नौकरियों के लिए आवेदन करते समय रिसर्च करें

आपके रोजगार अनुबंध की शर्तों में वे तथ्य, अधिकार, कर्तव्य, और जिम्मेदारियां शामिल होंगी जो आपसे और आपके नियोक्ता से संबंधित हैं। ये शर्तें आपकी क्षमता, आपकी आशाओं, आपके नियोक्ता की आशाओं, तथा उद्योग के मानकों पर आधारित हैं। इन शर्तों का वर्णन कानून की भारी शब्दावली के साथ किया गया है, जैसे “गैर-प्रतिस्पर्धा”, “विवाद समाधान” इत्यादि।

आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने नियोक्ता से जो उम्मीदें कर सकते हैं उसके बारे में कुछ रिसर्च करें, यदि आपके नियोक्ता की आशाएं अनुकूल हैं, और यदि आपका अनुबंध उद्योग के मानकों के अनुसार है।

उद्योग का मूल्यांकन करें

आप जब नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हों या नौकरी की पेशकश को स्वीकार कर रहे हों, तो तनख्वाह, वेतन मान, और कार्य व्यवहार के लिए उद्योग के मानकों को जानना महत्वपूर्ण है। बाज़ार के रुझानों को समझने और बेहतरीन कार्यप्रणाली का ज्ञान होने से आपके पास उन चीजों को प्राप्त करने का ज्यादा मौका होता है, जिसे अपने नियोक्ता से पाने के लिए आप पूरी तरह योग्य हैं।

संगठन का मूल्यांकन करें

साथ ही, भावी संगठन की कार्यप्रणालियों, काम के वातावरण, कर्मचारियों के साथ व्यवहार, वेतनमान इत्यादि की जांच कर लेना भी उपयुक्त होगा। इस प्रकार की रिसर्च करने से आपको अपने अनुबंध के बारे में बेहतर ढंग से तोल-मोल करने में मदद मिलेगी। आप इस प्रकार की विस्तृत जानकारी नेटवर्किंग ग्रुप, उस कार्यस्थल के पूर्व कर्मचारियों, वहां काम करने वाले आपके कॉलेज के सहपाठियों, सहपाठियों के साथियों आदि से पा सकते हैं।

अपना मूल्यांकन करें

अपने कौशल और क्षमता का आंकलन करें, क्योंकि इससे आपको अपने अनुबंध की शर्तों पर बेहतर ढंग से बातचीत करने में मदद मिलेगी। आपके काम करने का अनुभव, शैक्षिक योग्ताएं, प्रासंगिक डिग्रियां/पाठ्यक्रम/सर्टिफिकेट प्रोग्राम इत्यादि सभी चीज़ें उस पद को प्राप्त करने की उपयोगिता के साथ ही आपके वेतन में वृद्धि करेंगी जिसे आप मांग सकते हैं।

नौकरी का प्रस्ताव

जब कोई नियोक्ता आपको काम पर रखना चाहता है और आपको नौकरी का प्रस्ताव देता है, तो उन्हें:

  • प्रस्ताव के बारे में आपको ज़रूर बताना चाहिए
  • नौकरी की भूमिका और नौकरी की शर्तों को ज़रूर स्पष्ट करना चाहिए
  • आपके काम के बदले में कुछ पारिश्रमिक/वेतन/लाभ का प्रस्ताव ज़रूर देना चाहिए

प्रस्ताव का संवाद

नियोक्ता को स्पष्ट शब्दों में नौकरी के प्रस्ताव के माध्यम से आपको नौकरी पर रखने की इच्छा का या तो लिखित रूप में या मौखिक रूप से संवाद देना होगा।

फिर भी, प्रस्ताव का लिखित होना बेहतर है, क्योंकि यदि आपका नियोक्ता भविष्य में इससे इनकार करता है तो यह साबित करना आसान है कि वास्तव में प्रस्ताव दिया गया था।

