ग्राहकों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां

चेक प्रक्रिया के दौरान ग्राहकों द्वारा बरती जाने वाली कुछ सावधानियां हैं।

• सुनिश्चित करें कि चेक पर सीटीएस 2010 लिखा हुआ है।

• चेक लिखते समय बेहतर है कि इमेज-फ्रेंडली रंगीन स्याही, जैसे नीले या काले रंग की स्याही का प्रयोग करें। हरे और लाल जैसे स्याही के प्रयोग से बचें।

• चेक लिखने के बाद आपको किसी भी प्रकार के परिवर्तन/सुधार से भी बचना चाहिए। विशेषतः, यदि आपको कोई परिवर्तन या सुधार करने की आवश्यकता है तो एक नया चेक लीफ का उपयोग करें, क्योंकि हो सकता है कि चेक इमेज़ बेस्ड क्लियरिंग सिस्टम के द्वारा पास किया जाय, और किसी भी प्रकार के परिवर्तन के कारण चेक क्लियरिंग में फेल हो जाय।

• सुनिश्चित करें कि चेक पर आपके हस्ताक्षर वही हैं जो बैंक रिकॉर्ड में हैं। अन्यथा, आपका चेक अस्वीकृत हो सकता है और बैंक आपको दंडित कर सकता है

पुलिस सत्यापन (वेरिफिकेशन)

अपनी संपत्ति किराए पर देते समय, मकान मालिकों/लाइसेंसकर्ताओं को कानूनन अपने किरायेदारों/लाइसेंसधारियों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह ऐच्छिक नहीं है।

यह प्रक्रिया मुख्य रूप से सुरक्षा कारणों से की जाती है, इसलिए आपके पृष्ठभूमि का प्रमाण और पिछले निवास/परिवार/आपराधिक रिकॉर्ड (यदि कोई हो), आदि के विवरण की जांच की जाती है।

यदि वे किराया/लीज करार करते समय इस प्रक्रिया का अनुपालन नहीं करते हैं, तो मालिक को जेल और/या जुर्माना हो सकता है। हालांकि, इसके लिये किराएदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

रिवाइज्ड रिटर्न भरने की प्रक्रिया

इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करना (ऑफलाइन):

चरण 1: आईटीआर फॉर्म चुनें

ऑफलाइन मोड के लिए, आपको आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल से उचित आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करना होगा। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना है, तो यहां पढ़ें।

अगर आप ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉग इन करते हैं तो पहले से भरा हुआ फॉर्म भी डाउनलोड किया जा सकता है। आप अपने खाते से ‘डाउनलोड प्री-फिल्ड एक्सएमएल’ चुन सकते हैं, जिसे व्यक्तिगत जानकरी और अन्य उपलब्ध विवरणों को पहले से भरने के लिए आपके आईटीआर फॉर्म में इम्पोर्ट किया जा सकता है।

चरण 2: विवरण भरें

आप डाउनलोड किए गए आईटीआर फॉर्म को ऑफलाइन भर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप फॉर्म भर रहे हैं या फॉर्म में कोई प्रासंगिक विवरण को सही कर रहे हैं। ‘सामान्य सूचना’ के तहत, ‘रिटर्न फाइलिंग सेक्शन’ को ‘सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित रिटर्न’ और ‘रिटर्न फाइलिंग टाइप’ को ‘संशोधित’ के रूप में चुनें।

पावती संख्या और मूल रिटर्न दाखिल करने की तारीख दर्ज करें। आप अपने ई-फाइलिंग खाते में जाकर ई-फाइल रिटर्न/फॉर्म के तहत ‘आयकर रिटर्न’ चुनकर इन विवरणों का पता लगा सकते हैं।

चरण 3: फॉर्म जमा करें

फॉर्म जेनरेट करें और उसे सेव करें। रिवाइज्ड रिटर्न ऑफलाइन तैयार करने के बाद, आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खाते में लॉग इन करके ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं। चरण 4: एक्सएमएल फॉर्मेट में आईटीआर फॉर्म अपलोड करें

