लोक सेवक

आप एक लोक सेवक हैं यदि आप:

• सरकार के लिए काम करते हैं

• आपके वेतन का भुगतान सरकार करती है

• आप जो काम करते हैं वह एक सार्वजनिक कर्तव्य है

आपको एक लोक सेवक तब भी माना जा सकता है यदि आप:

• नगर पालिका या पंचायत जैसे स्थानीय प्राधिकरण के लिए काम कर रहे हैं और वह आपकी तनख्वा का भुगतान कर रहे हैं।

• शैक्षणिक या सांस्कृतिक संस्थानों में कार्यरत हैं जिन्हें केंद्र, राज्य या स्थानीय सरकार (पंचायत की तरह) से पैसा मिलता है।

• कृषि, उद्योग, व्यापार या बैंकिंग में लगी एक सहकारी समिति जिसको धन प्राप्त हो उस में काम करते हैं

  • सरकार, या
  • सरकार द्वारा पारित कानूनों द्वारा बनाई गई कंपनी, या
  • एक कंपनी जो सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण में है या जिसे सरकार द्वारा सहायता प्राप्त है,
  • या एक कंपनी जिसमें सरकार बहुमत शेयरधारक है।

• यदि आपको निम्नलिखित के द्वारा नियोजित और तनख्वा भुगतान किया जा रहा है:

  • केंद्रीय या राज्य कानूनों के तहत स्थापित कंपनी (जैसे, जीवन बीमा निगम),
  • या एक कंपनी जो सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कर रही है , स्वामित्व या नियंत्रण में है,
  • या एक कंपनी जहां सरकार बहुमत शेयरधारक है (जैसे, एयर इंडिया लिमिटेड)।

 

अशांत क्षेत्र में सेना नियंत्रण

जब सरकार को ऐसा लगता है कि देश के एक निश्चित क्षेत्र में खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है और उस क्षेत्र पर सशस्त्र बलों के नियंत्रण की आवश्यकता है, तो ऐसे अशांत क्षेत्रों में AFSPA के प्रावधान लागू किए जाते हैं।

किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करने के लिए कानून और व्यवस्था की मौजूदा स्थिति काफी गंभीर होनी चाहिए, जिसके आधार पर राज्यपाल/प्रशासक यह तय कर सकें कि वह क्षेत्र इतनी अशांत या खतरनाक स्थिति में है कि वहां सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।

इस तरह की घोषणा एक सीमित अवधि के लिए होनी चाहिए और छह महीने की समाप्ति से पहले घोषणा की समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए।

सरकार को यह घोषणा आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से करनी होती है, जिसे नियमित अंतराल पर प्रकाशित किया जाता है, जिसमें सार्वजनिक या कानूनी सूचनाएं छपती हैं।

उदाहरण: भारत सरकार ने 1990 में जम्मू और कश्मीर को एक अशांत क्षेत्र घोषित किया था। उस दौरान विद्रोह और उग्रवाद में वृद्धि के कारण इसे एक अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था।

राज-द्रोह का अर्थ

जब कोई भी सरकार के प्रति घृणा या असंतोष या विद्रोह करने का प्रयास करता है, तब उसने देशद्रोह का कार्य किया है। देशद्रोह का कार्य निम्नलिखित तरीकों में से किसी एक के माध्यम से किया जाता है:

-बोले या लिखे गए शब्दों से। -संकेत, वीडियो, चित्र या कार्टून जैसे दृश्यों के चित्रण से।

राजद्रोह के कार्य का परिणाम हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था हो, या हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था फैलाने का प्रयास होना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में माना है कि राजद्रोह का कानून केवल वहीं लागू होता है, जहाँ

-एक व्यक्ति किसी हिंसा का कारण बनता है, या -एक व्यक्ति लोगों को हिंसा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

उदाहरण के लिए, एक गाँव के नेता, श्री रामपाल, एक भाषण देते हैं जहाँ वह लोगों को भारत से अलग होने के लिए सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए कहते हैं। इसके चलते सार्वजनिक अव्यवस्था और दंगों होते हैं, और साथ-साथ सरकार के खिलाफ बहुत नफरत पैदा होती है। श्री रामपाल को देशद्रोह का उत्तरदायी माना जायेगा।

रिश्वत स्वीकार करने वाले लोक सेवक

रिश्वत लेने वाले लोक सेवक

भ्रष्टाचार, बेईमान या अनैतिक तरीके से अपने फायदे के लिए सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सत्ता का दुरुपयोग है। भारत में, लोक सेवकों के लिए अपने कर्तव्य को करने, किसी व्यक्ति का पक्ष लेने या अपना कर्तव्य न करने के बदले में अपने वेतन से अधिक धन/उपहार स्वीकार करना अवैध है। इन अपराधों को करने में लोक सेवक की मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंड दिया जा सकता है।

