एक परिवारिक सदस्य द्वारा यौन उत्पीड़न

एक बच्चे का एक परिवारिक सदस्य सिर्फ वह नहीं है जो उससे खून से संबंधित है, वह और अन्य तरह के संबंध जैसे, शादी, गोद लेना, अभिभावकीय संरक्षण, और पालन पोषण (फाेस्टर) आदि से भी हो सकता है। इसमें ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं जिनके साथ, माता-पिता या बच्चे का, एक ही घर में रहने के कारण घरेलू संबंध हैं। जब इस तरह के एक परिवारिक सदस्य द्वारा यौन दुराचार किया जाता है, तो उसे किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में जो परिवार का सदस्य नहीं है, ज्यादा गंभीर दंड दिया जाता है क्योंकि बच्चे का उनके साथ अधिकार और विश्वास का संबंध हैं। एक परिवारिक सदस्य द्वारा यौन उत्पीड़न के लिए सजा, दस साल की जेल से आजीवन कारावास तक है, जब कि एक गैर-परिवारिक सदस्य के लिए यह सजा, सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक है।

यदि आप किसी परिवार के सदस्य को जानते हैं जो बाल यौन उत्पीड़न कर रहा है, या परिवार में किसी यौन उत्पीड़ित बच्चे को जानते हैं, तो आप कृपया हमारे स्पष्टीकरण को देखें कि ऐसे अपराध की रिपोर्ट आप किस तरह कर सकते हैं।

घरेलू हिंसा के खिलाफ सहायता और समर्थन प्राप्त करने में

घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करते समय, आपको अतिरिक्त सहायता और समर्थन की आवश्यकता हो सकती है, जिसे आप नीचे सूचीबद्ध किए गए अधिकारियों से संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं।

समर्थन और सहायता

प्रोटेक्शन ऑफिसर

आप अपने जिले के प्रोटेक्शन ऑफिसर से भी संपर्क कर सकते हैं, जो आपको मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने में, आपको आश्रय गृह उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान करते हैं, यदि आवश्यक हो, तो आपको उचित सेवा प्रदाताओं आदि के पास भेजते हैं।

एन.जी.ओ, सिविल सोसाइटी संगठन, सेवा प्रदाता

आप एन.जी.ओ, सिविल सोसाइटी संगठनों या सेवा प्रदाताओं से संपर्क कर सकते हैं जो आपकी सहायता कर सकते हैं और आपको सहायता प्रदान कर सकते हैं, जैसे कानूनी सहायता प्रदान करना, आपको अपने अधिकारों के बारे में जागरूक कराना, संबंधित प्रोटेक्शन ऑफिसर से संपर्क कराना, आदि। संगठन के आधार पर, वे आपको आश्रय, रोजगार के अवसर और व्यावसायिक प्रशिक्षण, परामर्श आदि भी प्रदान कर सकते हैं। आपके द्वारा संपर्क किए गए संगठन के प्रकार पर निर्भर करते हुए, ये सेवाएं नि:शुल्क होंगी।

सेवा प्रदाताओं के पास स्वयं एक घरेलू घटना की रिपोर्ट रिकॉर्ड करने और संबंधित न्यायालय या प्रोटेक्शन ऑफिसर को आगे भेजने की भी शक्ति होती है। वे मेडिकल चेकअप कराने में भी आपकी सहायता कर सकते हैं, खासकर जब आप घायल हों और संबंधित प्रोटेक्शन ऑफिसर या पुलिस स्टेशन को मेडिकल रिपोर्ट भेजते हैं।

कानूनी सहायता

वकील प्राप्त करना

आपके पास वकील के पास जाने का विकल्प है जो शिकायत दर्ज कराने में मार्गदर्शन करने से लेकर आपको अदालत तक पहुंचाने में आपकी सहायता कर सके। यदि आप वकील का खर्च वहन नहीं कर सकते, तो आप निःशुल्क कानूनी सहायता के लिए अपने जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं। निःशुल्क कानूनी सहायता हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया को समझने के लिए यहां देखें। इसका पता कैसे लगाना है इसे लेकर यदि आप अनिश्चित हैं, तो आप प्रोटेक्शन ऑफिसर, एन.जी.ओ, सेवा प्रदाताओं आदि से सहायता करने को कह सकते हैं।

LGBTQ + व्यक्तियों द्वारा शिकायत / रिपोर्ट दर्ज कराना

आप इनमें से किसी भी प्राधिकारी के पास, या फोरम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं:

पुलिस

  • आप पुलिस स्टेशन जाएं
  • आप किसी भी पुलिस स्टेशन, या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन पर जाकर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करा सकते हैं। आपका कोई मित्र या रिश्तेदार भी आपकी ओर से प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। यदि आप एक महिला या पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं, तो आपका बयान एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही दर्ज किया जाएगा।
  • 100 पर कॉल करें
  • आप पुलिस से तत्काल मदद मांगने के लिए 100 नम्बर. पर कॉल कर सकते हैं। अपने रहने के ठिकाने बताने के बाद, एक पुलिस इकाई आपकी की सहायता के लिए आपके यहां भेजी जाएगी।

