग्रहण यानी भारत के भीतर ही रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

चरण 1: आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आप बच्चे को गोद ले सकते हैं। आपका बच्चे के साथ निम्नलिखित में से किसी भी तरह का एक संबंध होना चाहिए:

  • आप उस बच्चे का चाचा या चाची हो,
  • आप उसके मामा या मामी हो,
  • आप उसके दादा-दादी हो,
  • आप उसके नाना-नानी हो।

आप या तो एक भारतीय निवासी हों, या अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) हों, या भारत का एक प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हों जो कम से कम एक साल से भारत में रह रहें हों।

चरण 2: आपको यहां केंद्रीय दत्तक संसाधन संस्था (कारा) (CARA) की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। यह आपको बाल दत्तक ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शन प्रणाली (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा। जहाँ आपको निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा:

  • निवास प्रमाण-पत्र
  • अगर बच्चा 5 वर्ष से अधिक उम्र का है, तो उस बच्चे की सहमति।
  • उसके असली माता-पिता की सहमति, या बच्चे के कानूनी अभिभावक को गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) की अनुमति
  • गोद लेने के लिए कोर्ट का आदेश, जैसा कि चरण 3 में बताया गया है।
  • आपका और आपके पति/पत्नी के रिश्ते के सम्बन्ध में, और आपकी वित्तीय और सामाजिक स्थिति की हलफनामा

चरण 3: इसके बाद, आपको इस प्रारूप में गोद लेने लेने के लिए एक आवेदन दाखिल करना होगा। एक बार आवेदन प्राप्त करने के बाद, आपको इसे चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

विभिन्न देशों में गोद लेने के लिए (अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण)

विभिन्न देशों में रिश्तेदारों द्वारा बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

चरण 1: आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आप बच्चे को गोद ले सकते हैं। अगर आप अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) या भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई) हैं तो आप किसी रिश्तेदार के बच्चे को गोद ले सकते हैं।

चरण 2: आप जिस देश में रह रहें हैं, उस देश के संबंधित प्राधिकरण यानी अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए। आप जिस देश में निवास कर रहें हैं, अगर उस देश में कोई अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है, तो आपको (भारतीय नागरिक होने पर) उस देश में संबंधित सरकारी विभाग या भारतीय राजनयिक मिशन में संपर्क करना चाहिए। आपके द्वारा जो होम स्टडी आयोजित किया जाएगा, उसके बारे में वे मार्गदर्शन देंगे और एक बार यह होम स्टडी हो जाने के बाद, पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी।

चरण 3: आपको जरूरी दस्तावेज जमा करना चाहिए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया उस प्राधिकारी से पूछें जिससे आपने संपर्क किया है।

चरण 4: एक बार आपके दस्तावेज जमा हो जाने के बाद, संबंधित प्राधिकारी आपके आवेदन को जिला बाल संरक्षण इकाई (डी.सी.पी.यू) को एक पारिवारिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेज देगा, (इसके लिए पैसा भी लग सकता है)। रिपोर्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां देखें। आप जिस देश में बच्चे को ले जाना चाहते हैं, उस देश के संबंधित प्राधिकारी को यह रिपोर्ट भेजी जाएगी।

चरण 5: आपको बच्चे के असली माता-पिता की सहमति पत्र और अन्य सभी दस्तावेजों के साथ, जिस जिला में बच्चा रह रहा हो, उस जिले के कोर्ट में गोद लेने के लिए एक आवेदन दाखिल करना चाहिए। वे सभी दस्तावेज नीचे दिए गए हैं:

  • बच्चे की सहमति, अगर बच्चे की उम्र 5 साल से अधिक है।
  • जिस देश में बच्चे को ले जाना चाहते हैं, उस देश की अनुमति।
  • बच्चे के साथ आपका रिश्ता (वंशावली)
  • आपकी, बच्चे और उसके असली माता-पिता की हाल की पारिवारिक फोटो
  • इस तरह बच्चे का असली माता-पिता की सहमति या बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) से बच्चे को उसके कानूनी अभिभावक को आत्मसमर्पण करने और उसे गोद देने की अनुमति
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट

इसके बाद, आपको दत्तक आदेश की एक प्रमाणित प्रति डी.सी.पी.यू को देनी चाहिए।

चरण 6: संबंधित प्राधिकारी डी.सी.पी.यू के द्वारा दत्तक ग्रहण आदेश प्राप्त करने के दस दिनों के भीतर गोद लेने के पक्ष में एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी) प्रदान की जाएगी।

 

 

 

सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया (गैर-धार्मिक कानून)।

सौतेले माता-पिता के रूप में आप जिस बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आप नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं।

चरण 1: आपको और आपके पति या पत्नी (बच्चे के असली माता-पिता) को यहां केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। यह आपको चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा, जहां आप अपना आवेदन सम्बन्धी जानकारियां जैसे कि अपना व्यक्तिगत जानकारी, रोजगार सम्बन्धी जानकारी आदि भर सकते हैं।

चरण 2: फिर आपको संबंधित दस्तावेज अपलोड करना होगा, जो इस प्रकार हैं:

  • आपका और आपके पति/पत्नी का निवास या आवासीय प्रमाण-पत्र।
  • ऊपर बताए गए पति-पत्नियों (पार्टियों) का कानूनी रूप से विवाहित होने का प्रमाण-पत्र।
  • अगर बच्चे का असली माता-पिता जीवित नहीं है, तो उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र।
  • गोद लिए जाने वाले बच्चे, उसके असली माता-पिता, बच्चे को गोद लेने वाले पति या पत्नी और गवाहों की सत्यापित फोटो।
  • जैसा कि चरण 3 में बताया गया है, उसके अनुसार, बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी) से प्राप्त अनुमति प्रपत्र।
  • कोर्ट से दत्तक ग्रहण आदेश, जैसा कि चरण 4 में बताया गया है।

चरण 3: बच्चे को गोद लेने के लिए आपको सी.डब्ल्यू.सी से अनुमति लेनी होगी। आपको यह फॉर्म भरना होगा, जो आपकी और आपके जीवनसाथी(पति/पत्नी) की सहमति भी प्रदान करता है। अगर गोद लेने के लिए दोनों पति-पत्नी द्वारा अपने-अपने पहले के शादी से हुए बच्चों का त्याग किया जा रहा है, तो दोनों को अलग-अलग सहमति फॉर्म भरना होगा।

चरण 4: इस तरह आपको अपने पति या पत्नी के साथ परिवार/जिला/शहर या सिविल कोर्ट में एक आवेदन दाखिल करना होगा। इसके बाद, आपको कोर्ट से दत्तक-ग्रहण (गोद लेने के) आदेश की एक प्रमाणित प्रति(कॉपी) प्राप्त करनी होगी और CARINGS की वेबसाइट के माध्यम से इसकी एक कॉपी को ऑनलाइन जमा करना होगा।

ओ.सी.आई या अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई) या किसी दूसरे देश में रहने वाले विदेशी नागरिक (गैर-धार्मिक कानून) द्वारा गोद लेना

अगर आप भारत के प्रवासी नागरिक (ओ.सी.आई), प्रवासी भारतीय (एन.आर.आई) या किसी अन्य देश में रहने वाले विदेशी हैं, तो बच्चे को गोद लेने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: आप जिस देश में रह रहें हैं, उस देश के संबंधित प्राधिकरण यानी अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए। आप जिस देश में निवास कर रहें हैं, अगर उस देश में कोई अधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण एजेंसी या केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है, तो आपको (भारतीय नागरिक होने पर) उस देश में संबंधित सरकारी विभाग या भारतीय राजनयिक मिशन में संपर्क करना चाहिए। वे आयोजित किए जाने वाले होम स्टडी और पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में आपका मार्गदर्शन करेंगे। गोद लेने वाली विदेशी एजेंसियों की सूची के लिए यहां देखें।

चरण 2: आपको जरूरी दस्तावेज जमा करना चाहिए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया उस प्राधिकारी से पूछें जिनसे आपने संपर्क किया है।

