रैगिंग की शिकायतों के खिलाफ अपील

कोई भी छात्र ऍण्‍टी-रैगिंग कमेटी द्वारा दी गयी किसी भी सजा के खिलाफ अपील कर सकता है। आपका अपील प्राधिकारी इस बात पर निर्भर करेगा कि सजा का निर्णय कौन करता है। अपील करने के लिए सही प्राधिकरण खोजने के लिए नीचे देखें-

  • यदि आप किसी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज के निर्णय से दुखी हैं, तो आपको विश्वविद्यालय के कुलपति से अपील करनी चाहिए
  • यदि आप विश्वविद्यालय के निर्णय से व्यथित हैं, तो आपको विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से अपील करनी चाहिए
  • यदि आप राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (संसद द्वारा स्थापित) के निर्णय से दुखी हैं, तो आपको उस संस्था के चांसलर / अध्यक्ष से अपील करनी चाहिए।

 

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

ब्लैकमेल करना

अगर किसी ने आपके बच्चे पर यौन उत्पीड़न किया है या आपके बच्चे के साथ किए गए यौन कर्म को दर्ज कर लिया है, तो आपको इस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए। माता-पिता के रूप में, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्लैकमेलिंग के कारण आपको, आपके बच्चे को और आपके परिवार को मानसिक आघात से न गुजरना पड़े, और ऐसे मामलों को आप पुलिस को, और अन्य अधिकारियों को रिपोर्ट कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि सीमा के ट्यूशन शिक्षक ने उसका यौन उत्पीड़न किया है, और उसने इसका एक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया है और फिर वह उसके माता-पिता से पैसे और कई अन्य तरह की सहायता के लिए ब्लैकमेल कर रहा है, तो ऐसी परिस्थितियों में, उसके माता-पिता को तत्काल पुलिस को, और अन्य अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए जो उस पर कार्रवाई करेंगे।

यदि कोइ व्यक्ति, किसी अन्य व्यक्ति को उसकी प्रतिष्ठा, संपत्ति या शारीरिक क्षति पहुँचाने की धमकी देता है, या किसी ऐसे व्यक्ति को क्षति पहुँचाने की धमकी देता जो उसका करीबी है तो उस व्यक्ति को, ऐसे धमकी देने की सजा, दो साल का जेल, और / या जुर्माना होगा।

अगर कोई आपको ब्लैकमेल कर रहा है तो कृपया पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करें। आप बाल यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट भी वहाँ कर सकते हैं।

घरेलू हिंसा कहां हो सकती है?

यह जरूरी नहीं है कि घरेलू हिंसा हमेशा आपके घर तक ही सीमित हो।1) घरेलू हिंसा कहीं भी हो सकती है, जैसे आपके रोजगार या शिक्षा का स्थान, आपके बच्चे का स्कूल, बाज़ार, आदि2)

आप इसकी परवाह किए बिना कि घरेलू हिंसा कहां हुई है, शिकायत दर्ज करा सकती हैं और एक वकील की मदद से, अपने उत्पीड़क के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के लिए अदालत जा सकती हैं।

LGBTQ+ व्यक्तियों का ऑनलाइन पर उत्पीड़न और हिंसा

LGBTQ+ व्यक्तियों के साथ दुर्व्यवहार इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफॉर्म, जैसे सोशल मीडिया, चैट फोरम आदि पर होता रहता है। जब आपको ऑनलाइन दुर्व्यवहार सहना पड़ा है तो सबसे पहले आपको उस प्लैटफॉर्म की नीतियों के बारे में पता लगाना चाहिए जिस पर दुर्व्यवहार हुआ है, और यह देखना चाहिए कि प्लैटफॉर्म ने आपको क्या कदम उठाने की सलाह दी है, जिससे यह सब रोका जा सकता है।

आप अपने लिंग या अपने यौन अभिविन्यास की परवाह किए बिना, सोशल मीडिया फोरम या प्लेटफार्म पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप किसी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, लेकिन हर प्लेटफार्म की नीतियां अलग अलग होती हैं, इसलिए आपको उस प्लेटफार्म की शिकायत संबंधी नीतियों को पढ़ना चाहिए, जिस पर आपके साथ दुर्व्यवहार हुआ है।