भारत का राष्ट्रीय और राज्य आयोग

ये वो फोरम है जहां आप संपर्क कर सकते हैं जब कोई अधिकारी आपकी प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने से इंकार करता है, या आपको पुलिस से किसी प्रकार की कठिनाई या प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है:

राष्ट्रीय / राज्य मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन – NHRC) एक राष्ट्रीय स्तर की सरकारी निकाय है, जो विशेष रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन, जैसे अवैध हिरासत, जेल में उत्पीड़न, आदि मामलों को देखता है। एक LGBTQ+ व्यक्ति के रूप में अगर पुलिस आपके साथ सहयोग नहीं करती है, और आपको मदद की आवश्यकता है, तो आप इनसे भी संपर्क कर सकते हैं।

चूंकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में स्थित है, आप तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए अपने राज्य के राज्य मानवाधिकार आयोग (स्टेट ह्यूमन राइट कमीशन – SHRC) से भी संपर्क कर सकते हैं। आप अपने लिंग या यौन अभिविन्यास की परवाह किए बिना राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या राज्य मानवाधिकार आयोग से शिकायत कर सकते हैं।

आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क कर सकते हैं और शिकायत दर्ज करा सकते हैं, यदि आपने किसी उत्पीड़न या भेदभाव का सामना किया है।

राष्ट्रीय / राज्य महिला आयोग

राष्ट्रीय महिला आयोग (नेशनल कमीशन ऑफ वीमेन – NCW) एक राष्ट्रीय स्तर की सरकारी संस्था है, जो महिलाओं पर होने वाले हिंसा, जैसे यौन अपराध, घरेलू हिंसा, आदि से सुरक्षा देने के लिए काम करती है। राष्ट्रीय महिला आयोग आपकी मदद निम्नलिखित तरीकों से कर सकती है:

  • यह आपको और आपके उत्पीड़क को परामर्श या सुनवाई का अवसर देती है ताकि विवाद का समाधान हो, और ऐसी घटना फिर से न घटे।
  • गंभीर मामलों में यह एक जांच समिति का गठन करेगी, जो मौके पर पूछताछ करेगी, गवाहों की जांच करेगी, सबूत इकट्ठा करेगी और आपको तत्काल राहत और सुरक्षा देने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

पर आप उनके साथ तब ही संपर्क कर सकती हैं जब आप एक महिला या एक पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं। आप उनको हेल्पलाइन नंबर 1091 पर कॉल कर के, या ncw@nic.in पर एक ईमेल भेज कर के, या ऑनलाइन शिकायत लिख कर के दर्ज कराएं।

आप तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए अपने राज्य के महिला आयोग से भी संपर्क कर सकते हैं।

ऑनलाइन पर की गई अपराधों की रिपोर्टिंग

ऑनलाइन अपराधों के खिलाफ आप अपने राज्य के साइबर सेल, या पुलिस से शिकायत कर सकते हैं। ऑनलाइन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ रिपोर्ट करने और शिकायत करने के लिए उपलब्ध विकल्पों को विस्तार से समझने के लिए यहां पढ़ें।

पीड़िता के पहचान की रक्षा करना

किसी को भी ऐसे मामले को छापने या प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है जिससे पीड़िता का नाम या किसी की पहचान का पता चलता हो। ऐसा करने की सजा दो साल तक की कैद और जुर्माना है। अदालत की अनुमति के बिना, यदि कोई वर्तमान में अदालत में चल रहे बलात्कार के मामले के बारे में छापता या प्रकाशित करता है, तो उसे दो साल की अधिकतम कारावास की सजा और जुर्माना हो सकता है।

पीड़िता की पहचान केवल प्रकट की जा सकती है जब:

• जांच के उद्देश्य से-इस मामले में, पहचान का खुलासा किसी थाने के प्रभारी अधिकारी या मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी द्वारा किया जा सकता है।

• पीड़िता द्वारा, या उसकी लिखित अनुमति से।

• पीड़िता के करीबी परिवार द्वारा, या उनकी अनुमति से-यदि महिला मर गई है, या नाबालिग है, या विकृत दिमाग की है तो इसकी अनुमति है। ऐसे में परिवार किसी भी मान्यता प्राप्त कल्याण संस्थान या संगठन के अध्यक्ष या सचिव को ही ऐसी अनुमति दे सकता है।

कानून के तहत अधिकारों के इस्तेमाल की लागत कितनी है?

