राजनीतिक विज्ञापन क्या होता है?

आखिरी अपडेट Sep 26, 2022

ऐसा विज्ञापन जो राजनीतिक प्रोपगेंडा या राजनीतिक एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए किया गया हो, वह राजनीतिक विज्ञापन कहलाता है। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक विज्ञापन करने की अनुमति होती है, लेकिन उसे एम.सी.सी. द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यदि राजनीतिक दल या कोई उम्मीदवार चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए विज्ञापनों का दुरुपयोग करता है, तो ऐसा करना आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है। एम.सी.सी. उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को निम्नलिखित चीजें करने से रोकता है:

  • किसी भी तरह की अभद्र भाषा वाले विज्ञापन लगाना।
  • राजनेताओं के निजी जीवन पर निशाना साधने वाले विज्ञापन या राजनीतिक व्यंग्य व्यंग वाले विज्ञापन देना मना है। राजनीतिक दलों के पिछले कामों की आलोचना करने की अनुमति है, लेकिन पार्टियों को उम्मीदवार के निजी जीवन के उन पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा जो उनकी राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ी हुई नहीं है।
  • अपनी राजनीतिक रैली या राजनीतिक उपलब्धियों के कवरेज से जुड़ा विज्ञापन करने के लिए सरकारी खजाने का उपयोग करने की मनाही है।

कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा राजनीतिक दल अपना विज्ञापन देते हैं, वे इस प्रकार हैं:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

क्या चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विज्ञापनों का इस्तेमाल किया जा सकता है?

जनता को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और उनके हक़ के बारे में जानकारी देती हैं, ये सरकारी कार्यक्रमों, सेवाओं और अवसरों के बारे में बताती हैं।

क्या आचार-संहिता (एमसीसी) सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर भी लागू होता है?

राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन करते समय कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है, वे हैं |

क्या दूरदर्शन / टेलीविजन पर चुनाव प्रचार के लिए कोई कानून है?

किसी क्रिकेट मैच के सीधे प्रसारण के दौरान, राजनेताओं की फोटो दिखाने वाले विज्ञापनों को बीच में नहीं चलाया जा सकता है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।