फरवरी 2021 में, सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 की शुरुआत की, जो ऑनलाइन कंटेंट को विनियमित करने के तरीके प्रदान करता है।

इंटरनेट पर सेंसरशिप

आखिरी अपडेट Aug 29, 2022

इंटरनेट पर सेंसरशिप दो तरह से की जा सकती है:

1. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक किसी भी कंटेंट को सरकार रोक सकती है। यह सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाले या लोगों को अपराध के लिए प्रोत्साहित करने वाले कंटेंट को भी रोक सकती है। जब सरकार ऑनलाइन कंटेंट को रोकती है, तो वे कानून के तहत एक प्रक्रिया का पालन करते हैं।

2. किसी भी “अवैध कंटेंट” को हटाना इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है। अवैध कंटेंट कुछ भी हो सकता है जैसे घोर हानिकारक, परेशान करने वाला या तिरस्कार करने वाला आदि। कोर्ट से आदेश मिलने पर उन्हें इसे हटाना होगा।

यूट्यूब, हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स आदि कभी-कभी बिना सेंसर वाली फिल्में दिखाते हैं। सेंसर बोर्ड ने कहा कि वे सभी आवेदकों (फिल्म निर्माता) से मांग करेंगे कि वे अपनी फिल्मों के सेंसर किये गए हिस्से को इंटरनेट पर कहीं भी रिलीज नहीं कर सकें सिनेमैटोग्राफ एक्ट यहां सीधे तौर पर लागू नहीं होगा।

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शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

बैंक में शिकायत दर्ज करना

शिकायत संख्या को नोट करना न भूलें और उसी नंबर का उपयोग करके आगे की कार्यवाही करें। बैंक को आपके ईमेल की स्वीकृति देनी चाहिए।

उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज करना

आप शिकायत उस स्थान पर दर्ज कर सकते हैं, जहां पैसे गवाए थे, या जहां विरोधी पक्ष (अर्थात, बैंक) अपना व्यवसाय करता है।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।