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय में शारीरिक हिंसा पर जानकारियां दी गई है, जिससे कुछ पाठकों को असहज महसूस हो सकता है। 

एसिड अटैक के अपराधों के लिए पीड़ितों को मुफ्त में चिकित्सा और रिहेब्लिटेशन सुविधाएं अवश्य प्रदान की जानी चाहिए:

• उन्हें मुफ्त प्राथमिक उपचार और चिकित्सा उपचार दिया जाना चाहिए।

• उन्हें एक मुफ्त चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान किया जाना चाहिए, जिसका उपयोग अन्य अस्पतालों में आगे के इलाज के लिए किया जा सकता है।

• पुलिस को शिकायतकर्ता को एफआईआर की एक फ्री कॉपी देनी चाहिए।

• आगे के चिकित्सा उपचार के लिए आमतौर पर निम्न में से भुगतान किया जाता है:

  • अपराध करने के लिए अपराधी पर लगायी गई जुर्माना राशि में से
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनकी संबंधित पीड़ित मुआवजा योजनाओं के तहत मुआवजा में से,
  • और; पीड़ित क्षतिपूर्ति कोष से अतिरिक्त मुआवजा में से

फोन पर स्टाकिंग कैसे होती है?

[जारी चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, दुर्व्यवहार और गाली-गलौज के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

यदि कोई व्यक्ति किसी महिला से बार-बार फोन, मैसेज या टेलीफोन के जरिए संपर्क करता है तो ऐसा करना कानून के तहत अपराध है। कानून के तहत केवल पुरुष को ही ऐसे अपराधों के लिए दंडित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, किसी महिला के फोन पर संदेश भेजना या उसके तरफ से स्पष्ट अरुचि के बावजूद भी उससे मिलने या यौन सम्बन्ध के लिए माँग करना।

फोन पर स्टाकिंग करने पर जुर्माना के साथ तीन साल तक की जेल की सजा है। बार-बार अपराध करने वालों के लिए, यह सजा और अधिक है, यानी जुर्माना के साथ पांच साल तक की जेल।

पिक-पॉकेटिंग और स्नैचिंग (जेब काटना और छीनना)

जब कोई आपकी जेब, बैग आदि से सामान चोरी करता है, जैसे कि आपका वॉलेट, फोन आदि, तो इसे पिक-पॉकेटिंग (जेब काटना) कहते हैं और जब कोई आपसे जबरदस्ती आपका सामान छीन लेता है, तो इसे स्नैचिंग (छीनना) कहते हैं। ये दोनों कृत्य अपराध हैं।

ये कृत्य 3 साल तक की जेल और/या जुर्माने के साथ दंडनीय हैं। यदि आपने जेब काटने(पिक-पॉकेटिंग) या स्नैचिंग का अनुभव किया है, तो शिकायत करने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं, यह जानने के लिए यहां पढ़ें।

एक प्राधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न

नीचे दी गई सूची के लोगों से, बच्चों के प्रति किये गये यौन अपराधों के लिये, कानून के तहत, काफी सख्ती से निपटा जाता है।

जब ये लोग, ‘यौन आक्रमण’ या ‘प्रच्छेदिक यौन आक्रमण’ जैसे अपराध करते हैं, तो उन्हें उसी अपराध करने के लिए बड़ी सजा दी जाएगी। तब ऐसे लोगों द्वारा किये अपराधों को क्रमशः, ‘संगीन यौन आक्रमण’ और ‘संगीण प्रच्छेदिक यौन आक्रमण’ के रूप में जाना जाता है।

इस सूची में शामिल किये गये लोग हैं:

  • कोई भी व्यक्ति जो सरकारी कर्मचारी है और जिसके पास सरकार की संस्थागत प्रणाली के अंदर अपने पद के कारण अधिकार है। उदाहरण: एक पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी पर तैनात।
  • कोई भी व्यक्ति जो अपने विश्वास या अधिकार के पद के चलते बच्चे से बात-चीत करता हो। उदाहरण: एक स्कूल का शिक्षक या परिवार का एक सदस्य।
  • वे लोग जो अधिक भयानक प्रकृति के यौन आक्रमण करते हैं उन्हें ऊँचे दर्जे की सजा दी जाती हैं। उदाहरण: एक बच्चे का सामूहिक बलात्कार।
  • आवर्ती (रिपीट) दोषी का उदाहरण: वह जिसे बाल यौन उत्पीड़न के लिए पहले भी अपराधी ठहराया गया है।

इस सूची के तहत कौन आता है यह देखने के लिए कृपया अधिनियम की धारा 5 और धारा 9 को देखें।

किसी भी शैक्षणिक, धार्मिक या चिकित्सा संस्थान के शिक्षक, चिकित्सा पेशेवर, देखभाल करने वाले, कर्मचारी और प्रबंधकों को, उनके अधिकार का दुरुपयोग करने के लिये, और बाल यौन उत्पीड़न करने के लिए दंडित किया जा सकता है।

