आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया का अंतिम चरण सत्यापन है। अगर आप रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों के भीतर अपना आईटीआर सत्यापित नहीं करते हैं, तो यह माना जाएगा कि आपने आईटीआर दाखिल नहीं किया है।
निम्नलिखित दिए गए कई तरीके हैं जिनसे आप अपने आईटीआर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित कर सकते हैं:
• डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी)-अपने आईटीआर फॉर्म के साथ डीएससी मैनेजमेंट यूटिलिटी से जेनरेट की गई सिग्नेचर फाइल अटैच करें।
• आधार ओटीपी-यूआईडीएआई के साथ पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर में प्राप्त आधार ओटीपी दर्ज करें।
• पूर्व-मान्य बैंक खाता विवरण का उपयोग करते हुए या पूर्व-मान्य डीमैट खाता विवरण का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड-बैंक या डीमैट खाते के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर में प्राप्त ईवीसी (इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड) दर्ज करें। ऐसे ईवीसी की वैधता, कोड जेनेरेट के समय से 72 घंटे तक होती है।
अगर आप अपनी टैक्स-रिटर्न को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करना चाहते हैं, तो आपको आयकर विभाग को कोई दस्तावेज भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। अगर आप इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपना आईटीआर सत्यापित करते हैं, तो आपको सत्यापन के संबंध में आयकर विभाग से तुरंत पुष्टि प्राप्त होगी। अपने रिटर्न को ई-वेरीफाई करने से संबंधित अधिक जानकरी के लिए यहां पढ़ें।
बाद के समय में ई-वेरीफाई करना
आप बाद में भी आईटीआर को ई-वेरीफाई कर सकते हैं। अगर आप आईटीआर को ई-वेरीफाई नहीं करना चाहते हैं, तो आप इसके बजाय हस्ताक्षर किए हुए आईटीआर-वेरिफिकेशन को सामान्य पोस्ट या स्पीड पोस्ट के माध्यम से “केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र, आयकर विभाग, बेंगलुरु-560500” पर भेज सकते हैं। अगर आपने आयकर विभाग को डाक के माध्यम से आईटीआर-वेरिफिकेशन भेजा है, तो वे आपको एक ईमेल भेजकर पुष्टि करेंगे कि यह प्राप्त हो गया है, यानी आपका रिटर्न सत्यापित हो चुका है। यह ईमेल आपके उस ईमेल पते पर भेजा जाएगा जिसे आपने आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपने ई-फाइलिंग खाते में पंजीकृत किया है।
आयकर विभाग प्रोसेसिंग टैक्स रिटर्न
रिटर्न सत्यापित होने के बाद, या तो ई-वेरिफिकेशन के माध्यम से या फिजिकल रूप से, आयकर विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए आपके टैक्स रिटर्न को संसाधित करना शुरू कर देगा कि आपके द्वारा भरे गए सभी विवरण आयकर अधिनियम के अनुसार सही हैं, और उपलब्ध अन्य डेटा के साथ आपके द्वारा भरे गए विवरणों को भी क्रॉस-चेक किया जाएगा।
आयकर का आकलन करने के लिए, निर्धारण अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति को नोटिस जारी कर सकता है, जिसने समय पर इनकम टैक्स रिटर्न जमा नहीं किया है, ताकि व्यक्ति को इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के लिए कहा जा सके। वह अधिकारी आपसे कोई भी कारण बताने या कोई दस्तावेज दिखाने के लिए भी कह सकता है। इसके अलावा, आपको कुछ बिंदुओं या मामलों (आपकी सभी संपत्तियों और देनदारियों के विवरण सहित) में जानकारी को जमा करने या उसे सत्यापित करने के लिए भी कहा जा सकता है। एक बार रिटर्न प्रोसेस हो जाने के बाद, आईटी विभाग आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर ईमेल के माध्यम से आपको इसकी सूचना देता है। अगर उसमें कोई अंतर पाया जाता है, तो वे आपसे बाद में स्पष्ट करने के लिए या मूल आईटीआर भरते समय की गई गलतियों को सुधारने के लिए कह सकते हैं।