आपको उन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, जब कोई आपकी अनुमति के बिना आपके यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान को उजागर करने की कोशिश करे। आप उन पर तत्काल कार्रवाई उन्हें ब्लॉक या रिपोर्ट करके कर सकते हैं। यदि आपको अपने फोन पर कॉल या मैसेज के ज़रिए परेशान किया जा रहा है, तो आप अपने फोन पर ही उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं।

यदि प्लेटफॉर्म के प्रशासनिक अधिकारी की प्रतिक्रिया संवेदनशील नहीं है, या आप जिस तरह की उत्पीड़न का सामना सामना कर रहे है, वह गंभीर है और उसे बार-बार दोहराया जा रहा है, तो आप स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं, यदि आप एक महिला / पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं। यदि आप एक पुरुष / पारपुरुष (ट्रांसमैन) हैं, तो आप एक प्राथिमिकी (एफआईआर) उन कानूनों के तहत दर्ज करा कर जो आपको चोट पहुंचाने या घायल करने वाले को दंडित कर सकता है।

यदि निम्नलिखित घटनाएं आपके साथ होती हैं तो इसके खिलाफ आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

आपके बैंक खाते का अधिग्रहण (टेकओवर)

  • अगर आपके बैंक का खाता आपकी अनुमति के बिना अधिग्रहित कर लिया जाता है, या आपके बैंक खाते तक कोई अपनी अनधिकृत पहुंच बना लेता है।
  • अगर कोई व्यक्ति, आपके पासवर्ड या आपके डिजिटल हस्ताक्षर आदि का उपयोग करके आपकी ऑनलाइन पहचान चुरा लेता है।
  • अगर कोई व्यक्ति आपका जाली रूप धारण कर, या आपके या किसूी और के होने का नाटक कर आपको ऑनलाइन परेशान करता है।

आपकी व्यक्तिगतता का उल्लंघन

  • अगर कोई व्यक्ति, आप की व्यक्तिगत तस्वीरों / वीडियो का उपयोग, या उन्हें ऑनलाइन साझा आपकी अनुमति के बिना करता है।
  • अगर कोई व्यक्ति आपको ऑनलाइन पर पीछा (स्टॉक) करता है या आपकी गतिविधियों पर नज़र रखता है।
  • अगर कोई आपकी तस्वीरों को ऑनलाइन पर फोटोशॉप कर इस्तेमाल करता है।

ब्लैकमेल करना

  • अगर कोई आपको ऑनलाइन पर, पैसे के लिए, या आपसे कुछ काम कराने के लिए ब्लैकमेल करता है।

गाली-गलौज की धमकी और भाषा

  • अगर कोई आपको ऑनलाइन पर अश्लील सामग्री भेजता है, या आपका यौन उत्पीड़न करता है।
  • अगर कोई आपको अपमानित करता है, या आपके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करता है।
  • अगर आपको धमकियां किसी अनजान व्यक्ति से मिलती हैं।
  • अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन पर आपको नुकसान पहुंचाने या जान से मारने की धमकी देता है।

वैवाहिक बलात्कार

ट्रिगर चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

भारतीय कानून वैवाहिक बलात्कार को अपराध के दायरे में नहीं रखता है। कानून पति को अपनी पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना जबरन संभोग करने के लिए दंडित नहीं करता है, जब तक कि वह अठारह वर्ष से कम उम्र (नाबालिग) की न हो।

इसलिए, किसी पुरुष द्वारा अपनी वयस्क पत्नी के साथ सम्भोग या किसी तरह की यौन क्रिया बलात्कार नहीं है। हालाँकि, यदि कोई महिला अपने पति से अलग रह रही है तो यह लागू नहीं होता है। यदि स्त्री पुरुष विवाहित हैं लेकिन अलग-अलग रहते हैं, तो पत्नी के संभोग के लिए सहमति नहीं होने पर पति बलात्कार का दोषी है। इस मामले में पति को जुर्माने के साथ 2 से 7 साल की कैद की सजा है।

हालांकि कानून वैवाहिक बलात्कार को दंडित नहीं करता है, एक महिला को घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत राहत मिल सकती है। यह कानून यौन शोषण को अपराध मानता है, जिसमें यौन प्रकृति के किसी भी व्यवहार को शामिल किया गया है जो किसी महिला की गरिमा का दुरुपयोग, अपमान या मर्यादा का उल्लंघन करता है। घरेलू हिंसा के खिलाफ महिला के अधिकारों के बारे में जानने के लिए यहां पढ़ें।

कौन शिकायत कर सकता है?

