ध्वनि-प्रदूषण की शिकायत दर्ज कराना

आखिरी अपडेट Aug 24, 2022

अगर कोई शोर हो रहा है जिससे आपको झुंझलाहट होती है, या बेचैनी या कोई चोट लगती है, तो आप नीचे दिए गए अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आपको पता है कि शोर का स्तर किसी भी क्षेत्र में तय सीमा यानि कि, ध्वनि-मानक 10 डीबी (ए)/10 dB(A) से अधिक हो गया है या फिर रात के 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच ध्वनि प्रदूषण होता है, तो भी आप इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

पुलिस

अगर आप ध्वनि प्रदूषण को रोकना चाहते हैं तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते हैं, 100 नंबर पर कॉल कर सकते हैं या अपने राज्य के पुलिस शिकायत पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पुलिस थाने का प्रभारी/अधिकारी, पुलिस आयुक्त/कमिश्नर या कोई भी अधिकारी (जो पुलिस उपाधीक्षक/डिप्टी एस.पी. के स्तर का हो) निम्न तरीकों से उस शिकायत पर कार्रवाई कर सकते हैं:

• ध्वनि प्रदूषण करने वाले सजो-सामान को जब्त कर सकते है

• माइक्रोफ़ोन या लाउडस्पीकर, आदि के उपयोग को बंद करवा सकते हैं

• प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिकायत दर्ज कराकर ध्वनि प्रदूषण को बंद के लिए लिखित आदेश ला सकते हैं।

केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों को लागू कराने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएं प्रदान करता है। इसका मुख्य काम नदियों, नालों, कुओं आदि में पानी की सफाई को सुनिश्चित करना और जल प्रदूषण को रोकना है। बोर्ड का यह भी कर्तव्य है कि वह वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी लाकर हवा की गुणवत्ता में सुधार करें। CPCB(सी.पी.सी.बी.) का मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है और विभिन्न राज्यों में उनके कई क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।

भले ही सी.पी.सी.बी. के कार्यालय कुछ ही राज्यों में हैं, लेकिन हर राज्य में एक कार्यालय ऐसा भी है जिसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एस.पी.सी.बी.) के नाम से जाना जाता है। आप शिकायत दर्ज कराने के लिए एस.पी.सी.बी. के इन कार्यालयों में भी संपर्क कर सकते हैं। इन अधिकारियों के पास ध्वनि प्रदूषण को रोकने, प्रतिबंधित करने, नियंत्रित करने या विनियमित करने के लिए लिखित आदेश जारी करने का प्राधिकार (पॉवर) होता है:निम्न प्रकार के यंत्रों पर रोक लग सकता है,

• मुँह से बजने वाला कोई भी संगीत या वाद्य संगीत

• विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र जिससे तय सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण या आवाज होता है,

• ऐसे उपकरण जिसमें लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हॉर्न, निर्माण-कार्य करने वाली मशीनें, सामान या औजार शामिल हैं जो ध्वनि प्रदूषण करने या उत्सर्जन करने में सक्षम हैं

• ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों के फोड़ने से होने वाली आवाजें

• व्यवसाय या उद्योग-धंधों से होने वाली आवाजें, उदाहरण के लिए, बर्तनों को बनाने का व्यवसाय/काम, आदि। अधिकारी उस व्यक्ति को अपना बचाव करने का एक मौका दे सकते हैं जिसने शोर मचाया है, और उसको सुनने के बाद फिर से वे उस आदेश को संशोधित भी कर सकते हैं या बदल सकते हैं।

कोर्ट

जिला मजिस्ट्रेट

ध्वनि प्रदूषण के बारे में शिकायत करने के लिए आप किसी वकील की मदद से नजदीकी जिला मजिस्ट्रेट के कोर्ट में जा सकते हैं। कोर्ट के पास ध्वनि प्रदूषण के कारण होने वाले उपद्रव या परेशानी को अस्थायी रूप से रोकने की शक्ति होती है। ध्वनि प्रदूषण करने वाले व्यक्ति के मामलों की सुनवाई करने के बाद कोर्ट निम्नलिखित आदेश जारी कर सकता है:

• कोर्ट शोर (या ध्वनि प्रदूषण) को रोकने के लिए अल्पकालिक आदेश या निषेध आज्ञा जारी कर सकता है

• कोर्ट, शोर को बंद करने या इसे नियंत्रित करने का आदेश दे सकता है

• कोर्ट, शोर या ध्वनि प्रदूषण को बंद करने और शोर को रोकने के लिए स्थायी आदेश पारित कर सकता है

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी)-एक विशेष न्यायिक निकाय है जहां आप ध्वनि प्रदूषण के मामलों सहित अन्य पर्यावरणीय मामलों की शिकायत दर्ज कराने के लिए जा सकते हैं। एन.जी.टी की स्थापना निम्न उद्देश्य से की गई थी:

• पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी और शीघ्र उपाय या उपचार सुझाव देना /करवाना,

• वनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना

• पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार को लागू करना।

ट्रिब्यूनल केंद्र

एन.जी.टी ट्रिब्यूनल के देश में पांच केन्द्र हैं-देश के उत्तर, मध्य, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम में स्थित हैं। प्रमुख बेंच उत्तर क्षेत्र में स्थित है, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। सेंट्रल (मध्य) ज़ोन की बेंच भोपाल में, ईस्ट (पूर्वी) ज़ोन की बेंच कोलकाता में, साउथ (दक्षिणी) ज़ोन की बेंच चेन्नई में और वेस्ट (पश्चिमी) ज़ोन की बेंच पुणे में स्थित है। एन.जी.टी का आदेश अनिवार्य (बाध्यकारी) होता है, और इसके पास पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजे के रूप में राहत देने की शक्ति होती है।

एन.जी.टी में शिकायत दर्ज कराना

कोई भी व्यक्ति जो पर्यावरणीय नुकसान या वायु प्रदूषण, पर्यावरण प्रदूषण, जल प्रदूषण, आदि विषयों से संबंधित होने वाले प्रदूषण के लिए राहत और मुआवजे की मांग कर रहा है, वह एन.जी.टी में शिकायत दर्ज कर सकता है। एन.जी.टी का फैसला अनिवार्य होता है, और अगर आप इसके फैसले से नाखुश हैं तो आप 90 दिनों के भीतर सर्वोच्च न्यायालय (यानि सुप्रीम कोर्ट) में फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

अगर आप कोई मुकदमा दायर करना चाहते हैं या निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ कोर्ट में अपील करना चाहते हैं तो आप किसी वकील की सहायता ले सकते हैं।

Comments

    Hem jain

    March 25, 2023

    हमने ध्वनि प्रदूषण के लिए कई जगह शिकायत कर रखी है सीएम विंडो ,सीपीग्राम, प्रदूषण डिपार्टमेंट ,नगर निगम फरीदाबाद ,प्रेसिडेंट secretariat 6 महीने से ऊपर हो गए हैं पर कहीं कोई निष्कर्ष नहीं निकलता न्याय मिलना बहुत मुश्किल है कोई सरकारी डिपार्टमेंट कुछ नहीं करता सरकारी अधिकारी कोई एक्शन नहीं लेते

