क्या आचार-संहिता (एमसीसी) सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर भी लागू होता है?

आखिरी अपडेट Sep 26, 2022

आचार-संहिता (एमसीसी) सभी प्रकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लागू होता है। सोशल मीडिया की पांच श्रेणियां हैं जिन्हें आचार-संहिता (एमसीसी) के तहत नियंत्रित किया जाता है:

  • कोलैबॉरेटिव प्रॉजेक्ट (जैसे कि Wikepedia-विकिपीडिया)।
  • ब्लॉग और माइक्रोब्लॉग (जैसे कि Twitter-ट्विटर)।
  • कंटेंट कम्युनिटी (जैसे Youtube-यूट्यूब)। – सोशल नेटवर्किंग साइट्स (जैसे Facebook-फेसबुक)।
  • वर्चुअल गेम्स जैसे (गेमिंग एप्लिकेशनस)।

राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन करते समय कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है, वे हैं:

समुचित जानकारी देना

नामांकन दाखिल करते समय उम्मीदवारों को फॉर्म सं. 26 भरना होता है। फॉर्म में उम्मीदवार का विवरण, जिनमें ईमेल आईडी, सोशल मीडिया अकाउंट आदि शामिल हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उम्मीदवार अपने सभी प्रामाणिक सोशल मीडिया अकाउंट की घोषणा कर सकें।

विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणीकरण

सभी सोशल मीडिया विज्ञापनों को जिला और राज्य स्तर पर स्थापित मीडिया प्रमाणीकरण और निगरानी समिति द्वारा पहले से प्रमाणित किया जाना अनिवार्य होता है। इस समिति द्वारा विज्ञापन की जांच करने के बाद ही इसे किसी भी सोशल मीडिया फोरम पर ऑनलाइन प्रकाशित किया जा सकता है।

व्यय/खर्च

सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया विज्ञापनों पर होने वाले खर्च को शामिल करना होगा। विशेष रूप से, उन्हें कंटेंट के रचनात्मक विकास, वेतन और मजदूरी पर परिचालन व्यय, और प्रचार-प्रसार संबंधी खर्चों का एक नोट बनाने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

ग्राहक दायित्व

ग्राहक को किसी तीसरे पक्ष के साथ भुगतान क्रेडेंशियल प्रकट नहीं करना चाहिए। यदि कोई ग्राहक ऐसा करता है तो लापरवाह के कारण देनदारी बढ़ जाएगी।

बैंक में शिकायत दर्ज करना

शिकायत संख्या को नोट करना न भूलें और उसी नंबर का उपयोग करके आगे की कार्यवाही करें। बैंक को आपके ईमेल की स्वीकृति देनी चाहिए।