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय में शारीरिक हिंसा पर जानकारियां दी गई है, जिससे कुछ पाठकों को असहज महसूस हो सकता है। 

निम्नलिखित व्यक्ति शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

• एसिड अटैक का सर्वाइवर

• कोई रिश्तेदार, दोस्त या परिचित

• कोई भी व्यक्ति जिसने अपराध होते देखा है

• कोई भी व्यक्ति, जो यह जानता है कि इस तरह का हमला होने वाला है

जो भी अपराध के बारे में शिकायत करना चाहता है, वह सबसे पहले पुलिस से संपर्क कर सकता है। एफआईआर दर्ज करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आपके पास अपराध के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप जो कुछ भी जानते हैं उसकी रिपोर्ट पुलिस को करें। आप यहां एफआईआर दर्ज करने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

एफआईआर अपने आप में किसी के खिलाफ दर्ज किया गया आपराधिक मामला नहीं होती है। यह सिर्फ अपराध के बारे में पुलिस को दी जाने वाली एक सूचना है। आपराधिक मामला तब शुरू होता है जब पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष चार्जशीट दायर की जाती है और राज्य द्वारा एक पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त किया जाता है।

यौन इशारे क्या हैं?

[जारी चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, दुर्व्यवहार और गाली-गलौज के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

यदि कोई व्यक्ति ऐसे यौन इशारे करता है जो अपमानजनक और सेक्सुअल है, तो ऐसा करना एक अपराध है। कानून के तहत केवल पुरुष को ही अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है।

यौन क्रियाओं और इशारों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं, जब कोई व्यक्ति:

• किसी महिला को देखते समय खुद को गलत तरीके से छूना।

• फ्लाइंग किस, सीटी बजाना या किसी महिला के शरीर की ओर इशारा करना।

• अगर कोई महिला स्पष्ट रूप से अरुचि और परेशानी व्यक्त कर रही है, फिर भी उसके सामने किसी व्यक्ति का कपड़े उतारना और यौन इशारें करना।

यौन इशारे करने पर जुर्माने के साथ न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष तक की जेल की सजा है।

भ्रूण हत्या और शिशु हत्या

यदि लिंग निर्धारण प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बच्चे का गर्भपात हो जाता है, तो यह भ्रूण हत्या का अपराध होगा।

20 सप्ताह से पहले

यह एक अपराध है कि महिला को अपना गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया जाए और महिला की अनुमति के बिना डॉक्टर 20 सप्ताह से पहले गर्भपात कर दे।

20 सप्ताह के बाद

यदि कोई 20 सप्ताह के बाद न्यायालय की अनुमति के बिना गर्भपात कराता है तो उसने भ्रूण हत्या का अपराध किया है। न्यायालय केवल विशिष्ट परिस्थितियों में 20 सप्ताह के बाद गर्भपात करने की अनुमति देती है।

जन्म के बाद

किसी बच्चे के जन्म के बाद उसकी हत्या करना या उसकी मृत्यु करना एक अपराध है जो कि शिशु हत्या के कानून के तहत दंडनीय अपराध है।

भ्रूण हत्या और शिशु हत्या की सजा 10 साल तक कारावास और/या जुर्माना है।

अनुमतिप्राप्त गर्भपात के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया गर्भपात संबंधी हमारे लेख को देखें।

बिजली की चोरी

बिजली की चोरी तब होती है जब कोई मीटर से छेड़छाड़ करता है, व बिजली के मीटर या उपकरण आदि को नुकसान पहुंचाता है।

बिजली चोरी के लिए सजा

• बिजली की चोरी के लिए सजा 3 साल तक की जेल और/या जुर्माना है।

यदि चोरी की गई बिजली की मात्रा 10 किलोवाट से अधिक नहीं है, तो पहले अपराध पर जुर्माना चोरी से होने वाले वित्तीय लाभ का कम से कम 3 गुना होगा, और उसके बाद की दोषसिद्धि पर 6 गुना होगा।

चोरी की गई राशि 10 किलोवाट से अधिक होने पर, जुर्माने के अलावा, 6 महीने से 5 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इस मामले में, किसी को भी 3 महीने से 2 साल के बीच की अवधि के लिए बिजली आपूर्ति प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा।

• यदि कोई उपभोक्ता बिजली की चोरी का दोषी पाया जाता है तो, बिजली के आपूर्तिकर्ता बिना नोटिस जारी किए बिजली की आपूर्ति में कटौती कर सकते हैं, और यह आपूर्ति तभी बहाल की जाएगी जब उपभोक्ता जुर्माना अदा कर देगा और आपूर्तिकर्ता के नुकसान की भरपाई कर देगा।