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    आपके ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ कई जगहों पर शिकायत कर दी गई है, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक निष्कर्ष नहीं निकला है। यह बहुत ही निराशाजनक है कि आपको 6 महीनों से अधिक समय हो गया है, फिर भी कोई सरकारी डिपार्टमेंट या अधिकारी उचित कदम नहीं उठा रहा है। ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और इसका समाधान अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपको इस मामले में न्याय मिलने के लिए संघर्ष करना जारी रखना चाहिए। आपको विभिन्न सरकारी अधिकारियों के पास पुनः संपर्क करना और उन्हें इस मामले में कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अतिरिक्त रूप से, आप स्थानीय मीडिया, सामाजिक मीडिया और स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर इस मुद्दे को सार्वजनिक कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि आपके पास संगठनित तौर पर किसी समुदाय या वाणिज्यिक संगठन का सहारा है, तो आप उनकी मदद ले सकते हैं। ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे में संघर्ष करने में साझेदारी का सहारा लेना महत्वपूर्ण हो सकता है और इससे आपके मामले में न्याय मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

    Mahi

    June 15, 2024

    Jabalpur me v bht loudly speaker lgakr rkhte hai ,jis vjhh se senior citizens ko bht problem hoti hai ,ass pass bachhe v rehte hai
    Koi karyawahi ni hoti
    Chote chote madir ,har colony me bne hue hai ,or sb jgh loud speaker lga kr gane kch b lga kr chlae jate hai ,

    Girls or families action v ni leti bs brdsh krti h ,

    Mrs Nisha singh

    April 2, 2023

    So many time ,I had complained,regarding loudspeaker, which is always used.but no one could not stopped it.

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    I understand your frustration regarding the loudspeaker issue. Here are some additional steps you can take to address the problem:

    1. Document the Noise: Keep a record of the times and duration when the loudspeaker is being used excessively. Note down any disturbances caused by the noise, such as disruptions to your daily activities or sleep.
    2. Speak with the Organizers: Approach the individuals or organizers responsible for using the loudspeaker and explain the impact it’s having on you and others in the community. They may not be aware of the disturbance they’re causing and might be willing to find a compromise or alternative solution.
    3. Engage with Local Authorities: If speaking directly with the organizers doesn’t resolve the issue, escalate your complaint to local authorities, such as the police or municipal officials responsible for noise control. Provide them with documented evidence of the disturbance caused by the loudspeaker.
    4. Know the Local Noise Regulations: Familiarize yourself with the noise regulations and bylaws in your area. In many places, there are specific restrictions on the use of loudspeakers and amplified sound, especially during certain hours or in residential areas.
    5. Form a Community Group: Consider joining or forming a community group with other residents who are affected by the loudspeaker issue. Together, you can advocate for a collective solution and present a unified voice to local authorities.
    6. Seek Legal Advice: If the issue persists despite your efforts and the noise is significantly impacting your quality of life, consider seeking legal advice. A lawyer specializing in noise pollution or civil law may be able to provide guidance on your rights and options for legal action.
    7. Explore Mediation: In some cases, mediation between the parties involved can help find a mutually acceptable solution. Mediation involves a neutral third party facilitating a discussion to resolve the conflict amicably.

    Remember to remain persistent and respectful in your efforts to address the issue. It may take time and multiple attempts to find a resolution, but by advocating for your rights and working collaboratively with others, you can make progress towards resolving the loudspeaker problem in your community.

    Rajnish Kumar gupta

    November 26, 2024

    Sar mere dukan ke pass ek lakddi wala masin chalata h to use awaz bhut hoti h Or bhaut sara dhul udata h iska koi upya bataye sar

    Jetharam

    April 15, 2023

    सेवा मे श्री मान मे जेसलमेर राजस्थान से लिख रहा हूँ वार्ड नं 21पर अवेध तरीके से मेकिनेक दवारा बड़ी गाडीयों की डेनटीग करना वेलडीग करना मोटर साइकिल के ईजन का काम करने से जोर से लोहा पिटने की आवाज आना परदुसण फेल ना जला हुआ आयल पेट्रोल डीजल जुट रोड के ऊपर बिखरा हुआ रहता है जिस से रोड़ पर आम आदमी व जेसलमेर मै आने वाले विदेशी व दैसी परयटक भी ईस गंदगी का समना करना पड़ता है ईस से जेसलमेर की छवि धूमिल हो रही है ईतनी तेज आवाज होती जीसे परयटक होटलों खाली करने पर मजबूर हो जाते हैं मदरसा रोड़ पर कम से कम 50 होटल है वार्ड 21मं

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    यदि आप किसी आवासीय क्षेत्र में रह रहे हैं और वहां वेल्डिंग का काम किया जा रहा है जिससे आपको परेशानी हो रही है, तो आप इस संबंध में नगर निगम से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें एक पत्र लिखकर बताएं कि दुकान किस तरह का उपद्रव पैदा कर रही है, और बताएं कि यह उस क्षेत्र में पर्यटकों को कैसे प्रभावित करता है। आप उस क्षेत्र में अधिकार क्षेत्र वाली पुलिस से भी संपर्क कर सकते हैं और सार्वजनिक उपद्रव के लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

    Narayan Mulchandani

    June 21, 2023

    श्रीमान अधिकारी साहब, मेरा मकान अहमदाबाद के नेहरू नगर, कुबेर नगर, विस्तार में है जहां पर ज्यादा तर मजदूर बस्ती रहती है लेकिन आए दिन हमारे यहां की बस्ती में विवाह समारोह होता रहता है लेकिन उसकी वजह से रात देर तक 12 बजे यां एक दो बजे तक भी तेज आवाज में गाना बजाने का शोर होता रहता है जिससे साधारण लोगों का जीना हराम हो जाता है, कोई बीमार व्यक्ति 8 घंटे का आराम भी नहीं कर पाता कृपा कर के एक pcr वैन रोज 11_12 के आस पास नेहरू नगर में राउंड पे भेजी जाए ता की ऐसी आवाजे बंद कराई जा सकें।आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    ऐसे परिदृश्य में, आपको अपने इलाके के अन्य सदस्यों तक पहुंचना चाहिए जो इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। और फिर आपको सामूहिक रूप से विवाह समारोह अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए ताकि वे आपको अधिक गंभीरता से लें। फिर भी यदि वे आपका सहयोग नहीं करते हैं तो आपको अपने मोहल्ले के लोगों के साथ मिलकर पुलिस के पास जाना चाहिए। आप इनके खिलाफ पब्लिक न्यूसेंस के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं. भारत में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। 55 डेसिबल (दिन के दौरान) और 45 डेसिबल (रात के दौरान) से ऊपर किसी भी शोर की अनुमति नहीं है। आप ऐप स्टोर/प्ले स्टोर से एक ऐप डाउनलोड कर सकते हैं जो आपको सुबह बजने वाले लाउडस्पीकर का डेसिबल जानने में मदद कर सकता है और इसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। आप ‘शोर रजिस्टर’ नामक ऑनलाइन फॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
    यदि यह बहुत समस्या उत्पन्न कर रहा है, तो आप 112 पर पुलिस को कॉल कर सकते हैं और वे आएंगे।