भारत में लोक सेवकों को इसकी अनुमति नहीं है:

• अपनी नौकरी के हिस्से के रूप में दिए गए वेतन के अलावा पैसे/उपहार स्वीकार करना;

• अपने आधिकारिक कर्तव्य को करने के बदले में अपने वेतन के अतिरिक्त धन/उपहार मांगें या प्राप्त करना;

• अपने आधिकारिक कर्तव्य को न करने के बदले में उनके वेतन के अतिरिक्त धन/उपहार मांगें या प्राप्त करना;

• किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में रहें जिसने उन्हें पैसे दिए हों या उन्हें उपहार दिए हों;

• किसी ऐसे व्यक्ति के लिए कोई विशेष उपकार करें जिसने उन्हें धन या उपहार की पेशकश की हो;

• 3 से 7 साल की अवधि के लिए आपको जेल भेजा जा सकता है और उपरोक्त में से कोई भी करने के लिए जुर्माना भरने के लिए कहा जा सकता है।

एक लोक सेवक केवल धन ही नहीं, किसी भी उपहार या लाभ को स्वीकार करके कानून तोड़ता है। एक लोक सेवक के रूप में, आप कानून तोड़ रहे हैं अगर आप, किसी व्यक्ति से उपहार/सेवा के लिए भुगतान किए बिना और जिसके साथ आपका व्यवसाय या आधिकारिक संबंध है, कुछ मूल्यवान लेते हैं। आपको 6 महीने से 5 साल तक की अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

उदाहरण: आप लोक निर्माण विभाग में कार्यरत एक लोक सेवक हैं और सड़क बनाने के लिए निविदा का अनुमोदन करने के प्रभारी हैं। आप रवि से बिना पैसे दिए एक कार लेते हैं। आप जानते हैं कि उनकी कंपनी हाईवे बनाने के ठेके की मंजूरी के लिए आपके विभाग में आवेदन करेगी। अगर रवि को मंजूरी दे दी जाती है, तो उससे कार लेना रिश्वत लेना माना जाएगा।

सशस्त्र बलों के विशेष शक्तियां

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां ) अधिनियम, 1958 (AFSPA) अशांत क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को कुछ ‘विशेष शक्तियां’ प्रदान करता है। यह कानून अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में लागू है। 1990 में जम्मू और कश्मीर में कुछ प्रावधानों को छोड़कर एक अलग AFSPA अधिनियमित किया गया था जो AFSPA, 1958 के समान है

AFSPA के तहत सेना को “सशस्त्र बल” माना जाता है। जब वायु सेनाएं जमीन पर काम करती हैं, तो उन्हें “सशस्त्र बल” के रूप मान्यता दी जाती है और उनके पास AFSPA के तहत विशेष अधिकार और दायित्व होते हैं। केंद्र सरकार के अन्य सशस्त्र बल जैसे सीमा सुरक्षा बल (BSF) भी AFSPA के तहत शामिल हैं। हालाँकि, नौसेना “सशस्त्र बलों” के अंतर्गत नहीं आती है।

इन सशस्त्र बलों के कुछ अधिकारियों को विशेष अधिकार दिए गए हैं, जैसे कि गोली मारने और बल प्रयोग करने, आश्रयों/भंडारण को नष्ट करने, बिना वारंट के गिरफ्तारी, प्रवेश करने और तलाशी लेने के अधिकार आदि। अधिकारियों के इन बैंड में शामिल हैं:

  • कमीशन अधिकारी
  • गैर कमीशन अधिकारी,
  • वारंट अधिकारी।

 

सरकार के प्रति असंतोष

एक गतिविधि देशद्रोह तब है, जब आपकी गतिविधि के कारण लोगों के बीच सरकार के प्रति घृणा या अवमानना की अनुभूति होती है। यदि कोई व्यक्ति कहे गए या लिखित शब्दों का, या इशारों का उपयोग करता है, जिसका उद्देश्य लोगों को प्रोत्साहित करना है:

-सरकार के अधिकार की अवहेलना करने के लिये, या -सरकार के अधिकार का विरोध करने के लिये।

ये कार्य लोगों को हिंसा के लिए प्रेरित करे और सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करे।

सार्वजनिक अव्यवस्था या हिंसा के माध्यम से लोगों में, सरकार की अवज्ञा करने या सरकार का विरोध करने का प्रयास भी, देशद्रोह का कार्य हो सकता है।

