एलजीबीटी व्यक्तियों की लिंग पहचान

एलजीबीटी समुदाय में कई स्वयं-निर्धारित समूह शामिल हैं, और “LGBTQ” शब्द का अर्थ लेस्बियन (समलैंगिक स्त्री), गे (समलैंगिक पुरुष), बाइसेक्सुअल (उभयलिंगी), ट्रांसजेंडर (हिज़ड़ा), क्वेअर (विचित्रलिंगी) समुदाय से है और “+” चिह्न, LGBTQ के व्यापक स्तर को संदर्भित करता है, जिसमें ऐसे ही अन्य लैंगिक पहचान के लोग भी शामिल हैं।

न्यायालयों ने यह स्वीकार किया है कि यदि कोई व्यक्ति जन्म के समय मिले लिंग के साथ खुद की पहचान करने में असमर्थ है तो उसे अपने लिंग का चयन करने का अधिकार है। यह चुनाव तब किया जा सकता है, जब कोई व्यक्ति अपने शरीर के आंतरिक और व्यक्तिगत अनुभव, शारीरिक बनावट, बोलचाल का लहजा, हाव-भाव आदि को समझने लगा है। इसे ‘लिंग पहचान/निर्धारण’ के रूप में जाना जाता है।

भारत में आपको यह अधिकार है कि आप खुद के निर्धारित किए गये लिंग से पहचाने जाएं। यह वह लिंग हो सकता है, जो आपको जन्म से मिला हो, या वह लिंग जिसके साथ आप खुद को जोड़ने लगते हैं, जैसे जैसे आप बड़े होते हैं। अपने पूरे जीवन में, आप अपने लिंग की पहचान को कई बार बदल सकते हैं। अभी कानून के तहत, तीन लिंगों को मान्यता दी गई है: ‘पुरुष, ‘महिला’ और ‘तीसरा लिंग’ (हिज़ड़ा -‘ट्रांसजेंडर’)। उदाहरण के लिए, आपको जन्म के समय ‘पुरुष’ माना गया हो, लेकिन बड़े होने के दौरान आप अपने लिंग का निर्धारण एक हिज़ड़े / ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में कर सकते हैं।

आप अपने लिंग की पहचान को बदलने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  • आप अपने द्वारा निर्धारित किए गए नए लिंग के अनुसार अपना नाम बदल सकते हैं।
  • आप अपने लिये ‘लिंग सकरात्मक चिकित्सा’ (जेंडर अफ़र्मेटिव थेरेपी) करा सकते हैं, जिसके अंतर्गत कई चिकित्सीय उपचार शामिल हैं, जिसके द्वारा आप अपने नये लिंग पहचान की पुष्टि के लिए विभिन्न चिकित्सीय विकल्पों को आजमा सकते हैं।
  • यदि आप अपने नये लिंग की पुष्टि कर लेते हैं, तो अपने नये लिंग की पहचान को दर्शाने के लिए, आप नए दस्तावेज़ बनवा सकते हैं, या अपने पुराने दस्तावेज़ों को अपडेट करा सकते हैं।

आपके पहचान दस्तावेज़ों में आपका लिंग

आपके पहचान दस्तावेज़ आपके अधिकारों को सुविधाजनक बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि का अधिकार। ये दस्तावेज़ दिन-प्रतिदिन की गतिविधियां, जैसे एक ‘सिम’ कार्ड या एक बैंक खाते के आवेदन करने आदि के लिए भी महत्वपूर्ण है। आप जिस लिंग के साथ जुड़े रहना चाहते हैं, उस लिंग का निर्धारण करते हुए अपना पहचान दस्तावेज़ प्राप्त करना आपका अधिकार है।

सरकार द्वारा जारी पहचान पत्रों में लिंग को मान्यता दी जाती है

भारत में पहचान दस्तावेज़ केवल 3 श्रेणियों को मान्यता देते हैं, जो हैं ‘पुरुष’, ‘महिला’ और ‘तीसरा लिंग’ (हिज़ड़ा – ‘ट्रांसजेंडर’)। यदि आप ऐसे किसी भी रूप या प्रक्रिया से रूबरू होते हैं, जो आपको ‘तीसरा लिंग’ (हिज़ड़ा – ‘ट्रांसजेंडर’) चुनने का विकल्प नहीं देती है, तो आप ये कर सकते हैं:

  • अधिकारियों से पूछें कि आपके पास अन्य क्या विकल्प है
  • पहचान प्रमाण प्राप्त करने के लिये गैर सरकारी संगठनों (‘एनजीओ’) और वकीलों की मदद लें
  • अपने लिंग की पहचान के प्रमाण की एक कॉपी साथ रखें।

आपको कम से कम नीचे दिए गए पहचान प्रमाण पत्रों में से एक को प्राप्त करने के लिये कोशिश करनी चाहिए ताकि आपके लिए दूसरे दस्तावेज़ों के आवेदन करने की प्रक्रिया आसान हो जाए। भले ही पूरे भारत में कई पहचान दस्तावेज़ समान ही हैं, लेकिन उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया अलग अलग हो सकती है, इसलिए आपको अपने राज्य के भीतर की जरूरतों को समझना महत्वपूर्ण है। आप किसी ऐसे व्यक्ति से परामर्श ले सकते हैं, जो पहले से ही एक ऐसा पहचान पत्र प्राप्त कर चुका है, या आप किसी वकील, गैर सरकारी संस्थाओं आदि से मदद ले सकते हैं।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए लिंग पहचान का प्रमाण पत्र

लिंग की पहचान एक व्यक्ति की आत्म-पहचान को पुरूष, महिला, तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) या अन्य निर्धारित किए गए वर्ग के रूप में संदर्भित करता है, जैसे इंटरसेक्स यानि मध्यलिंगी। जब आप अधिकारियों या अन्य लोगों से किसी भी परेशानी का सामना करते हैं, जो यह चाहते हैं कि आप जिस लिंग से अपनी पहचान जोड़ते हैं, उसे साबित करें, तो आप उन्हें नीचे दिए गए दस्तावेजों को दिखा सकते हैं।

विकल्प 1: हलफनामा (एफिडेविट) या अंडरटेकिंग

एक हलफनामा / अंडरटेकिंग ऐसा दस्तावेज़ होता है, जिनमें आपके द्वारा दिए गए तथ्य शामिल रहते हैं, जैसे आपका वांछित नया नाम, वह लिंग जिससे आप खुद को जोड़ पाते हैं, आदि। आपको अपने हलफनामे / अंडरटेकिंग को एक नोटरी या शपथ आयुक्त (Oath Commissioner) द्वारा सत्यापित कराना होता है, जो इस पर मुहर लगाएंगे और हस्ताक्षर करेंगे। इससे यह एक वैध कानूनी दस्तावेज़ बन जाता है, जिसे पहचान प्रमाण के सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप न केवल अपना नाम बदलते समय, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय, सिम कार्ड आदि प्राप्त करते समय, इस हलफनामा / अंडरटेकिंग का उपयोग कर सकते हैं। आपका हलफनामा / अंडरटेकिंग एक दस्तावेज है, जिसका उपयोग आप कुछ तथ्यों को साबित करने के लिए कर सकते हैं, जैसे वह चिकित्सा प्रक्रिया जिससे आप गुज़रे हैं, और वह निर्धारित लिंग जिससे आप अपनी पहचान बनाते हैं, इत्यादि।

विकल्प 2: चिकित्सा प्रमाण पत्र

यदि आपने लिंग परिवर्तन (सेक्स-चेंज) ऑपरेशन करवाया है, तो आप लिंग परिवर्तन के प्रमाण के रूप में अस्पताल से प्राप्त चिकित्सा प्रमाणपत्र (मेडिकल सर्टिफिकेट) को दिखा सकते हैं। आपके द्वारा करवाई गई किसी भी चिकित्सा प्रक्रियाओं का विवरण आपके हलफनामे / अंडरटेकिंग में भी लिखा जा सकता है ताकि आपके पास प्रमाण के रूप में एक कानूनी और नोटरीकृत दस्तावेज़ हो।

