प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े कानून

सरकार द्वारा कुछ ऐसी योजनाएँ हैं जो प्रजनन स्वास्थ्य और आपके कानूनी अधिकारों से संबंधित हैं। हमारे वीडियो साक्षात्कार देखें, जहां इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ सरल, कार्रवाई योग्य तरीके से आपके अधिकारों की व्याख्या करते हैं।

स्वेच्छा से उपचार कराने आए नशा करने वाले व्यक्ति के लिए प्रतिरक्षा

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

कोई नशा करने वाला व्यक्ति जिस पर नारकोटिक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों के इस्तेमाल या उस दवा या पदार्थ की थोड़ी मात्रा के संबंध में कोई अन्य अपराध करने का आरोप लगाया जाता है, अगर वह स्वेच्छा से नशामुक्ति के लिए चिकित्सा उपचार कराना चाहता है, तो उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। कानून ऐसे व्यक्तियों को प्रतिरक्षा देता है जो खुद का पुनर्वास और इलाज करना चाहते हैं।

यह उपचार इन जगहों पर किया जाना चाहिए:

• सरकार द्वारा अनुरक्षित अस्पताल या संस्था

• सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल या संस्थान

• एनडीपीएस अधिनियम में यथा उपबंधित स्थानीय प्राधिकरण।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि नशा करने वाला व्यक्ति नशामुक्ति के पूरे इलाज से नहीं गुजरता है तो उससे प्रतिरक्षा वापस ली जा सकती है।

ध्वनि प्रदूषण क्या है?

शोरगुल रोजमर्रा की जिंदगी में सामान्य है, लेकिन जब यह एक निश्चित सीमा से ऊपर चला जाता है, तो इसे ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ सार्वजनिक परेशानी के रूप में भी देखा जाता है। उंचे स्तर का शोरगुल मनुष्य, जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों, और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण के सामान्य स्रोतों में उद्योग-धंधे, निर्माण कार्य, जनरेटर सेट आदि शामिल हैं। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का कानून भारत में ध्वनि प्रदूषण को नियमित और नियंत्रित करता है।

बिना शोरगुल के शांति से रहने का अधिकार

भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 21 के तहत सभी को अपने घर में शांति, आराम और चैन से रहने का अधिकार है, और शोरगुल/हल्ला-गुल्ला से बचने और उसको रोकने का अधिकार है। कोई भी यहां तक कि अपने घर में भी शोरगुल पैदा करने के अधिकार का दावा नहीं कर सकता है जिसके कारण अड़ोस-पड़ोस या अन्य लोगों को परेशानी होती हो। इसलिए किसी भी प्रकार का शोर/आवाज़ जो किसी व्यक्ति के जीवन की सामान्य सुख-शांति में बाधा डालता, उसे भी उपद्रव माना जाता है।

शोर का अर्थ

‘शोर’ शब्द की चर्चा किसी भी कानून में नहीं की गई है, लेकिन भारत में शोर को पर्यावरणीय प्रदूषक माना गया है और इसे पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है।

नॉइज़ (यानि शोर) लैटिन शब्द ‘NAUSEA’ से लिया गया है। कोर्ट ने शोर को ‘अवांछित ध्वनि के रूप में परिभाषित किया है, जो स्वास्थ्य और संचार के लिए जोखिम भरा है, जो सुनाई पड़ने वाली आवाज़ के रूप में, स्वास्थ्य पर होने प्रतिकूल असर की परवाह किये बिना हमारे पर्यावरण में डंप किया जाता है। ‘ उदाहरण के लिए, हॉर्न से होने वाली कर्कश ध्वनि अवांछित शोर का कारण बनता है लेकिन जो ध्वनि सुनने में अच्छा लगे, वह संगीत है, उसे शोर नहीं कहा जाता है।

ध्वनि प्रदूषण के कारण

शोर के मापने की इकाई को डेसिबल कहा जाता है। आप जिस क्षेत्र में रहते हैं उसके आधार पर आपको ध्वनि सीमा का पालन करना होगा। शोर (नॉइज़) को मापने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों (जैसे ध्वनि मीटर) की आवश्यकता होती है, क्योंकि आपके पास हमेशा यह यंत्र उपलब्ध नहीं होता तो हर समय आपको यह जानकारी नहीं होती है कि आप किसी विशेष क्षेत्र के लिए निर्धारित ध्वनि सीमा को पार कर रहे हैं या नहीं। ऐसे मामलों में, आपको:

• यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप जो भी करते हैं या आप जिस किसी भी उपकरण का इस्तेमाल करते हैं, वह शोरगुल और दूसरों के लिए परेशानी का कारण न बने। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी पार्टी के दौरान गाना बजा रहे हैं, तो रात के समय जब लोग सो रहे हों, तब आवाज़ कम रखने की कोशिश करें।

• अपने पड़ोसियों या अपने आस-पास के लोगों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। अगर वे कहते हैं कि आपके शोरगुल से उन्हें परेशानी हो रही है, तो शोर को कम करने का प्रयास करें।

कृपया ध्यान रखें कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने अनजाने में या जानबूझकर शोर किया है; केवल यह मायने रखता है कि क्या आपने बहुत अधिक शोर मचाया है।

ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायत

यदि किसी शोर से आपको झुंझलाहट, अशांति या कोई क्षति होती है, तो आप पुलिस या अपने राज्य के ‘प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि शोर का स्तर आपको परेशान कर रहा है या यह रात के 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच होता है, तो आप इसकी शिकायत भी कर सकते हैं।

शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान

किसी भी शैक्षणिक संस्थान को ऐसे स्थान या केंद्र के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां शिक्षा प्रदान की जाती है, और इसमें स्कूल, कॉलेज, उच्च शिक्षा के संस्थान आदि, शामिल हैं।

तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध

किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, बिक्री का प्रस्ताव या बिक्री का परमिट नहीं दे सकता है। यदि आप किसी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, बिक्री का प्रस्ताव या बिक्री का परमिट देते हैं तो आप पर 2007 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बोर्ड का प्रदर्शन

  • संस्थान के प्रभारी/स्वामी को विशिष्ट स्थान में एक बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए, जो यह बताता है कि:
  • शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध है (यह दूरी संस्थान की बाहरी सीमा से शुरू हो कर, रेडियल रूप से मापी जाएगी)।
  • इस तरह की बिक्री, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद की धारा 24 (विज्ञापन और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विनियमन का निषेध) अधिनियम, 2003 के तहत, एक अपराध है।
  • इस तरह की बिक्री पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • यदि आप इन प्रावधानों का पालन नहीं करते हैं, तो कोई अधिकारी आप पर जुर्माना लगा सकता है।

स्पॉट फाइन (घटना स्थल पर जुर्माना) और सजा

यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करते हैं, एक नाबालिग को सिगरेट बेचते हैं, या एक शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट बेचते हैं, तो आपको, या तो घटना स्थल पर जुर्माना देना पड़ सकता है, या आपको कोर्ट में चालान का भुगतान करना होगा।

स्पॉट फाइन (घटना स्थल पर जुर्माना)

एक अधिकृत अधिकारी, कानून के तहत एक चालान करेगा और आपको घटना स्थल पर जुर्माना भरने के लिए कहेगा।

कोर्ट में भुगतान (चालान)

यदि कोई चालान किया गया है और आप इसे घटना स्थल पर भुगतान नहीं कर सकते हैं तो यह भुगतान न्यायालय में किया जा सकता है। यदि आप घटना स्थल पर पर जुर्माना नहीं भरते हैं तो आपको हिरासत में भी लिया जा सकता है।

हिरासत में लेना

प्राधिकृत अधिकारी आपको हिरासत में ले सकता है, या रोक सकता है यदि:

  • आपने जुर्माना देने से इंकार कर दिया है,
  • आप अधिकारी द्वारा पूछे गए विवरण जैसे नाम, पता आदि नहीं देते हैं।
  • इसके बाद अधिकारी आपको पुलिस स्टेशन ले जाएगा, और फिर 24 घंटे में आपको कोर्ट में, या मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगा।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

LGBT-विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता

हो सकता है कि आपको ऐसी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की ज़रूरत पड़े, जो विशिष्ट प्रकार के हों, और वह आपके अनुभवों के आधार पर एकदम अलग हों। कुछ सामान्य स्वास्थ्य मुद्दे इस प्रकार के हैं:

  • मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दें
  • यौन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे
  • लिंग-परिवर्तन की शल्य चिकित्सा से संबंधित शारीरिक मुद्दे

हो सकता है आपके प्रति समाजिक भेदभाव होता हो, जो पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं तक के आपकी पहुंच को मुश्किल बना दे। उदाहरण के लिए, ऐसा हो सकता है कोई डॉक्टर या चिकित्सक आपका इलाज करने से इनकार कर दे, क्योंकि आप एक समलैंगिक या तीसरे लिंग के (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति हैं। शायद आप भी समय पर उपचार की मांग करने से कतराएं, या आप अपने वास्तविक लिंग / यौन पहचान का खुलासा न करना चाहें, जिससे जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप, स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करते समय अपने अधिकारों को भली भांति जान लें।

यदि आप, चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने के दौरान, किसी भी तरह के भेदभाव का सामना करते हैं, तो आप ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं। आपके पास क्या क्या विकल्प हैं, इसके लिए कृपया यहां देखें

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रयास

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

सरकारी योजनाएं और केंद्र

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय स्वैच्छिक और दूसरे योग्य संगठनों द्वारा नशे की लत की पहचान परामर्श, उपचार और पुनर्वास के लिए 1985 से शराब और मादक . के सेवन की रोकथाम के लिए सहायता कि एक केंद्रीय क्षेत्र योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नशा करने वालों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र चलाने और बनाए रखने के लिए स्वैच्छिक संगठनों और पात्र एजेंसियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और मादक द्रव्यों की मांग में कमी हेतु सेवाएं देने से संबंधित नीतियों पर सरकार को तकनीकी सहायता देने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र भी स्थापित किया गया है। यह केंद्र नशामुक्ति केंद्रों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कर्मियों के लिए कार्यक्रम भी चलाता है।

नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 

2018-25 की अवधि के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है। यह योजना इन बातों पर केंद्रित है:

• निवारक शिक्षा

• जागरूकता पैदा करना

• नशीले पदार्थों पर निर्भर व्यक्तियों की पहचान, परामर्श, उपचार और पुनर्वास

• सरकार और गैर सरकारी संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।

इसका उद्देश्य शिक्षा, नशामुक्ति और प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास द्वारा नशीले पदार्थोंके दुरुपयोग के हानिकारक परिणामों को कम करना है। इस कार्य योजना के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त की जा सकती है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कोष

कानून को जरूरत है कि सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए एक राष्ट्रीय कोष स्थापित करें जो निम्नलिखित कार्यों में हुए व्यय की पूर्ति करता हो:

• अवैध तस्करी का सामना करना

• नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग को नियंत्रित करना

• नशा करने वालों की पहचान करना, उनका इलाज करना और उनका पुनर्वास करना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जनता को शिक्षित करना

• दवाओं की आपूर्ति करना जहां पर चिकित्सकीय जरूरत है

इस फंड के लिए पैसा निम्नलिखित से आता है:

• केंद्र सरकार (संसद में कानून द्वारा इसके लिए विनियोग किए जाने के बाद)