लोक सेवकों को अपराध करने के लिए प्रभावित करना

लोक सेवकों को अपराध करने के लिए प्रभावित करना

आप कानून तोड़ रहे हैं अगर आप एक लोक सेवक के रूप में लोक सेवकों को प्रभावित करने के अपराध में किसी की मदद करते हैं। लोक सेवक ने वास्तव में उस पर डाले गए प्रभाव पर कार्रवाई की या नहीं की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। केवल प्रभाव का तथ्य एक अपराध है। आपको जुर्माने के साथ 3 साल से 7 साल तक की जेल हो सकती है।

उदाहरण: यदि मैं, एक जिला मजिस्ट्रेट के रूप में, मुख्य इंजीनियर को एक सड़क निर्माण निविदा में एक दोस्त का पक्ष लेने के लिए प्रभावित करता हूं, चाहे मेरे दोस्त को निविदा मिले या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता, तब भी मजिस्ट्रेट को प्रभावित करने के लिए दंडित किया जा सकता है।

सशस्त्र बलों द्वारा गोली मारने और बल का प्रयोग करने का अधिकार

सशस्त्र बलों द्वारा गोली मारने और बल का उपयोग करने के अधिकारों का उपयोग किसके खिलाफ किया जा सकता है:

  • कोई भी व्यक्ति जो किसी कानून का उल्लंघन कर रहा है, या
  • वह व्यक्ति जो पांच या उससे अधिक लोगों की सभा बनाए, या
  • कोई भी व्यक्ति जिसके पास हथियार या ऐसी चीजें हैं जो हथियार या आग्नेयास्त्रों, गोला-बारूद या विस्फोटक पदार्थों के रूप में इस्तेमाल की जा सकती हैं, जोकि अशांत क्षेत्रों में प्रतिबंधित हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में लाइटर ले जाना प्रतिबंधित है और आप लाइटर ले जाते हैं, तो सेना आपके खिलाफ कार्यवाई कर सकती है।

यदि अधिकारियों को लगता है कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन अधिकारों का उपयोग आवश्यक है, तो वे ऐसा कर सकते हैं। अधिकारियों को पहले उस व्यक्ति को चेतावनी देनी होती, जिस पर वे गोली चला रहे हैं।

उदाहरण: अशांत क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों की अनुमति नहीं है। यदि हथियारों से लैस लोगों का एक समूह कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ता है और किसी निश्चित क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास करता है, जहां वे सेना के काफिले पर हमला करते हैं या किसी अन्य तरीके से कानून का उल्लंघन करते हैं, तो सशस्त्र बलों के अधिकारी उन्हें गोली मार सकते हैं।

 

 

भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

भारत के संविधान के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के कारण निम्नलिखित कार्य राजद्रोह की श्रेणी में नहीं आते है:

-सरकार की नीतियों और उनके कार्यों की आलोचना। -सरकार के खिलाफ, सद्भावना से की गई कोई भी आलोचना। -सरकार के कामकाज में सुधार के लिए की गई, कोई भी आलोचना।

दूसरे शब्दों में, सरकार या उसकी एजेंसियों के उपायों या कार्यों पर कड़े शब्दों में टिप्पणी करना सरकार के प्रति बगावत नहीं है। जब तक किसी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द, लोगों के बीच सरकार के प्रति शत्रुता और द्रोह पैदा नहीं करते, और इसके लिये सार्वजनिक अव्यवस्था या हिंसा का उपयोग नहीं करते, तो यह देशद्रोह का कार्य नहीं है।

उदाहरण 1:

-अगर अमित सरकार में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ‘द हिंदू’ अखबार के लिये एक कार्टून बनाते हैं, तो यह देशद्रोह नहीं कहा जायेगा। -यदि कोई फिल्म निर्माता जम्मू-कश्मीर की हिंसा पर एक वृत्तचित्र बनाता है और उसमें सरकार की कार्रवाई की आलोचना करता है, तो वह देशद्रोह नहीं होगा।

उदाहरण 2:

-यदि बॉबी विधान सभा के आम चुनावों का बहिष्कार करने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय में पोस्टर चिपकाते हैं और लिखते हैं “लोगों का शोषण करने वाले मालिकों के लिए कोई वोट नहीं”, तो यह देशद्रोह नहीं है। -यदि राहुल अपने क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव के लिए अपनी फेसबुक वॉल पर सरकार की आलोचना करते हैं, और सरकार के बारे में बुरी बातें कहते हैं, तो यह देशद्रोह नहीं कहलायेगी। -अगर तान्या, बिना किसी उत्तेजना या हिंसा के, या घृणा या हिंसा को उत्तेजित करने का प्रयास किए बिना, सरकार की किसी भी प्रशासनिक या अन्य कार्यवाही के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करती हैं, तो यह देशद्रोह नहीं कहा जायेगा।