    Sufiya

    April 21, 2024

    112 par complaint Karo toh woh problem sunte ke sath hi call cut kar dete hai

    Shikayat karta Rohitash

    August 21, 2024

    Mere najdeek me lagatar Tej aawaj me loud speaker dedh ghante tak bajaya jata h.jiski shikayat bhi ki gain lekin samadhan nhi nikala. Balki pahale se jyada Tej aur Lambe samay tak bajaya jata h.jhunjhunu District ke patusari gram ke ward number 5me satveer/Gordian Jati meghwal.mobaile number 7878876671

    Alka

    October 21, 2024

    यदि आप तेज आवाज में लगातार लाउडस्पीकर बजने से परेशान हैं, तो आप इस समस्या का समाधान करने के लिए कुछ कानूनी कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, आप शोर प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत स्थानीय पुलिस में एक औपचारिक लिखित शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसमें शोर का समय और उसका प्रभाव विस्तार से बताएं। यदि इसका समाधान नहीं होता, तो आप इस मामले को उप-प्रभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) या जिला मजिस्ट्रेट (DM) के पास ले जा सकते हैं, क्योंकि उन्हें लाउडस्पीकर के उपयोग को विनियमित करने का अधिकार होता है। इसके अलावा, आप राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) से भी हस्तक्षेप की मांग कर सकते हैं। अंत में, आप एक वकील के माध्यम से जिम्मेदार व्यक्तियों को कानूनी नोटिस भेज सकते हैं, जिसमें समस्या का समाधान न होने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जा सकती है।

    योगेन्द्र सिंह

    September 8, 2023

    मेरे आजनोंख गांव में दो बर्ष से पांच बुलेट मोटर साइकिल ध्वनि प्रदुषण करती है और 24 घंटे शोर मचाते हैं इन लोगों से पूरा गांव परेशान हैं और अधिकतर बड़े बूढ़े, परेशान रहते हैं आप से निवेदन है इस समस्या को दूर करे।।।।
    ‌। धन्यवाद।।।

    Alka Manral

    June 11, 2024

    इस स्थिति में, आपने एक बीमा कंपनी के खिलाफ नकद लेन-देन किया था। हालांकि, बीमा कंपनी के वकील के साथ विवाद समाधान प्रक्रिया के दौरान, आपका वकील अनुपस्थित था, जिससे आपको नकद का हानि हुई। नकद लेन-देन से संबंधित किसी भी कानूनी समझौते या अनुबंध को ध्यान से समीक्षा करना और अपने अधिकारों को समझने और संबंधित कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, यदि आपके वकील की अनुपस्थिति विवाद समाधान सत्र के दौरान आपके हानि का कारण बनी, तो आपको अपने वकील के साथ इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए और आपके उपलब्ध किसी भी कानूनी उपाय की खोज करनी चाहिए।

    Sikha

    November 8, 2024

    इस स्थिति में, आपने एक बीमा कंपनी के खिलाफ नकद लेन-देन किया था। हालांकि, बीमा कंपनी के वकील के साथ विवाद समाधान प्रक्रिया के दौरान, आपका वकील अनुपस्थित था, जिससे आपको नकद का हानि हुई। नकद लेन-देन से संबंधित किसी भी कानूनी समझौते या अनुबंध को ध्यान से समीक्षा करना और अपने अधिकारों को समझने और संबंधित कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, यदि आपके वकील की अनुपस्थिति विवाद समाधान सत्र के दौरान आपके हानि का कारण बनी, तो आपको अपने वकील के साथ इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए और आपके उपलब्ध किसी भी कानूनी उपाय की खोज करनी चाहिए।

    Afsana iqubal

    October 1, 2023

    Main sound pollution se padeshan hoon subah 9se shaan 6baje tat box factory chalti hai mere bachhe padh nhi pate meri problem ko solve kren

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    Aap kisi box factory se dhvani pradooshan ka anubhav kar rahe hain jo aapko aur aapake bachchon ki dhyaan kendrit karne kee kshamata ko prabhaavit kar raha hai jisse bache pads nahi paa rahe, to samasya ke samaadhaan ke lie aap kayi kaanooni kadam uthaane par vichaar kar sakate hain. Apne area mein sthaaneey shor niyamon aur adhyaadeshon se khud ko parichit karen. kayi nyaayaalayon mein sveekaary shor star aur shor gatividhiyon ke lie anumat ghanton ke sambandh mein vishisht niyam hain. Yadi box factory in niyamon ka ullanghan kar rahi hai, to aap kaanooni kaarravayi kar sakate hain. Samasya ki report sthaaneey adhikaariyon, jaise paryaavaran ya shor niyantran kaaryaalay, ya sthaaneey police ko karen. Ve sthiti kee jaanch karane aur shor niyamon ko laagu karane mein saksham ho sakte hain. Yadi dhvani pradooshan gambheer hai aur aapakee adhyayan karne ki kshamata ko baadhit kar raha hai, to aap box factory ke khilaaph nirodhak aadesh ya nishedhaagya praapt karne ki sambhaavana talaash sakte hain, jiske tahat kaanooni taur par unhen vishisht ghanton ke dauraan shor ke star ko kam karane ki aavashyakata hogi.

    Arman ali

    October 14, 2023

    Sir .up gorment.i request and sayes by up bus horns is very laughing ringing.which the sound pollution is created of my area and I disterb of reading .
    Address..
    Bahraich tikoni bhag.

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Noise pollution is something that is regulated by various laws. Religious institutions are allowed to use loud speakers according to State laws only between 10pm and 12am, for a time period not exceeding 15 days only during cultural festivals. Otherwise, noise level at the boundary of the public place where a loud speaker is being used cannot exceed 10 dB (A) above the ambient noise standards for the area or 75 dB (A) whichever is lower.
    The Indian Penal Code considers such actions public nuisance (Section 268, IPC, 1860) and one can approach the police for help and lodge a complaint. One can also complaint in their state pollution control board to ask for a remedy.
    Under Art 25 of the Indian Constitution, right to religion is guaranteed but there may be reasonable restrictions. Since, this noise is harming the public at large and one’s Right to life and liberty (Art 21) is being hampered, it can be restricted.
    If nothing works a writ petition can be filed at the High Court of your state. However, it would be better to try to get relief from the other remedies first. Even before that talk with the members of the institution, explain the problems and urge them to reduce volume.
    For further information you may refer to this; https://cpcb.nic.in/noise-pollution-rules/

    Narendra Kumar

    October 28, 2023

    Ghar ke pass mein bahut jyada awaaz aati hai factory ki

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    The tort of a private nuisance has been committed for which the aggrieved party should send a legal notice stating the grievances, if it is not acknowledged by neighbours then we can file a civil suit and claim damages for mental distress suffered and we can plead an order of injunction from the recognized court. Further, they should be instructed by the higher authority about the decibel limit and reasonable time one should adopt for carrying out such acts.