विकल्प 3: गजट / राजपत्र में नाम परिवर्तन की सूचना देना

यदि आपने अपना नाम अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए बदल लिया है और आपने इसे केंद्रीय / राज्य राजपत्र में सफलतापूर्वक प्रकाशित करा लिया है, तो आप राजपत्र अधिसूचना की एक प्रति प्रमाण के रूप में अपने साथ रख सकते हैं। गजट / राजपत्र अधिसूचना अपने आप में ही एक प्रमाण माना जा सकता है और इसे नोटरीकृत करना भी जरूरी नहीं है।

कोई भी आपको अपने लिंग सत्यापन के लिये किसी भी प्रकार से मजबूर नहीं कर सकता है, जिसमें आपको अनुचित तरीके से निजी या सार्वजनिक रूप से छूआ जाए, या आपको प्रताड़ित किया जाए। यही कारण है कि ऊपर दिया गया दस्तावेज़ आपके लिंग पहचान का एक महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, तो आपको पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और इस प्रक्रिया के दौरान आपको एक वकील की भी सहायता लेनी चाहिए।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए अपना नाम बदलने की प्रक्रिया

अपना नाम बदलने के लिए, अपने नाम में एक हिस्सा जोड़ने या घटाने के लिए, आपको नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह राज्य या केंद्रीय गजट / राजपत्र में प्रकाशित हो जाय। यदि आप विदेश में किसी भी उच्च अध्ययन, वीजा, पासपोर्ट आदि के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप इसे केंद्रीय राजपत्र में प्रकाशित कराने का विकल्प चुन सकते हैं। यदि आप इसे राज्य गजट / राजपत्र में प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो यह केवल आपके राज्य के भीतर प्रकाशित किया जाएगा, लेकिन आप इसका उपयोग कई पहचान दस्तावेजों को अपडेट कराने / प्राप्त करने, स्कूल निर्णयपत्रों (सर्टिफिकेट) में अपना नाम बदलवाने आदि के लिए कर सकते हैं। अपना नाम बदलवाने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: एक हलफनामा / अंडरटेकिंग बनाएं

आप अपना नया नाम कहां प्रकाशित करना चाहते हैं उसके आधार पर आपको नीचे दिया गया दस्तावेज़ तैयार करना होगा:

  • हलफनामा / एफिडेविट (राज्य और केंद्रीय गजट / राजपत्र, दोनों के लिए)
  • अंडरटेकिंग (केंद्रीय गजट / राजपत्र के लिए)

एक हलफनामा / अंडरटेकिंग ऐसा दस्तावेज़ होता है, जिसमें आपके द्वारा दिए गए तथ्य लिखे होते हैं, जैसे आपका वांछित नया नाम, वह लिंग जिससे आप खुद को जोड़ पाते हैं, या वह चिकित्सा प्रक्रिया जिससे आप गुज़रे हैं, आदि। उदाहरण के लिए, आप इस हलफनामा / अंडरटेकिंग का उपयोग न केवल अपना नाम बदलवाते समय, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय, सिम कार्ड आदि प्राप्त करते समय भी कर सकते हैं।

चरण 2: एक नोटरी या शपथ आयुक्त के पास जाएं

अपने निकटतम / स्थानीय नोटरी या शपथ आयुक्त के पास जाएं, जो आपके हलफनामे / अंडरटेकिंग का सत्यापन करेगा। आपके दस्तावेज़ पर मुहर लग जाने के बाद यह एक वैध कानूनी दस्तावेज़ बन जाएगा। इस सेवा के लिए आपको एक शुल्क देना होगा।

चरण 3: समाचार पत्र में अपने नए नाम का विज्ञापन दें

आपको अपने राज्य में दो स्थानीय प्रमुख समाचार पत्रों से संपर्क करना होगा (एक आपकी क्षेत्रीय भाषा में हो, और एक अंग्रेजी में हो) और उन्हें सत्यापित हलफनामे (एफिडेविट) को दिखाने के बाद उनसे आपको अपना नया नाम प्रकाशित करने का अनुरोध करना होगा। अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए आपको एक शुल्क देना होगा।

