इस कानून के तहत कौन-कौन से अपराध और दंड आते हैं?

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय में शारीरिक हिंसा पर जानकारियां दी गई है, जिससे कुछ पाठकों को असहज महसूस हो सकता है। 

एसिड अटैक से संबंधित अपराधों को भारतीय दंड संहिता, 1860 और आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत निर्दिष्ट किया गया है। नीचे दिए गए अपराधों के लिए किसी को भी दंडित किया जा सकता है, चाहे उनका लिंग कुछ भी हो। जो कि निम्नलिखित हैं:

एसिड फेंकना या एसिड फेंकने का प्रयास करना 

किसी व्यक्ति पर एसिड फेंकना और उसे चोट पहुंचाना अपराध है। एसिड फेंकने की सजा कम से कम 10 साल की जेल है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जिससे एसिड अटैक सर्वाइवर के चिकित्सा खर्चों को पूरा किया जा सके।

साथ ही किसी व्यक्ति पर एसिड फेंकना या फेंकने का प्रयास करना भी अपराध है। इस अपराध के लिए कम से कम 5 साल की जेल जिसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

एसिड फेंकने में किसी की मदद करना 

किसी को एसिड फेंकने में मदद करना भी अपराध है। किसी को अपराध करने में मदद करना कानून के तहत उकसाने के रूप में जाना जाता है। उकसाने की सजा वही है जो एसिड फेंकने या किसी अन्य व्यक्ति पर एसिड फेंकने का प्रयास करने की सजा है।

एसिड अटैक सर्वाइवर का इलाज करने या मुफ्त तत्काल उपचार प्रदान करने से इनकार करना 

एसिड अटैक सर्वाइवर को चिकित्सा उपचार का अधिकार है और इस तरह का उपचार प्रदान करने से इनकार करने वाला अस्पताल इस कानून के तहत अपराधी है। सर्वाइवर का इलाज करने से इंकार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है।

भारतीय दंड संहिता, 1860 में विशिष्ट एसिड अटैक अपराधों के अलावा, अन्य अपराधों को भी एसिड हमलों के मामले में पुलिस द्वारा एफआईआर या चार्जशीट में सम्मिलित या लिखा जा सकता है। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, खतरनाक हथियारों से किसी को चोट पहुंचाना, और गंभीर चोट पहुंचाना शामिल हैं।

यौन टिप्पणी करना और धमकी देना क्या है?

[जारी चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, दुर्व्यवहार और गाली-गलौज के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

अगर कोई किसी महिला को यौन या सेक्सुअल रूप से धमकी देने वाली कोई बात कहता है, तो यह कानून के तहत अपराध है। कानून के तहत केवल पुरुष को ही इस तरह के अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है।

यौन टिप्पणियों के कुछ उदाहरण इस प्रकार है:

• कोई टिप्पणी या बयान जो किसी महिला को सेक्सुअल महसूस होता है।

• कोई सामान्य टिप्पणी जो बिल्कुल सेक्सुअल प्रकृति की नहीं है, लेकिन इसका सेक्सुअल निहितार्थ है। उदाहरण के लिए, ऐसे शब्द कहना जिनके कई अर्थ हो या इशारे करना।

यौन धमकी मौखिक, हावभाव से या लिखित हो सकती है। ऐसे कृत्यों के लिए और अधिक सजा का प्रावधान है। ऐसा बयान देना या व्यवहार करना एक यौन धमकी है यदि:

• यह सेक्सुअल है और इसका उद्देश्य किसी महिला को डराना, चोट पहुंचाना या परेशान करना है।

• यह किसी महिला को अनुचित स्पर्श या किसी जबरदस्ती यौन क्रिया के बारे में चेतावनी देने के लिए बनाया गया है जो होने वाला होता है।

यौन धमकी या टिप्पणी करने पर न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष तक की जेल की सजा है और साथ ही जुर्माना भी है।

इस कानून के तहत क्या-क्या प्रतिबंधित है?