नौकरी में भूमिका और नौकरी की शर्तें

  • आपको दिया गया प्रस्ताव एक विशिष्ट पद या भूमिका के लिए होना चाहिए। यदि प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है, तो वे जिस नौकरी के लिए आपको रखना चाहते हैं, उसकी भूमिका किस तरह की है उसे स्पष्ट करें। एक बार जब आप इसे स्वीकार कर लेंगे और लिखित अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देंगे, तो नौकरी से बाहर निकलना मुश्किल होगा।
  • सुनिश्चित कर लें कि आपकी नौकरी में भूमिका, प्रति वर्ष प्रति वर्ष कंपनी द्वारा वहन किए गए खर्चे (सी.टी.सी), लाभ, मासिक वेतन आदि दिए गए हैं। प्रस्ताव स्वीकार करने से पहले नौकरी के विवरण को लेकर कोई भी संदेह हो तो अपनी सभी शंकाओं को दूर करें।

वेतन और अन्य लाभ

आपका वेतन आपके रोजगार के प्रकार या प्रकृति से निर्धारित होगा। वेतन की गणना उस नौकरी-विशेष के बाज़ार दर, पिछले कार्य के अनुभव और आपके तोल-मोल करने के कौशल के आधार पर की जाती है। उस संस्था के लिए आप अपने कौशल के रूप में, जो लाभ प्रदान करने वाले हैं, उसका स्पष्ट रूप से संवाद करके और उद्योग की दरों के अनुसार वेतन के बारे में अपने स्वयं के बाज़ार संबंधी रिसर्च का उपयोग करके अपनी वेतन पर मोल-भाव कर सकते हैं। यदि आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो आपका कुल वेतन विभिन्न मदों जैसे, मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डी.ए), भविष्य निधि कटौती, मकान किराया भत्ता (एच.आर.ए) आदि में विभक्त होगा। हालाँकि, यदि आप कर्मचारी नहीं हैं, तो आपको आपकी पूरी वेतन राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसे ‘प्रतिधारण शुल्क’ कहा जाएगा।

नौकरी का प्रस्ताव आपको संप्रेषित कर दिए जाने के बाद, अपनी परिस्थितियों के आधार पर, आप हमेशा अतिरिक्त लाभ, उच्च वेतन या बेहतर पद के लिए बातचीत कर सकते हैं। ऐसी बातचीत पर आपका नियोक्ता विचार कर भी सकता है या नहीं भी कर सकता है, इस स्थिति में प्रस्ताव स्वीकार या अस्वीकार करना आप पर निर्भर है।

 

प्रस्ताव का समय पर जवाब

आपके नौकरी के प्रस्ताव में एक समय अवधि निर्दिष्ट हो सकती है जिसके भीतर आपको जवाब देना होगा और यदि आप दिए गए समय में जवाब नहीं देते हैं, तो नौकरी का प्रस्ताव हाथ से निकल जाएगा।

यदि कोई समय अवधि निर्दिष्ट नहीं है, तो आपको उचित समय के भीतर नियोक्ता को, नौकरी के प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करते हुए, जवाब देना चाहिए।

अपने नौकरी के प्रस्ताव को लिखित में स्वीकार करना

बातचीत के बाद ही स्वीकृति

सुनिश्चित करें कि आपने उस प्रस्ताव में किसी भी बदलाव के लिए अपनी सभी बातचीत पूरी कर ली है और उसके बाद ही नौकरी स्वीकार करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक बार जब आप प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं, तो आपका नियोक्ता यह सोचेगा कि आप बिना किसी समस्या के प्रस्ताव की सभी शर्तों को स्वीकार कर रहे हैं।

स्वीकृति पत्र लिखना

अपने नियोक्ता द्वारा दिए गए नौकरी के प्रस्ताव को या तो ईमेल द्वारा स्वीकार करें या अपने नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करें।

इस तरह से नियोक्ता का भविष्य में आपकी नियुक्ति पर विवाद करना और उससे पीछे हटना कठिन होगा।

स्वीकृति की समय सीमा

कुछ मामलों में, आपका नियोक्ता आपको निश्चित तिथि से पहले ईमेल द्वारा नौकरी के प्रस्ताव की स्वीकृति देने के लिए कह सकता है, उदाहरण के लिए, महीने की 10वीं तारीख या सप्ताह के अंत तक। यह जरूरी है कि आप इस समय अवधि के भीतर नौकरी के प्रस्ताव का जवाब दें अन्यथा यह प्रस्ताव हाथ से निकल जाएगा और नियोक्ता किसी और को उस पद का प्रस्ताव दे सकता है। आप इस पर शिकायत भी नहीं कर सकते हैं।

