LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए अपना नाम बदलने की प्रक्रिया

अपना नाम बदलने के लिए, अपने नाम में एक हिस्सा जोड़ने या घटाने के लिए, आपको नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह राज्य या केंद्रीय गजट / राजपत्र में प्रकाशित हो जाय। यदि आप विदेश में किसी भी उच्च अध्ययन, वीजा, पासपोर्ट आदि के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप इसे केंद्रीय राजपत्र में प्रकाशित कराने का विकल्प चुन सकते हैं। यदि आप इसे राज्य गजट / राजपत्र में प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो यह केवल आपके राज्य के भीतर प्रकाशित किया जाएगा, लेकिन आप इसका उपयोग कई पहचान दस्तावेजों को अपडेट कराने / प्राप्त करने, स्कूल निर्णयपत्रों (सर्टिफिकेट) में अपना नाम बदलवाने आदि के लिए कर सकते हैं। अपना नाम बदलवाने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: एक हलफनामा / अंडरटेकिंग बनाएं

आप अपना नया नाम कहां प्रकाशित करना चाहते हैं उसके आधार पर आपको नीचे दिया गया दस्तावेज़ तैयार करना होगा:

  • हलफनामा / एफिडेविट (राज्य और केंद्रीय गजट / राजपत्र, दोनों के लिए)
  • अंडरटेकिंग (केंद्रीय गजट / राजपत्र के लिए)

एक हलफनामा / अंडरटेकिंग ऐसा दस्तावेज़ होता है, जिसमें आपके द्वारा दिए गए तथ्य लिखे होते हैं, जैसे आपका वांछित नया नाम, वह लिंग जिससे आप खुद को जोड़ पाते हैं, या वह चिकित्सा प्रक्रिया जिससे आप गुज़रे हैं, आदि। उदाहरण के लिए, आप इस हलफनामा / अंडरटेकिंग का उपयोग न केवल अपना नाम बदलवाते समय, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय, सिम कार्ड आदि प्राप्त करते समय भी कर सकते हैं।

चरण 2: एक नोटरी या शपथ आयुक्त के पास जाएं

अपने निकटतम / स्थानीय नोटरी या शपथ आयुक्त के पास जाएं, जो आपके हलफनामे / अंडरटेकिंग का सत्यापन करेगा। आपके दस्तावेज़ पर मुहर लग जाने के बाद यह एक वैध कानूनी दस्तावेज़ बन जाएगा। इस सेवा के लिए आपको एक शुल्क देना होगा।

चरण 3: समाचार पत्र में अपने नए नाम का विज्ञापन दें

आपको अपने राज्य में दो स्थानीय प्रमुख समाचार पत्रों से संपर्क करना होगा (एक आपकी क्षेत्रीय भाषा में हो, और एक अंग्रेजी में हो) और उन्हें सत्यापित हलफनामे (एफिडेविट) को दिखाने के बाद उनसे आपको अपना नया नाम प्रकाशित करने का अनुरोध करना होगा। अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए आपको एक शुल्क देना होगा।

चरण 4: इसे केंद्रीय या राज्य गजट / राजपत्र में प्रकाशित करें

आपको अपना नाम या तो राज्य राजपत्र (अपने राज्य के भीतर), या केंद्रीय राजपत्र (राष्ट्रीय स्तर) में प्रकाशित कराना होगा।

राज्य राजपत्र

आपको अपने संबंधित राज्य के सरकारी प्रेस से संपर्क करना होगा, उनके द्वारा दिए गए संबंधित फॉर्म को भरना होगा और एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।

केंद्रीय राजपत्र

यदि आप अपना नाम केंद्रीय गजट / राजपत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं, तो आपको “प्रकाशन विभाग, सिविल लाइंस, नई दिल्ली -54” पते पर निम्नलिखित दस्तावेज़ों को भेजना होगा:

  • आपका सत्यापित हलफनामा / एफिडेविट और अंडरटेकिंग।
  • समाचार पत्र के विज्ञापन की मूल क्लिपिंग, जिसमें आपने विज्ञापन दिया है।
  • स्व सत्यापित पहचान प्रमाण पत्र और स्व सत्यापित पासपोर्ट आकार के 2 फोटो।
  • एक प्रोफॉर्मा / प्रपत्र की प्रति जिस पर आपके और 2 गवाहों के हस्ताक्षर हों।
  • प्रोफॉर्मा / प्रपत्र की एक सीडी कॉपी, जिस पर आपका नाम टाइप किया हुआ हो (गवाहों और उनके हस्ताक्षरों को छोड़कर)।
  • आपके द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र, जिसमें यह घोषित किया गया हो कि हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी की सामग्री एक समान हैं।
  • अनुरोध पत्र, निर्धारित शुल्क के साथ।

चरण 5: नाम परिवर्तन का प्रमाण

केंद्र और राज्य, दोनों राजपत्रों को नाम प्रकाशित करने में बहुत समय लगता है। आपको अपने संबंधित राज्य राजपत्र वेबसाइट में अपना नाम खोजना चाहिए। केंद्रीय राजपत्र के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  • केंद्रीय गजट / राजपत्र पेज पर जाएं और ‘Search Gazette’ (‘सर्च गजट ’) पर क्लिक करें
  • श्रेणी में ‘Weekly Gazette’ (‘साप्ताहिक राजपत्र’) जोड़ें और search (सर्च) पर क्लिक करें।
  • ‘Part IV’ (‘भाग IV’) को चुनें
  • तिथि को भरें
  • “keyword” (“कीवर्ड”) सेक्शन में अपना नया नाम भरें।
  • उत्पन्न परिणामों पर क्लिक करें, और
  • संबंधित फ़ाइल को डाउनलोड करें और इस डाउनलोड की गई कॉपी को प्रमाण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

आवास प्रमाण पत्र

आपकी पहचान प्रमाण के लिये, जारी किये जाने वाले किसी भी सरकारी दस्तावेज़ के लिए, आपको अपना आवास प्रमाण पत्र देना होगा, जिस पर या तो आपका स्थायी पता होगा, या आपका संपर्क पता होगा। आप जिस पहचान प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं, या उसे अपडेट करा रहे हैं, उसके लिए आप, नीचे दी गई सूची में से किसी भी दस्तावेज़ का उपयोग कर सकते हैं:

आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट

  • बैंक/ पोस्ट ऑफिस का पत्रक (Statement)/ पासबुक
  • जिसके लिये आप आवेदन कर रहे हैं, उसके आधार पर आप पासपोर्ट, पैन कार्ड और आधार कार्ड में से, अन्य दो विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप आधार कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप अपने पैन कार्ड या पासपोर्ट का उपयोग अपने आवास के प्रमाण के लिए कर सकते हैं।
  • राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस
  • बीमा योजना
  • अशक्तता (Disability) पहचान पत्र/ बाधाग्रस्त (Handicapped) चिकित्सा प्रमाण पत्र
  • संपत्ति कर रसीद (1 वर्ष से अधिक पुराना नहीं)निम्नलिखित दस्तावेजों में कोई भी, लेकिन वह 3 महीने से अधिक पुराना न होः
    • बिजली का बिल
    • पानी का बिल
    • टेलीफोन लैंडलाइन बिल
    • क्रेडिट कार्ड का पत्रक
    • गैस कनेक्शन बिल

आधारपैन कार्ड और पासपोर्ट के लिए आवास प्रमाण की पूरी सूची के लिए यहां देखें।

 

मतदाता पहचान पत्र

  • बैंक/ किसान/ पोस्ट ऑफिस पासबुक
  • राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
  • आयकर रिटर्न/असेसमेंट ऑर्डर
  • उस पते के लिए, नवीनतम पानी/ टेलीफोन / बिजली/ गैस कनेक्शन बिल, जो या तो आवेदक के नाम पर हो, या उसके करीबी सगे-संबंधी, जैसे उसके माता-पिता, आदि के नाम पर हो।
  • दिए गए पते पर, आवेदक के नाम पर, पोस्टल डिपार्टमेंट की पोस्ट रिसीव हुई हो, या डिलीवर हुई हो।