    आर. पी.शर्मा (वरिष्ठ नागरिक)

    November 9, 2023

    प्लास्टिक उत्पादों का मजदूरी पर निर्माण कार्य (भारी मशीनों द्वारा) से उत्पन्न ध्वनि के कारण सर दर्द और दैनिक कार्य संपन्न करने में परेशानी।

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    इस स्थिति में, प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण कार्य से उत्पन्न होने वाली ध्वनि प्रदूषण विशेष रूप से कठिनाइयों का कारण बनती है जो मजदूरों को रोजमर्रा के कार्यों को निष्पादित करने में सरदर्द और परेशानी पहुंचाती है। निर्माण कार्य के दौरान इस प्रकार की ध्वनि प्रदूषण के कानूनी प्रावधानों की बड़ी प्रभाविता होती है। कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नियमों के तहत, कामकाजी को अपने कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्यालय प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है, जिसमें ध्वनि के प्रकोप से संबंधित जोखिमों को कम करना शामिल है। ध्वनि प्रदूषण को उचित रूप से संबोधित करने की असफलता कामकाजी के लिए उत्तरदायीता का कारण बन सकती है, जिसमें ग़लती के लिए धनराशि या मुक़दमा का ख़तरा शामिल है। इसके अलावा, स्थानीय पर्यावरणीय कानून भी मामले में शामिल हो सकते हैं, जिसमें प्राधिकृत अधिकारी ध्वनि स्तर नियमों का पालन करने और अवहेलना के लिए दंड देने का अधिकार रखते हैं। इसलिए, ऐसी गतिविधियों में शामिल कंपनियों के लिए ध्वनि प्रदूषण को कम करने और उनके कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहक उपाय अधिकारियों को उठाने की ज़रूरत है।

    Teja ram

    November 15, 2023

    Sir hamari gali me 1 Ghar me Saadi he 1 mahine baad lekin saund sistym lga rakha he subaha 5 bje chalu karte he or raat 11 bje band karte he
    Adressh- janjey nagar phalodi word no.5 me

    Alka Manral

    June 24, 2024

    Iss case me aap local authorities joki president ya gaon ki panchayat ki madad le skte hoo.
    Aap ek report bhi krskte hoo. Complaint Section 268 ke anterghat jisse public nuisance khte hn.
    Isske saath aap FIR bhi kr skte hoo jisse ki aap police ki madad le pai. Police phir notice ya dhamka kr aapne aap dekh legi.
    Vrna aap ek vakil ki madad se sidha case kr skte hoo
    Koi bhi aapka Shanti purvak aur Bina shor ke jine se nhi rokk skta . Yeh aapka hak hn aur aapko mil kr rahega iss koi gila shikhva nhi hn.

    Sikha

    November 8, 2024

    Iss case me aap local authorities joki president ya gaon ki panchayat ki madad le skte hoo.
    Aap ek report bhi krskte hoo. Complaint Section 268 ke anterghat jisse public nuisance khte hn.
    Isske saath aap FIR bhi kr skte hoo jisse ki aap police ki madad le pai. Police phir notice ya dhamka kr aapne aap dekh legi.
    Vrna aap ek vakil ki madad se sidha case kr skte hoo
    Koi bhi aapka Shanti purvak aur Bina shor ke jine se nhi rokk skta . Yeh aapka hak hn aur aapko mil kr rahega iss koi gila shikhva nhi hn.

    Ravi Kashyap

    November 16, 2023

    शोर हमारे काम, आराम, नींद और संचार को बाधित कर सकता है। यह एक पर्यावरण प्रदूषक है जो हमारी सुनवाई को नुकसान पहुंचा सकता है और अन्य मनोवैज्ञानिक, और संभवतः रोग संबंधी प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है।

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी, पुलिस आयुक्त या कोई भी अधिकारी (पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे का नहीं) निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है: ध्वनि उपकरण जब्त करना, माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर का उपयोग बंद करना, आदि। जरूरत पड़ने पर नियंत्रण बोर्ड और शोर पर रोक लगाने के लिए लिखित आदेश प्राप्त करना भी अगला कदम हो सकता हैI

    आर. पी.शर्मा (वरिष्ठ नागरिक)

    November 17, 2023

    कृपया समस्या के समाधान का उपाय बताने की कृपा करे।धन्यवाद।

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी, पुलिस आयुक्त या कोई भी अधिकारी (पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे का नहीं) निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है: ध्वनि उपकरण जब्त करना, माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर का उपयोग बंद करना, आदि। जरूरत पड़ने पर नियंत्रण बोर्ड और शोर पर रोक लगाने के लिए लिखित आदेश प्राप्त करना भी अगला कदम हो सकता हैI

    Rajesh

    November 17, 2024

    Abhi rat ke 02:45 am ho rha hai or yaha bahut shor macha rkha hai kripya kr isko roke abhi apka bhut abhar hoga dhanyawad

    raju

    November 18, 2023

    Bahut jyada hi shor ho raha hai

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी, पुलिस आयुक्त या कोई भी अधिकारी (पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे का नहीं) निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है: ध्वनि उपकरण जब्त करना, माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर का उपयोग बंद करना, आदि। जरूरत पड़ने पर नियंत्रण बोर्ड और शोर पर रोक लगाने के लिए लिखित आदेश प्राप्त करना भी अगला कदम हो सकता हैI

    Subhana

    December 3, 2023

    हमारे पास वकील के लिए पैसे नहीं h तो कहा siqayat kre

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    किसी व्यक्ति ने जब कानूनी सहायता की आवश्यकता महसूस की होती है, तो उसकी कुछ निर्धारित आय सीमा के तहत ही उसे कानूनी सहायता मिल सकती है, जो राज्य के आधार पर भिन्न होती है। निम्नलिखित राज्यों के लिए आय सीमा दी गई है:

    1. रुपए 3,00,000: आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरला, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान और निकोबार द्वीप, चंडीगढ़ यूटी
    2. रुपए 1,50,000: बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, त्रिपुरा
    3. रुपए 1,00,000: अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन और दीव, पुडुचेरी
    4. रुपए 25,000: मिज़ोरम
    5. रुपए 15,000: दादर और नगर हवेली यूटी
    6. रुपए 9,000: लक्षद्वीप
    7. सामान्य – रुपए 1,00,000, वरिष्ठ नागरिक – रुपए 2,00,000, त्रान्सजेंडर – रुपए 2,00,000: दिल्ली

    कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए आप निम्नलिखित प्राधिकृतियों के पास जा सकते हैं:
    1. आपके तालुक की लीगल सर्विसेस कमेटी, जो उस तालुक की न्यायालय की परिसर में है।
    2. जिला लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (डीएलएसए) जो जिले के मुख्यालय की परिसर में है।
    3. संबंधित राज्य लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (एसएलएसए) (जिनके केस का पैनल स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं)।
    4. संबंधित उच्च न्यायालय लीगल सर्विसेस कमेटी जो संबंधित उच्च न्यायालय की परिसर में है।
    5. सर्वोच्च न्यायालय

    Deepu

    December 4, 2023

    Music tej bajta rehta hai is wajah se pareshan hai subah 6 baje se raat 12 baje tak Shakeel viklang aur anshika awas yojna calony sanaiya Rani mewakunwar m block Bareilly

