स्वेच्छा से उपचार कराने आए नशा करने वाले व्यक्ति के लिए प्रतिरक्षा

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

कोई नशा करने वाला व्यक्ति जिस पर नारकोटिक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों के इस्तेमाल या उस दवा या पदार्थ की थोड़ी मात्रा के संबंध में कोई अन्य अपराध करने का आरोप लगाया जाता है, अगर वह स्वेच्छा से नशामुक्ति के लिए चिकित्सा उपचार कराना चाहता है, तो उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। कानून ऐसे व्यक्तियों को प्रतिरक्षा देता है जो खुद का पुनर्वास और इलाज करना चाहते हैं।

यह उपचार इन जगहों पर किया जाना चाहिए:

• सरकार द्वारा अनुरक्षित अस्पताल या संस्था

• सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल या संस्थान

• एनडीपीएस अधिनियम में यथा उपबंधित स्थानीय प्राधिकरण।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि नशा करने वाला व्यक्ति नशामुक्ति के पूरे इलाज से नहीं गुजरता है तो उससे प्रतिरक्षा वापस ली जा सकती है।

शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान

किसी भी शैक्षणिक संस्थान को ऐसे स्थान या केंद्र के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां शिक्षा प्रदान की जाती है, और इसमें स्कूल, कॉलेज, उच्च शिक्षा के संस्थान आदि, शामिल हैं।

तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध

किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, बिक्री का प्रस्ताव या बिक्री का परमिट नहीं दे सकता है। यदि आप किसी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, बिक्री का प्रस्ताव या बिक्री का परमिट देते हैं तो आप पर 2007 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बोर्ड का प्रदर्शन

  • संस्थान के प्रभारी/स्वामी को विशिष्ट स्थान में एक बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए, जो यह बताता है कि:
  • शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध है (यह दूरी संस्थान की बाहरी सीमा से शुरू हो कर, रेडियल रूप से मापी जाएगी)।
  • इस तरह की बिक्री, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद की धारा 24 (विज्ञापन और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विनियमन का निषेध) अधिनियम, 2003 के तहत, एक अपराध है।
  • इस तरह की बिक्री पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • यदि आप इन प्रावधानों का पालन नहीं करते हैं, तो कोई अधिकारी आप पर जुर्माना लगा सकता है।

स्पॉट फाइन (घटना स्थल पर जुर्माना) और सजा

यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करते हैं, एक नाबालिग को सिगरेट बेचते हैं, या एक शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट बेचते हैं, तो आपको, या तो घटना स्थल पर जुर्माना देना पड़ सकता है, या आपको कोर्ट में चालान का भुगतान करना होगा।

स्पॉट फाइन (घटना स्थल पर जुर्माना)

एक अधिकृत अधिकारी, कानून के तहत एक चालान करेगा और आपको घटना स्थल पर जुर्माना भरने के लिए कहेगा।

कोर्ट में भुगतान (चालान)

यदि कोई चालान किया गया है और आप इसे घटना स्थल पर भुगतान नहीं कर सकते हैं तो यह भुगतान न्यायालय में किया जा सकता है। यदि आप घटना स्थल पर पर जुर्माना नहीं भरते हैं तो आपको हिरासत में भी लिया जा सकता है।

हिरासत में लेना

प्राधिकृत अधिकारी आपको हिरासत में ले सकता है, या रोक सकता है यदि:

  • आपने जुर्माना देने से इंकार कर दिया है,
  • आप अधिकारी द्वारा पूछे गए विवरण जैसे नाम, पता आदि नहीं देते हैं।
  • इसके बाद अधिकारी आपको पुलिस स्टेशन ले जाएगा, और फिर 24 घंटे में आपको कोर्ट में, या मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगा।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रयास

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

सरकारी योजनाएं और केंद्र

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय स्वैच्छिक और दूसरे योग्य संगठनों द्वारा नशे की लत की पहचान परामर्श, उपचार और पुनर्वास के लिए 1985 से शराब और मादक . के सेवन की रोकथाम के लिए सहायता कि एक केंद्रीय क्षेत्र योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नशा करने वालों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र चलाने और बनाए रखने के लिए स्वैच्छिक संगठनों और पात्र एजेंसियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और मादक द्रव्यों की मांग में कमी हेतु सेवाएं देने से संबंधित नीतियों पर सरकार को तकनीकी सहायता देने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र भी स्थापित किया गया है। यह केंद्र नशामुक्ति केंद्रों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कर्मियों के लिए कार्यक्रम भी चलाता है।

नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 

2018-25 की अवधि के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है। यह योजना इन बातों पर केंद्रित है:

• निवारक शिक्षा

• जागरूकता पैदा करना

• नशीले पदार्थों पर निर्भर व्यक्तियों की पहचान, परामर्श, उपचार और पुनर्वास

• सरकार और गैर सरकारी संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।

इसका उद्देश्य शिक्षा, नशामुक्ति और प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास द्वारा नशीले पदार्थोंके दुरुपयोग के हानिकारक परिणामों को कम करना है। इस कार्य योजना के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त की जा सकती है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कोष

कानून को जरूरत है कि सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए एक राष्ट्रीय कोष स्थापित करें जो निम्नलिखित कार्यों में हुए व्यय की पूर्ति करता हो:

• अवैध तस्करी का सामना करना

• नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग को नियंत्रित करना

• नशा करने वालों की पहचान करना, उनका इलाज करना और उनका पुनर्वास करना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जनता को शिक्षित करना

• दवाओं की आपूर्ति करना जहां पर चिकित्सकीय जरूरत है

इस फंड के लिए पैसा निम्नलिखित से आता है:

• केंद्र सरकार (संसद में कानून द्वारा इसके लिए विनियोग किए जाने के बाद)

• अवैध संपत्ति के रूप में जब्त की गई किसी भी संपत्ति की बिक्री।

• व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा दिया गया अनुदान

• निधि में जमा राशि के निवेश से आय।

नशीली दवाओं/ नशीले पदार्थों के प्रयोग के लिए जमानत

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

ड्रग्स और पदार्थों के संबंध में किए गए अपराध प्रकृति में संज्ञेय हैं। इसके अनुसार पुलिस को गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट से वारंट की जरूरत नहीं है।

अगर किया गया अपराध मादक द्रव्यों या पदार्थों की कम मात्रा या व्यावसायिक मात्रा से कम मात्रा से जुड़ा है, तो आप जमानत के लिए सीधे पुलिस से आवेदन कर सकते हैं और वही से आपको जमानत मिल जाएगी। यह व्यक्तिगत या अन्य अनुबंध प्रस्तुत करने पर आकस्मिक हो सकता है।

नशीली दवाओं या पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित अपराधों को कानून के तहत गैर-जमानती माना जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको जमानत नहीं मिलेगी। आप अदालत में आवेदन कर सकते हैं और यह जज के विवेक पर निर्भर करेगा। आप इसे अधिकार के रूप में नहीं मांग सकते।

सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना एक अपराध है। यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करते हुए पकड़े जाते हैं, तो कोई भी पुलिस अधिकारी आपको हिरासत में रोक सकता है, और अधिकतम 200 रुपये. का जुर्माना लगा सकता है।

आप निम्न स्थानों पर धूम्रपान नहीं कर सकते हैं:

  • होटलों में
  • रिफ्रेशमेंट रूम, दावत खाना (बैंक्वेट हॉल), डिस्कोथेक, कैंटीन, कॉफी हाउस, पब, बार, हवाई अड्डे (एयरपोर्ट) का लाउंज, आदि में
  • कार्यस्थलों में
  • शॉपिंग मॉल में
  • सिनेमा हॉल में
  • सभागारों (ऑडिटोरियम) में
  • अस्पताल भवनों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में
  • रेलवे प्रतीक्षालय में
  • मनोरंजन केंद्रों में
  • सार्वजनिक कार्यालयों में
  • न्यायालयों के भवनों में
  • शिक्षण संस्थानों में
  • पुस्तकालयों में
  • सार्वजनिक सुविधाओं में

आप निर्धारित धूम्रपान क्षेत्रों में जैसे, 30 से अधिक कमरों वाले होटलों, हवाई अड्डों, या रेस्तराओं (जिनमें 30 से ज्‍़यादा लोग बैठ सकते हैं) में धूम्रपान कर सकते हैं।

आप पूरी तरह से खुले स्थानों पर, जैसे सड़कों या पार्कों में धूम्रपान कर सकते हैं। हालांकि बस स्टॉपों, रेलवे स्टेशनों या खुले सभागारों (ऑडिटोरियम) जैसी जगहों पर धूम्रपान करना अभी भी निषिद्ध है। यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान के मालिक हैं, तो आप यहां पढ़ें कि आपकी कानूनी जिम्मेदारियां क्या हैं।

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वाहन रोकना और उसकी तलाशी लेना