चरण 4: इसे केंद्रीय या राज्य गजट / राजपत्र में प्रकाशित करें

आपको अपना नाम या तो राज्य राजपत्र (अपने राज्य के भीतर), या केंद्रीय राजपत्र (राष्ट्रीय स्तर) में प्रकाशित कराना होगा।

राज्य राजपत्र

आपको अपने संबंधित राज्य के सरकारी प्रेस से संपर्क करना होगा, उनके द्वारा दिए गए संबंधित फॉर्म को भरना होगा और एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।

केंद्रीय राजपत्र

यदि आप अपना नाम केंद्रीय गजट / राजपत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं, तो आपको “प्रकाशन विभाग, सिविल लाइंस, नई दिल्ली -54” पते पर निम्नलिखित दस्तावेज़ों को भेजना होगा:

  • आपका सत्यापित हलफनामा / एफिडेविट और अंडरटेकिंग।
  • समाचार पत्र के विज्ञापन की मूल क्लिपिंग, जिसमें आपने विज्ञापन दिया है।
  • स्व सत्यापित पहचान प्रमाण पत्र और स्व सत्यापित पासपोर्ट आकार के 2 फोटो।
  • एक प्रोफॉर्मा / प्रपत्र की प्रति जिस पर आपके और 2 गवाहों के हस्ताक्षर हों।
  • प्रोफॉर्मा / प्रपत्र की एक सीडी कॉपी, जिस पर आपका नाम टाइप किया हुआ हो (गवाहों और उनके हस्ताक्षरों को छोड़कर)।
  • आपके द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र, जिसमें यह घोषित किया गया हो कि हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी की सामग्री एक समान हैं।
  • अनुरोध पत्र, निर्धारित शुल्क के साथ।

चरण 5: नाम परिवर्तन का प्रमाण

केंद्र और राज्य, दोनों राजपत्रों को नाम प्रकाशित करने में बहुत समय लगता है। आपको अपने संबंधित राज्य राजपत्र वेबसाइट में अपना नाम खोजना चाहिए। केंद्रीय राजपत्र के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  • केंद्रीय गजट / राजपत्र पेज पर जाएं और ‘Search Gazette’ (‘सर्च गजट ’) पर क्लिक करें
  • श्रेणी में ‘Weekly Gazette’ (‘साप्ताहिक राजपत्र’) जोड़ें और search (सर्च) पर क्लिक करें।
  • ‘Part IV’ (‘भाग IV’) को चुनें
  • तिथि को भरें
  • “keyword” (“कीवर्ड”) सेक्शन में अपना नया नाम भरें।
  • उत्पन्न परिणामों पर क्लिक करें, और
  • संबंधित फ़ाइल को डाउनलोड करें और इस डाउनलोड की गई कॉपी को प्रमाण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए लर्नर लाइसेंस

लर्नर्स लाइसेंस एक अस्थायी लाइसेंस, है जो 6 महीने के लिए वैध होता है। यह कानूनी रूप से आपको भारतीय सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करने की अनुमति देता है, लेकिन तब ही जब आपके साथ एक वयस्क हों, जो एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखता है। कृपया ध्यान दें कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। यदि आपको 18 वर्ष की आयु से पहले अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त होता है, तो आपको अपने लर्नर लाइसेंस का नवीकरण करवाने, या नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है, और यह आपके राज्य के नियमों के आधार पर होगा, क्यों कि लर्नर लाइसेंस केवल 6 महीने के लिए ही मान्य होता है।

नया लर्नर लाइसेंस बनवाना

जब तक कि आपके पास राज्य मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल द्वारा दिया गया एक ड्राइविंग प्रमाण पत्र न हो, तब तक ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने से पहले आपको एक लर्नर लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है। एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • नाम

    : यदि आपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाणों की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आवश्यक होने पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारियों को आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण

    : एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करते समय, आपके पास लिंग के लिए 3 विकल्प हो सकते हैं, जो “पुरुष”, “महिला” और ” तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)” है। चूंकि लर्नर के लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, अतः यह हो सकता है कि कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, तो इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

