लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम

आखिरी अपडेट Aug 24, 2022

लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम भारत में ध्वनि प्रदूषण का एक सामान्य स्रोत है, और इसका उपयोग केवल स्थानीय अधिकारियों से लिखित अनुमति मिलने के बाद ही किया जा सकता है। यदि लाउडस्पीकर और एम्पलीफायर या अन्य उपकरण या गैजेट से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है, तो सरकारी अधिकारी इन सब साजो-सामान (यंत्रों) को जब्त कर सकते हैं। जहां लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम या किसी अन्य ध्वनि यंत्र का इस्तेमाल किया जा रहा हो, वहाँ ध्वनि का स्तर 30 डीबीए से अधिक नहीं होना चाहिए:

• उस क्षेत्र के आसपास का शोर/ध्वनि मानक 10 डीबी (ए)/10 dB(A) से ऊपर, या

• 75 डीबी (ए)/ 10 dB(A) हो।

अधिकांश ध्वनि का स्तर डीबी(ए)/dB(A) में दिए जाते हैं, जो अलग-अलग आवाजों की फ्रीक्वेंसी के प्रति किसी व्यक्ति के कान की प्रतिक्रिया या संवेदनशीलता को डेसिबल के रूप में दर्शाते हैं।

रात के समय

रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी खुले स्थान पर लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, साउंड प्रोड्यूसिंग इंस्ट्रूमेंट (ऐसे यंत्र जिससे तेज आवाज़ निकलती हो), या एम्पलीफायर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कानून के तहत बंद परिसरों जैसे कि सभागारों, सम्मेलन कक्षों, सामुदायिक हॉलों, बैंक्वेट हॉलों में इन सब यंत्रों का उपयोग हो सकता है, या फिर सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति में रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच में इन सब यंत्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

धार्मिक त्योहार

राज्य सरकार सांस्कृतिक या धार्मिक त्योहारों के अवसर पर रात के समय में (रात के 10.00 बजे से मध्यरात्रि 12.00 बजे के बीच) लाउडस्पीकर बजाने, या सार्वजनिक संबोधन करने, आदि की अनुमति दे सकती है। राज्य सरकार ऐसे दिनों की घोषणा कर सकती है, जिन दिनों में ऐसे उपकरणों को बजाना या इस्तेमाल करना ध्वनि प्रदूषण नहीं माना जाएगा। हालांकि, सरकार एक साल में अधिकतम 15 दिन ही ऐसा करने की अनुमति दे सकती है। उदाहरण के लिए, सरकार दिवाली, ओणम, पोंगल, आदि त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दे सकती है।

निजी साउंड सिस्टम

यदि आपके पास खुद का साउंड सिस्टम है या फिर ऐसे यंत्र हैं जिससे तेज ध्वनि निकलती है, तो आप उसकी ध्वनि सीमा को 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं कर सकते। अगर लाउडस्पीकर या किसी अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र के कारण आपको परेशानी हो रही है, तो आप ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं और ध्वनि प्रदूषण करने वाले ऐसे व्यक्ति को सजा होगी।

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ध्वनि-प्रदूषण की शिकायत दर्ज कराना

अगर कोई शोर हो रहा है जिससे आपको झुंझलाहट होती है, या बेचैनी या कोई चोट लगती है, तो आप नीचे दिए गए अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता कल्याण कोष

समग्र उद्देश्य उपभोक्ताओं के कल्याण को बढ़ावा देने और देश में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले एहतियाती और निवारक उपाय

अनुसूचित जातियों के सदस्यों के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए कानून को राज्य सरकारों द्वारा विशेष उपाय करने की आवश्यकता है
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उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।