इस कानून के तहत किसी ऐसे डॉक्टर को दंडित नहीं किया जायेगा जो बच्चे के माता-पिता की अनुमति लेकर बच्चे की चिकित्सीय परीक्षण कर रहा हो। लेकिन, अगर यह सिद्ध किया जाता है कि परीक्षण करते समय डॉक्टर ने यौन उत्पीड़न किया है, तो उसे कानून के तहत दंडित किया जाएगा।

इस तरह के एक अपराध की सजा, जुर्माने के साथ साथ, 10 वर्ष के कठोर कारावास से लेकर आजीवन कठोर कारावास तक की हो सकती है।

घरेलू हिंसा के लिए तत्काल सुरक्षा

घरेलू हिंसा से तत्काल सुरक्षा प्राप्त करने के लिए, आपको प्रोटेक्शन ऑफिसर या वकील की सहायता से अदालत में एक आवेदन दर्ज करवाना चाहिए। अदालत आपको और आपके बच्चे/बच्चों को उत्पीड़क से सुरक्षा देने के लिए एक सुरक्षा आदेश पारित करेगा। अदालत द्वारा पारित आदेश अस्थायी, लेकिन एक निश्चित अवधि के लिए होगा1) जब तक कि अदालत को यह नहीं लगता कि परिस्थितियों में बदलाव के कारण इस तरह के आदेश की आवश्यकता नहीं है। यदि आपको इसकी आवश्यकता है तो आप आदेश की अवधि बढ़ाने के लिए अपने वकील की मदद ले सकती हैं। सुरक्षा आदेश आपकी सहायता करेगा 2):

 

घरेलू हिंसा के कृत्यों को रोकने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह किसी भी रूप में घरेलू हिंसा करने या कराने में मदद न करे।
  • वह दोस्तों, रिश्तेदारों या कोई भी ऐसा व्यक्ति जो हिंसा करने में आपका समर्थन कर रहा है उसके साथ हिंसा न करे।

 

किसी भी गड़बड़ी या उत्पीड़न को रोकने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह आपके कार्यस्थल या निवास सहित किसी भी स्थान पर आपको परेशान/उत्पीड़ित न करे।
  • वह आपके बच्चे/बच्चों को स्कूल या किसी अन्य स्थान पर जहाँ वे जाते हैं, परेशान न करे।3)
  • वह आपको व्यक्तिगत रूप से या ईमेल, टेलीफोन, ऑनलाइन, आदि के माध्यम से संपर्क न करे।

 

अपने वित्त और संपत्ति की रक्षा करने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह आपकी सहमति के बिना आपकी संपत्ति, शादी के तोहफे, स्त्रीधन आदि को बेचने या देने न दे।
  • वह किसी एकल/संयुक्त बैंक खाते का संचालन करने या आपकी सहमति के बिना और न्यायालय को बताए बिना एकल/संयुक्त बैंक लॉकर का उपयोग न करे।

 

उत्पीड़क के व्यवहार को नियंत्रित करने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह किसी भी फायरआर्म(आग्नेयास्त्र), हथियार या अन्य खतरनाक पदार्थों का उपयोग न करे जिनका उपयोग आपको चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। उत्पीड़क को इसे सीधे न्यायालय में देने के लिए कहा जा सकता है।4)
  • वह किसी भी शराब, नशीले पदार्थों या ऐसे पदार्थों का सेवन न करे जिससे नशा हो सकता है, जिससे घरेलू हिंसा होती है। 5)

यदि उत्पीड़क आदेश देने के बाद भी आपको परेशान कर रहा है, तो आप 6) अपने वकील को अदालत को सूचित करने को कह सकती हैं। अदालत उत्पीड़क को एक वर्ष की जेल या 20,000 रुपये के जुर्माने से दंडित करेगी।

LGBTQ+ व्यक्तियों द्वारा एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराना

जब आप शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाते हैं, तो शिकायत का विवरण एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट-प्राथिमिकी) के रूप में लिखा जाता है।

प्राथिमिकी (एफआईआर) को दर्ज करना पुलिस अधिकारी का काम है, और यदि आप एक महिला या पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं, तो कुछ अपराधों के लिए, एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करना होगा।

एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करने से पहले, किसी वकील से सलाह लें और देखें कि किस तरह के अपराधों के लिए आप एक प्राथिमिकी दर्ज करा सकते हैं क्योंकि कुछ अपराधों के लिए प्राथिमिकी सिर्फ महिलाओं या पारमहिला (ट्रांसवुमन) द्वारा ही दर्ज कराई जा सकती हैं, पुरुष द्वारा नहीं। यदि आप प्राथिमिकी दर्ज कराते समय किसी भी कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो यहां देखें कि आप कौन कौन से कदम उठा सकते हैं।