कानून निम्नलिखित गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है:

लैंगिक चयन का संचालन

बांझपन विशेषज्ञों सहित कोई भी किसी स्त्री या पुरुष या दोनों पर किसी ऊतक, भ्रूण, गर्भजीव, द्रव या युग्मक का उपयोग करके यौन चयन नहीं कर सकता।

कानून किसी को, जिसमें स्त्री का रिश्तेदार या पति भी शामिल है, दोनों पर या तो लैंगिक चयन प्रक्रियाओं का उपयोग करने या प्रोत्साहन देने पर भी प्रतिबंध लगाता है।

प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाओं का संचालन

कोई भी व्यक्ति पंजीकृत केन्द्र सहित किसी भी स्थान का प्रयोग प्रसव से पूर्व निदान की प्रक्रिया या परीक्षण करने के लिए नहीं कर सकता। यह कानून गर्भवती महिला के रिश्तेदार या पति सहित किसी को भी कुछ अनुमत स्थितियों को छोड़कर प्रसव से पूर्व निदान की प्रक्रियाओं या परीक्षणों का इस्तेमाल करने से रोकता है।

भ्रूण के लिंग का निर्धारण

पंजीकृत केन्द्र सहित कोई भी भ्रूण के लिंग के निर्धारण के लिए प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

यदि लिंग निर्धारण प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बच्चे का गर्भपात हो जाता है, तो यह भ्रूण हत्या का अपराध होगा।

गर्भपात संबंधी कानून के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे लेख को पढ़ें।

भ्रूण के लिंग की सूचना देना

कोई भी गर्भवती महिला, उसके रिश्तेदार या किसी अन्य व्यक्ति, शब्दों, चिन्हों या किसी अन्य तरीके से भ्रूण के लिंग की सूचना नहीं दे सकता है।

लिंग निर्धारण के लिए मशीन बेचना

कानून के तहत पंजीकृत कोई भी ऐसी अल्ट्रासाउंड मशीन, इमेजिंग मशीन, स्कैनर या कोई अन्य उपकरण नहीं बेच सकता जो भ्रूण के लिंग का पता लगा सके।

लैंगिक निर्धारण या लैंगिक चयन सुविधाओं का विज्ञापन

कोई भी व्यक्ति गर्भाधान से पहले लिंग या लिंग चयन के पूर्व निर्धारण की सुविधाओं के बारे में ऑनलाइन या ऑफ़लाइन कुछ जारी, प्रकाशित, या वितरित नहीं कर सकता।

किसी को चोरी करने में मदद करना

अगर कोई चोरी करने में किसी की मदद करता है, तो उसे उसी तरह के दंड से दंडित किया जाएगा जैसे उसने खुद ही यह कार्य किया है।

हालाँकि, यदि कोई चोरी करने में किसी की सहायता कर रहा है, और अन्य कार्य भी किया जाता है, तो उसे किए गए कार्य के लिए इस तरह दंडित किया जाएगा, मानो उसने स्वयं वह कार्य किया हो। उदाहरण के लिए, राम ने सीता के घर से चोरी करने का फैसला किया, और श्याम उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया, और चोरी के दौरान, सीता की हत्या कर दी गई, तो श्याम को हत्या और चोरी दोनों के लिए दंड दिया जाएगा।

रैगिंग रोकने के लिए संस्थानों के कर्तव्य

रैगिंग रोकना कॉलेज का कर्तव्य है। सभी कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को परिसर के भीतर और बाहर, दोनों जगहों पर रैगिंग खत्म करने के लिए सभी उपाय करने होंगे। कानून के तहत, सभी उप-इकाइयों, जैसे विभाग, कैंटीन, आदि सहित कोई भी कॉलेज या संस्थान, किसी भी तरह से रैगिंग की अनुमति नहीं दे सकता है।

सभी कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को ऍडमिशन और नामांकन के समय जैसे अलग-अलग चरणों में रैगिंग रोकने के लिए कदम उठाने होते हैं।

प्रवेश के समय किये जाने वाले उपाय

सभी कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को, छात्रों के प्रवेश के समय उपाय करने चाहिए। इनमें से कुछ हैं-