लर्नर लाइसेंस में विवरण को नवीनीकृत कराना

अपने राज्य की नियमों के आधार पर आप अपने लर्नर लाइसेंस, जो सिर्फ 6 महीने के लिए वैध होता है, को नवीनीकृत करा सकते हैं, या इसकी समाप्ति की तारीख के बाद एक नया लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए आपको अपने राज्य के विशिष्ट नियमों की जांच करनी चाहिए। अपने लर्नर लाइसेंस को नवीनीकृत करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • अपना नाम बदलना

    : यदि आप अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदलना चाहते हैं, तो आप अपना नया नाम नवीकरण आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण बदलना

    : चूंकि लर्नर लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, हो सकता है कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, अतः इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारी आपसे लिंग की पहचान या नाम बदलने के प्रमाण करने वाले दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, या लिंग सत्यापन की मांग मौके पर नहीं कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न, या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको लर्नर लाइसेंस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर वे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं ताकि यह प्रक्रिया आपके लिए सहज हो सके, और साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।

एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस

ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत प्रत्येक राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) द्वारा कार्ड के रूप में जारी किया जाता है। यह आपको सार्वजनिक सड़क पर, एक या एक से अधिक प्रकार के वाहन, जैसे कि मोटर साइकिल, कार आदि चलाने की अनुमति देता है।

नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना

आप लर्नर लाइसेंस जारी होने के 30 दिनों के बाद और 180 दिनों (6 महीने) के भीतर नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। नया ड्राइविंग लाइसेंस कैसे प्राप्त करें, यह समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • नाम

    : यदि आपने अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाणों की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारियों को जरूरत होने पर आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण

    : नया ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करते समय, आपके पास लिंग को बताने के लिए 3 विकल्प हो सकते हैं, “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)”। चूंकि ड्राइविंग लाइसेंस राज्यों द्वारा विनियमित होते हैं, अतः हो सकता है कि कहीं पर तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, तो इस तरह की हालत में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकील, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

ड्राइविंग लाइसेंस विवरण को अपडेट / परिवर्तित / नवीनीकृत करना

आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस की जनसांख्यिकीय जानकारी को अपडेट करा सकते हैं, और ऐसा करने पर आपको एक नया कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें परिवर्तित जानकारियां होंगी। ड्राइविंग लाइसेंस विवरण कैसे अपडेट करें, यह समझने के लिए, यहां पढ़ें, और अपने ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे करें, यह समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • अपना नाम बदलना

    : यदि आप अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए आप अपना नाम अपडेट करना चाहते हैं, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और अन्य पहचान प्रमाण की एक प्रति को अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण बदलना

    : चूंकि ड्राइविंग लाइसेंस राज्यों द्वारा विनियमित होते हैं, अतः हो सकता है कि कहीं पर तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) चुनने का विकल्प न हो, तो इस तरह के स्थिति में आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
    • अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
    • वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारी आपसे लिंग की पहचान या नाम बदलने के प्रमाण करने वाले दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, या लिंग सत्यापन की मांग मौके पर नहीं कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर वे अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिये कर सकते हैं, और साथ ही आप पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।

पैन कार्ड

पैन (स्थायी खाता संख्या) एक पहचान प्रमाण है जो अनिवार्य रूप से करों को दर्ज करने के लिए आवश्यक है। इसे आयकर विभाग जारी करता है। आपके पैन कार्ड का विवरण नियोक्ता द्वारा वेतन हस्तांतरण, टीडीएस कटौती आदि के लिए और बैंक खाते खोलते समय बैंकों द्वारा भी मांगा जाता है। प्रारंभ में, आपको पैन नंबर के लिए आवेदन करना होगा। जब आपका पैन नंबर तैयार हो जाएगा, तो आपको कार्ड पर आपके पैन नंबर के विवरण के साथ एक पैन कार्ड दिया जाएगा। पैन के बारे में समझने और आपको इसकी आवश्यकता क्यों है यह जानने के लिए यहां पढ़ें।

