14-18 के बीच किशोरों-किशोरियों को रोजगार देना

किशोरों-किशोरियों को उन स्थानों पर काम करने की अनुमति है जो जोखिम-रहित कार्य करते हैं। ये प्रतिष्ठान जो जोखिम-रहित कार्य करते हैं, उन्हें सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है। वे निम्नलिखित में भी काम कर सकते हैं:

  1. पारिवारिक व्यवसाय में। उदाहरण के लिए, अपने परिवार के आभूषण व्यवसाय में काम करना।
  2. बाल कलाकार के रूप में काम करना। उदाहरण के लिए, बॉलीवुड फिल्मों में या किसी विज्ञापन में अभिनय करना।

14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों-किशोरियों को निम्नलिखित में काम करने की अनुमति नहीं है:

  1. खान या वह स्थान जहां ज्वलनशील पदार्थ या विस्फोटक उपयोग होते हैं। उदाहरण के लिए, वह कारखाना जहां पटाखे बनते हैं।
  2. एक अन्य कानून फैक्ट्री अधिनियम, 1948 के तहत कुछ उद्योग हैं, जहां खतरनाक प्रक्रिया अपनायी जाती हैं, इनमें कोयला, बिजली उत्पादन, कागज, उर्वरक, लोहा और इस्पात उद्योग, अभ्रक, आदि शामिल हैं।

14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम देना

किसी भी प्रकार के व्यवसाय में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नियुक्त करना या काम करने की अनुमति देना गैरकानूनी है। नियोक्ता, माता-पिता या किसी बच्चे के अभिभावक, जो किसी बच्चे को किसी भी प्रकार के व्यवसाय में काम करने की अनुमति देते हैं, उनको दंडित किया जाएगा।

हालांकि, दो अपवाद हैं, जिनमें सरकार बच्चों को काम करने की अनुमति देती है:

  • बाल कलाकार के रूप में, या
  • पारिवारिक व्यवसाय में।

यदि आप ऐसे किसी भी घटना को जानते हैं जिसमें बाल श्रम के रूप में 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे से काम कराया जाता है, तो कृपया इस अपराध की रिपोर्ट करें।

मूवीज / टीवी / स्पोर्ट्स में बच्चे

बच्चे फिल्मों / टीवी / खेल में काम कर सकते हैं और इसके लिए भुगतान किया जा सकता है। इन बच्चों को बाल कलाकार के रूप में जाना जाता है। फिल्मों, टीवी और खेल के संबंध में बच्चों के लिए जिन मनोरंजन और खेल गतिविधियों की अनुमति है उसकी सूची निम्नलिखित है:

फिल्में

  • टीवी शो / रियलिटी शो / क्विज शो / टेलेंट शो
  • खेल गतिविधियां जैसे प्रतियोगिताएं, कार्यक्रम या प्रशिक्षण

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सिनेमा और डाक्यूमेंट्री शो

रेडियो

शो या कार्यक्रमों के एंकर के रूप में भागीदारी।

कुछ कलात्मक प्रदर्शन जो ऊपर नहीं दिए गए हैं, उन्हें भी केंद्र सरकार द्वारा अनुमति दी जा सकती है।

कानून विशेष रूप से बच्चों पर प्रतिबंध लगाता है:

  • सर्कस में प्रदर्शन करने; तथा
  • पैसे के लिए सड़क पर प्रदर्शन करने से।

बच्चे की आयु का निर्धारण

एक नियोक्ता के रूप में अगर आपको यकीन नहीं है कि बच्चे की उम्र 14 वर्ष से कम है या 14 वर्ष से अधिक है, तो बच्चे की आयु एक चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की जाएगी। वे आयु निर्धारित करते समय निम्नलिखित तीन दस्तावेजों पर गौर करेंगे:

  • बच्चे या किशोर का आधार कार्ड।
  • स्कूल का जन्म प्रमाण पत्र, या मैट्रिक या परीक्षा बोर्ड का प्रमाण पत्र।
  • निगम या नगरपालिका प्राधिकरण या पंचायत द्वारा दिए गया बच्चे या किशोर का जन्म प्रमाण पत्र।

जब इनमें से कोई भी दस्तावेज न हो, तो चिकित्सा अधिकारी बच्चे की उम्र का पता लगाने के लिए एक ओजिफिकेशन टेस्ट या कोई अन्य नया आयु निर्धारण परीक्षण करेगा।

अगर निरीक्षक बच्चे की उम्र निर्धारित करना चाहता है तो एक नियोक्ता के रूप में, आपके पास बच्चे की आयु का प्रमाण पत्र होना चाहिए। यदि निरीक्षक को पता चलता है कि आपके पास बच्चे की आयु का प्रमाण पत्र नहीं है, तो वह विशेष रूप से आपको इसे चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त करने का निर्देश देगा।

