चेक बाउंस होने के मामले में आपराधिक शिकायत दर्ज किए जाने पर अदालत के बाहर समझौता हो सकता है। कानून एक कानूनी अवधारणा के माध्यम से निपटान की अनुमति देता है जिसे अपराधों का समझौता करने के लिए कहा जाता है।
इस प्रक्रिया में, चेक का प्राप्तकर्ता/धारक अदालत में मामला दर्ज नहीं करने के लिए सहमत होता है या कुछ मुआवजे (आमतौर पर आर्थिक) के बदले में अपने अदालती मामले को वापस लेने के लिए सहमत होता है।
चाहे अदालती कार्यवाही किसी भी स्तर पर हो, यह समझौता किसी भी समय किया जा सकता है।
कानून, अदालतों पर मुकदमेबाजी और उससे संबंधित बोझ को कम करने के लिए इस तरह के समझौते की अनुमति देता है।
Islam khan
February 20, 2024
मेने बैंक से पर्सनल लोन लिया था लेकिन समय पर ईएमआई जमा नहीं होने के कारण बैंक ने मेरे ऊपर कानूनी कार्रवाई की है मेने जमानत कराने के साथ मेने मध्यस्ता के लिए तारीख ले लिया है अगर मध्यस्ता में कोई राजी नहीं होता है तो मेरे ऊपर क्या कोर्ट क्या कारवाई कर सकता है
Alka Manral
June 4, 2024
बैंक को बकाया राशि की वसूली का अधिकार होता है। वे मामला भी दर्ज कर सकते हैं। अगर आपने खाली चेक दिए हैं, तो उन्होंने वसूली की प्रक्रिया के साथ-साथ चेक बाउंस के लिए भी मुकदमा दायर किया होगा।
Bholasingh
April 5, 2024
Check bounce case Mai samjhota hone ke bad case punah chalu Kiya ja sakta hai
सुरेन्द्र सिह
June 17, 2024
मैंने वेंडर को चेक बाउंस की रक़म के बराबर रक़म धीरे धीरे कर के लोटा दी थी फिर भी वेंडर रकम व्याज एवं वकील का खर्चा माँग रहा है ! कैस भी वापस नहीं ले रहा है ! फ़रीदाबाद कोर्ट में कैस चल रहा है !