 

ड्राइविंग लाइसेंस

  • राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र
  • जीवन बीमा पॉलिसी
  • केंद्र/ राज्य सरकार, या किसी स्थानीय निकाय के किसी भी कार्यालय द्वारा जारी वेतन पर्ची (पे स्लिप)
  • पोस्ट ऑफिस/ बैंक पासबुक (जिसमें आवासीय पता दिया हो)
  • घर का टैक्स रसीद, विवाह प्रमाणपत्र, आयकर रिटर्न
  • ड्राइविंग लाइसेंस के लिये, आवास प्रमाण की एक पूरी सूची के लिए यहां देखें

 

राशन कार्ड

राशन कार्ड बनवाते समय आवास प्रमाण के संबंध में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। हालांकि, स्वीकार किए जाने वाले कुछ सामान्य दस्तावेज इस प्रकार हैं

  • यदि आप मकान मालिक हैं तो रजिस्ट्रेशन डीड, अलॉटमेंट लेटर, पावर ऑफ अटॉर्नी, हाउस टैक्स रशीद, आदि।
  • यदि आप किरायेदार हैं, तो मकान मालिक द्वारा ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (एनओसी), किराये का एग्रीमेंट, आदि।
अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

चुनाव से 48 घंटे पहले लाउडस्पीकर पर रोक

मौन काल यानी मतदान की तारीख से 48 घंटे पहले लाउडस्पीकरों पर प्रचार करना मना है।

लाउडस्पीकरों को किसी वाहन, मकान या बिल्डिंग पर नहीं लगा सकते हैं और अगर कोई ऐसा करता है तो यह आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है। 48 घंटे पूरे होने के बाद इन्हें फिर से इस्तेमाल करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

एक लोक सेवक को अपराध करने में मदद करना

लोक सेवक द्वारा संपत्ति की चोरी या बिक्री

जब कोई लोक सेवक चोरी करता है या किसी को उनके आधिकारिक काम के हिस्से के रूप में दी गई संपत्ति को चोरी या बेचने के लिए ले जाता है, तो उन्हें “आपराधिक कदाचार” के लिए दंडित किया जा सकता है। इस अपराध का दंड जुर्माने के साथ 4 से 10 साल की कैद है।

एक लोक सेवक को अपराध करने में मदद करना

अगर आप किसी लोक सेवक को व्यावसायिक सहयोगियों से उनके वेतन या संपत्ति के अलावा धन या उपहार लेने के अपराध करने में मदद करते हैं, सुझाव देते हैं या प्रोत्साहित करते हैं, भले ही अपराध सफलतापूर्वक नहीं किया गया हो तो आप कानून तोड़ रहे हैं। आपको 3 से 7 साल की अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है और जुर्माना भी भरना होगा।

उदाहरण: राजेश, रवि का चचेरा भाई, रवि को कनिष्ठ रेलवे अधिकारी के पद पर नियुक्त करने के बदले में मुकेश (एक लोक सेवक) को एक नया घर देता है। अगर रवि को पद नहीं मिलता है, तो भी राजेश ने मुकेश को “बहकाया” या कानून तोड़ने में मदद किया है।

क्या मतदान के दिन मतदाताओं को मतदान केंद्र पर ले जाना अपराध है?