बाल कलाकारों की ओर नियोक्ता की जिम्मेदारी

जब बाल कलाकारों को काम के लिए नियुक्त किया जा रहा है, तो नियोक्ता पर यह दायित्व है कि वह बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 में दिए गए फॉर्म सी को भरें। फॉर्म सी भरकर निम्नलिखित तरीके से नियोक्ता को जिम्मेदारी लेने का वादा करना होगा :

  • बच्चे की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
  • जिन बाल कलाकारों को काम पर रखा गया है, उनकी सुरक्षा और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और देखभाल का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • नियोक्ता को बाल श्रम कानून के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।

नियोक्ता को बच्चे की देखरेख करनी चाहिए ताकि उसके साथ कोई यौन अपराध न हो।

अनुमति के लिए आवेदन

आपको बच्चे से काम कराने की अनुमति के लिए जिला मजिस्ट्रेट (जिस जिले में गतिविधि हो रही है) से अंडरटेकिंग लेना होता है। माता-पिता या अभिभावक को भी बच्चे द्वारा कराए जा रहे काम के लिए स्वीकृति देनी होती है। अंडरटेकिंग में निम्नलिखित बातें होनी चाहिए:

  • बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सुविधाएं।
  • बच्चे का पौष्टिक आहार।
  • बच्चे के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जगह की व्यवस्था करना।
  • बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा का अधिकार और यौन अपराधों के खिलाफ सुरक्षा के लिए सभी कानूनों का अनुपालन।

काम करने के घंटे

नियोक्ता को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना होगा:

  • बच्चे को एक दिन में पांच घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
  • बच्चे से बिना आराम के तीन घंटे से अधिक समय तक काम नहीं कराया जा सकता।
  • बच्चे से 27 से अधिक दिनों तक लगातार काम नहीं कराया जा सकता।

बाल कलाकारों को काम देते समय जिम्मेदारियां

जब बाल कलाकारों को नियोजित करने की बात आती है, तो नियोक्ता की जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:

शिक्षा

आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक कलाकार के रूप में काम करते हुए बच्चे को उचित शिक्षा दी जाए। अधिनियम में विशेष रूप से कहा गया है कि सभी उपाय किए जाने चाहिए ताकि बच्चा स्कूल जाना बंद न करे।

आय

आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक कलाकार के रूप में बच्चे द्वारा कमाया गए पैसे का 20% राष्ट्रीय बैंक के निश्चित खाते में जमा किया जाना चाहिए और एक बार जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तो वह पैसे को निकाल सकता है।

सहमति

सबसे महत्वपूर्ण मानदंड यह है कि यदि कोई बच्चा असहज है और किसी गतिविधि या खेल में भाग नहीं लेना चाहता है, तो बच्चे को उसकी इच्छा और सहमति के खिलाफ वह काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

बाल श्रम रोकने में स्कूलों की भूमिका

बाल श्रम को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है।

  • बच्चे की शिक्षा का अधिकार तब भी लागू होता है, जब बच्चा या किशोर कलाकार के रूप में या परिवार के व्यवसाय में काम कर रहा हो।
  • जब बच्चा पारिवारिक व्यवसाय में काम कर रहा है और यदि बच्चा 30 दिनों से स्कूल नहीं आ रहा है, तो स्कूल के प्रिंसिपल या हेडमास्टर को किसी भी बच्चे की अनुपस्थिति की सूचना इंस्पेक्टर या पुलिस अधिकारी को देनी होगी।

इसके अलावा, यदि स्कूल के सदस्यों को पता चलता है कि बच्चा या किशोर किसी गैरकानूनी काम में लगा हुआ है, तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए।

बाल श्रम के अपराध का निपटारा

यदि आप अधिनियम या बाल श्रम कानून के नियमों का पालन करने में विफल रहे हैं तो कानून आपराधिक मुकदमा चलाने के विकल्प प्रदान करता है। कानूनी भाषा में इसे “कंपाउंड ऑफेन्स या अपराध” कहते हैं। कंपाउंडिंग का मतलब है निपटारा करना। यदि आप निम्नलिखित दो श्रेणियों में से एक में आते हैं, तो आप अपने अपराध को कम कर सकते हैं:

  • पहला वह जो पहली बार अपराध करता है।
  • दूसरे वे माता पिता या अभिभावक, जो बाल श्रम प्रावधानों और कानून का पालन नहीं करते हैं।