नए पैन नंबर/कार्ड के लिए विवरण 

न नंबर या कार्ड के लिए आवेदन करना एक लागत-मुक्त प्रक्रिया है और आवेदन करते समय आपको अपना पूरा नाम, लिंग, जन्म तिथि, आवासीय पता आदि जैसे विवरण देने होंगे। ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से पैन नंबर के लिए आवेदन करने के बाद आप पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।

• नाम: यदि आपने अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र (पैन नंबर आवेदन पत्र (फॉर्म 49 ए) और पैन कार्ड आवेदन पत्र) में भर सकते हैं। आपको केंद्रीय/राज्य राजपत्र में अपने बदले हुए नाम और अन्य पहचान प्रमाण की एक कॉपी रखनी चाहिए, जो आवश्यकता पड़ने पर पैन केंद्र के अधिकारियों को आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

• लिंग विवरण: नया पैन नंबर या कार्ड प्राप्त करते समय, आपके पास लिंग के लिए 3 विकल्प हैं “पुरुष”, “महिला” और “ट्रांसजेंडर” (तीसरा लिंग) हैं। यह विकल्प आपको पूरे भारत के सभी पैन केंद्रों और पैन नंबर आवेदन पत्र और पैन कार्ड आवेदन पत्र में उपलब्ध है।

पैन कार्ड विवरण अपडेट करना / बदलना 

आप अपने पैन कार्ड की डेमोग्राफिक जानकारी को अपडेट कर सकते हैं और ऐसा करने से आपको एक नया पैन कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें उसी पैन नंबर के साथ जानकारी को अपडेट कर दिया जाएगा। पैन कार्ड विवरण कैसे अपडेट करें, इसे विस्तार से समझने के लिए यहां पढ़ें। याद रखें कि एक बार पैन नंबर मिल जाने के बाद, इसे बदला नहीं जा सकता है। केवल पैन कार्ड के विवरण को अपडेट किया सकता है।

• अपना नाम बदलना: यदि आप अपने नाम को बदल कर अपने निर्धारित लिंग की पहचान को प्रतिबिंबित करना चाहते हैं, तो आप आवेदन पत्र में अपना नया नाम भर सकते हैं। आपको अपने परिवर्तित नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक कॉपी और किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र की एक कॉपी अपने साथ ले जानी चाहिए जो आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।

• लिंग विवरण बदलना: यदि आप अपना लिंग अपडेट करना चाहते हैं, तो आप दिए गए 3 विकल्प “पुरुष”, “महिला” और “ट्रांसजेंडर (तीसरा लिंग)” में से किसी एक विकल्प को चिह्नित कर सकते हैं। यह विकल्प आपको आवेदन पत्र में मिलेगा, जो पूरे भारत के सभी पैन केंद्रों में उपलब्ध है।

पैन केंद्र के अधिकारी आपसे लिंग पहचान का प्रमाण या नाम परिवर्तन का प्रमाण मांग सकते हैं, लेकिन वे आपको मौके पर किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या लिंग सत्यापन के लिए विवश नहीं कर सकते। यदि आप किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करते हैं, तो आपको पैन अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए। यदि ये अधिकारी जवाब नहीं देते हैं, तो आप प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं और पुलिस में शिकायत दर्ज कराके कार्रवाई कर सकते हैं।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए आधार कार्ड

आधार 12-अंकों की एक पहचान संख्या है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग होती है। इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा भारत के निवासियों को, उनकी जनसांख्यिकीय जानकारी और बायोमेट्रिक जानकारी के सत्यापन प्रक्रिया पूरा होने के बाद जारी किया जाता है। आपको एक आधार संख्या एक कार्ड पर, आपके व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम, जन्मतिथि, पता आदि के साथ दी जाएगी। यह सारी जानकारी आमतौर पर अंग्रेजी में होगी, और साथ ही यह उस राज्य की भाषा में भी होगी, जहां का स्थायी पता आपने दिया है।

नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण अधिकार हैं, जो आपको आधार कार्ड के आवेदन करने या अपडेट करने के दौरान दिये गये हैं।

नए आधार कार्ड के लिये विवरण देना

नया आधार कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया के लिए व्यक्ति को आधार नामांकन केंद्र जाने की आवश्यकता पड़ती है, और इसे ऑनलाइन नहीं किया जा सकता है। यह एक मुफ्त प्रक्रिया है। नया आधार कार्ड कैसे प्राप्त करें, यह समझने के लिए, यहां पढ़ें

  • नाम 

    : यदि आपने अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप नामांकन फॉर्म में अपना नया नाम भर सकते हैं। आपको केंद्रीय / राज्य राजपत्र में अपने बदले हुए नाम की एक प्रति, और एक अन्य पहचान पत्र की एक प्रति, जो आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों को आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे, अपने साथ ले जानी चाहिए।

  • लिंग विवरण 

    : एक नया आधार कार्ड बनवाते समय, आपके पास लिंग के लिए तीन विकल्प होते हैं जो “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)” होता है। यह विकल्प आधार नामांकन फॉर्म में है, जो पूरे भारत के सभी नामांकन केंद्रों पर उपलब्ध है।

आधार में विवरण को बदलना / अपडेट करना

आप अपनी जनसांख्यिकीय जानकारी या अपनी बायोमेट्रिक जानकारियों को जैसे नाम, लिंग, अंगुलियों के छाप इत्यादि को, निकटतम आधार नामांकन केंद्र पर जाकर, भौतिक रूप से बदल सकते हैं, और आप एक ‘आधार डेटा अपडेट / सुधार फॉर्म’ के लिए अनुरोध कर सकते हैं। आधार में विवरण अपडेट करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें

  • अपना नाम बदलना

    : यदि आप अपने नाम को अपडेट अपने बदले नये नाम से कराना चाहते हैं, जो आपके निर्धारित लिंग को दर्शाए, तो आप अपना नया नाम नामांकन फॉर्म में भर सकते हैं। आपको केंद्रीय / राज्य राजपत्र में अपने परिवर्तित नाम की एक प्रति, और अन्य पहचान पत्र (यदि आपके पास है) की एक प्रति साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम को दर्शाए।

  • लिंग विवरण बदलना 

    : यदि आप अपने लिंग को अपडेट करना चाहते हैं, तो आप दिए गए तीन विकल्पों में से किसी एक को चिह्नित कर सकते हैं, जो हैं “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)”। यह विकल्प आपको प्रत्येक आधार अपडेट फॉर्म में मिलेगा जो पूरे भारत के सभी नामांकन केंद्रों पर उपलब्ध है।

नामांकन केंद्र के अधिकारी आपसे लिंग के पहचान प्रमाण या नाम बदलने के प्रमाण दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते है, ना ही लिंग सत्यापन की मांग मौके पर कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको आधार अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर ये अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं, और पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।

एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट

आपका पासपोर्ट, सरकार द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज़ है, जो आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने की अनुमति देता है। विदेश मंत्रालय, केंद्रीय पासपोर्ट संगठन (Central Passport Organisation, CPO) के माध्यम से पासपोर्ट जारी करता है। आप भारत में पासपोर्ट कार्यालय, पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) और पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) में जाकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं

एक पासपोर्ट के लिए आवेदन करने, या पासपोर्ट अपडेट कराने के दौरान आपको कुछ महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

नया पासपोर्ट बनवाना / अपडेट कराना और पुनः जारी कराना

नए पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया, अपने पासपोर्ट को अपडेट कराने की प्रक्रिया, और आपके पासपोर्ट के खो जाने या क्षतिग्रस्त होने पर, पासपोर्ट को पुनः जारी कराने की प्रक्रिया, भारत में ये सभी प्रक्रियाएं एक ही है। पासपोर्ट के संबंध में, एक पासपोर्ट को पुनः जारी कराना, उसके नवीकरण कराने के समान है। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन या ऑफ-लाइन, दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। नया पासपोर्ट बनवाने, पासपोर्ट के विवरण को अपडेट कराने, या पासपोर्ट को पुनः जारी कराने के तरीकों को समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • नाम