कोई भी उम्मीदवार या पार्टी या उनके एजेंट मतदान के दिन मतदाताओं को मतदान केंद्र आने-जाने के लिए गाड़ी की सुविधा नहीं दे सकते हैं।

ऐसा करने पर, सजा के तौर पर 500 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

उदाहरण के लिए, कोई पार्टी या उम्मीदवार मतदान के दिन मतदाताओं को मतदान केन्द्र ले जाने के लिए किराए पर बस लेकर फ्री सेवा नहीं दे सकते हैं।

हालांकि, ये सुविधा चुनाव आयोग से दिव्यांग लोगों को मिल सकती हैं। इसके लिए दिव्यांग व्यक्ति PwD (People with Disability)-पी.डब्ल्यू.डी. ऐप (एंड्रॉइड) पर अपना पंजीकरण कराकर चुनाव अधिकारी से मतदान के दिन के लिए मतदान केंद्र तक आने-जाने के लिए गाड़ी की फ्री सुविधा मांग सकते हैं।

सेना का बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार

कोई भी सशस्त्र बल अधिकारी अशांत क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है:

  • संज्ञेय अपराध करने पर ;
  • या अगर संदेह है कि संज्ञेय अपराध किया जाएगा।

गिरफ्तारी को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारी आवश्यकतानुसार बल का प्रयोग कर सकता है।

जब सेना का एक जवान इस कानून के तहत किसी नागरिक को गिरफ्तार करता है, तो कानून के अनुसार सेना द्वारा उस व्यक्ति को तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन को सौंप दिया जाना चाहिए।

राजद्रोह संबंधित सामग्री की जब्ती

वैसे परिदृश्य में, जहाँ आप पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है, तब आपके पास की अखबार, किताब या दस्तावेज की हर कॉपी जिसमें राजद्रोही पाठ या सामग्री मौजूद है, सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। विशेष रूप से, कोई भी सामग्री जो आपके पास है उसे भी उस पुलिस अधिकारी द्वारा जब्त की जा सकती है, जिसके पास आपके परिसर और अन्य क्षेत्रों के खोज का अधिकार है और जहाँ उसे संदेह है कि राजद्रोह की सामग्री मौजूद है।

एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए लर्नर लाइसेंस

लर्नर्स लाइसेंस एक अस्थायी लाइसेंस, है जो 6 महीने के लिए वैध होता है। यह कानूनी रूप से आपको भारतीय सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करने की अनुमति देता है, लेकिन तब ही जब आपके साथ एक वयस्क हों, जो एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखता है। कृपया ध्यान दें कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। यदि आपको 18 वर्ष की आयु से पहले अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त होता है, तो आपको अपने लर्नर लाइसेंस का नवीकरण करवाने, या नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है, और यह आपके राज्य के नियमों के आधार पर होगा, क्यों कि लर्नर लाइसेंस केवल 6 महीने के लिए ही मान्य होता है।

नया लर्नर लाइसेंस बनवाना

जब तक कि आपके पास राज्य मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल द्वारा दिया गया एक ड्राइविंग प्रमाण पत्र न हो, तब तक ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने से पहले आपको एक लर्नर लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है। एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • नाम

    : यदि आपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाणों की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आवश्यक होने पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारियों को आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण

    : एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करते समय, आपके पास लिंग के लिए 3 विकल्प हो सकते हैं, जो “पुरुष”, “महिला” और ” तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)” है। चूंकि लर्नर के लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, अतः यह हो सकता है कि कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, तो इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

लर्नर लाइसेंस में विवरण को नवीनीकृत कराना

अपने राज्य की नियमों के आधार पर आप अपने लर्नर लाइसेंस, जो सिर्फ 6 महीने के लिए वैध होता है, को नवीनीकृत करा सकते हैं, या इसकी समाप्ति की तारीख के बाद एक नया लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए आपको अपने राज्य के विशिष्ट नियमों की जांच करनी चाहिए। अपने लर्नर लाइसेंस को नवीनीकृत करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • अपना नाम बदलना

    : यदि आप अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदलना चाहते हैं, तो आप अपना नया नाम नवीकरण आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण बदलना

    : चूंकि लर्नर लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, हो सकता है कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, अतः इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारी आपसे लिंग की पहचान या नाम बदलने के प्रमाण करने वाले दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, या लिंग सत्यापन की मांग मौके पर नहीं कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न, या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको लर्नर लाइसेंस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर वे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं ताकि यह प्रक्रिया आपके लिए सहज हो सके, और साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।