उदाहरण 3:

-अगर राज किसी मंच पर, किसी खास समुदाय के साथ चल रहे अन्याय के बारे में उग्र भाषण देते हैं, तो उनका भाषण देना देशद्रोह नही होगा अगर वह किसी हिंसा को नहीं भड़काता है, ना ही किसी सार्वजनिक अव्यवस्था का कारण बनता है। -यदि रामू ने नारा दिया कि “मुझे सरकार से नफरत है, सरकार भ्रष्ट है”, यह देशद्रोह का अपराध नहीं है। अगर यह नारा लोगों के बीच हिंसा के साथ-साथ सरकार के प्रति नफरत फैलाने का काम करता है, तो यह देशद्रोह का अपराध होगा।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए लिंग पहचान का प्रमाण पत्र

लिंग की पहचान एक व्यक्ति की आत्म-पहचान को पुरूष, महिला, तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) या अन्य निर्धारित किए गए वर्ग के रूप में संदर्भित करता है, जैसे इंटरसेक्स यानि मध्यलिंगी। जब आप अधिकारियों या अन्य लोगों से किसी भी परेशानी का सामना करते हैं, जो यह चाहते हैं कि आप जिस लिंग से अपनी पहचान जोड़ते हैं, उसे साबित करें, तो आप उन्हें नीचे दिए गए दस्तावेजों को दिखा सकते हैं।

विकल्प 1: हलफनामा (एफिडेविट) या अंडरटेकिंग

एक हलफनामा / अंडरटेकिंग ऐसा दस्तावेज़ होता है, जिनमें आपके द्वारा दिए गए तथ्य शामिल रहते हैं, जैसे आपका वांछित नया नाम, वह लिंग जिससे आप खुद को जोड़ पाते हैं, आदि। आपको अपने हलफनामे / अंडरटेकिंग को एक नोटरी या शपथ आयुक्त (Oath Commissioner) द्वारा सत्यापित कराना होता है, जो इस पर मुहर लगाएंगे और हस्ताक्षर करेंगे। इससे यह एक वैध कानूनी दस्तावेज़ बन जाता है, जिसे पहचान प्रमाण के सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप न केवल अपना नाम बदलते समय, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय, सिम कार्ड आदि प्राप्त करते समय, इस हलफनामा / अंडरटेकिंग का उपयोग कर सकते हैं। आपका हलफनामा / अंडरटेकिंग एक दस्तावेज है, जिसका उपयोग आप कुछ तथ्यों को साबित करने के लिए कर सकते हैं, जैसे वह चिकित्सा प्रक्रिया जिससे आप गुज़रे हैं, और वह निर्धारित लिंग जिससे आप अपनी पहचान बनाते हैं, इत्यादि।

विकल्प 2: चिकित्सा प्रमाण पत्र

यदि आपने लिंग परिवर्तन (सेक्स-चेंज) ऑपरेशन करवाया है, तो आप लिंग परिवर्तन के प्रमाण के रूप में अस्पताल से प्राप्त चिकित्सा प्रमाणपत्र (मेडिकल सर्टिफिकेट) को दिखा सकते हैं। आपके द्वारा करवाई गई किसी भी चिकित्सा प्रक्रियाओं का विवरण आपके हलफनामे / अंडरटेकिंग में भी लिखा जा सकता है ताकि आपके पास प्रमाण के रूप में एक कानूनी और नोटरीकृत दस्तावेज़ हो।

विकल्प 3: गजट / राजपत्र में नाम परिवर्तन की सूचना देना

यदि आपने अपना नाम अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए बदल लिया है और आपने इसे केंद्रीय / राज्य राजपत्र में सफलतापूर्वक प्रकाशित करा लिया है, तो आप राजपत्र अधिसूचना की एक प्रति प्रमाण के रूप में अपने साथ रख सकते हैं। गजट / राजपत्र अधिसूचना अपने आप में ही एक प्रमाण माना जा सकता है और इसे नोटरीकृत करना भी जरूरी नहीं है।

कोई भी आपको अपने लिंग सत्यापन के लिये किसी भी प्रकार से मजबूर नहीं कर सकता है, जिसमें आपको अनुचित तरीके से निजी या सार्वजनिक रूप से छूआ जाए, या आपको प्रताड़ित किया जाए। यही कारण है कि ऊपर दिया गया दस्तावेज़ आपके लिंग पहचान का एक महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, तो आपको पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और इस प्रक्रिया के दौरान आपको एक वकील की भी सहायता लेनी चाहिए।