    Alka Manral

    June 17, 2024

    Pehla kadam hai ki aapko factory ko ek kanuni notice bhejna hoga jismein likha hua ho ki agar woh factory operation ke dauran paida hone wale shor ko niyantrit karne mein aapki maang ka palan nahi karta, toh is par kanuni karyawahi ki jayegi. Agla kadam hoga ek forum chunna aur shikayat darj karna. Aap local police, Central Pollution Control Board, State Pollution Control Board, National Green Tribunal ya fir kisi District Magistrate, Sub-divisional Magistrate ya kisi aur Executive Magistrate ko Section 144 CrPC ke tahat shikayat darj kar sakte hain. Section 144 CrPC ka istemal tab hota hai jab paristhiti insupportable hai aur turant rahat ki maang ki ja rahi hai.
    Public Nuisance ka case bhi kiya ja sakta hai, jismein agar aapko lagta hai ki awaaz se public ko chot, khatra ya pareshani ho rahi hai, toh aap fine tak dandit kiya ja sakta hai. Agar court ki taraf se aapko shor rokne ka adesh diya gaya hai aur aap phir bhi awaaz kar rahe hain, toh aapko 6 mahine tak ki jail aur fine ka dandana hoga.
    Environment Pollution Act ke tahat, awaaz pollution ko bhi gambhir roop se liya jata hai. Is apradh ke liye saja ho sakti hai panch varsh tak ki jail aur ya ek lakh tak ka jurmana. Agar shor jari rahe toh aapko prati din ke liye adhik Rs. 5000 ka jurmana bhi ho sakta hai. Agar awaaz pollution ek saal tak bina ruke rahe toh aapko 7 saal tak ki jail bhi ho sakti hai.
    Aapke dwara di gayi jaankari ke anusaar, aapko yeh samasya jald se jald local authorities ya kanuni margdarshan ke liye sampark karna chahiye, jisse aapki problem ka samadhan ho sake.

    Mukesh Verma

    December 10, 2023

    There is a religious meeting near our house every Sunday from 10 am to 3 pm and those people shout very loudly. Due to which our children cannot study and we cannot sit on our terrace. Please take action on this, so that we too can spend our Sunday peacefully.

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    We are deeply sorry to hear that the religious meetings near your house are disrupting your children’s progress. Nyaaya endeavors to provide you with legal information, solutions and advice to resolve your pertinent issues. However, we are not authorized to act on the behalf of any individual or group of individuals. We advise you to check in if the noise levels of this activity exceed the zonal noise limits set by your respective State Government, so that you can take appropriate action against such disruptive meetings.

    In the case that it exceeds the zonal noise standards by 10 dB(A), you may complain to the nearest police station, call 100 or file an online complaint with your State’s police complaint portal. You may also file the complaint with the Central or State Pollution Control Board. These authorities have the power to issue a written order for preventing, prohibiting, controlling or regulating such disruptive noises.

    Alka Manral

    June 20, 2024

    We are deeply sorry to hear that the religious meetings near your house are disrupting your children’s progress. Nyaaya endeavors to provide you with legal information, solutions and advice to resolve your pertinent issues. However, we are not authorized to act on the behalf of any individual or group of individuals. We advise you to check in if the noise levels of this activity exceed the zonal noise limits set by your respective State Government, so that you can take appropriate action against such disruptive meetings.

    In the case that it exceeds the zonal noise standards by 10 dB(A), you may complain to the nearest police station, call 100 or file an online complaint with your State’s police complaint portal. You may also file the complaint with the Central or State Pollution Control Board. These authorities have the power to issue a written order for preventing, prohibiting, controlling or regulating such disruptive noises.

    Mohammad Salim

    December 27, 2023

    हेलो सर मेरा नाम मोहम्मद सलीम है और मैं टीकर अगचीपुर का रहने वाला हूं मेरे घर के जस्ट बगल में एक चक्की का कारखाना है जिसमें इंजन आईसर का लगा है जिसके कारण बहुत सारी समस्याएं होती है घर वाइब्रेट करता है बहुत ज्यादा ध्वनि प्रदूषण है जब आईसर का इंजन चलता है तो घर की दीवारें हिलती है और सर में बहुत ज्यादा दर्द होता है जिसके कारण घर में कोई रह नहीं पता है उठने बैठने खाने में तकलीफ होती है बात नहीं कर सकते इंजन इतना आवाज करता है बहुत सारी प्रॉब्लम है इंजन के कारण और बीमारी हो रहे सर में दर्द हो जाता है इंजन के कारण बहुत सारी समस्याएं हैं हमारे घर पर हमने थाने में तीन चार रिपोर्ट पहले दिए हैं आज से 4 5 महीना हो गया कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई है हमने 112 को भी कॉल किया है और बहुत सारे एप्लीकेशन भी हुए हैं पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई है हमारी कुछ हमारे कुछ मदद करें इंजन को हटाए साउंड पॉल्यूशन बहुत ज्यादा है

    Sanjay Kumar

    December 27, 2023

    Sir,madam
    I live at Balughat Radha Rani school
    Lalbag Darbhanga , Near my house very hard noise pollution,
    Many of child matric and inter exam।

    Please help us
    Sanjay kumar , 7070975536

    Alka Manral

    June 11, 2024

    To address this issue, you should file a formal complaint against the noise pollution. Firstly, you can approach the local authorities, such as the municipal corporation or the district administration, to r
    egister your complaint. Providing specific details about the sources of noise pollution and its impact on you and other residents, especially during exam times, can strengthen the case. Additionally, you can also report the matter to the Pollution Control Board for necessary action.

    Alka Manral

    June 20, 2024

    To address this issue, you should file a formal complaint against the noise pollution. Firstly, you can approach the local authorities, such as the municipal corporation or the district administration, to register your complaint. Providing specific details about the sources of noise pollution and its impact on you and other residents, especially during exam times, can strengthen the case. Additionally, you can also report the matter to the Pollution Control Board for necessary action.

    Jitendra Singh

    January 3, 2024

    Sewa me savinay nivedan hai ki esic dawakhana ke pass me chaucasi company me bahut jyda dhvni pradushan ke Karan Charon taraf ke log pareshan Hain kripya uchit kaarvayi karne ki kripa Karen

    Alka Manral

    June 20, 2024

    ESIC dawakhane ke pass ke chaucasi company ke karan utpann dhvni pradushan ke maamle mein kuch kanooni upaay hain jo samasya ka hal karne mein madadgar ho sakte hain. Sabse pehle, sthaaniya adhikaariyon ko dhvni pradushan ke khilaaf shikayat darj karne chahiye. Shikayat ko tezi se sunvaai ki jaani chahiye aur company ko kanooni taur par utpaadit prabandhan karyavahi ke liye prerit kiya jaana chahiye.
    Agar sthaaniya adhikaariyon dwara koi na kriya hoti hai ya samasya ka samadhan nahi hota hai, to shikayat ko pradesh ya raajya ke prashasanik adhikaariyon ya uchch nyayalay tak pahunchaya ja sakta hai. Iske alawa, Pollution Control Board ko bhi samasya ke baare mein suchit kiya ja sakta hai aur unse kanooni karyavahi ki maang ki ja sakti hai.

    Suresh jain

    January 28, 2024

    Large sound
    In Handewadi Mangal karyala

    Alka Manral

    June 10, 2024

    If you are experiencing a large sound disturbance in the Mangal Karyalaya or Handewadi area, it’s important to address the issue promptly while considering relevant laws pertaining to noise pollution in India. The primary legislation governing noise pollution is the Noise Pollution (Regulation and Control) Rules, 2000, established under the Environment Protection Act, 1986. These rules define permissible noise levels for various zones, including residential, commercial, and industrial areas. If the sound disturbance exceeds these permissible levels, individuals affected by the noise can file a complaint with local authorities, such as the police or municipal corporation. Authorities are responsible for enforcing noise pollution regulations and can take appropriate action against violators, including issuing warnings, imposing fines, or even shutting down events or venues responsible for the disturbance. By invoking these relevant laws and regulations, individuals can seek assistance from authorities to address the noise disturbance effectively and ensure a peaceful environment for residents and visitors in the area.