बिजली चोरी की शिकायत

बिजली चोरी की शिकायत करने के लिए, आपको अपने राज्य में संबंधित बिजली प्रदान करने वाले बोर्ड/निगम से संपर्क करना होगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली के लिए, आप बीएसईएस राजधानी (BSES Rajdhani) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं, आप समस्या से संबंधित जानकारी 9555010022 पर जमा करने के लिए व्हाट्सएप का भी उपयोग कर सकते हैं। बीएसईएस राजधानी में शिकायत कैसे दर्ज करें, यह देखने के लिए यहां और पढ़ें।

रैगिंग के लिए सज़ा

यदि कोई छात्र किसी अन्य छात्र की रैगिंग करते पकड़ा जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। सज़ा का यह रूप हो सकता है-

छात्र के खिलाफ संस्‍थागत कार्रवाई- उदाहरण के लिए, कॉलेज से निलंबन, छात्रावास से निलंबन, आदि।

छात्र के खिलाफ पुलिस में शिकायत- यदि छात्र के खिलाफ शिकायत या एफआईआर दर्ज की जाती है, तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 के तहत मामला बनाया जा सकता है, जिससे जेल अवधि या जुर्माना जैसे गंभीर आरोप लगेंगे।

संस्‍थागत दंड

यदि आप रैगिंग करते हुए पकड़े जाते हैं, तो ऍण्‍टी-रैगिंग कमेटी आपको इस प्रकार से दंडित कर सकती है-

  • कक्षाओं में उपस्थिति‍ से और शैक्षणिक विशेषाधिकारों से निलंबन।
  • छात्रवृत्ति / फेलोशिप और अन्य लाभों को वापस लेना।
  • आपको किसी भी परीक्षण / परीक्षा में शामिल होने से वंचित करना।
  • परिणाम रोकना।
  • आपको किसी भी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय बैठक, टूर्नामेंट, युवा उत्सव, आदि में कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने से वंचित करना।
  • छात्रावास से निलंबन / निष्कासन।
  • आपका कॉलेज-प्रवेश रद्द।
  • एक से चार सेमेस्टर तक की अवधि के लिए कॉलेज से निष्‍कासन।
  • कॉलेज से ऐसी निकासी कि उसके परिणामस्वरूप किसी अन्य कॉलेज में एक निश्चित अवधि के लिए प्रवेश से वंचित करना।

पुलिस से शिकायत

रैगिंग के अधिक गंभीर मामलों में, यदि प्राथमिकी या पुलिस शिकायत दर्ज की जाती है, तो छात्र को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 के तहत दंडित किया जा सकता है। IPC के तहत दंडनीय कुछ गतिविधियां-

शारीरिक शोषण

रैगिंग में एक छात्र को शारीरिक शोषण और उसके साथ हिंसक

व्‍यवहार करना शामिल हो सकता है। ऐसे मामले में, जो छात्र किसी अन्य छात्र की रैगिंग कर रहा था, उसे निम्नलिखित तरीके से दंडित किया जा सकता है –

  • यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को चोट पहुँचाता है, या ऐसे तरीके से कार्य करता है जिससे किसी को चोट लगने की संभावना है, तो उसे 1 वर्ष तक की जेल सजा और / या एक हज़ार रुपये के जुर्माने तक की सजा हो सकती है। उदाहरण के लिए, किसी छात्र के साथ मारपीट को इस कानून के तहत अपराध माना जा सकता है। यदि यह खतरनाक हथियारों (उदाहरण के लिए, बंदूक) का प्रयोग किया जाता है, तो सजा, जुर्माने के साथ या बिना जुर्माने के 3 साल तक की जेल हो सकती है।
  • अगर कोई जानबूझकर किसी को कष्‍ट या चोट पहुंचाता है, या ऐसे तरीके से काम करता है जिससे किसी को चोट लगने की संभावना है, तो उसे 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।  मसलन, यदि किसी छात्र की पिटाई होती है और उसके हाथ-पांव टूटते हैं, तो उसे इस कानून के तहत अपराध माना जा सकता है। यदि यह खतरनाक हथियारों (उदाहरण के लिए, एक बंदूक) का प्रयोग करके किया जाता है, तो सजा या तो आजीवन कारावास, या 10 साल तक की जेल और जुर्माना है।
  • यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी व्यक्ति पर उसकी सहमति के बिना किसी भी प्रकार के बल का प्रयोग करता है, तो उस व्यक्ति पर अपराध करने / चोट, भय या चिढ़ पैदा करने का आरोप लग सकता है और उसे 3 महीने तक की जेल की सजा हो सकती है और / या 500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र किसी अन्य छात्र को सड़क पर धकेलता है और उसे सड़क पर चलने वाले वाहनों की चपेट में लाने से डराता है।