• अवैध संपत्ति के रूप में जब्त की गई किसी भी संपत्ति की बिक्री।

• व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा दिया गया अनुदान

• निधि में जमा राशि के निवेश से आय।

ध्वनि प्रदूषण के लिए सजा

ध्वनि प्रदूषण करना कानून के तहत एक दंडनीय अपराध है, और जिम्मेदार व्यक्ति को निम्नलिखित तरीके से दंडित किया जा सकता है:

सार्वजनिक परेशानी के कारण

जब आपके द्वारा किया गया कोई शोर, जनता को हानि पहुंचाता है, या उसके लिए खतरा या झुंझलाहट का कारण बनता है, तो इस प्रकार से शोर करना सार्वजनिक उपद्रव माना जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपका पड़ोसी आधी रात को बहुत जोर से साउंड सिस्टम बजाता है, तो इसे सार्वजनिक उपद्रव माना जायेगा।

इस तरह के उपद्रव के लिए सजा के तौर पर 200 रुपये तक का जुर्माना है। अगर आप कोर्ट द्वारा शोर को रोकने के निर्देश के बाद भी शोरगुल करना जारी रखते हैं तो आपको 6 महीने तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

पर्यावरण प्रदूषण

चूंकि ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण और परिवेश को काफी नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इसे कानून के तहत गंभीरता से लिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी भवन के निर्माण से होने वाले शोर के कारण आपके लिए सामान्य जीवन व्यतीत करना मुश्किल हो रहा है, तो यह ध्वनि प्रदूषण का एक रूप है। इस अपराध के लिए पांच साल तक की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या फिर दोनों की सजा हो सकती है।

इसके बावजूद भी यदि ध्वनि प्रदूषण जारी रहता है, तो आपको हर दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लग सकता है। अगर शोर बंद करने के आदेश के बावजूद भी एक साल से अधिक समय तक शोर जारी रहता है, तो आपको 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

आपको ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार है और ऐसी शिकायत मिलने पर अधिकारी (ऑथोरिटी) जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

LGBTQ+ व्यक्तियों का मानसिक स्वास्थ्य

यह ज़रूरी नहीं की एक विषमलिंगी (स्ट्रेट /cisgendered) व्यक्ति न होना ही मानसिक बीमारी का आधार है। अन्य शब्दों में, सिर्फ LGBTQ व्यक्ति होने के चलते ही आप मानसिक रूप से बीमार नहीं हो जाते हैं। हालांकि, जब आप जन्म में मिले लिंग और स्वयं-निर्धारित लिंग के बीच के अंतर के कारण भयंकर तनाव का अनुभव करते हैं, तो ऐसी स्थिति में हो सकता है कि आपको ‘ लिंग पहचान विकार (जेंडर आइडेंटिटि डिसऑर्डर -लिंग निर्धारण से जुड़ा एक मानसिक रोग)’ से ग्रसित निदान किया जाय।

भारत में, मानसिक स्वास्थ्य के संबंधित आपके कुछ अधिकार हैं:

  • यदि आप अपने समुदाय के धार्मिक विश्वासों, या नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कार्यनीति या राजनैतिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं, तो सिर्फ इसके चलते आपको मानसिक रूप से बीमार में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप समलैंगिक (गे) हैं तो सिर्फ इसके आधार पर आपको मानसिक रूप से बीमार नहीं कहा जा सकता है। यद्यपि आपका समुदाय समलैंगिकता को स्वीकार नहीं करता है, पर यह फिर भी एक सच है।
  • आपको वे सभी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं लेने का अधिकार है, जो सरकार द्वारा वित्त पोषित / चलाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों द्वारा दी जाती हैं।
  • जैसा कि ऊपर कहा गया है, स्वास्थ्य सेवाएं को देने से आपको कोई इनकार, आपके यौन, लिंग या यौन अभिविन्यास आदि के आधार पर, नहीं कर सकता है।
  • यदि आपको, अपनी यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान के चलते, चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा पाने के दौरान किसी भी भेदभाव का सामना करना पड़ा हैं, तो यहां दिए गए विकल्पों की मदद से आप कार्रवाई कर सकते हैं।