यदि आपका नियोक्ता नौकरी के प्रस्ताव का जवाब देने का कोई समय या तरीका नहीं बताता है, तो:

  • संप्रेषण के उस तरीके का उपयोग करें जिससे देरी न हो।
  • उचित समय के भीतर उत्तर दें अन्यथा नौकरी का प्रस्ताव चला भी जा सकता है।

यदि आप नौकरी के प्रस्ताव को अस्वीकार करने का निर्णय लेते हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि आप इसे अपने नियोक्ता को लिखित रूप में या बोल कर ठीक से बता रहें हैं।

भावी नियोक्ता के लिए दस्तावेज़

आपकी नियुक्ति से पहले, यह जांचने के लिए कि आप नौकरी के लिए योग्य हैं या नहीं, नियोक्ता आपसे कुछ दस्तावेज़ जमा करने के लिए कह सकते हैं । उनमें से कुछ हैं:

पुराने नियोक्ता के दस्तावेज़

विमुक्ति पत्र (यदि लागू हो)

आपका नियोक्ता आपसे अपने पिछले नियोक्ता का एक हस्ताक्षरित दस्तावेज़ लाने के लिए बोल सकता है जिसमें यह कहा गया हो कि अब आप उनके साथ नहीं जुड़े हैं। किसी नए कर्मचारी द्वारा पिछले नियोक्ता के साथ समझौते को समाप्त नहीं किए होने की स्थिति में यह नियोक्ता को विवादों से बचाता है।

कार्य संदर्भ

आपका भावी नियोक्ता आपको साक्षात्कार के चरण से पहले या नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद कार्य संदर्भ मांग सकता है। आमतौर पर कार्य संदर्भ आपके पूर्व-नियोक्ता का एक संपर्क का जरिया होता है, जो काम के दौरान आपके काम की गुणवत्ता और आपके चरित्र की पुष्टि और व्याख्या कर सकता है। नियोक्ता इसे संदर्भ पत्र के रूप में मांग सकते है या वे सीधे संदर्भित से संपर्क कर सकते हैं।

पे स्लिप

नई नौकरी में आपका वेतन निर्धारित करने के लिए कुछ नियोक्ता पिछले नियोक्ता द्वारा दी गई पे स्लिप की एक प्रति मांगते हैं, इसकी दोहरी जांच करने के लिए कि आप अपने पिछले कार्यालय में कितना कमा रहे थे।

बायोडाटा और अन्य दस्तावेज़

बायोडाटा/सी.वी

आपका नियोक्ता आपके समस्त कार्य अनुभव और शिक्षा के सभी विवरणों के साथ आपका नवीनतम बायोडाटा या आत्म परिचय मांगेगा।

शैक्षिक प्रमाणन/दस्तावेज़

एच.आर उद्देश्यों और कर्मचारियों के दस्तावेजीकरण के लिए, कुछ नियोक्ता आपसे शिक्षा का प्रमाण जैसे स्कूल का प्रमाण पत्र, कॉलेज का स्नातक प्रमाण पत्र, उच्च अध्ययन का प्रमाण पत्र आदि मांग सकते हैं।

पहचान प्रमाण दस्तावेज़

सरकार-अधिकृत पहचान प्रमाण

अधिकांश नियोक्ता आपकी पहचान की आश्वस्ती और दस्तावेजीकरण के उद्देश्यों से आपसे पासपोर्ट-आकार की तस्वीरें और आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि जैसे पहचान प्रमाण की एक प्रति मांगते हैं।

पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट

कभी-कभी नियोक्ता पिछले या मौजूदा आपराधिक रिकॉर्ड की जांच के लिए कर्मचारियों को पुलिस सत्यापन कराने के लिए कह सकते हैं। दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में यह प्रावधान ऑनलाइन होता है। अन्यथा, यदि आपका नियोक्ता आपकी मदद नहीं करता है, तो आपको स्वयं पुलिस थाने जाना होगा और पुलिस अधिकारी से पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र के लिए अनुरोध करना तथा इसे अपने नियोक्ता को प्रस्तुत करना पड़ सकता है।