चरण 3: दो बच्चों को आपके पास गोद लेने के लिए भेजा जाएगा, और आप 96 घंटों के भीतर उसमें से किसी एक बच्चे को चुन सकते हैं, और फिर दूसरे बच्चे की प्रोफाइल वापस ले ली जाएगी। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो दोनों बच्चों की प्रोफाइल वापस ले ली जाएगी। किसी एक बच्चे को चुनने के बाद, आपको उस तारीख से तीस दिनों के भीतर बच्चे को स्वीकार करना होगा और बच्चे की बाल अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा जाँच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करना होगा। ऐसा नहीं कर पाने पर आपकी प्रोफ़ाइल वरीयता सूची में सबसे नीचे चली जाएगी और बच्चे की प्रोफ़ाइल वापस ले ली जाएगी। आप बच्चे से व्यक्तिगत रूप से भी मिल सकते हैं, और किसी चिकित्सक से चिकित्सा रिपोर्ट की समीक्षा करवा सकते हैं।

चरण 4: संबंधित प्राधिकारी द्वारा गोद लेने के पक्ष में एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी) जारी किया जाएगा, और चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (CARINGS) की वेबसाइट पर उसे पोस्ट किया जाएगा।

चरण 5: अगर आपको अनापत्ति प्रमाण-पत्र मिलता है, तो जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आ जाता, तब तक आप बच्चे को दत्तक-पूर्व पालन-पोषण एवं देखभाल के लिए अस्थायी रूप से ले जा सकते हैं। ऐसा करने के लिए, आपको निम्नलिखित घोषणा पत्र या वचन देना होगा। इसके बाद आपको बच्चे की स्थायी जिम्मेदारी दे दी जाएगी:

• बच्चे का पासपोर्ट और वीजा जारी किया जाता है।

• कोर्ट द्वारा आदेश पारित किया जाता है।

चरण 6: संबंधित प्राधिकारी वहां के कोर्ट में एक आवेदन दायर करेगा। अदालत की कार्यवाही बंद या गुप्त कमरे में की जाएगी, और दो महीने के भीतर ही आपके दत्तक ग्रहण आवेदन के ऊपर फैसला सुना दिया जाएगा।

चरण 7: आपको भारत आना होगा और गोद लेने के आदेश की तारीख से दो महीने के भीतर ही बच्चे को ले जाना होगा। इसके बाद, निम्नलिखित औपचारिकताएं को पूरा किया जाएगा:

• कोर्ट द्वारा गोद लेने के आदेश जारी होने के बाद तीन कार्य दिवसों के भीतर ही संबंधित प्राधिकारी द्वारा एक अनुरूपता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।

• वह प्राधिकरण गोद लेने की पुष्टि के बारे में संबंधित विभिन्न प्राधिकारियों को सूचित करेगा, जैसे कि अप्रवासन प्राधिकरण, आदि।

• प्राधिकरण बच्चे के लिए भारतीय पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र और ओ.सी.आई कार्ड (यदि लागू हो) प्राप्त करने में उसकी सहायता करेगा।

चरण 8: संबंधित प्राधिकरण द्वारा पहले वर्ष के दौरान हर तीन महीने पर और दूसरे वर्ष में हर छह महीने में, दत्तक-ग्रहण के विकास का आकलन करने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई करेगा। कोई भी समस्या होने पर, इनके द्वारा परामर्श या सलाह दी जाएगी, और अगर बच्चे को गोद लेने के बाद कोई दिक्कत आती है, तो बच्चे को वापस ले लिया जा सकता है और उस बच्चे को फिर से गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित किया जा सकता है।

 

हिंदू दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया

हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, बच्चे को गोद लेने के लिए कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं है। आपको किसी भी दिशा-निर्देश का पालन करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आपको एक दत्तक-ग्रहण पत्र या दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना पड़ सकता है। इसकी प्रक्रिया और दस्तावेज के प्रारूप के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आपको एक वकील से परामर्श लेना चाहिए।

अगर आप एक अभिभावक हैं

एक अभिभावक को कुछ मामलों में बच्चे को गोद लेने के लिए, या उसे गोद छोड़ने के लिए कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार हैं:

• जब माता और पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो;