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

अगर किसी अधिकृत पुलिस अधिकारी को यह लगता है कि किसी वाहन या जानवर का इस्तेमाल नारकोटिक दवाओं, साइकोट्रोपिक या नियंत्रित पदार्थों के परिवहन के लिए किया जा रहा है, तो उसके पास ऐसे वाहन या जानवर को रोकने और उसके आधार पर तलाशी लेने का अधिकार है। इसको रोकना कानून के दायरे में आता है, जिसमें यदि जरूरी हो तो वाहन या जानवर पर फायरिंग भी की जा सकती है। अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि तलाशी लेना जरूरी है तो वह विमान को लैंड कराने के लिए बाध्य भी कर सकता है।

सिगरेट बेचना

सिगरेट बेचने पर कुछ प्रतिबंध और निषेध हैं। निम्नलिखित कार्य अवैध हैं :

  • 18 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचना
  • 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को आप न तो सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेच सकते हैं, और न ही उससे ये चीज़ें बिकवा सकते हैं। यदि आप नाबालिगों (18 वर्ष से कम उम्र) को सिगरेट बेचते हुए पकड़े जाते हैं, तो पुलिस आपको हिरासत में ले सकती है और आपको 24 घंटों के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी। इस अपराध के लिये आपको सात साल तक के जेल की सज़ा हो सकती है, और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। याद रखें, यदि इस अपराध के लिये आपकी गिरफ्तारी होती है, तो आपको ज़मानत का अधिकार है।
  • किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज़ के दायरे में सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचना
  • किसी शिक्षण संस्थान के 100 गज़ के दायरे में सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचने के अपराध पर आपको 200 रुपये के जुर्माने की सज़ा हो सकती है।

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पुलिस द्वारा अवैध प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

पुलिस अधिकारियों और कुछ दूसरे अधिकारियों के पास इस कानून के तहत किए गए अपराधों के संबंध में लोगों की तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार है, और कई मामलों में वे बिना वारंट के भी गिरफ्तारी कर सकते हैं।

जगह या वाहन की तलाशी 

अगर पुलिस अधिकारी को अपनी खोजबीन के आधार पर यह लगता है या उसके पास नारकोटिक्स दवाओं, साइकोट्रोपिक या नियंत्रित पदार्थों के संबंध में किए जा रहे अपराध के बारे में लिखित जानकारी है, तो वे किसी भी इमारत, स्थान या वाहन जैसे कार, ट्रक, आदि में प्रवेश कर सकते हैं और उसकी तलाशी ले सकते हैं। अगर कोई उनके प्रवेश में बाधा डालता है, तो वे दरवाजा तोड़कर भी कार्यवाही कर सकते हैं या उन्हे अपने रास्ते में आने वाली किसी भी अड़चन को दूर करने का अधिकार है।

किसी भी व्यक्ति की तलाशी लेना 

अगर कोई अधिकृत पुलिस अधिकारी आपकी तलाशी लेना चाहता है, तो आप मजिस्ट्रेट या कुछ राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में तलाशी लेने के लिए कह सकते हैं। ऐसा एक बार अनुरोध कर देने के बाद आपको पुलिस अधिकारी द्वारा तब तक हिरासत में रखा जा सकता है जब तक कि आपको किसी मजिस्ट्रेट या किसी उपयुक्त राजपत्रित अधिकारी के सामने पेश नहीं किया जाता। हालांकि, अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि राजपत्रित अधिकारी या मजिस्ट्रेट की प्रतीक्षा करना संभव नहीं है, तो वह तलाशी ले सकता है।

कृपया ध्यान दें कि महिलाओं की तलाशी केवल एक महिला अधिकारी ही कर सकती है।

जब्ती 

तलाशी की प्रक्रिया में, पुलिस अधिकारी के पास निम्नलिखित को भी जब्त करने का अधिकार होता है:

• ड्रग्स, पदार्थ और इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कोई भी चीज़

• किसी भी वस्तु, वाहन या जानवर जिसे इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया हो

• कोई भी दस्तावेज या लेख जो सबूत हो सकते हैं और साबित कर सकते हैं कि ड्रग्स के संबंध में अपराध किया गया था

गिरफ़्तारी 

तलाशी और जब्ती करते समय, अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि ड्रग्स या नशीले पदार्थों के संबंध में कोई अपराध किया गया है, तो वह संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर सकता है। ऐसी गिरफ्तारी के लिए उसे हमेशा वारंट की जरूरत नहीं होती है।

पुलिस अधिकारी की तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार सार्वजनिक स्थान जैसे होटल, रेस्तरां, दुकान या जनता के लिए सुलभ किसी दूसरे स्थान तक हो सकते हैं।

जब आपको गिरफ्तार किया जाता है तो आपके कुछ अधिकार होते हैं। इन अधिकारों के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया यहां पढ़ें।

तत्काल मामले-किसी वारंट की जरूरत नहीं 

आदर्श रूप से यह तलाशी और जब्ती के दिन के समय, यानी सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच और उचित न्यायाधीश के वारंट के साथ की जानी चाहिए, अगर पुलिस अधिकारी को लगता ​​है कि वारंट पाने में लगने वाले समय में जरूरी सबूत छुपाए जा सकते हैं या संदिग्ध व्यक्ति भाग सकता है, वह बिना वारंट के तलाशी और जब्ती कर सकता है। ऐसे मामलों में उसे ऐसा करने के अपने कारणों को लिखित रूप में नोट करना होगा और 72 घंटे के भीतर अपने तत्काल पर्यवेक्षक को सूचित करना होगा।

 

सिगरेट और तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन करना

आपको सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन नहीं करना चाहिए, चाहे इसके लिए आपको पैसे भी क्यों न दिए जाएं। इसका मतलब यह भी है कि आप स्पौंसरशिप के लिए भी, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों को बेचने वाली कंपनियों के ब्रांड के नाम तक का विज्ञापन नहीं कर सकते हैं। आप निम्नलिखित तरीकों में से, किसी भी तरीके से विज्ञापन नहीं कर सकते हैं, न प्रत्यक्ष रूप से, ना ही अप्रत्यक्ष रूप से :

  • सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों को प्रदर्शित करें, या उनके प्रदर्शन की अनुमति दें
  • सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन वाले फिल्म या वीडियो टेप को बेचें, या उनकी बिक्री की अनुमति दें
  • किसी भी ऐसे पर्चे, विज्ञप्ति या दस्तावेज को, जिसमें सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों का विज्ञापन हो, जनता में वितरित करें, या उनके वितरण की अनुमति दें,
  • किसी भी जमीन, घर, दीवार, होर्डिंग, फ्रेम, खम्भे या निर्माण पर, सिगरेट या तम्बाकू उत्पादों किसी भी विज्ञापन को लगायें, या प्रदर्शित करें
  • किसी भी ऐसे अनुबंध पर हस्ताक्षर करें या सहमत हों, जो किसी भी सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों को, या किसी भी ट्रेडमार्क या सिगरेट के ब्रांड नाम के उपयोग को बढ़ावा दे।

सिगरेट या तम्बाकू उत्पादों का विज्ञापन करते हुए जब आप पहली बार पकड़े जाते हैं, तो आपको 2 साल तक की कैद होगी और/या 1000 रुपये तक का जुर्माना होगा। पहली बार के बाद, आपको 5 साल तक की कैद होगी और 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। यह याद रखें कि यदि आप इस अपराध के लिये गिरफ्तार होते हैं तो आपको, जमानत का अधिकार है।

जहां सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचे जाते हैं, तो वहां एक विस्तृत चेतावनी पैकेज पर होनी ही चाहिये। अगर सिगरेट का आयात किया गया है, तो भी एक चेतावनी का लेबल होना ही चाहिए। सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर लगे चेतावनी लेबल को अच्छी तरह पढ़ें, समझने के लिए।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

बार-बार अपराध करना

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

इस कानून के तहत बार-बार अपराध करने वालों को बहुत कड़ी सजा दी जाती है। अगर आपको भारत में ड्रग कानूनों के तहत अपराध करने, उकसाने या करने का प्रयास करने या यहां तक ​​कि साजिश करने के लिए एक बार पहले दोषी ठहराया गया था, तो उसी अपराध के लिए दूसरी बार की सजा आपको मिली पिछली सजा की तुलना में, कारावास और जुर्माना दोनों के लिए,1.5 गुना तक अधिक हो सकती है।

कुछ गंभीर मामलों में, अगर आपको किसी दवा की व्यावसायिक मात्रा के संबंध में अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और अब उसी अपराध के लिए फिर से दोषी ठहराया जा रहा है, तो आपको मृत्युदंड दिया जा सकता है। 2014 से पहले, बाद के कुछ अपराधों के लिए मृत्युदंड अनिवार्य रूप से लगाया जाता था, लेकिन अब यह बदल गया है और न्यायाधीश के विवेक पर छोड़ दिया गया है।