स्वेच्छा से उपचार कराने आए नशा करने वाले व्यक्ति के लिए प्रतिरक्षा

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

कोई नशा करने वाला व्यक्ति जिस पर नारकोटिक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों के इस्तेमाल या उस दवा या पदार्थ की थोड़ी मात्रा के संबंध में कोई अन्य अपराध करने का आरोप लगाया जाता है, अगर वह स्वेच्छा से नशामुक्ति के लिए चिकित्सा उपचार कराना चाहता है, तो उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। कानून ऐसे व्यक्तियों को प्रतिरक्षा देता है जो खुद का पुनर्वास और इलाज करना चाहते हैं।

यह उपचार इन जगहों पर किया जाना चाहिए:

• सरकार द्वारा अनुरक्षित अस्पताल या संस्था

• सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल या संस्थान

• एनडीपीएस अधिनियम में यथा उपबंधित स्थानीय प्राधिकरण।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि नशा करने वाला व्यक्ति नशामुक्ति के पूरे इलाज से नहीं गुजरता है तो उससे प्रतिरक्षा वापस ली जा सकती है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रयास

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सरकारी योजनाएं और केंद्र

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय स्वैच्छिक और दूसरे योग्य संगठनों द्वारा नशे की लत की पहचान परामर्श, उपचार और पुनर्वास के लिए 1985 से शराब और मादक . के सेवन की रोकथाम के लिए सहायता कि एक केंद्रीय क्षेत्र योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नशा करने वालों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र चलाने और बनाए रखने के लिए स्वैच्छिक संगठनों और पात्र एजेंसियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और मादक द्रव्यों की मांग में कमी हेतु सेवाएं देने से संबंधित नीतियों पर सरकार को तकनीकी सहायता देने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र भी स्थापित किया गया है। यह केंद्र नशामुक्ति केंद्रों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कर्मियों के लिए कार्यक्रम भी चलाता है।

नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 

2018-25 की अवधि के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशीले पदार्थों की मांग में कमी के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है। यह योजना इन बातों पर केंद्रित है:

• निवारक शिक्षा

• जागरूकता पैदा करना

• नशीले पदार्थों पर निर्भर व्यक्तियों की पहचान, परामर्श, उपचार और पुनर्वास

• सरकार और गैर सरकारी संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।

इसका उद्देश्य शिक्षा, नशामुक्ति और प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास द्वारा नशीले पदार्थोंके दुरुपयोग के हानिकारक परिणामों को कम करना है। इस कार्य योजना के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त की जा सकती है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कोष

कानून को जरूरत है कि सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए एक राष्ट्रीय कोष स्थापित करें जो निम्नलिखित कार्यों में हुए व्यय की पूर्ति करता हो:

• अवैध तस्करी का सामना करना

• नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग को नियंत्रित करना

• नशा करने वालों की पहचान करना, उनका इलाज करना और उनका पुनर्वास करना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकना

• नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जनता को शिक्षित करना

• दवाओं की आपूर्ति करना जहां पर चिकित्सकीय जरूरत है

इस फंड के लिए पैसा निम्नलिखित से आता है:

• केंद्र सरकार (संसद में कानून द्वारा इसके लिए विनियोग किए जाने के बाद)

• अवैध संपत्ति के रूप में जब्त की गई किसी भी संपत्ति की बिक्री।

• व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा दिया गया अनुदान

• निधि में जमा राशि के निवेश से आय।

नशीली दवाओं/ नशीले पदार्थों के प्रयोग के लिए जमानत

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

ड्रग्स और पदार्थों के संबंध में किए गए अपराध प्रकृति में संज्ञेय हैं। इसके अनुसार पुलिस को गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट से वारंट की जरूरत नहीं है।

अगर किया गया अपराध मादक द्रव्यों या पदार्थों की कम मात्रा या व्यावसायिक मात्रा से कम मात्रा से जुड़ा है, तो आप जमानत के लिए सीधे पुलिस से आवेदन कर सकते हैं और वही से आपको जमानत मिल जाएगी। यह व्यक्तिगत या अन्य अनुबंध प्रस्तुत करने पर आकस्मिक हो सकता है।

नशीली दवाओं या पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित अपराधों को कानून के तहत गैर-जमानती माना जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको जमानत नहीं मिलेगी। आप अदालत में आवेदन कर सकते हैं और यह जज के विवेक पर निर्भर करेगा। आप इसे अधिकार के रूप में नहीं मांग सकते।