• जब माता और पिता दोनों ने पूरी तरह से संसार को त्याग दिया हो;

• जब पिता और माता दोनों ने बच्चे को छोड़ दिया हो;

• जब संबंधित कोर्ट द्वारा पिता और माता दोनों को असमर्थ या बीमार घोषित कर गया हो;

• जब बच्चे के माता-पिता के बारे में कोई जानकारी न हो।

दत्तक ग्रहण कानून के तहत दंड/सजा

भले ही आपने जिस भी कानून के तहत बच्चे को गोद लिया हो, अगर आप कुछ ऐसा काम करते हैं, तो आपको दंडित किया जा सकता है, जैसे:

बच्चे को अवैध रूप से विदेश ले जाना

• कोर्ट के वैध आदेश के बिना अगर आप किसी बच्चे को विदेश ले जाते हैं या भेजते हैं, या उस बच्चे को किसी अन्य देश में दूसरे व्यक्ति को सौंपने की व्यवस्था करते हैं, तो आपको 1 लाख रुपये का जुर्माना या 3 साल तक की जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है।

बच्चे का परित्याग/उपेक्षा/अनादर/दुर्व्यवहार करना 

• अगर आप, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की देखभाल करने वाले/माता-पिता के रूप में, बच्चे का त्याग करने के लिए उसे जानबूझकर किसी भी स्थान पर छोड़ देते हैं, तो आपको जुर्माना या 7 साल तक की जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है।

• अगर आप, एक बच्चे की देखभाल करने वाले/माता-पिता के रूप में, उस पर हमला करते हैं, उसे छोड़ देते हैं, उसके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उसे बेनकाब करते हैं या जानबूझकर उस बच्चे की उपेक्षा करते हैं या ऐसा होने का कारण बनते हैं, जिससे बच्चे को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक पीड़ा होने की संभावना होती है, आपको 1 लाख रुपये का जुर्माना या 3 साल तक की जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है। अगर इस तरह की क्रूरता, जो बच्चे को शारीरिक रूप से अक्षम या मानसिक रूप से बीमार बनाती है या उसे नियमित कामों को करने के लिए मानसिक रूप से अयोग्य बनाती है या उसकी जान को ख़तरा होता है, तो आपको 5 लाख रुपये का जुर्माना के साथ 3 साल से 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने पर, आपको दंडित किया जाएगा अगर आप:

• जेजे अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना किसी भी अनाथ, परित्यक्त या सरेंडर किये गए बच्चे को गोद लेते हैं या देते हैं। इसके लिए आपको 1 लाख रुपये का जुर्माना या 3 साल तक की जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है। अगर ऐसा अपराध किसी मान्यता प्राप्त दत्तक ग्रहण एजेंसी द्वारा किया जाता है, तो उसे ऊपर दी गयी सजा के अलावा उसके एजेंसी का पंजीकरण और मान्यता को भी कम से कम एक साल के लिए वापस ले ली जाएगी।

हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, आपको दंडित किया जाएगा अगर आप:

 गोद लेने के एवज में इनाम या पैसों का लेन-देन करते हैं: तो इसके लिए, जुर्माना या 6 महीने की जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है, राज्य सरकार की अनुमति के बाद।

सहायता और समर्थन

अगर आपको किसी सहायता, समर्थन की आवश्यकता है या आप गोद लेने के संबंध में कोई मुद्दा उठाना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं:

केंद्रीय दत्तक संसाधन संस्था (कारा) (CARA)

CARA मुख्य रूप से संबंधित/मान्यता प्राप्त दत्तक ग्रहण एजेंसियों के माध्यम से गैर-धार्मिक दत्तक ग्रहण कानून के तहत, अनाथ बच्चें, परित्यक्त बच्चें और सरेंडर करने वाले बच्चों के लिए कार्य करता है।

CARA की हेल्पलाइन: 1800-11-1311। आप इस नंबर पर सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं।

CARA का ईमेल पता: carahdesk.wdc@nic.in

न्यायालयों की भूमिका

गोद लेने की प्रक्रिया के दौरान कोर्ट बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोर्ट द्वारा निभाई गई कुछ महत्वपूर्ण भूमिकाएं नीचे दी गई हैं:

दत्तक-ग्रहण आदेश (गैर-धार्मिक कानून)

गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने पर, कोर्ट बच्चे के संबंधित दस्तावेजों के साथ एस.ए.ए (विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी) से आवेदन प्राप्त करता है ताकि कोर्ट यह आकलन कर सके कि गोद लेने के लिए आदेश दिया जा सकता है या नहीं। आवेदन में ये सभी होना चाहिए:

• बाल देखभाल संस्थानों जैसे एस.ए.ए और सह-आवेदकों (यदि कोई हो) का विवरण

• भावी दत्तक माता-पिता का विवरण जैसे कि उनका नाम, बच्चे को गोद लेने के लिए संसाधन/संपत्ति/स्रोत की जानकारी और मार्गदर्शन प्रणाली पंजीकरण संख्या।

• गोद लिए जाने वाले बच्चे का विवरण

• बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित किया गया है या नहीं, उसका प्रमाण या सबूत।

• भावी दत्तक माता-पिता ने दत्तक-पूर्व पालन-पोषण व देखभाल हलफनामे पर किये गए हस्ताक्षर का प्रमाण, जिसमें SAA, DCPU (जिला बाल संरक्षण इकाई) के सामाजिक कार्यकर्ताओं को घर का निरीक्षण करने की अनुमति होती हैं।

• दत्तक ग्रहण समिति के निर्णय की एक प्रति/कॉपी

आवेदन में और क्या-क्या विवरण शामिल हैं, यह समझने के लिए आवेदन का एक प्रारूप को यहां पढ़ें। गोद लेने के इस आदेश को पारित कर के, कोर्ट गोद लेने वाले व्यक्ति को बच्चे का भावी दत्तक माता-पिता बनने की अनुमति देगा। दत्तक ग्रहण आदेश पारित करने से पहले, कोर्ट का यह कर्तव्य है कि वह निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:

• कि दत्तक ग्रहण बच्चे के कल्याण के लिए हो।

• कि बच्चे की उम्र और स्थिति की समझ के आधार पर उसकी इच्छाओं को ध्यान में रखा जाए।

• कि बच्चे का भावी दत्तक माता-पिता, उसे गोद लेने के लिए कोई भी ईनाम या पैसों का लेन-देन न किया हो।

• कोर्ट द्वारा दत्तक ग्रहण की कार्यवाही एक बंद कमरे में या गुप्त ढंग से होनी चाहिए।

गोद लेने की अनुमति (हिंदू कानून)

हिंदू कानून के तहत गोद लेने पर, एक अभिभावक को कुछ मामलों में बच्चे को गोद लेने के लिए, या उसे गोद छोड़ने के लिए कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार हैं:

• जब माता और पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो;

• जब माता और पिता दोनों ने पूरी तरह से संसार को त्याग दिया हो;

• जब पिता और माता दोनों ने बच्चे को छोड़ दिया हो;

• जब संबंधित कोर्ट द्वारा पिता और माता दोनों को असमर्थ या बीमार घोषित कर गया हो;

• जब बच्चे के माता-पिता के बारे में कोई जानकारी न हो।

अपील (गैर-धार्मिक कानून और हिंदू कानून)

गैर-धार्मिक कानून के तहत गोद लेने पर, अगर आप बच्चे को गोद लेने के दौरान संबंधित अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों से संतुष्ट नहीं हैं या गोद लेने के लिए आपके द्वारा दिए गए आवेदन को खारिज कर दिया गया हो, तो उस दिए गए आदेश के 30 दिनों के भीतर आप बाल न्यायालय में अपील कर सकते हैं। हालांकि, भले ही 30 दिनों से अधिक समय बीत चुका हो, फिर भी आप अपील करने का प्रयास कर सकते हैं, और अगर कोर्ट का यह मानना ​​है कि निर्धारित 30 दिनों के भीतर अपील करने में सक्षम नहीं होने के लिए आपके पास पर्याप्त कारण हैं, तो इस पर विचार किया जाएगा। अगर आप कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अपने राज्य के उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) में अपील दायर कर सकते हैं।