शिकायत/ सहायता और समर्थन

नीचे पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, जिनका उपयोग आप शिकायत दर्ज करने, उनका निदान करने, पूछताछ करने, और सहायता और समर्थन मांगने के लिए कर सकते हैं।

आधार कार्ड

आधार से जुड़ी शिकायतें, यूआईडीएआई (UIDAI) संपर्क केंद्र, पोस्ट, सरकार के लोक शिकायत पोर्टल और ई-मेल के माध्यम से की जा सकती है। आप अपनी शिकायत की स्थिति यहां देख सकते हैं।

पैन कार्ड

पैन कार्ड के संबंध में शिकायतें/प्रश्न यहां दर्ज किए जा सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप पैन सेंटर को 020-2721 8080 पर कॉल कर सकते हैं, या tininfo@nsdl.co.in पर ईमेल कर सकते हैं।

राशन कार्ड

आप खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food and Public Distribution) के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं।

इसके अलावा, चूकि राशन कार्ड का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए प्रत्येक राज्य में इनकी शिकायत निवारण प्रणाली अलग-अलग होती है। भारत के तीन राज्यों के लिए शिकायत पोर्टल नीचे दिए गए हैं:

  • दिल्ली: अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए, इस वेबसाइट पर जाएं, और “Grievance Redressal portal” पर क्लिक करें, जो आपको दूसरे पेज पर ले जाएगा जहाँ आप अपने शिकायत को दर्ज कर सकते हैं, या अपनी शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। जब आप “Lodge your Grievance” पर क्लिक करते हैं, तो एक पेज ऑपन होता है, आप यहां अपने मुद्दे का वर्णन कर सकते हैं, और सहायक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। यहां “Department Concerned” में आप “Food Supplies and Consumer Affairs” चुन सकते हैं। सभी सेक्शन को भरने के बाद, “Submit” पर क्लिक करें, और आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी। आप पूछताछ और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1967 और 1800110841 पर भी कॉल कर सकते हैं।
  • महाराष्ट्र: इस वेबसाइट पर जाकर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए “Post Grievance” पर क्लिक करें, जो आपको उस पेज पर ले जाएगा, जहां आपको अपना मोबाइल नंबर और/या ईमेल को भरने को कहा जाएगा, और आपको एक OTP, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर और/या ईमेल पर भेजा जाएगा। एक बार जब आपका विवरण प्रमाणित हो जाता है, तो आपके सामने एक और पेज ऑपन होगा, जहां आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, और अपनी शिकायत का विवरण आदि भर सकते हैं। “Level of Administration” के खंड में आपको “District” को चुनना होगा। जहां आप अपने फॉर्म का प्रिव्यू देख पाएंगे और उसे जमा कर सकेंगे।
  • कर्नाटक: इस राज्य के नियमों के अनुसार आप 8022220579 नंबर पर कॉल करके या digr.admin@karnataka.gov.in पर ईमेल करके अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें

पासपोर्ट

अपना पासपोर्ट प्राप्त करने या अपडेट करने से संबंधित किसी भी समस्या के लिए, आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यहां आपको अपनी निजी जानकारी, यदि कोई संदर्भ नंबर है तो उसकी जानकारी और संबंधित PSK, आदि को भरना होगा। सभी अपेक्षित विवरणों को भरने के बाद “Submit” पर क्लिक करें। आप यहां अपनी शिकायत का स्टेटस भी ट्रैक कर पाएंगे।

मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी कार्ड)

भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) का ऑनलाइन पोर्टल, शिकायत दर्ज करने का सबसे तेज़ तरीका है। आप यहां चुनाव और गैर-चुनाव संबंधित दोनों शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। लॉगिंग इन और अपनी शिकायत दर्ज करने के बाद आपको एक ID युक्त पावती प्राप्त होगी, और जिससे आप अपनी शिकायत का स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं। आप National Grievances Service पोर्टल पर भी जा सकते हैं।