    Bhavik

    February 27, 2024

    My neighbour from morning to evening The speaker keeps the TV volume high with a very loud voice but does not do anything despite telling them many times. I want to take legal action against them

    Alka Manral

    June 4, 2024

    If any noise is being made which causes you annoyance, discomfort or any injury, then you can file a complaint with the authorities given below. You can also complain if you know that the noise level has exceeded the noise standards by 10 dB(A) in any area or there is noise pollution that happens at night between 10:00 pm and 6:00 am.

    Police
    You can complain to the nearest police station, call 100 or file an online complaint with your State’s police complaint portal if you want to prevent noise pollution. The officer in charge of the police station, police commissioner or any officer (not below the rank of Deputy Superintendent of Police) can take action by:

    Seizing equipment,
    Stopping the use of a microphone or loudspeaker, etc.
    Going to the Pollution Control Board and getting a written order prohibiting the noise.
    Central and State Pollution Control Board
    The Central Pollution Control Board (CPCB) provides technical services to the Ministry of Environment and Forests for implementation of the provisions of the Environment (Protection) Act, 1986. Its main functions are to promote cleanliness of water in streams, wells, etc. and prevent water pollution. The Board also has the duty to improve the quality of air by preventing air and noise pollution. The Head Office of the CPCB is in New Delhi and they also have several regional offices across states.

    Even though the offices of the CPCB are only there in a few states, every state also has an office known as the State Pollution Control Board (SPCB). You can also approach the SPCB offices to file a complaint. These authorities have the power to issue a written order for preventing, prohibiting, controlling or regulating:

    Any vocal or instrumental music
    Sounds caused by playing, beating, clashing, blowing
    Instruments including loudspeakers, public address systems, horn, construction equipment, appliance or apparatus which is capable of producing or reproducing sound
    Sounds caused by bursting of sound emitting fire crackers
    Sounds caused from a business operation, or trade, for example, business of manufacture of utensils, etc.
    The authorities may give an opportunity to the person who made the noise to be heard and then may modify or alter the order.

    Courts
    District Magistrate
    You can approach the nearest District Magistrate (Court) with the help of a lawyer to complain about noise pollution. The Court has the power to temporarily stop or remove the nuisance caused by noise pollution. The Court may pass the following orders after hearing out the person who caused the noise pollution:

    Temporary order or injunction to stop the noise
    Order to remove the noise or regulate it
    Permanent order to remove the noise pollutant and stop the noise
    National Green Tribunal
    The National Green Tribunal (NGT) is a specialised judicial body where you can go to file environmental cases including noise pollution cases. The NGT was set up to:
    Provide effective and expeditious remedies for environmental protection,
    Conservation of forests and other natural resources
    Enforcement of any legal right relating to the environment.
    The NGT’s orders are binding and it has power to grant relief in the form of compensation to affected persons.

    Locations of the Tribunal
    The NGT has a presence in five zones – North, Central, East, South and West. The Principal Bench is situated in the North Zone, headquartered in Delhi. The Central zone bench is situated in Bhopal, East zone bench in Kolkata, South zone bench in Chennai and West zone bench in Pune.

    Filing a Complaint with the NGT
    Any person seeking relief and compensation for environmental damage or pollution involving subjects like air pollution, environment pollution, water pollution, etc. can approach the NGT. The decisions of the NGT are binding and you can appeal within 90 days to the Supreme Court if you are unhappy with its decision.

    You can engage a lawyer if you want to approach the Court to file a case or file an appeal from a judgment of a lower Court.

    Ratan amets

    February 27, 2024

    Mere Ghar se 300 kadam do speaker bajata hai inki awaaz se bahut pareshan hai aapse gujarish hai aap kripa karke sanhita kijiye meri madad kijiye meri Puja paath mein uski awaaz Tej rahti hai isiliye meri Puja paath nahin Ho paati hai prathna dua nahin Ho paati hai kripya Samadhan kijiye

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Sir, agar koi ese uneven time par gaane bajata h jese har shehar me ek time limit hoti h jese delhi me ap 10 baje ke baad tez gaane ni baja sakte agar apke sath yahi dikkat hai toh ap apne local police station ya RWA society vale se bol sakte h or agar apko tabhi na sahyata mile toh ap noise pollution ke under bhi unki complaint kr sakte h. Lekin agar vo kisi normal time par gaane baja rha h toh uske liye apko dekhna padega ki sirf ap hi pareshan ho rhe h ya or log bhi h apke sath jo uss gaane ki vajah se dikkat me h agar or bhi log hai toh ap sb jaake ek warning dilwa sakte h police ke through uss bande ke ghar pr.

    Aakil Hamid

    February 28, 2024

    हमारे यहां ध्वनि ज्यादा होने से हम बहुत परेशान है कई बार कहने पर भी नहीं मानते है ये लोग
    हर वक्त बहुत शोर कर रखा है

    Alka Manral

    June 4, 2024

    यदि आप किसी ऐसे शोर से परेशान हैं जो झुंझलाहट, परेशानी यानुकसान पहुंचा रहा है, तो आपके पास नीचे सूचीबद्ध अधिकारियों कोइसकी रिपोर्ट करने का विकल्प है। यदि आप किसी क्षेत्र में मानक से 10 डीबी (ए) से अधिक शोर स्तर देखते हैं या रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच रात में ध्वनि प्रदूषण होता है, तो आपको रिपोर्ट करने के लिएभी प्रोत्साहित किया जाता है।
    पुलिस:
    ध्वनि प्रदूषण के समाधान के लिए आप निकटतम पुलिस स्टेशन मेंशिकायत दर्ज कर सकते हैं, 100 डायल कर सकते हैं, या अपने राज्य केपुलिस शिकायत पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकतेहैं। पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, पुलिस आयुक्त, या कोई भीअधिकारी (पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे नहीं) उपकरण जब्त करने, माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर के उपयोग को रोकने और प्रदूषण नियंत्रणसे लिखित आदेश प्राप्त करने जैसी कार्रवाई कर सकता है। शोर कोनियंत्रित करने के लिए बोर्ड.
    आप शिकायत दर्ज कराने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एसपीसीबी) के कार्यालयों में भी जा सकते हैं। इन अधिकारियों कोनिम्नलिखित को रोकने, प्रतिबंधित करने, नियंत्रित करने या विनियमितकरने के लिए लिखित आदेश जारी करने का अधिकार है:
    1. स्वर या वाद्य संगीत
    2. लाउडस्पीकर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, हॉर्न, निर्माण उपकरण, उपकरण, या ध्वनि उत्पन्न करने में सक्षम उपकरणों सहित उपकरणों कोबजाने, पीटने, टकराने, फूंकने से उत्पन्न ध्वनियाँ
    3. ध्वनि उत्पन्न करने वाली आतिशबाजी के फूटने से उत्पन्न ध्वनि।
    4. व्यावसायिक संचालन या व्यापार, जैसे बर्तनों का निर्माण, आदि सेनिकलने वाली ध्वनियाँ।

    अधिक प्रश्नों के लिए, निम्नलिखित संसाधन देखें: https://www.hspcb.org.in/NoisePolAct

    ANKITA PRAJAPATI

    March 1, 2024

    AFTER LODGING COMPLAINT REGARDING DJ/LOUDSPEAKER POLICE OFFICIAL INFORMING ME THAT ” मैडम ब्याह शादी में तो बजाएंगे” when I interrupted him that beyond 10 PM , he again arguing that ” आपके नहीं बजता क्या 😀” when I told him that after 10 PM we do not and firstly we do not dare to do such events in streets to disturb anyone. Then he KEPT on intimidating me. This is the situation of INDIAN POLICE OFFICIALS.
    SADLY BUT THIS IS THE ONLY TRUTH I HAVE BEEN EXPERIENCING. TOTAL INCOMPETENT PEOPE ARE OCCUPIED ON SUCH A SENSIBLE POSTS. Again disappointed. I have proper recording too.