  • एक सार्वजनिक घोषणा (किसी भी प्रारूप में-प्रिंट, ऑडियो विजुअल, आदि) करें कि कॉलेज में रैगिंग पूरी तरह से निषिद्ध है, और जो कोई भी छात्रों की रैगिंग करता पाया जाएगा, उसे कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
  • प्रवेश की विवरणिका में रैगिंग के बारे में जानकारी दें। उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए यूजीसी विनियमनों 2009 (यूजीसी गाइडलाइंस) को मुद्रित किया जाना चाहिए। साथ ही सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारियों, जैसे कि प्रमुख, हॉस्टल वार्डन, आदि की संपर्क जानकारी, साथ ही ऍण्‍टी-रैगिंग हेल्पलाइन का नंबर भी छपना चाहिए।
  • आवेदन पत्र के साथ एक शपथ पत्र प्रदान करें। छात्रों और अभिभावकों के लिए ये हलफनामे में लिखा होना चाहिए कि छात्र और माता-पिता ने यूजीसी के दिशानिर्देशों को पढ़ा और समझा है, वे जानते हैं कि रैगिंग निषिद्ध है और आवेदक किसी भी ततरह की रैगिंग में शामिल नहीं होगा, और ऐसे किसी भी व्यवहार में लिप्‍त पाये जाने पर वह सज़ा के लिए उत्तरदायी होगा या होगी। यदि छात्रावास के लिए आवेदन करने पर आवेदक को अतिरिक्त शपथ पत्रों पर हस्ताक्षर करने होंगे।
  • एक दस्तावेज़ प्रदान करें जो आवेदक के सामाजिक व्यवहार पर रिपोर्ट करता है। इस तरह के दस्तावेज़ में किसी भी लिखित कदाचार का उल्‍लेख किया जाएगा और कॉलेज, आवेदक पर नज़र रख सकता है। यह दस्तावेज़ आवेदन पत्र के साथ नत्‍थी होना चाहिए।
  • हॉस्टल वार्डनों, छात्रों, अभिभावकों आदि के प्रतिनिधियों के साथ रैगिंग रोकने के उपायों और कदमों पर चर्चा करें।
  • रैगिंग के लिए दंड-प्रावधानों और यूजीसी के दिशा-निर्देशों और अमल में ला सकने वाले अन्य कानूनी प्रावधानों को विभिन्न स्थानों पर प्रमुखता से डिस्‍पले करें।
  • जिन स्थानों पर रैगिंग होने की संभावना है, उन स्थानों को पहचान कर उन पर कड़ी निगरानी रखें। ऍण्‍टी-रैगिंग स्क्वॅड और संबद्ध
  • वॉलंटियरों को सेमेस्टर के पहले कुछ महीनों के दौरान अप्रत्‍याशित समय-समय पर ऐसे स्थानों का औचक निरीक्षण करना चाहिए।

नामांकन / पंजीकरण के दौरान किये जाने वाले उपाय

सभी कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को छात्रों के नामांकन / पंजीकरण के समय कुछ निश्‍चित उपाय करने होंगे। इनमें से कुछ हैं-

  • कॉलेज के प्रत्येक नये छात्र को एक पर्चा दिया जाना चाहिए जो यह निर्दिष्ट करेगा-
    • रैगिंग के दौरान और प्रकरण में जिन व्यक्तियों से संपर्क साधा जा सकता है, जैसे ऍण्‍टी-रैगिंग हेल्पलाइन नंबर, हॉस्टल वार्डन, स्थानीय पुलिस आदि जैसे व्यक्तियों की संपर्क जानकारी।
    • नये छात्रों को बातचीत करने और वरिष्ठ छात्रों के साथ मिलने-जुलने में सक्षम बनाने के लिए जो समावेशन कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
    • संबद्ध कॉलेज के छात्र के बतौर मिले अधिकार।
    • निर्देश कि छात्र को किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होना चाहिए, भले ही सीनियर छात्रों द्वारा ऐसा करने को बोला जाये, और यह कि रैगिंग के हर प्रकरण को तुरंत रिपोर्ट किया जाएगा।
    • शैक्षणिक परिवेश के साथ-साथ फ्रेशर्स की पहचान की सुविधा के लिहाज़ से बनीं सभी गतिविधियों वाला एक कैलेंडर।
  • छात्रों को रैगिंग की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यदि वे पीड़ित हैं या वे किसी अन्य छात्र की ओर से शिकायत करते हैं, तो उनकी पहचान सुरक्षित और गुप्‍त रखी जाएगी, और उन्हें केवल उस घटना की रिपोर्ट करने के लिए कोई भी प्रतिकूल परिणाम भुगतना नहीं पड़ेगा।
  • फ्रेशर्स / नये छात्रों की बैच को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित किया जाएगा, और प्रत्येक समूह में एक शिक्षक होगा जो छात्रों की समस्याएं समझने के लिए उनके साथ रोज़ बातचीत करेगा।
  • हॉस्टलों में फ्रेशर्स को सीनियर्स से अलग रखा जाना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में जहां यह संभव नहीं है, सीनियर छात्रों की जूनियर छात्रों तक पहुंच की निगरानी वार्डन / छात्रावास सुरक्षा द्वारा की जानी चाहिए।
  • कॉलेज के प्रमुख को शैक्षणिक वर्ष के अंत में प्रथम वर्ष के छात्रों के माता-पिता को एक पत्र भेजना चाहिए, ताकि उन्हें रैगिंग और उसके दंड-प्रावधानों के बारे में बताया जा सके। पत्र में माता-पिता से यह भी आग्रह करना चाहिए कि वे अपने बच्चों को रैैगिंग जैसे किसी भी व्यवहार में शामिल न होने के लिए कहें।

