क्या चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विज्ञापनों का इस्तेमाल किया जा सकता है?

आखिरी अपडेट Sep 26, 2022

सरकारी विज्ञापन आम तौर पर जनता को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और उनके हक़ के बारे में जानकारी देती हैं, इनके अलावा ये सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों, सेवाओं और अवसरों के बारे में बताती हैं। आचार संहिता के उद्देश्य को पूरा करने के लिए, सरकारी विज्ञापन निष्पक्ष व राजनीतिक रूप से तटस्थ होना चाहिए और किसी भी तरह से सत्ताधारी दल के राजनीतिक हित को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

उदाहरण के लिए,

सरकार द्वारा प्रस्तावित मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) योजना का विज्ञापन करते समय, सत्ताधारी दल इन विज्ञापनों का उपयोग अपनी पार्टी के नेताओं और उम्मीदवारों का गुणगान करने के लिए नहीं कर सकते हैं। इन विज्ञापनों में पार्टी के नेताओं के नाम और उनका फोटो लगाना आचार-संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन माना जाएगा।

कानून के तहत, राशन कार्ड धारकों को एलपीजी गैस पर सब्सिडी दी जाती है। सत्ताधारी दल इसे अपनी पहल के रूप में प्रचार नहीं कर सकते और न ही इसका विज्ञापन कर सकते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सरकार को अनिवार्य रूप से लोगों को चावल 3 रुपये प्रति किलो की दर से और गेहूं 2 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराना होता है। सत्ताधारी दल यह दावा नहीं कर सकते कि यह उनके द्वारा किया गया कार्य है और न ही इसका किसी रूप में विज्ञापन कर सकते हैं।

चुनाव के दौरान, सत्ताधारी दल को निम्नलिखित चीजों को करने की मनाही है:

  • अपने चुनाव प्रचार में सरकारी विज्ञापनों के लिए आरक्षित सरकारी धन का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
  • इन विज्ञापनों के माध्यम से सत्ता पार्टी की सकारात्मक छवि या अन्य राजनीतिक पार्टी की नकारात्मक छवि को नहीं दिखाया जा सकता है।

सरकारी विज्ञापन

सरकार के विज्ञापन में निम्नलिखित चीजें नहीं होनी चाहिए:

  • सरकारी गतिविधियों में पार्टी का नाम लेकर चर्चा करना;
  • सरकारी गतिविधियों में विपक्षी दलों का नाम लेकर उनके विचारों या कार्यों पर सीधा हमला करना;
  • सरकारी गतिविधियों में अपनी पार्टी का राजनीतिक प्रतीक, चिन्ह या झंडा शामिल करना;
  • चुनाव के दौरान सरकारी गतिविधियों में अपने राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार के समर्थन में आम जनता की राय को प्रभावित करने का प्रयास
  • सरकारी कार्यक्रमों के दौरान राजनीतिक दलों या राजनेताओं की वेबसाइटों के लिंक के बारे में बताना।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

विवाद निपटान तंत्र के रूप में मध्यस्थता

मध्यस्थता एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है जहां पार्टियां कार्यवाही के तरीके को तय कर सकती हैं। यह विवादों के शीघ्र निपटारे में मदद करता है।