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Since, the police arent being helpful with your complaint, you can approach the following bodies / tribunals / courts for complaining against noise pollution.

    Central and State Pollution Control Board
    The Central Pollution Control Board (CPCB) provides technical services to the Ministry of Environment and Forests for implementation of the provisions of the Environment (Protection) Act, 1986. Its main functions are to promote cleanliness of water in streams, wells, etc. and prevent water pollution. The Board also has the duty to improve the quality of air by preventing air and noise pollution. The Head Office of the CPCB is in New Delhi and they also have several regional offices across states.

    Even though the offices of the CPCB are only there in a few states, every state also has an office known as the State Pollution Control Board (SPCB). You can also approach the SPCB offices to file a complaint. These authorities have the power to issue a written order for preventing, prohibiting, controlling or regulating:

    Any vocal or instrumental music
    Sounds caused by playing, beating, clashing, blowing
    Instruments including loudspeakers, public address systems, horn, construction equipment, appliance or apparatus which is capable of producing or reproducing sound
    Sounds caused by bursting of sound emitting fire crackers
    Sounds caused from a business operation, or trade, for example, business of manufacture of utensils, etc.
    The authorities may give an opportunity to the person who made the noise to be heard and then may modify or alter the order.

    Courts
    District Magistrate
    You can approach the nearest District Magistrate (Court) with the help of a lawyer to complain about noise pollution. The Court has the power to temporarily stop or remove the nuisance caused by noise pollution. The Court may pass the following orders after hearing out the person who caused the noise pollution:

    Temporary order or injunction to stop the noise
    Order to remove the noise or regulate it
    Permanent order to remove the noise pollutant and stop the noise
    National Green Tribunal
    The National Green Tribunal (NGT) is a specialised judicial body where you can go to file environmental cases including noise pollution cases. The NGT was set up to:

    Provide effective and expeditious remedies for environmental protection,
    Conservation of forests and other natural resources
    Enforcement of any legal right relating to the environment.
    The NGT’s orders are binding and it has power to grant relief in the form of compensation to affected persons.

    Locations of the Tribunal
    The NGT has a presence in five zones – North, Central, East, South and West. The Principal Bench is situated in the North Zone, headquartered in Delhi. The Central zone bench is situated in Bhopal, East zone bench in Kolkata, South zone bench in Chennai and West zone bench in Pune.
    Filing a Complaint with the NGT
    Any person seeking relief and compensation for environmental damage or pollution involving subjects like air pollution, environment pollution, water pollution, etc. can approach the NGT. The decisions of the NGT are binding and you can appeal within 90 days to the Supreme Court if you are unhappy with its decision.

    You can engage a lawyer if you want to approach the Court to file a case or file an appeal from a judgment of a lower Court.

    Priyanshu kumar

    March 3, 2024

    Please yrr koi iska solution batao please 🙏🙏

    Pichle 2 dino se pareshan hu mai , yaha bhakti ke naam pr raat raat bhar mic pr bhajan chlte hai , such a shameless bruh, yaha na padhai ho pa rhi hai na neend aa rhi hai iss loud sound ke karan . I have no idea about articles against this to file a case against them ki raat ke 10 bje tak hi allow hai DJ, loud speaker bjana and yaha literally raat ke 1:40 ho gye hai , mere room m itni tez aawaj aa rhi hai ki kya btau na pdh pa rha hu na so pa rha hu uper se headache bhi itna bura ho rha hai and eyes bhi red ho gyi h kyuki so nhi paya m pichle 2 dino se , kya kru m ye sab ka ???????

    Esi bhakti bhi kya h in logo ki jo shanti se nhi ki jaa skti ki puri duniya ko sunakr krenge tabhi bhagwan prasanna honge. Ese bhakto ko to narak m bhi jagah n mile bhagwan kre jitna ye chilla chilla kr dusron ki mental health kharab kr rhe hai esi bhakti se

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Dekhia yeh nuisance haan and aapke man ki Shanti bht zaroori hn and Shanti se rhna aapka hak joo koi aur nhi leskta.
    Aap police me jake complaint kr skte hoo ya phir Ghar ke aas paas ke authorities jaise ki panchayat ya rwa aapke unke head koo bhi bol skte hn un logo koo warning Dene keliye. Ek case tha Church of God (Full Gospel) in India v. K.K.R. Majestic Colony Welfare Assn, jisme supreme court ne he kaha hn ki ” directions in respect of controlling noise pollution, even if such noise was a direct result of and was connected with religious activities. It said, “Undisputedly, no religion prescribes that prayers should be performed by disturbing the peace of others nor does it preach that they should be through voice amplifiers or beating of drums. ”
    Hum jaise rhte hn In a jis society me rhte hn hume vahan Shanti se rhne zaroori hn.
    Aur yeh too nuisance hn jis chkr me aap court me case bhi kar skte haan.

    जगदेव सिंह

    March 8, 2024

    श्रीमान जी हम राजस्थान के श्री गंगानगर की तहसील सूरतगढ के ग्रामीण इलाके से हैं हमारी समस्या ये है कि यहाँ गावों में शादी ब्याह में लोग कई-कई दिनों तक बहुत देर रात्रि तक ऊंची आवाज़ मे डीजे बजाते हैं जिससे मनोरोगियों अन्य बिमारियों से जूझने वाले मरीजों ,बुजुर्गों व पढ़ने वाले बच्चों को बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है इनको बंद करनें का कहें तो ये लोग लडाई झगड़े पर उतर आते हैं

    Prince

    April 8, 2024

    Sir, mere ghar ke samne Wale ghar me ply aur ply cut karne ka kaam chal raha he yeah kaam karvin 5 din se uper hogya me student hu or mujhe padhne me bahut pareshani ho rahi h please iss problem ka nivaran kare

    Annapurna gole

    April 19, 2024

    Rahwasi Colany me commercial velding kharkhna khula
    Police officer. 181 . Nagar Nigam dhwani padsuan deptm. Sab door complian di k6 halp nhi hi
    Koiy samdhan baye. Bhut pershn hi kattar maschin loha katne ki chalti hai
    Pls help me

    Annapurna gole

    April 19, 2024

    Vakil ki fees nhi de sakti hu
    Upbhokata Manch par shikayat kese karete btyge ap pls.