वेतन खाते के लिए दस्तावेज़

बैंक का विवरण

आपका नियोक्ता या तो आपके बैंक का विवरण मांगेगा या आपका एक नया बैंक खाता शुरू करवाएगा, ताकि वे आपका वेतन उस खाते में स्थानांतरित कर सकें।

नियोजन की शर्तें

यह सुनिश्चित करने के लिए कि निजी क्षेत्र में एक कर्मचारी के रूप में आपके अधिकार सुरक्षित हैं, आपको अपने नियोजन के अनुबंध की शर्तों को सावधानीपूर्वक पढ़ना और समझना चाहिए। इसमें ना केवल बुनियादी शर्तों का जिक्र होगा जैसे कि वेतन और नौकरी का विवरण, बल्कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया जाएगा। इसीलिए आपको हमेशा एक लिखित अनुबंध प्राप्त करने का आग्रह करना चाहिए और इस पर हस्ताक्षर करने से पहले इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि इस पर हस्ताक्षर कर दिए जाने के बाद किसी भी शर्तों को बदलना मुश्किल होगा।

गोपनीयता के उपनियम/गैर-प्रकटीकरण उपनियम

गोपनीयता क्या है? 

जिस संस्था या कंपनी के साथ आप काम कर रहे हैं, उसे अपने व्यापारिक रहस्यों और अन्य गोपनीय व्यापारिक सौदों की सुरक्षा करने का अधिकार है। इसलिए, आपके रोजगार अनुबंध में एक उपनियम आपको नियोक्ता की किसी भी गोपनीय जानकारी को संगठन के बाहर किसी को भी साझा करने या प्रकट करने से रोकता है। इस उपनियम को गोपनीयता के उपनियम के रूप में जाना जाता है। कभी-कभी इसे गैर-प्रकटीकरण उपनियम के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।

गोपनीयता आप पर कब लागू होती है? 

गोपनीयता के उपनियम केवल कंपनी में रोजगार करने के दौरान ही लागू नहीं होता, बल्कि उसके बाद भी होता हैं.. यदि आप अपना रोजगार समाप्त होने के बाद गोपनीय जानकारी साझा करते हैं, तो यह आपके अनुबंध का उल्लंघन होगा और आपका नियोक्ता आपके खिलाफ मामला दर्ज करा सकता है।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप समान काम करने वाली कंपनी द्वारा नियोजित नहीं किए जा सकते हैं। कानूनी तौर पर, आप जहां भी चाहें, वहां काम करने का आपको अधिकार है, लेकिन आप अपने नए रोजगार में अपने पिछले नियोक्ता की किसी भी गोपनीय जानकारी का खुलासा नहीं कर सकते। उदाहरण के लिए, यदि आप पहले P&G के साथ काम कर रहे थे और आपको अब यूनिलीवर के नौकरी का प्रस्ताव मिला है, तो आपको यह नौकरी स्वीकार करने से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। लेकिन आप P&G के व्यापार रहस्यों का खुलासा यूनिलीवर में नहीं कर सकते। 

अनुबंध में कोई गोपनीयता उपनियम नहीं 

यदि आपके अनुबंध में कोई गोपनीयता उपनियम नहीं है, तो भी आपका अपने पूर्व-नियोक्ता के प्रति निष्ठा का कर्तव्य बनता है कि आप उनके व्यापार रहस्यों और उनके साथ अपने रोजगार के दौरान सीखी गई गोपनीय जानकारी का दूसरों के सामने खुलासा या अपने स्वयं के लाभ के लिए उपयोग न करें। कुछ मामलों में, आप पर आपराधिक विश्वासघात का मुकदमा भी चलाया जा सकता है। 

गैर-याचना उपनियम

सहकर्मियों से अनधिकृत व्यवहार

यदि आपके अनुबंध में एक गैर-याचना उपनियम है, तो आप कंपनी के अन्य कर्मचारियों को किसी व्यवसाय, व्यापार या पेशे में, जो कंपनी के हित को नुकसान पहुंचा सकते हों, सूचीबद्ध नहीं कर सकते हैं। यह प्रतिबंध आप पर कंपनी में रोजगार करते समय और छोड़ कर जाने के बाद, दोनों समय लागू होता है।

