ध्वनि प्रदूषण करना कानून के तहत एक दंडनीय अपराध है, और जिम्मेदार व्यक्ति को निम्नलिखित तरीके से दंडित किया जा सकता है:
सार्वजनिक परेशानी के कारण
जब आपके द्वारा किया गया कोई शोर, जनता को हानि पहुंचाता है, या उसके लिए खतरा या झुंझलाहट का कारण बनता है, तो इस प्रकार से शोर करना सार्वजनिक उपद्रव माना जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपका पड़ोसी आधी रात को बहुत जोर से साउंड सिस्टम बजाता है, तो इसे सार्वजनिक उपद्रव माना जायेगा।
इस तरह के उपद्रव के लिए सजा के तौर पर 200 रुपये तक का जुर्माना है। अगर आप कोर्ट द्वारा शोर को रोकने के निर्देश के बाद भी शोरगुल करना जारी रखते हैं तो आपको 6 महीने तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।
पर्यावरण प्रदूषण
चूंकि ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण और परिवेश को काफी नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इसे कानून के तहत गंभीरता से लिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी भवन के निर्माण से होने वाले शोर के कारण आपके लिए सामान्य जीवन व्यतीत करना मुश्किल हो रहा है, तो यह ध्वनि प्रदूषण का एक रूप है। इस अपराध के लिए पांच साल तक की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
इसके बावजूद भी यदि ध्वनि प्रदूषण जारी रहता है, तो आपको हर दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लग सकता है। अगर शोर बंद करने के आदेश के बावजूद भी एक साल से अधिक समय तक शोर जारी रहता है, तो आपको 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
आपको ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार है और ऐसी शिकायत मिलने पर अधिकारी (ऑथोरिटी) जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
कीर्ति सिंह महर
April 30, 2024
मेरे पड़ोस में एक लोहे का काम करने और वेल्डिंग का काम करने वाले की दुकान है जिसके द्वारा यहां पर लोहे को कटने के लिए हेवी कटिंग मसीन का इस्तेमाल किया जाता है और लोहे को जोर जोर से पीटा जाता है जिसके कारण बहुत तेज ध्वनि निकलती है और यहां पर रहने वालो को बड़ी ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कोन सी कानूनी सहायता ली जाय इसको रोकने के लिए