अपराध को कम करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  • आप सबसे पहले इसके लिए आवेदन करें और आवेदन के लिए पैसे का भुगतान करने के बाद ही जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क करें।
  • केंद्र सरकार को आवेदन के साथ की गई भुगतान की राशि: अधिकतम जुर्माने की 50% होनी चाहिए
  • यदि आप दिए गए समय के भीतर राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको इस अपराध के लिए अधिकतम 25% अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। जब आप राशि का भुगतान कर देंगे तो जिला मजिस्ट्रेट आपको “कंपाउंडिंग का सर्टिफिकेट” जारी करेगा।

यदि आप राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो मामले की आगे की कार्यवाही बाल श्रम कानूनों के अनुसार जारी रखी जाएगी, यानी आप पर मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा, लेकिन यदि आप राशि का भुगतान करते हैं, तो आपको अदालत में पेश नहीं किया जा सकता है, क्योंकि आप पहले ही भुगतान कर चुके हैं और मामले का निपटारा कर चुके हैं।

बाल श्रम पुनर्वास-सह-कल्याण कोष

बाल श्रम पुनर्वास-सह-कल्याण कोष एक ऐसा कोष है जो हर एक या दो जिलों के लिए स्थापित किया जाता है। नियोक्ता द्वारा भुगतान किया गया जुर्माना इस कोष में जमा किया जाता है। इसके अलावा, सरकार को प्रत्येक बच्चे या किशोर के लिए 15000 रुपये या उससे अधिक जमा करने होंगे, जिसके लिए नियोक्ता पर जुर्माना लगाया गया है। इस फंड की देखरेख बैंक द्वारा की जाती है। बैंक में जमा पैसे पर मिलने वाली ब्याज, बच्चे को दी जाती है।

बाल श्रम को रोकने के लिए एक निरीक्षक का कर्तव्य सरकार निरीक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त करती है कि कोई अवैध रोजगार न हो और कानून के अनुसार किशोरों को अनुमत रोजगार दिया जाए। एक निरीक्षक या पुलिस अधिकारी का कर्तव्य है:

  • उन स्थानों का समय-समय पर निरीक्षण करना जहां बच्चों को काम करने की अनुमति नहीं है।
  • उन उद्योगों का निरीक्षण करना शुरू करें जहां पर बच्चों, किशोरों और किशोरियों को काम पर लगाया जाता है।
  • पारिवारिक उद्यमों में बच्चों की कामकाजी स्थितियों की जांच करना।
  • बाल श्रम की शिकायतों को स्वीकार करना और बाल श्रम के अवैध कृत्यों की न्यायालय में रिपोर्ट करना।
  • अगर संदेह है कि बच्चा 14 साल से कम उम्र का है, तो बच्चे की असल उम्र का पता लगाएं।

संस्था के नियोक्ता द्वारा बनाए गए रजिस्टर का निरीक्षण करें, जिसमें निम्नलिखित विवरण होगा:

  • नाम और बच्चे के जन्म की तारीख संबंधित दस्तावेजों के साथ काम पर रखने की तारीख आदि।
  • घंटे और काम की अवधि (आराम के घंटे सहित)।
  • बच्चा जो काम कर रहा है और उसकी प्रकृति।

सभी निरीक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यदि कोई बच्चा अवैध रूप से नियोजित किया जा रहा है, तो संबंधित नियोक्ता को 20000 रु. बाल श्रम पुनर्वास-सह-कल्याण कोष में जुर्माने के रूप में जमा कराए, जिसे बच्चा बाद में ले सकता है।

अवैध रूप से बच्चों का पुनर्वास

कोई भी किशोर / बच्चा जो अवैध रूप से नियोजित किया गया है, उसका पुनर्वास किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार किया जाएगा। यह भारत में बच्चों के पुनर्वास के लिए बनाया गया कानून है।

बाल श्रम के प्रति सरकारी कर्तव्य केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बाल श्रम न होने दे और कानून के प्रावधानों का पालन कराए। इसके लिए सरकार को निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:

  • जन जागरूकता अभियान चलाएं
  • जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया का उपयोग करें
  • बाल श्रम की रिपोर्टिंग को बढ़ावा दें
  • बाल श्रम के कानूनों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें
  • स्कूलों के सिलेबस में बाल श्रम कानूनों को शामिल करें
  • बाल श्रम कानून और उनकी भूमिका के बारे में पुलिस, न्यायिक सेवा अकादमियों, शिक्षकों, केंद्रीय श्रम सेवा के प्रशिक्षण को बढ़ावा दें।

पारिवारिक बिजनेस में काम करने वाले बच्चे

बच्चों (14 वर्ष से कम उम्र) और किशोरों को पारिवारिक व्यवसाय में काम करने की अनुमति है।