उदाहरण के लिए, यदि हरप्रीत बेदी अपनी कंपनी शुरू करने के लिए ए.वाई.एस कंप्यूटर्स छोड़ते हैं, तो वह ए.वाई.एस के कर्मचारियों/सह-कर्मियों को अपने साथ नहीं ले जा सकते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं, तो यह ए.वाई.एस के साथ अपने अनुबंध का उल्लंघन करेंगे और अनुबंध के उल्लंघन के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ग्राहकों से अनधिकृत व्यवहार

रोजगार की प्रकृति के आधार पर, कुछ मामलों में, आप जिस कंपनी में नियोजित होते हैं उनका याचना का प्रतिबंध , ग्राहकों तक भी फैला रहता है। यदि आप किसी  कंपनी में शामिल होने के लिए या अपनी खुद की कंपनी शुरु करने के लिए अपनी वर्तमान कंपनी को छोड़ रहे हैं, तो आप उस कार्यस्थल के ग्राहकों को नहीं ले सकते। यह आपके पूर्व-नियोक्ता के व्यवसाय को प्रभावित करेगा और आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि लोकेश शर्मा अपनी कंपनी शुरू करने के लिए XYZ लिमिटेड को छोड़ते हैं, तो वे जाते समय अपने साथ XYZ लिमिटेड के ग्राहकों को नहीं ले जा सकते। यदि वह ऐसा करते हैं, तो वह XYZ लिमिटेड के साथ अपने अनुबंध का उल्लंघन करेंगे और अनुबंध के उल्लंघन के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

गैर-प्रतिस्पर्धा उपनियम

रोजगार अनुबंध में गैर- प्रतिस्पर्धा उपनियम मौजूदा कर्मचारी को नियोक्ता के व्यापार या समान क्षेत्र में अपने नियोक्ता के साथ प्रतिस्पर्धा करने से रोकता है।

कुछ उदाहरण हैः

  • यदि एक विशिष्ट तकनीक के साथ एयर प्यूरीफायर बनाने के व्यवसाय में हैं, तो उनका कर्मचारी Y उसी तकनीक के साथ प्रतिद्वंद्वी व्यवसाय नहीं शुरू कर सकता है।
  • हरपीत सिंह बेदी ए.वाई.एस कंप्यूटर्स में सेल्समैन हैं, जिनके साथ उनका गैर- प्रतिस्पर्धा उपनियम है। यदि हरपीत ए.वाई.एस में रोजगार करते समय, रॉकेट सेल्स कॉर्पोरेशन, नाम से व्यवसाय शुरू करते हैं, जो ए.वाई.एस के समान है, तो वह अपने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं और उन पर मुकदमा किया जा सकता है, क्योंकि वह उपनियम उन्हें ऐसा करने से विशेष रूप से मना करता है।

प्रशिक्षण बॉन्ड

प्रशिक्षण बॉन्ड क्या हैं?

कुछ मामलों में, नियोक्ता आपसे एक प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर करा सकते है। इस बॉन्ड की शर्तों के अनुसार, आपको उस कंपनी के लिए निर्धारित अवधि तक काम करना होगा। आवश्यक अवधि पूरी होने से पहले आप रोजगार समाप्त नहीं कर सकते। यदि आप करते हैं, तो आपको अपने अनुबंध के अनुसार नियोक्ता को क्षतिपूर्ति करनी होगी।

प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर क्यों किए जाते हैं?

इस प्रकार के बॉन्ड पर आमतौर पर तब हस्ताक्षर किया जाता है जब इसमें कुछ प्रशिक्षण शामिल होता है, जिसकी लागत नियोक्ता द्वारा वहन की जाती है। इसके पीछे विचार यह है कि यदि नियोक्ता आपके प्रशिक्षण में अपने संसाधनों का निवेश कर रहा है, तो उन्हें आपकी प्रतिभा का उपयोग करने और प्रशिक्षण के परिणाम प्राप्त करने में भी सक्षम होना चाहिए। इस प्रकार, नियोक्ता के हितों की रक्षा के लिए आमतौर पर प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर किए जाते हैं।

उदाहरण के लिए, भानु राव को सेंटूर होटल्स में नौकरी का प्रस्ताव दिया गया था। जब उन्होंने यह प्रस्ताव स्वीकार कर ली, तो भानु से एक प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराया गया था जिसमें कहा गया था कि उन्हें कंपनी के लिए न्यूनतम 2 साल की अवधि तक काम करना होगा, जिसमें 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि भी शामिल होगी, जिसकी लागत सेंटूर होटल्स द्वारा वहन की जाएगी। यदि उन्हें प्रशिक्षण अवधि समाप्त होने से पहले छोड़ना होता, तो भानु को सेंटूर होटल्स को अपने प्रशिक्षण का खर्च देना पड़ता। डेढ़ साल बाद, भानु को ज्यादा वेतन वाली नौकरी मिल गई और अपने बॉन्ड के 6 महीने शेष रहते, सेंटूर होटल्स छोड़ दिया। अब, सेंटूर होटल्स को उनसे प्रशिक्षण की लागत वसूलने का अधिकार है।

प्रशिक्षण बॉन्ड की राशि

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रशिक्षण बॉन्ड में दी गई राशि उचित होनी चाहिए और आमतौर पर यह प्रत्येक मामलो के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है।

नोटिस की अवधि

नोटिस की अवधि क्या है?

जब आप अपनी नौकरी को छोड़ने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यह बात नियोक्ता को उन्हें छोड़ने के अपने इरादे की अग्रिम सूचना देकर बताने की आवश्यकता होती है। इसे नोटिस की अवधि कहते हैं।

नोटिस की अवधि कितनी लंबी होती है?

नोटिस की अवधि आपके रोजगार अनुबंध में दी गई होगी। नोटिस की औसत अवधि आमतौर पर 1 से 3 माह होती है। आपके नियोक्ता को इस नोटिस अवधि के दौरान आपको आपका सामान्य वेतन देना होगा।

नोटिस की अवधि में छूट या विस्तार

परिस्थितियों के आधार पर, नियोक्ता नोटिस की अवधि माफ कर सकता है या फिर आपसे नोटिस की अवधि को बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है। आप चाहे तो नोटिस की अवधि को बढ़ाने के अनुरोध को अस्वीकार कर सकते हैं, यदि ऐसा करना आपके अनुबंध के विरुद्ध नहीं है।

नोटिस अवधि के बिना छोड़ना

नोटिस या किसी भी संवाद के बिना छोड़ने के विपरीत परिणाम हो सकते हैं, जैसे कि अनुबंध के उल्लंघन के लिए मुकदमा किया जाना या नियोक्ता आपके खिलाफ मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू कर सकता है।

आपको नौकरी से निकाला जाना

यदि  आपका नियोक्ता आपको नौकरी से निकाल देता है, तो यह या तो नोटिस अवधि या आपके अनुबंध में दी गई किसी अन्य शर्तों के अनुसार हो सकता है। आपका नियोक्ता आपको नौकरी से निकाल सकता है यदि:

रोजगार-संबंधी विवाद
• आपका प्रदर्शन अच्छा नहीं है।
• आप किसी आपराधिक गतिविधियों जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल थे।
• आपने किसी एच.आर नीति का उल्लंघन किया है या आपने किसी भी आचार संहिता का उल्लंघन किया है आदि।
• आपने अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का कार्य किया है जो सिद्ध हो चुका है।

अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन
यदि आप अपने अनुबंध के किसी भी नियम का उल्लंघन करते हैं जैसे गैर-प्रतिस्पर्धी, गैर-प्रकटीकरण, गैर-याचना उपनियम, आदि तो आपको आपके नियोक्ता द्वारा निकाल दिया जा सकता है।

बिना किसी स्पष्ट कारण के निकाला जाना
यहां तक कि यदि आपने अपने अनुबंध के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है या यदि आप किसी विवाद में शामिल नहीं हैं, तो भी आपको निकालने या नौकरी पर जारी रखने का निर्णय आपके नियोक्ता के पास ही है।