समाचार पत्र
समाचार पत्रों सहित सभी प्रिंट मीडिया को आचार-संहिता (एमसीसी) के नियमों का पालन करना होगा। प्रेस का कर्तव्य है कि:
- वे निष्पक्ष रहकर, चुनाव और उम्मीदवारों के बारे में केवल निष्पक्ष रिपोर्ट दें। कोई रिपोर्ट बढ़ाचढ़ा कर नहीं दें। उदाहरण के लिए, प्रेस किसी उम्मीदवार के चुनाव प्रचार के बारे में कोई फर्जी खबर प्रकाशित नहीं कर सकता।
- वे चुनाव प्रचार के लिए रिपोर्टिंग करते समय नफरत न फैलाएं, ऐसा करने से बचें जो धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत की भावनाओं को बढ़ावा देता हो। उदाहरण के लिए-जब किसी पार्टी का नेता कहता है कि सत्ता में आने पर हम मुसलमानों को सबक सिखाएंगे।
- किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत चरित्र और आचरण के संबंध में गलत या आलोचनात्मक बयान प्रकाशित करने से बचें।
- किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल के खिलाफ किसी भी तरह की असत्यापित आरोप को प्रकाशित करने से बचें।
कहानियों/अफवाहों को छापने के लिए पैसे लेना:
- किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दल के बारे में लिखने के लिए किसी भी प्रकार का धन, पैसा या इनाम लेने से बचें।
- सरकारी खजाने के पैसों से सत्ताधारी दल की उपलब्धियों से संबंधित कोई भी विज्ञापन प्रकाशित करने से बचें।
उदाहरण के लिए, यदि किसी राजनीतिक दल से संबंधित प्रकृति को नुकसान/ठेस पहुंचाने वाले कुछ विज्ञापन अखबार में प्रकाशित होते हैं, तो यह आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है और इसके लिए मुद्रक और प्रकाशक को सजा दी जा सकती है।
पोस्टर और पैम्फलेट:
आचार-संहिता (एमसीसी) केवल उन छपे हुए पर्चे, हैंड-बिल या किसी भी अन्य पोस्टर पर लागू होता है, जिसे किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दल के प्रसार को बढ़ावा देने या फिर उसे रोकने के लिए वितरित किया जाता है। उदाहरण के लिए, कोई राजनीतिक दल अगर किसी उम्मीदवार की बदली हुई (मोर्फ्ड) फोटो वाला पोस्टर प्रकाशित करता है, तो यह आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है, और इसके लिए मुद्रक और प्रकाशक को सजा दी जा सकती है।
तिथियों की घोषणा/ तारीख की घोषणा:
इसमें कोई हैंड-बिल, प्लेकार्ड या पोस्टर शामिल नहीं है, जिसमें किसी चुनावी सभा की तारीख, समय, स्थान और अन्य विवरण या चुनाव एजेंटों या कार्यकर्ताओं को नियमित निर्देश की घोषणा की गई हो। उदाहरण के लिए, कोई राजनीतिक दल अगर किसी उम्मीदवार की बदली हुई फोटो वाला पोस्टर प्रकाशित करता है, तो यह आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है और इसके लिए मुद्रक और प्रकाशक को सजा दी जा सकती है।
मुद्रक और प्रकाशक का नाम प्रकाशित करना:
अखबारों, पोस्टरों और पैम्पलेटों में किए गए किसी भी विज्ञापन पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम छपा होना अनिवार्य है। यदि विज्ञापन में कोई भी ऐसा कंटेंट (सामग्री) छपा हो, जो आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करती है, तो इसके लिए मुद्रक या प्रकाशक जिम्मेदार होगा। और उसे सजा के तौर पर छह महीने की जेल हो सकती है या 2,000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
अखबारों, पोस्टरों और पैम्पलेटों और अन्य प्रिंट मीडिया के सभी मुद्रकों को छपाई से पहले निम्नलिखित काम करने होंगे:
- प्रकाशक/पब्लिशर्स को अपनी पहचान के रूप में उनके हस्ताक्षर और दो गवाहों के साथ एक घोषणा पत्र जारी करना होगा।
- घोषणा पत्र और दस्तावेज की एक कॉपी प्रिंट कर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (यदि यह किसी राज्य की राजधानी में छपी है) या उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को भेजी जानी चाहिए जहां इसे छापा जाता है।
समाचार पत्रों, पोस्टरों और पैम्पलेटों के इलेक्ट्रॉनिक संस्करण:
यदि समाचार पत्र, पोस्टर या पैम्फलेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में हैं तो कानून के अनुसार पब्लिशर्स प्रकाशकों को विज्ञापन की एक कॉपी को जिला और राज्य स्तरीय ‘मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति’ को भेजकर पूर्व-प्रमाणित करना होगा, जो जांच करेगी कि यह विज्ञापन किसी कानून या आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है।