पारिवारिक व्यवसाय

पारिवारिक व्यवसाय का मतलब किसी भी कार्य या उस व्यवसाय से है, जो परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता है या चलाया जाता है। व्यवसाय परिवार (माता, पिता, भाई या बहन) या अन्य रिश्तेदार (पिता की बहन और भाई, या माता की बहन और भाई) द्वारा चलाया जा सकता है।

कार्य के प्रकार

यह ज़रूरी है कि पारिवारिक व्यवसाय में निम्नलिखित शामिल न हों:

  • खतरनाक पदार्थ या प्रक्रिया (कानून में इसके लिए एक शब्द है ‘खतरनाक’ व्यवसाय या प्रक्रिया)।
  • खान, जल्दी आग पकड़ने वाले पदार्थ और विस्फोटक।
  • बच्चों को पारिवारिक व्यवसाय में काम करने की अनुमति है, लेकिन बच्चे की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:
  • उन्हें शिक्षा का अधिकार है।
  • उन्हें केवल स्कूल के बाद या छुट्टियों के दौरान ही काम करने की अनुमति है।
  • कानून के तहत माता-पिता का भी कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

कार्यरत किशोरों-किशोरियों के काम के घंटे और दिन

किशोरों को नियुक्त करते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन किया जाना चाहिए (सिवाय जब वे परिवार या सरकार द्वारा वित्त पोषित / मान्यता प्राप्त स्कूलों के साथ काम कर रहे हों)।

एक दिन में एक किशोर:

  • उनसे एक बार में केवल अधिकतम 3 (तीन) घंटे तक ही काम कराया जा सकता है।
  • काम के दौरान उन्हें एक घंटे का आराम मिलना ही चाहिए।
  • उनसे एक दिन में 6 (छह) घंटे से अधिक समय तक काम नहीं लिया जा सकता है। इसमें वह समय भी शामिल है, जिसमें वह काम और आराम दोनों करते हैं।
  • उनसे शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच काम नहीं कराया जा सकता।
  • उनसे सामान्य काम के घंटों से अधिक काम नहीं कराया जा सकता।
  • वे एक ही दिन में दो नियोक्ताओं के साथ काम नहीं कर सकते।
  • इसके अलावा, उन्हें सप्ताह में एक दिन का अवकाश मिलना चाहिए!
  • यह दिन नियोक्ता द्वारा कार्यस्थल पर एक नोटिस में निर्दिष्ट किया जाएगा। नियोक्ता तीन महीने में एक बार से अधिक इस निर्दिष्ट अवकाश के दिन को नहीं बदल सकता।

यदि एक नियोक्ता के रूप में आप काम के घंटों और दिनों पर कानूनों का पालन नहीं करते हैं और अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करते हैं, तो आपको एक महीने तक की जेल हो सकती है या आप पर 10,000 तक रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों लगाए जा सकते हैं।

कामकाजी बच्चों का स्वास्थ्य और सुरक्षा

यह ज़रूरी है कि कामकाजी बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। वे उद्योग जिनमें बच्चों, किशोरों और किशोरियों को काम करने की अनुमति है ऐसे उद्योगों के नियोक्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें निम्नलिखित उपायों के माध्यम से उच्चतम मानकों के साथ सुरक्षा और देखभाल की जानी चाहिए:

वातावरण

  • काम करने की जगह स्वच्छ और किसी भी प्रकार की परेशानी से मुक्त होनी चाहिए।
  • कचरे और अपशिष्टों का उचित तरीके से और ऐसे तरीके से निपटान किया जाना चाहिए, जो खुले और अनहेल्दी न हों।
  • उचित वेंटिलेशन और प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • इमारत की अच्छी से देखरेख की जानी चाहिए और आग लगने जैसी दुर्घटनाओं के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए।
  • दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी मशीनरी की फेंसिंग की जानी चाहिए।

सुविधाएं

  • पीने के पानी, शौचालय, मूत्रालय और थूकदान आदि की सुविधा दी जानी चाहिए।
  • आंखों और शरीर के लिए सुरक्षात्मक गियर प्रदान किया जाना चाहिए।
  • फर्श, सीढ़ियां और पहुंच के साधन।
  • भवन और मशीनरी का रखरखाव।

अनुदेश या हिदायत

  • खतरनाक मशीनों को चलाने या उन मशीनों पर काम करने के लिए किशोरों को उचित निर्देश दिए जाने चाहिए।
  • खतरनाक मशीनरी पर काम करने के लिए किशोरों को प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण दिया जाना चाहिए।

यदि आप एक नियोक्ता के रूप में स्वास्थ्य और सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करते हैं, तो आपको एक महीने तक की जेल हो सकती है या 10,000 रू तक का का जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।