‘ई-फाइल’ मेनू का चयन करने के बाद, ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ पेज पर जाएं, वहां आपको असेसमेंट ईयर, आईटीआर फॉर्म नंबर का चयन करना होगा और यह बताना होगा कि आपका आईटीआर एक रिवाइज्ड रिटर्न है। फिर आप अपना फॉर्म एक्सएमएल फॉर्मेट में अपलोड कर सकते हैं। आपके पास अपना फॉर्म सत्यापित करने के लिए यहाँ कई विकल्प मिलेगा, जिसे आप फॉर्म जमा करने के समय या बाद में सत्यापन के लिए चुन सकते हैं।

एक बार सत्यापन हो जाने के बाद, आप यहां अपना आईटीआर स्टेटस चेक कर सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करना (ऑनलाइन):

चरण 1: आईटीआर फॉर्म चुनें

ऑनलाइन मोड के लिए, आपको सीधे आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और आईटीआर-1 या आईटीआर-4 में से किसी एक का चयन करना होगा। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म लागू है, तो यहां पढ़ें।

चरण 2: अपना आईटीआर फॉर्म ऑनलाइन तैयार करें

‘ई-फाइल’ मेनू का चयन करने के बाद, ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ पेज पर जाएं, फिर आपको असेसमेंट ईयर, आईटीआर फॉर्म नंबर का चयन करना होगा और यह बताना होगा कि आपका आईटीआर एक रिवाइज्ड रिटर्न है। फिर आप ‘तैयार करें और ऑनलाइन जमा करें’ विकल्प का चयन करके अपने फॉर्म तक पहुंच सकते हैं।

चरण 3: विवरण भरें

सुनिश्चित करें कि आप फॉर्म भर रहे हैं या फॉर्म में कोई प्रासंगिक विवरण को सही कर रहे हैं। ‘सामान्य सूचना’ के तहत, ‘रिटर्न फाइलिंग सेक्शन’ को ‘सेक्शन 139(5) के तहत रिवाइज्ड रिटर्न’ और ‘रिटर्न फाइलिंग टाइप’ को ‘रिवाइज्ड’ के रूप में चुनें।

पावती संख्या और मूल रिटर्न दाखिल करने की तारीख दर्ज करें। आप अपने ई-फाइलिंग खाते में जाकर ई-फाइल रिटर्न/फॉर्म के तहत ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनकर इन विवरणों का पता लगा सकते हैं।

चरण 4: फॉर्म जमा करें

फॉर्म भरने के बाद, आपके पास अपने फॉर्म को सत्यापित करने के लिए कई विकल्प होगा, जिसे आप फॉर्म जमा करने के समय या बाद में अपना फॉर्म सत्यापित करने के लिए चुन सकते हैं। एक बार सत्यापन हो जाने के बाद, आप यहां अपना आईटीआर स्टेटस चेक कर सकते हैं।

चेक प्रोसेसिंग समस्याएं

ऐसे कई कारण हैं जो चेक प्रोसेसिंग में समस्या पैदा कर सकते हैं और चेक बाउंस होने का कारण बन सकते हैं। लेकिन उनमें से सभी कानूनी कार्रवाई का कारण नहीं बन सकते। उदाहरण के लिए, यदि चेक काटने वाले के हस्ताक्षर खाते के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते तो चेक बाउंस हो सकता है।

इन कारणों की एक विस्तृत सूची भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकर्स समाशोधन गृहों के लिए समान विनियमन और नियमों के अनेक्स्चर डी में प्रदान की गई है।

निष्कासन (बेदखली)

लीज एग्रीमेंट / रेंट एग्रीमेंट

यदि आपके पास एक लीज एग्रीमेंट है, तो केवल आप या किसी को भी जिसे आप रहने का अधिकार देते हैं, को उस किराए की संपत्ति में रहने का अधिकार है। हालांकि, कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जहां मकान मालिक आपको घर से निकाल सकता है। ऐसा करने के लिए मकान मालिक को आपको निकालने के लिए इस कानून के तहत, किराया नियंत्रक (रेंट कंट्रोलर) नामक प्राधिकरण के पास आवेदन करना होगा।

यदि आपके पास किराया/लीज़ समझौता है तो जिन कारणों से मकान मालिक आपको बेदखल करने के लिए आवेदन कर सकता है, उसे नीचे दिया गया हैः