यौन शोषण

रैगिंग के नाम पर अगर कोई किसी का यौन उत्पीड़न करता है, तो यह एक अपराध है। उदाहरण के लिए, यदि कोई किस महिला को लैंगिक रूप से और ज़बरदस्ती छूता है, या उसे परेशान करता है, या चुपके चुपके उसका पीछा करता है, तो यह एक अपराध है। यहाँ और पढ़ें

आने-जाने पर रोक लगाना,अड़ंगा डालना

रैगिंग में एक छात्र के आने-जानेे को प्रतिबंधित करना या उसे बंद कर देना शामिल हो सकता है। ऐसे मामले में, जो छात्र किसी अन्य छात्र की रैगिंग कर रहा था, उस पर निम्नलिखित अपराधों का आरोप लगाया जा सकता है-

  • यदि कोई अपनी मनमर्जी़ से किसी व्यक्ति को बाधित करता है ताकि वह एक निश्चित दिशा में जाने में सक्षम नहीं हो तो, इसे एक अपराध माना जाता है।  उदाहरण के लिए, किसी छात्र को कॉलेज की कैंटीन में न आने देना। इसके लिए सजा 1 महीने तक की जेल और / या 500रुपये  का जुर्माना है।
  • यदि कोई जबरन किसी व्यक्ति को रोक देता है ताकि वह एक निश्चित सीमा से आगे नहीं बढ़ पाए (यानी उसे बंद कर दे), यह एक अपराध है। मसलन, यदि कोई छात्र किसी अन्य छात्र को पेड़ से बांध दे, तो इसे इस कानून के तहत एक अपराध माना जा सकता है। इसकी सज़ा, 1 साल तक की जेल और / या 1000 रुपये तक जुर्माना, हो सकती है।

ब्‍लैकमेल

रैगिंग में किसी छात्र को ब्लैकमेल करना और डराना-धमकाना भी शामिल हो सकता है। ऐसे मामले में, जो छात्र किसी अन्य छात्र की रैगिंग कर रहा था, उस पर निम्नलिखित अपराधों का आरोप लगाया जा सकता है-

  • अगर कोई जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को चोट लगाने से डराता है, ताकि वह व्यक्ति उसे, या किसी दूसरे को, कुछ मूल्यवान चीज़ दे दे, तो यह एक अपराध है। मसलन, राम श्याम को धमकी देता है कि श्याम अगर उसे पैसे नहीं देगा, तो राम उसके बारे में अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करेगा, और इसलिए श्याम उसे पैसे देता है। यहाँ, राम को इस अपराध के तहत दंडित किया जाएगा। इसके लिए सजा 3 साल तक की जेल और / या जुर्माना है।
  • यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धमकी देता है कि वह उसे या किसी अन्य व्यक्ति (जैसे, परिवार के सदस्य या दोस्त) को, उसकी प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, और इस तरह उस व्यक्ति को डराता है या उसे ऐसा करने के लिए बाध्‍य करता है जो करना उसके लिए बिल्‍कुल भी ज़रूरी नहीं है या फिर उसे ऐसा कुछ करने से रोकता है जिसे करने के लिए वह जवाबदेह है, तो यह एक अपराध है। उदाहरण के लिए, यदि राम ने श्याम को धमकी दी कि जब तक श्याम उसे पैसे नहीं देगा, राम उसके घर को जला देगा, और इस कारण श्याम ने उसे पैसे दिये, तो राम ने यह अपराध किया। इसके लिए सज़ा कम से कम 2 साल तक की जेल और / या जुर्माना है। अन्य मामलों में अधिक गंभीर सज़ा हो सकती है।

कृपया ध्यान दें कि इनमें से किसी भी कार्य को करने के प्रयास या धमकी को भी रैगिंग माना जाता है। अगर आपको या आपके किसी परिचित की रैगिंग हो रही है, तो आप शिकायत कर सकते हैं। इसके बारे में यहाँ और जानें

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें