ऐसे विज्ञापन, जो राजनीतिक प्रोपगेंडा या राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए होते हैं, वह राजनीतिक विज्ञापन कहलाते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक विज्ञापन करने की अनुमति होती है, लेकिन इन पर एम.सी.सी. का नियंत्रण होता है। अगर कोई राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार चुनाव में अपनी जीत के लिए विज्ञापनों का गलत इस्तेमाल करता है, तो ये एमसीसी का उल्लंघन है।
एमसीसी उम्मीदवारों और राजनीतिक पार्टियों को नीचे बताई चीजों को करने से रोकता है:
- किसी भी तरह की अभद्र भाषा वाले विज्ञापन लगाना
- नेताओं के निजी जीवन या राजनीतिक मजाक करने वाले विज्ञापन देना मना है। राजनीतिक पार्टियों के पिछले कामों की आलोचना की जा सकती है। पार्टियों को किसी भी उम्मीदवार के निजी जीवन पर आलोचना करने से बचना चाहिए, जो उम्मीदवार की राजनीतिक कार्यकलाप से जुड़ी नहीं है।
- किसी भी राजनीतिक रैली या राजनीतिक उपलब्धियों के कवरेज से जुड़े विज्ञापन के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल करने की मनाही है।
कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनके द्वारा राजनीतिक पार्टी अपने विज्ञापन देते हैं, वे इस प्रकार हैंः
- होर्डिंग और बिलबोर्ड्स
- टेलीविजन और रेडियो
- प्रिंट मीडिया (समाचार पत्र, पोस्टर, पैम्प्लेट आदि)
- सोशल मीडिया विज्ञापन
G L Batham
January 18, 2024
क्या किसी की निजी भवन पर पार्टी का विज्ञापन मकान मालिक की अनुमति की बगैर लिखे जाने पर कोई आपत्ति की जा सकती है? यदि हां तो किस धारा के तहत और कैसे कृपया बताएं
Alka Manral
June 10, 2024
आमतौर पर विज्ञापनों पर, नगर पालिका टैक्स लगाती है, इसलिए जो व्यक्ति दीवार के ऊपर के ऊपर विज्ञापन लगता है उसको टैक्स भरना पड़ सकता है|इसलिए आप अपनी लोकल नगर पालिका में संपर्क करें और इस विषय में वहां से जानकारी प्राप्त करें के लोकल कानून में क्या प्रावधान है| अगर आपकी दीवार पर कोई विज्ञापन लगा रहा है तो उसके विरुद्ध इंजेक्शन का केस कर सकते हैं तथा हरजाना भी मांग सकते हैं|