  • मकान मालिक से डिमांड नोटिस प्राप्त करने के बावजूद आपने दो महीने का किराए का भुगतान नहीं किया है।
  • आपने मकान मालिक की सहमति के बिना घर के कुछ हिस्से को, या पूरे घर को किसी और को उप-किराए पर दे दिया है।
  • आपने उस उद्देश्य के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए घर का उपयोग किया है, जिसके लिए आपने इसे किराए पर लिया था। इस प्रक्रिया से सार्वजनिक हानि, परिसर को क्षति, या मकान मालिक के हित को नुकसान हुआ है।
  • न तो आप और न ही आपके परिवार के सदस्य उस घर में 6 महीने या उससे अधिक समय से रह रहे हैं। यदि आपने आवासीय उद्देश्य के लिए एक घर किराए पर लिया है पर उसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं, तो इसे घर में नहीं रहने के रूप में माना जाएगा।
  • आपने घर को काफी क्षति पहुंचाया है।
  • मकान मालिक अपनी संपत्ति की मरम्मत, या पुनर्निर्माण करना चाहता है, लेकिन किरायेदारों के रहते ऐसा नहीं कर सकता है।
  • मानवीय आवास के लिए घर असुरक्षित हो गया है और मकान मालिक को मरम्मत करवाना जरूरी है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बेदखली के कारण विभिन्न राज्यों में अलग हो सकते हैं। लेकिन मोटे तौर पर, बेदखली के सिद्धांत एक जैसे ही होते हैं। मकान मालिक के पास आपको बेदखल करने के लिए कानूनन एक उचित कारण होने चाहिए। यदि आपको लगता है कि आप अपने मकान मालिक द्वारा अन्यायपूर्ण तरीके से निकाले गए हैं तो, मदद के लिए वकील की राय लेनी चाहिए।

लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट

एक लीव और लाइसेंस समझौते में लाइसेंसकर्ता (संपत्ति देने वाले व्यक्ति) को अपनी संपत्ति छोड़ने के लिए, लाइसेंस लेने वाले (संपत्ति में रहने वाले व्यक्ति) को एक महीने की नोटिस देने का प्रावधान रहता। इस प्रकार के समझौते के लिए कानून के तहत कोई अन्य संरक्षण उपलब्ध नहीं है जब तक कि अनुबंध में स्पष्ट रूप से कुछ उल्लेखित नहीं है।

आधार/पैन को लिंक करना

सभी आयकर करदाताओं या उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें आय रिटर्न (यहां तक ​​कि दूसरों की ओर से) दाखिल करना है, उन सभी के पास एक स्थायी खाता संख्या (पैन) होना अनिवार्य है। आपका स्थायी खाता संख्या (पैन) एक 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक अभिज्ञापक है, जो आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। प्रत्येक आय करदाता (जैसे व्यक्ति, फर्म, कंपनी, आदि) को एक यूनिक पैन नंबर जारी किया जाता है, और इनकम टैक्स रिटर्न पर अपना पैन नंबर बताना अनिवार्य है। पैन नंबर के लिए आवेदन करते समय, अपने आधार/आधार नामांकन आईडी का उल्लेख करना अनिवार्य है। आप अपना आधार विवरण प्रदान करके तत्काल पैन प्राप्त कर सकते हैं। एक बार जब आप पैन के लिए आवेदन कर देते हैं, तो आप अपने पैन आवेदन की स्थिति भी देख सकते हैं। यदि आपके पैन/आधार विवरण में कोई परिवर्तन हुआ है, तो आप उस विवरण को अपडेट कर सकते हैं।

पैन नंबर प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें।

फोर्जिंग चेक

जब आप या तो खाताधारक के प्राधिकरण के बिना चेक भरते हैं या उस राशि से अधिक भरते हैं जिसे भरने के लिए आपको अधिकृत किया गया था तो आपने अपराध किया है। इसे फोर्जिंग चेक के रूप में जाना जाता है।

इस अपराध के लिए सजा दो साल तक की जेल और/या जुर्माना है।

उदाहरण

1. मुस्तफा ने अद्रीजा से एक ब्लैंक चेक लिया और उसकी जानकारी के बिना उसके हस्ताक्षर को गलत साबित करने के साथ-साथ 10,000 रुपये की राशि और जोड़ दी। उन्होंने यह चेक भुगतान के लिए बैंक को किया। इस मामले में मुस्तफा ने जालसाजी की है।

2. अद्रिजा ने मुस्तफा को एक हस्ताक्षरित चेक दिया और उसे केवल 10,000 रुपये तक की राशि भरने के लिए अधिकृत किया। मुस्तफा 20,000 रुपये भरता है और भुगतान के लिए बैंक को प्रस्तुत करता है। मुस्तफा ने जालसाजी की है।

