किसी उत्पाद या सेवा की शिकायत कानून के तहत कई व्यक्तियों द्वारा दर्ज की जा सकती है, जैसे-
• जो लोग भुगतान के एवज़ में अपने लिए या अपने काम के लिए सामान खरीदते हैं या सेवाओं का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति काम पर जाने के लिए उबर कैब लेता है, तो वह एक सेवा का उपभोक्ता है। यदि कोई व्यक्ति टैक्सी के रूप में उपयोग करने के लिए कार खरीदता है और अपनी आजीविका कमाने के लिए उसे स्वयं चलाता है, तो वह माल का उपभोक्ता है।
• जो लोग भुगतान के बदले स्व-उपभोग या स्वरोज़गार के लिए ऐसे सामान खरीदने वाले खरीदार की अनुमति से उन वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति साबुन खरीदता है और उस साबुन का उपयोग उसके परिवार के सदस्य करते हैं, तो ये सभी लोग साबुन के उपभोक्ता हैं और साबुन में कोई खराबी होने पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
• एक व्यक्ति जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए सामान खरीदता है, माल की वारंटी अवधि के दौरान शिकायत दर्ज कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपनी कंपनी के लिए कंप्यूटर सिस्टम खरीदता है और सिस्टम की वारंटी अवधि के भीतर सिस्टम में कोई दोष पाता है, तो वह उपभोक्ता होगा।
• एक से अधिक उपभोक्ता जिनकी शिकायतें या मसले एक-समान हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक रेस्तरां में कई लोग सेवा मानकों को लेकर शिकायत करना चाहते हैं।
• उपभोक्ताओं का एक पंजीकृत या मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक संघ भी शिकायत दर्ज कर सकता है।
• ऐसे उपभोक्ता का कानूनी अभिभावक जो ना-बालिग है। कानूनी अभिभावक में माता-पिता या रिश्तेदार या कानूनी रूप से माता-पिता के दायित्वों वाला व्यक्ति आदि शामिल होते हैं।
• उपभोक्ता की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उपभोक्ता का कानूनी प्रतिनिधि।
• केंद्र या राज्य सरकार शिकायत दर्ज कर सकती है।
• केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण केंद्र सरकार के निर्देश के तहत उपभोक्ता की शिकायत पर संज्ञान ले सकता है। कानून के तहत, इसे स्वत: संज्ञान (सुओ मोटो) लेने की शक्ति के रूप में जाना जाता है।