वाहन रोकना और उसकी तलाशी लेना

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अगर किसी अधिकृत पुलिस अधिकारी को यह लगता है कि किसी वाहन या जानवर का इस्तेमाल नारकोटिक दवाओं, साइकोट्रोपिक या नियंत्रित पदार्थों के परिवहन के लिए किया जा रहा है, तो उसके पास ऐसे वाहन या जानवर को रोकने और उसके आधार पर तलाशी लेने का अधिकार है। इसको रोकना कानून के दायरे में आता है, जिसमें यदि जरूरी हो तो वाहन या जानवर पर फायरिंग भी की जा सकती है। अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि तलाशी लेना जरूरी है तो वह विमान को लैंड कराने के लिए बाध्य भी कर सकता है।

पुलिस द्वारा अवैध प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी

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पुलिस अधिकारियों और कुछ दूसरे अधिकारियों के पास इस कानून के तहत किए गए अपराधों के संबंध में लोगों की तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार है, और कई मामलों में वे बिना वारंट के भी गिरफ्तारी कर सकते हैं।

जगह या वाहन की तलाशी 

अगर पुलिस अधिकारी को अपनी खोजबीन के आधार पर यह लगता है या उसके पास नारकोटिक्स दवाओं, साइकोट्रोपिक या नियंत्रित पदार्थों के संबंध में किए जा रहे अपराध के बारे में लिखित जानकारी है, तो वे किसी भी इमारत, स्थान या वाहन जैसे कार, ट्रक, आदि में प्रवेश कर सकते हैं और उसकी तलाशी ले सकते हैं। अगर कोई उनके प्रवेश में बाधा डालता है, तो वे दरवाजा तोड़कर भी कार्यवाही कर सकते हैं या उन्हे अपने रास्ते में आने वाली किसी भी अड़चन को दूर करने का अधिकार है।

किसी भी व्यक्ति की तलाशी लेना 

अगर कोई अधिकृत पुलिस अधिकारी आपकी तलाशी लेना चाहता है, तो आप मजिस्ट्रेट या कुछ राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में तलाशी लेने के लिए कह सकते हैं। ऐसा एक बार अनुरोध कर देने के बाद आपको पुलिस अधिकारी द्वारा तब तक हिरासत में रखा जा सकता है जब तक कि आपको किसी मजिस्ट्रेट या किसी उपयुक्त राजपत्रित अधिकारी के सामने पेश नहीं किया जाता। हालांकि, अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि राजपत्रित अधिकारी या मजिस्ट्रेट की प्रतीक्षा करना संभव नहीं है, तो वह तलाशी ले सकता है।

कृपया ध्यान दें कि महिलाओं की तलाशी केवल एक महिला अधिकारी ही कर सकती है।

जब्ती 

तलाशी की प्रक्रिया में, पुलिस अधिकारी के पास निम्नलिखित को भी जब्त करने का अधिकार होता है:

• ड्रग्स, पदार्थ और इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कोई भी चीज़

• किसी भी वस्तु, वाहन या जानवर जिसे इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया हो

• कोई भी दस्तावेज या लेख जो सबूत हो सकते हैं और साबित कर सकते हैं कि ड्रग्स के संबंध में अपराध किया गया था

गिरफ़्तारी 

तलाशी और जब्ती करते समय, अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि ड्रग्स या नशीले पदार्थों के संबंध में कोई अपराध किया गया है, तो वह संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर सकता है। ऐसी गिरफ्तारी के लिए उसे हमेशा वारंट की जरूरत नहीं होती है।

पुलिस अधिकारी की तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार सार्वजनिक स्थान जैसे होटल, रेस्तरां, दुकान या जनता के लिए सुलभ किसी दूसरे स्थान तक हो सकते हैं।

जब आपको गिरफ्तार किया जाता है तो आपके कुछ अधिकार होते हैं। इन अधिकारों के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया यहां पढ़ें।

तत्काल मामले-किसी वारंट की जरूरत नहीं 

आदर्श रूप से यह तलाशी और जब्ती के दिन के समय, यानी सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच और उचित न्यायाधीश के वारंट के साथ की जानी चाहिए, अगर पुलिस अधिकारी को लगता ​​है कि वारंट पाने में लगने वाले समय में जरूरी सबूत छुपाए जा सकते हैं या संदिग्ध व्यक्ति भाग सकता है, वह बिना वारंट के तलाशी और जब्ती कर सकता है। ऐसे मामलों में उसे ऐसा करने के अपने कारणों को लिखित रूप में नोट करना होगा और 72 घंटे के भीतर अपने तत्काल पर्यवेक्षक को सूचित करना होगा।

 

बार-बार अपराध करना

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

इस कानून के तहत बार-बार अपराध करने वालों को बहुत कड़ी सजा दी जाती है। अगर आपको भारत में ड्रग कानूनों के तहत अपराध करने, उकसाने या करने का प्रयास करने या यहां तक ​​कि साजिश करने के लिए एक बार पहले दोषी ठहराया गया था, तो उसी अपराध के लिए दूसरी बार की सजा आपको मिली पिछली सजा की तुलना में, कारावास और जुर्माना दोनों के लिए,1.5 गुना तक अधिक हो सकती है।

कुछ गंभीर मामलों में, अगर आपको किसी दवा की व्यावसायिक मात्रा के संबंध में अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और अब उसी अपराध के लिए फिर से दोषी ठहराया जा रहा है, तो आपको मृत्युदंड दिया जा सकता है। 2014 से पहले, बाद के कुछ अपराधों के लिए मृत्युदंड अनिवार्य रूप से लगाया जाता था, लेकिन अब यह बदल गया है और न्यायाधीश के विवेक पर छोड़ दिया गया है।

 

एम्फ़ैटेमिन

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

एम्फ़ैटेमिन एक साइकोट्रोपिक पदार्थ है, जिसका भारत में निर्माण, परिग्रह, परिवहन, आयात, निर्यात, बिक्री, खरीद और इस्तेमाल करना अवैध है। कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है लेकिन ऐसा सरकार से अभिव्यक्त लाइसेंस या परमिट प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकता है। इनमें से किसी भी गतिविधि को करने की सजा पकड़े गए एम्फ़ैटेमिन की मात्रा के समानुपाती होती है।

• छोटी मात्रा (2 ग्राम)-1 साल तक की जेल और/या 10,000 रुपये तक का जुर्माना

• 2 ग्राम से 50 ग्राम-10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना

• व्यावसायिक मात्रा (50 ग्राम)-10 से 20 साल के बीच जेल की सजा, और 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना। कोर्ट 2 लाख से ज्यादा जुर्माना भी लगा सकती है।

 

पुलिस द्वारा अवैध प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

कानून उन पुलिस अधिकारियों को दण्डित करता है जो दुर्भावनापूर्वक या अशिष्टतापूर्वक निम्नलिखित कार्य करते हैं:

• बिना किसी उचित संदेह के किसी स्थान या वाहन में प्रवेश करने और तलाशी लेने के लिए या दूसरे अधिकारियों को प्रवेश और तलाशी का निर्देश देना।

• नशीली दवाओं या मन:प्रभावी पदार्थों को खोजने और जब्त करने के बहाने जानबूझकर और अनावश्यक रूप से संपत्ति या दस्तावेजों को जब्त करना।

• जानबूझकर और अनावश्यक रूप से किसी व्यक्ति को हिरासत में लेना, तलाशी लेना या गिरफ्तार करना

इन अपराधों के लिए 6 महीने तक की कैद और/या 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

झूठी शिकायतें

कानून उन लोगों को भी दंडित करता है जो जानबूझकर पुलिस अधिकारियों को गलत जानकारी देते हैं, जिसके कारण वे गलत छानबीन करते हैं। ऐसी गलत जानकारियां देने पर लोगों को 2 साल तक की कैद और/या जुर्माने के साथ-साथ गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

कैनबिस (गांजा)

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

भारतीय कानून के अनुसार भांग रखना और उसका इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। हालांकि, भांग के पौधे से केवल फूल वाले हिस्से, उर्फ ​​गांजा/वीड, और राल, उर्फ ​​हशीश, हैश या चरस से संबंधित गतिविधियां अवैध हैं।

गांजा/वीड 

गांजा, जिसे वीड के नाम से भी जाना जाता है, केवल भांग के पौधे के फूल वाले हिस्से से सम्बंधित है जो भांग के पौधे का फल बन जाता है। भारत में गांजा का उत्पादन, निर्माण, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, अंतरराज्यीय आयात/निर्यात और इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इनमें से किसी भी गतिविधि को करने की सजा उसके प्रकार की बजाय शामिल गांजा की मात्रा के आनुपातिक है।

• छोटी मात्रा (1 किलो तक): 1 साल तक की जेल और/या 10,000 रुपये तक का जुर्माना।

• 1 किलो से 20 किलो के बीच: 10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना।

• व्यावसायिक मात्रा (20 किलो): 10 साल से 20 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना। कोर्ट फैसले में कारण दर्ज कर 2 लाख रुपये से अधिक का भी जुर्माना लगा सकता है।

चरस/हैश 

चरस, भांग के पौधे से प्राप्त अलग राल (कच्चा या शुद्ध) है और इसमें कंसेन्ट्रेटिड प्रिपेरेशन और राल भी शामिल है जिसे हशीश तेल या तरल हशीश के रूप में जाना जाता है। भारत में चरस का उत्पादन, निर्माण, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, अंतरराज्यीय आयात/निर्यात और चरस का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इनमें से किसी भी गतिविधि को करने की सजा उसके प्रकार की बजाय शामिल गांजा की मात्रा के आनुपातिक है।

• छोटी मात्रा (100 ग्राम तक): एक साल तक की जेल और/या 10,000 रुपये तक का जुर्माना।

• 100 ग्राम-1 किलो: दस साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना।

•व्यावसायिक मात्रा (1 किलो): दस साल से बीस साल के बीच की जेल, और 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये के बीच जुर्माना। कोर्ट फैसले में कारण दर्ज कर 2 लाख रुपये से अधिक का भी जुर्माना लगा सकता है।

अफीम और अफीम पॉपी

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय सूची में ड्रग्स और नशीले पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

अफीम, अफीम पॉपी का ठोस रस है, जो पौधे का आधार होता है जिससे अफीम निकाली जाती है। यह एक सफेद रस है जिसे पॉपी ​​के पौधे से स्काल्प्स की मदद से बहुत सावधानी से निकाला जाता है। इसमें मॉर्फीन का 0.2 % से कम कोई भी प्रिपेरेशन शामिल नहीं है।

अफीम और अफीम पॉपी की खेती, उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, अंतर्राज्यीय आयात या निर्यात, बिक्री, खरीद या इस्तेमाल करना अवैध है। इनमें से किसी भी गतिविधि को करने की सजा गतिविधि के प्रकार की बजाय शामिल अफीम या अफीम पॉपी की मात्रा के समानुपाती है।

• छोटी मात्रा (25 ग्राम)-1 साल तक की जेल और/या 10,000 रुपये तक का जुर्माना

• 25 ग्राम से 2.5 किलो-10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना

• व्यावसायिक मात्रा (2.5 किलो)-10 से 20 साल के बीच जेल की अवधि, और 1 लाख से 2 लाख रुपये के बीच जुर्माना। कोर्ट 2 लाख से ज्यादा जुर्माना भी लगा सकती है।

तैयार अफीम 

तैयार अफीम, अफीम का कोई भी उत्पाद हो सकता है जो अफीम को धूम्रपान के लिए उपयुक्त अर्क में बदलने के लिए डिज़ाइन किए गए संचालन की किसी भी श्रृंखला द्वारा प्राप्त किया जाता है, जिसमें अफीम के बाद बचे अवशेष से धूम्रपान किया जाता है।

तैयार अफीम का निर्माण, कब्जा, परिवहन, अंतर्राज्यीय आयात या निर्यात, बिक्री, खरीद या इस्तेमाल करना अवैध है। इनमें से किसी भी गतिविधि को करने की सजा गतिविधि के प्रकार की बजाय शामिल अफीम या अफीम पॉपी की मात्रा के समानुपाती है।

• छोटी मात्रा (5 ग्राम)-1 साल तक की जेल और/या 10,000 रुपये तक का जुर्माना

• 5 ग्राम से 250 ग्राम-10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना

• व्यावसायिक मात्रा (250 ग्राम)-10 से 20 साल के बीच जेल की अवधि और 1 लाख से 2 लाख रुपये के बीच जुर्माना। कोर्ट 2 लाख से ज्यादा जुर्माना भी लगा सकती है।