सामान्य उपाय

ऊपर दिये गये उपायों के अलावा, हरेक कॉलेज को कुछ सामान्य उपाय करने होंगे। इनमें से कुछ हैं-

  • कॉलेज को ऍण्‍टी-रैगिंग कमेटी, ऍण्‍टी-रैगिंग स्क्वॅड, मेंटरिंग सेल और मॉनिटरिंग सेल जैसे प्राधिकरणों का गठन करना चाहिए।
  • हरेक छात्रावास में एक पूर्णकालिक वार्डन होना चाहिए, जिसकी योग्यताओं में ये शामिल हों-छात्रों को अनुशासित कर सकना, रैगिंग को रोकने और छात्रों से संवाद / परामर्श करने की क्षमता।
  • वार्डन को हर समय उपलब्ध होना चाहिए, कॉलेज द्वारा प्रदत्त उसका एक टेलीफोन नंबर अच्छी तरह से प्रसारित होना चाहिए।
  • कॉलेज को ऑडियो-विजुअल सामग्री, काउंसलिंग सत्र, कार्यशालाओं आदि के माध्यम से रैगिंग के खिलाफ प्रचार के लिए व्यापक उपाय करने होंगे।
  • कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को कक्षाओं / पुस्‍तकालयों के अलावा छात्रों को ऍण्‍टी-रैगिंग स्क्वॅड से रैगिंग की शिकायत करने के लिहाज़ से संबद्ध मोबाइल फोनों पर बेरोक और आसान पहुंच मुहैया करानी चाहिए।
  • परा-शिक्षण स्‍टाफ सहित कॉलेज के सभी संकायों को रैगिंग के मुद्दे पर संवेदनशील बनाया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

गैर शारीरिक यौन व्यवहार

गैर-शारीरिक व्यवहार जो अवांछित और यौन प्रकृति का है, ‘यौन प्रताड़ना’ (सेक्सुअल हरासमेंट) के रूप में जाना जाता है।

‘यौन प्रताड़ना’, शारीरिक या गैर-शारीरिक क्रियाएं हो सकती हैं जैसे:

यौन संबंधित वाक्य बोलना या भाव व्यक्त करना।

  • यौन अंगों के बारे में बोलना, इशारा करना या दिखाना ताकि बच्चा इसे देख सके।
  • किसी यौन संबंधित वस्तु, या यौन अंग के किसी भी भाग को बच्चे को दिखाना।
  • किसी बच्चे को उसके अपने शरीर के अंगों को किसी और को दिखाने के लिए कहना या मजबूर करना।

पीछा करना और धमकी देना

  • किसी बच्चे को, फ़ोन, एसएमएस, इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से, बार-बार या लगातार, सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से देखना, उसका पीछा करना, या उससे संपर्क करना।
  • किसी बच्चे को, किसी भी प्रकार के माध्यम से किसी यौन क्रिया में शामिल करने के लिए फुसलाना या धमकी देना।

अश्लील चित्रण संबंधी

  • बच्चे को, किसी भी रूप में अश्लील चित्र दिखाना।
  • बच्चे को चॉकलेट जैसी चीज़ों को देकर लुभाना ताकि बच्चा किसी भी अश्लील कृत्य में भाग ले सके।

एक बच्चे को यौन प्रताड़ित करने का दंड, 3 साल तक की जेल की सजा के साथ साथ जुर्माने की सजा भी हो सकती है।

LGBTQ+ व्यक्तियों को ब्लैकमेल करना

यदि कोई भी आपकी पहचान या यौन अभिविन्यास को उजागर करने के लिए धमकी देता है, और अपनी चुप्पी बनाए रखने के लिए पैसे या कुछ और महंगी चीज मांगता है, तो वे जबरन वसूली करने का अपराध कर रहे हैं। यहां तक ​​कि इस प्रक्रिया में आपको घायल करने की धमकी भी, जबरन वसूली के अपराध के रूप में मानी जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई आपसे आपकी लिंग पहचान को गुप्त रखने के बदले में आपसे पैसे मांगता है, तो यह जबरन वसूली का मामला है, जिसके लिए आपको पुलिस से शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