    Guddu

    May 26, 2024

    Me ek 2 wing wali building ke 2nd flr par rahta hu aur dono building ke bich kuchh space hai jo takriban 25 footX55foot hogi, is space me society ke kuchh 10-12 yung ladke jinki age 14-15-20 ke bich hogi wo roj subah saam kabhi bhi cricket khelne lag jate hai aur itna sor machate hai ki 2nd floor par bhi bardast nahi ho pata hai manaa karne par zhagda aur mar pit karne ke liye taiyar ho jate hai isliye society me koi mu lagne nahi jata so is upadrav aur atikraman ko rokne ke liye kya karna chahiye pls advice me,

    Ravi painer

    May 26, 2024

    हमारे घर के पास मोबाइल टावर है ओर उसमें से तेज आवाज आती है।ओर रात मे तो ओर तेज हो जाती है। तो हम रात्रि को सो नही पाते हमारे सिर दर्द ओर कान ददँ होता है। बच्चे पढ भी नहीं पाते अब इससे बचने के लिए कोई मदद करे ।

    Arjun Singh

    June 16, 2024

    Hamare Ghar ke samne 8 futa road hai samne wale padosiyon ne aisi lagwaya hai aur pankha bahar ki taraf lagvaya hamare ghar ki taraf usse garm hawayen aur pradushan hota hai usse bachav karne ke liye kya karna chahie kis tarah shikayat Karen

    Arjun Singh

    June 16, 2024

    ए सी का पंखा बाहर होने से हमे बहुत परेशानी हो रही है कृपया पड़ोसियों से कहकर उनकी ए सी का पंखा ऊपर छत पर लगवाने का हमारा समाधान करें

    Sakir

    July 13, 2024

    Mai gaon se hoon mere ghar ke just bagal mein chakki lagi hai, jo shubha 8 baje se kabhi kbhi to 7 se lekar kar raat ke 8 se 9 baje tak chakki chalati rah ti , aour Kai baar to pura din aour Puri raat chakki chalti rahti hai ( abhi kai mahino se puri raat chakki nahi chalti magar raat ke 8 se 9 baje se beech tak chalti rah ti hai,) hame ek baar hamne police se complent bhi kiya magar police ne ye kah kar mana kar diya ki o jis jagha par chakki chala raha hai o vivadit jaga hai,
    Ham pura din chakki ki aawaj se pareshan rahte aour raat mai bhi ,
    Aaj raat ke 10 bajne wale hain par abhi bhi chakki chal rahi hai , aour police bhi kuch nahi kar Rahi hai, ham bahut pareshan hain

    Sikha

    December 10, 2024

    Namaste,

    Asha karti hu aapki problem jaldi thik ho jayegi. Aap is mamle mein kuch legal kadam utha sakte hain jo aapko is pareshani se chutkara dilane mein madad kare:

    1. Noise Pollution Complaint:Aap noise pollution ke adhar par complaint kar sakte hain. Noise Pollution (Regulation and Control) Rules, 2000 ke tehat, residential areas mein raat ke 10 baje ke baad uncha shor allowed nahi hai. Aap iske liye apne sheher ke State Pollution Control Board ya District Magistrate ke samaksh complaint darj kar sakte hain.

    2. Civil Suit for Nuisance: Aap ek civil suit file kar sakte hain nuisance ke liye. Nuisance ka matlab hai kisi cheez ka aisa prabhav jo aapke sukh chain mein badha daal raha ho. Aap civil court mein ye suit file kar ke apni dikkat ka samadhan maang sakte hain.

    3. Local Police Complaint:Agar police ne pehle aapki complaint nahi suni, to aap unhe ek written complaint dein aur uska receipt lein. Agar phir bhi kuch nahi hota, to aap Superintendent of Police (SP) ke office mein ya phir higher authorities ko apni shikayat le

    Vipin gupta

    August 3, 2024

    I am Vipin Gupta S/O Sh. Santosh Kumar Gupta, my house is 280-D, Sector-8, Karnal. Behind the house is Sant Jinda Kalyana Ashram which has now been converted into Ram Mandir. In front of the building, an illegal Shivalaya and shed has been constructed in the front set back where Kirtan is performed every day from 6 am to 7 am by playing Dholak, cymbals, majeera, conch, bell etc. We have been suffering from this problem for many years. It is requested that please listen to my request and please solve this problem permanently. Thank you.

    Sikha

    December 10, 2024

    Hello, hope u are doing well, to address your issue there are following options available:
    Complaint to Local Authorities:
    Municipal Corporation/Development Authority: File a complaint under Section 133 of the Criminal Procedure Code (CrPC)for removal of public nuisance.
    Illegal Construction:Report the illegal Shivalaya and shed to the local authority under the Municipal Corporation Act applicable in your area.

    Noise Pollution Complaint:
    Police Complaint:File a complaint under The Noise Pollution (Regulation and Control) Rules, 2000. Noise levels should not exceed 55 dB(A) during the day and 45 dB(A) at night in residential areas.
    State Pollution Control Board: Contact the State Pollution Control Board to report the violation.

    Legal Notice
    Issue a legal notice under Section 268 of the BNS for public nuisance.

    Public Interest Litigation (PIL):
    File a PIL under Article 226 of the Constitution of India in the High Court if the issue affects a larger community.

    Civil Suit:
    File a civil suit for an injunction under Section 38 of the Specific Relief Act, 1963

    Contact Information:
    Police Helpline: 100 or your local police station.
    State Pollution Control Board: Contact details are available on the respective state’s website.

    Sunil Balkrishna Arolkar

    August 9, 2024

    main sindhudurg district se hu, haal he me hamare yeha yane Ajgaon Block main JSW company ko Ajgaon block ka 840 hector jamin iron and ore mining ke liye leases per di gayi he , Ajgaon block main ( Ajgaon, aravali, malewad, dhakora, asoli,) gao aate he . in sab gao ka is mining ke liye virodh he . hame hamari shikayat harit lavad me dani he to vo kase kare please help us.

    Sikha

    December 10, 2024

    Namaskar. Is sambandh me ye accha rahega ki kanooni prakriya shuru karne se pehle aap sab gaon ke log mil kar apne zila collector ko ek aavedan patra likhe jisme aap JSW dwara ki jaa rahi mining ke prati aapki jo aapatti hai wo unhe bataye. Kanooni taur par aap kisi wakeel se baat karke JSW ko mining license dene ke viruddh Uccha Nyayalaya (High Court) me Article 226 ke tehat yachika dakhil kar sakte hai, aur isse paryavaran ko hone vale nuksaan ki baat kar sakte hai. Parantu aapko ye saabit karna hoga ki JSW ko license gair-kanooni tarike se diya gaya hai, ya JSW dwara ki jaa rahi mining se paryavaran aur logo ke swasthya ko haani pahonchti hai. Kewal gaon ke logo ke apatti jatane se license cancel nahi ho sakta. Dhanyawad.

    रोहित जैन

    August 13, 2024

    सेवा मे
    श्री मान मैं माछीवाडा साहिब पंजाब से लिख रहा हूँ
    दसहरा गरांऊड के पास बैलडिंग के दुकानदार के द्वारा जोर से लोहा पिटने की आवाज आने से हमें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    Abdul Talib

    October 3, 2024

    Sir please Abhi mere ghar ke pass rasta rok kr gane bja rhe hai please ise band karva do sir

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