    : यदि आपने अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल दिया है, तो आप पासपोर्ट आवेदन फॉर्म में अपना नया नाम भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो पासपोर्ट अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर आपके नए नाम की प्रमाणिकता को दे सके।

  • लिंग विवरण

    : नया पासपोर्ट बनवाते समय, आपके पास लिंग के लिए 3 विकल्प होते हैं, “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)”। यह विकल्प भारत के सभी पासपोर्ट कार्यालयों और पासपोर्ट आवेदन फॉर्म में उपलब्ध है।

पासपोर्ट अधिकारी आपसे अपने लिंग की पहचान के दस्तावेज, या नाम बदलने के प्रमाण दस्तावेज़ की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, और ना ही लिंग सत्यापन की मांग मौके पर कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको पासपोर्ट अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए। अगर वे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं ताकि यह प्रक्रिया आपके लिये सहज हो सके, और साथ ही आप पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई भी कर सकते हैं।

एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए मतदाता पहचान पत्र

मतदाता पहचान पत्र, जिसे मतदाता फोटो पहचान पत्र (Electors Photo Identity Card-EPIC) भी कहा जाता है, एक फोटो पहचान पत्र है। यह भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा उन सभी व्यक्तियों को जारी किया जाता है, जो वोट देने के पात्र हैं। इस कार्ड को आमतौर पर अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे इलेक्शन कार्ड, मतदाता कार्ड, वोटर आईडी, आदि।

नया वोटर आई.डी. या मतदाता पहचान पत्र बनवाना

आप ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से ‘फार्म 6’ भर कर नए मतदाता पहचान पत्र के लिए पंजीकरण कर सकते हैं, जो भारत में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए एक आवेदन पत्र है। यदि आप सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो आपका नाम ‘मतदाता सूची (इलेक्टोरल रौल)’ में जोड़ा जाएगा, जो एक विशेष निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के नामों की एक सूची है। एक नया मतदाता पहचान पत्र कैसे प्राप्त करें, यह समझने के लिए, यहां पढ़ें।

  • नाम: यदि आपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने परिवर्तित नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति को अपने साथ ले जानी चाहिए, यदि चुनाव अधिकारियों इसे देखना चाहें तो।
  • लिंग विवरण: एक नया मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करते समय, लिंग के लिए आपके पास 3 विकल्प होते हैं, “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)”। यह विकल्प भारत भर के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और बूथ स्तर के अधिकारियों के सभी कार्यालयों में, और आवेदन पत्र में उपलब्ध है।

मतदाता पहचान पत्र के विवरण को बदलना / अपडेट करना

आप अपने मतदाता पहचान पत्र की जनसांख्यिकीय जानकारी को अपडेट करा सकते हैं, और ऐसा करने पर आपको एक नया कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें परिवर्तित जानकारी होगी। मतदाता पहचान पत्र के विवरण को अपडेट करने के तरीके के बारे में विस्तार से समझने के लिए यहां पढ़ें।

  • अपना नाम बदलना

    : यदि आप अपने निर्धारित लिंग की पहचान को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदलना चाहते हैं, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाण की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम को प्रमाणिकता दे सके।

  • लिंग विवरण बदलना

    : यदि आप अपने लिंग को अपडेट करना चाहते हैं, तो आप दिए गए 3 विकल्पों में से चिह्नित कर सकते हैं जो हैं, “पुरुष”, “महिला” और “तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)”। यह विकल्प, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और बूथ स्तर के अधिकारियों के सभी कार्यालयों, और आवेदन पत्र में उपलब्ध है।

चुनाव अधिकारी आपसे लिंग की पहचान, या नाम बदलने के प्रमाण करने वाले दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, या लिंग सत्यापन करने की मांग मौके पर नहीं कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको चुनाव अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर वे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं ताकि यह प्रक्रिया आपके लिये सहज हो सके, और साथ ही आप पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।