ऐसे मामलों में, आप हेल्पलाइन पर कॉल करके तत्काल सहायता प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान की परवाह किए बिना पुलिस से शिकायत कर सकते हैं। आप भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 383 के अंतर्गत पुलिस में एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करा सकते हैं।

आपसे कुछ काम कराने के लिए ब्लैकमेल करना

यदि कोई आपसे किसी काम कराने के बदले में, आपको शारीरिक या आपकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की धमकी देता है, तो यह ब्लैकमेल है और इसे कानूनी रूप से आपराधिक धमकी माना जाता है। आपकी पहचान या यौन अभिविन्यास को उजागर न करने के बदले में ऐसे काम करने के लिए कहा जा सकता है। कानूनन यह एक अपराधिक धमकी है, यदि निम्नलिखित चीज़ें आपसे करने के लिए कही जाती हैं तो:

ये गैरकानूनी काम, जैसे किसी कंपनी से निजी डेटा की चोरी करना आदि।

आपको किसी ऐसे कार्य करने से रोकना जो कानूनन आपको करना था, उदाहरण के लिए, आपने किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और आपको ब्लैकमेल, मामला समाप्त करने के बदले में किया जा रहा है।

आपको भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 503 के अंतर्गत एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करानी होगी।

सामूहिक बलात्कार क्या है?

ट्रिगर चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

बलात्कार के इरादे से जब कई लोगों का समूह किसी महिला के साथ बलात्कार करता है तो यह सामूहिक बलात्कार कहलाता है। सामूहिक बलात्कार के मामले में, समूह का प्रत्येक व्यक्ति अपराध का दोषी होता है। सामूहिक बलात्कार के लिए अपराधी को बीस साल के कारावास से लेकर आजीवन कारावास (व्यक्ति के शेष जीवन पर्यन्त कारावास) की सज़ा तय है। यदि पीड़िता की आयु सोलह वर्ष से कम है, तो अपराधी को आजीवन कारावास की सज़ा मिलती है। यदि पीड़िता बारह वर्ष से कम उम्र की है, तो अपराधियों को मौत की सजा भी दी जाती है।

इसके अलावा अपराधी से उचित जुर्माना वसूला जायेगा जिससे कि पीड़िता के इलाज और पुनर्वास का खर्च निकल सके। यह जुर्माना पीड़िता को दिया जाता है।

क्या अपराध जमानती या गैर-जमानती/संज्ञेय हैं?

किसी पर एसिड फेंकने या फेंकने वाले की मदद करने का अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती दोनों है।

संज्ञेय अपराध एक ऐसा अपराध होता है, जिसमें पुलिस अधिकारी बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है।

गैर-जमानती अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें ज़मानत नहीं मिलती है और इसे देने या न देने का विवेक न्यायालय का है। गैर-जमानती अपराधों में जमानत के बारे में अधिक जानने के लिए, आप गैर-जमानती अपराधों के लिए जमानत पर हमारे लेख को पढ़ सकते हैं।

 

अनुचित ढंग से यौन स्पर्श करना क्या है?

[जारी चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, दुर्व्यवहार और गाली-गलौज के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को यौन इरादे से अनुचित तरीके से छूता है, तो यह कानून के तहत अपराध है। स्पर्श बलपूर्वक भी हो सकता है या नहीं भी हो सकता है, लेकिन अपराधी को उसके अपराधों के लिए दंडित किया जाएगा। कानून के तहत केवल पुरुष को ही अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है।

यौन स्पर्श करना अनुचित है अगर यह यौन इरादे से और किसी महिला की सहमति के बिना किया गया है। इसके कुछ उदाहरण निम्न हैं:

• किसी महिला को असहज, डरा हुआ या नाराज़ महसूस कराना। उदाहरण के लिए, किसी महिला को आवश्यकता से अधिक समय तक छूना।

• किसी महिला को यौन उत्पीड़न के इरादे से छूना। उदाहरण के लिए, किसी महिला की अनुमति के बिना उसके शरीर पर दिखाई देने वाली त्वचा पर स्पर्श करना, चाहे वह उसके कपड़ों के नीचे हो या उसके ऊपर।

• महिला को कोई चोट या नुकसान पहुंचाना। उदाहरण के लिए, किसी महिला को पीटना या उसके शरीर को बलपूर्वक छूना।

किसी महिला को गलत तरीके से छूने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है।