आप मोबाइल वोटर हेल्पलाइन ऐप डाउनलोड और उपयोग करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसका उपयोग मतदाता सूची में आपके नाम को सत्यापित करने के लिए भी किया जा सकता है।

आप वोटर हेल्पलाइन 1950 पर भी कॉल कर सकते हैं (कृपया 1950 से पहले अपना एसटीडी कोड डायल करें), या मतदाता सुविधा केंद्र (Voter Facilitation Centre) पर जाएं।

ड्राइविंग लाइसेंस और लर्नर्स लाइसेंस

ड्राइविंग लाइसेंस और लर्नर्स लाइसेंस का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए प्रत्येक राज्य में इसकी शिकायत निवारण प्रणाली अलग-अलग होती है। भारत के तीन राज्यों के शिकायत पोर्टल नीचे दिए गए हैं:

  • दिल्ली: आप किसी भी शिकायत के संबंध में, लाइसेंस के शिकायत निवारण अधिकारी को 23960497 पर कॉल कर सकते हैं। आप हेल्पलाइन नंबर 9311900800 पर भी कॉल कर सकते हैं।
  • महाराष्ट्र: इस वेबसाइट पर जाकर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए “Post Grievance” पर क्लिक करें, जो आपको उस पेज पर ले जाएगा, जहां आपको अपना मोबाइल नंंबर और/ या ईमेल भरने को कहा जाएगा और एक OTP. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर और/या ईमेल पर भेजा जाएगा। एक बार जब आपका विवरण प्रमाणित हो जाता है, तो आपके सामने एक और पेज ऑपन होगा, जहां आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, और अपनी शिकायत का विवरण आदि भर सकते हैं। “Level of Administration” के खंड में आपको “District” का चुनाव करना चाहिए। आप अपने फॉर्म का प्रिव्यू देख पाएंगे और उसे जमा कर पाएंगे।
  • कर्नाटकः इस राज्य के नियमों के अनुसार आप 8022220579 नंबर पर कॉल करके या digr.admin@karnataka.gov.in पर ईमेल भेज कर, अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें।

चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए धर्म का इस्तेमाल

कोई भी पार्टी या उम्मीदवार, ऐसा किसी भी तरह का प्रचार नहीं कर सकते, जिसके कारण किसी भी जाति या धार्मिक समुदाय के बीच तनाव या नफरत पैदा हो।

आदर्श-आचार संहिता(एम.सी.सी) किसी व्यक्ति या संगठन को चुनाव के दौरान किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टी को जीत के लिए धर्म का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देती है, भले ही राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार से उनका कोई भी संबंध हो।
उदाहरण के लिए, धार्मिक/सांस्कृतिक संगठन, संघ या व्यक्ति किसी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में या उसके खिलाफ प्रचार नहीं कर सकते हैं।

नीचे कुछ ऐसे काम दिए गए हैं, जिन्हे चुनाव प्रचार के दौरान करने की मनाही हैः

  • कोई भी धर्म का इस्तेमाल करते हुए मतदाताओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकता है।
  • कोई भी पार्टी या उम्मीदवार लोगो को ये कहकर वोट नहीं मांग सकते हैं, कि अगर वे उसे वोट नहीं देंगे, तो भगवान इसकी उन्हें सजा देगा।
  • कोई भी व्यक्ति अलग-अलग समूहों के लोगों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए धर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकता है
  • कोई भी ऐसा कोई दुर्भावनापूर्ण बयान नहीं दे सकता है, जिससे किसी भी नेता के निजी जीवन पर हमला हो।
  • मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और दूसरे किसी भी पूजा स्थलों का इस्तेमाल किसी भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।

यहां प्रचार के लिए धर्म का इस्तेमाल करके एमसीसी के उल्लंघन के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जैसे –

  • अगर मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर नेताओं की तस्वीरों की होर्डिंग लगाई जाती हैं।
  • किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा वोट पाने के लिए मंदिर के बाहर भिखारियों को पैसा दिया जाता है।