पुलिस से शिकायत

यदि आप अपने मकान मालिक / लाइसेंसकर्ता/ किरायेदार/ लाइसेंसधारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो आपको पुलिस स्टेशन जाना होगा और प्राथमिकी दर्ज करनी होगी। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप घर /फ्लैट किराए पर देने/लेने के दौरान अपने मकान मालिक/ लाइसेंसकर्ता / किरायेदार /लाइसेंसधारी या किसी दलाल या किसी बिचैलिये के द्वारा आपको परेशान किए जाने की घटना की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

रिफंड

अगर निर्धारण अधिकारी संतुष्ट है कि किसी निर्धारण वर्ष के लिए आपके द्वारा भुगतान की गई टैक्स की राशि उस राशि से अधिक है जिसके साथ वास्तव में शुल्क लिया जाना चाहिए, तो आप उस अतिरिक्त राशि की रिफंड पाने के हकदार हैं। आपके द्वारा भुगतान किए गए किसी भी अतिरिक्त टैक्स के रिफंड के लिए दावा किया जा सकता है।

अगर आप आयकर विभाग से किसी रिफंड का दावा करना चाहते हैं, तो आप ऐसा तभी कर सकते हैं जब आप अपना आईटीआर दाखिल करते हैं। आपके लिए देय आयकर रिफंड का दावा करने के लिए कोई अलग प्रक्रिया नहीं है। आप सामान्य तरीके से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करके टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं, और उसका सत्यापन कर सकते हैं। फिर आयकर विभाग आपके आईटीआर सत्यापन की पुष्टि करेगा, जिसमें रिफंड राशि का विवरण भी शामिल होगा। आपका रिफंड दावा को या तो स्वीकार किया जाएगा या फिर अस्वीकार कर दिया जाएगा।

अतिरिक्त कर आमतौर पर ईसीएस हस्तांतरण (ट्रांसफर) के माध्यम से आपके बैंक खाते में जमा करके आपको वापस कर दिया जाएगा। कभी-कभी जब आप रिफंड के हकदार होते हैं, तो आयकर अधिकारी, रिफंड का भुगतान करने के बजाय, आपके द्वारा आयकर विभाग को देय राशि के विरुद्ध रिफंड राशि का सेट ऑफ (समायोजन) कर सकते हैं। आपको लिखित में सूचना देने के बाद ही यह प्रस्तावित कार्रवाई की जाती है।

आयकर विभाग रिफंड के दावों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रयास कर रहा है। रिफंड के लिए आवेदन करने के बाद, आप अपनी रिफंड की स्थिति की जांच कर सकते हैं। अगर निर्धारण अधिकारी रिफंड का दावा करने वाले महीने के तीन महीने के भीतर रिफंड नहीं देता है, तो सरकार आपको रिफंड राशि पर 15% प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज का भुगतान करेगी।

चेक बाउंसिंग

एक तरीका है जिसमें एक चेक को ‘बाउंस’ या ‘अस्वीकृत’ कहा जाता है, जब इसे जमा किया जाता है या भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन चेक धारक द्वारा इसे भुनाया नहीं जा सकता है।

चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, ये सभी अपराध नहीं हैं। यदि चेक इन कारणों से बाउंस होता है तो यह अपराध है:

• चेक काटने वाले के खाते में अपर्याप्त धनराशि, या

• चेक जारी करने वाले के अनुरोध पर बैंक द्वारा चेक का भुगतान रोक दिया जाता है।

उदाहरण: ‘A’ 1,000 रुपये के लिए ‘B’ को चेक जारी करता है। जब B बैंक में चेक जमा करता है, तो बैंक उसे सूचित करता है कि ‘A’ के खाते में ‘B’ का भुगतान करने के लिए उसके खाते में 1,000 रुपये नहीं हैं। चेक बाउंस हो गया है। ‘A’ 1,000 रुपये के लिए ‘B’ को चेक जारी करता है। B द्वारा चेक जमा करने से पहले, ‘A’ अपने बैंक को ‘B’ की जानकारी और सहमति के बिना चेक का भुगतान रोकने के लिए निर्देश जारी करता है। जब ‘B’ चेक को भुनाने की कोशिश करता है, तो वह ऐसा नहीं कर सकता। चेक बाउंस हो गया है।