कानून ने बाल यौन उत्पीड़न के अपराध को दो मानदंडों के आधार पर विभिन्न प्रकार बनाए हैं:
1. विभिन्न प्रकार की कार्रवाई और तरीकों पर, जिसके द्वारा बच्चे का यौन उत्पीड़न किया गया है,
गैर शारीरिक
- कोई गैर-शारीरिक यौन व्यवहार, जो इशारे, कथन और दृश्यों के माध्यम से किया गया हो।
- बाल अश्लील चित्रण से संबंधित सृजन, वितरण, संचारण, प्रकाशन या कोई अन्य गतिविधियाँ।
शारीरिक
- लैंगिक दृष्टि से अनुचित तरीके से बच्चे को छूना।
- लिंग या किसी अन्य वस्तु का बच्चे के अंदर घुसाने का कृत्य।
अपराध करने वाले व्यक्ति की विशिष्टता के आधार पर।
- उस व्यक्ति द्वारा यौन कर्म करना, जिस पर बच्चे का विश्वास हो, या जिसका बच्चे पर अधिकार हो।
यदि आप कोई यौन अपराध करने की कोशिश भी करतेेे हैं, तो कानून के अधीन ऐसा करना भी अपराध है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अपराध वास्तव मेंं किया गया था या अपराधी इस प्रयास में असफल रहा, इस तरह का प्रयास ही आपको इस अपराध के लिए उत्तरदायी ठहराएगा।
एक वयस्क और एक बच्चे के बीच
वयस्क = उम्र 18 साल और उससे ज्यादा
बच्चा = उम्र 18 साल से कम
कानून यह नहीं मानता कि बच्चे में यौन संबंध करने के लिए सहमति देने की क्षमता है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई वयस्क किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए कहता है, और बच्चे ने यदि स्पष्ट रूप से हाँ कहा, या यह संकेत दिया कि इसमें उसकी सहमति हैं, तो भी इस गतिविधि को बाल यौन उत्पीड़न के रूप में माना जाएगा।
बच्चों के बीच यौन संबंध
यदि दो बच्चे यौन गतिविधियों में स्वेच्छा से शामिल होते हैं, तो भी इसे अवैध माना जाता है। लड़कियों और लड़कों, दोनो के लिए यौन गतिविधि के लिये सहमति देने की न्यूनतम उम्र 18 साल है।
यदि 16 वर्ष से अधिक उम्र का कोई लड़का, 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ किसी भी यौन गतिविधि में संलग्न/लिप्त होता है तो उसे अपराध माना जाता है, और यदि इस गतिविधि की रिपोर्ट की जाती है, तो लड़के पर कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
एक बच्चे के साथ किसी भी तरह का यौन स्पर्श, कानून के द्वारा यौन आक्रमण (सेक्सुअल असॉल्ट) के रूप में माना जाता है।
एक व्यक्ति एक बच्चे पर यौन आक्रमण कर रहा है अगर वह:
- किसी भी बच्चे के शरीर को यौन के उद्देश्य से स्पर्श करता है। किसी भी बच्चे की योनि, लिंग, गुदा, या स्तन को स्पर्श करना, उसके यौन के उद्देश्य को दर्शाता है।
- किसी बच्चे को अपने या किसी और की योनि, लिंग, गुदा, स्तन को छूने के लिए मजबूर करता है।
इसके लिए सजा, जुर्माना के साथ साथ, 3-5 साल से लेकर आजीवन कारावास भी हो सकता है।
गैर-शारीरिक व्यवहार जो अवांछित और यौन प्रकृति का है, ‘यौन प्रताड़ना’ (सेक्सुअल हरासमेंट) के रूप में जाना जाता है।
‘यौन प्रताड़ना’, शारीरिक या गैर-शारीरिक क्रियाएं हो सकती हैं जैसे:
यौन संबंधित वाक्य बोलना या भाव व्यक्त करना।
- यौन अंगों के बारे में बोलना, इशारा करना या दिखाना ताकि बच्चा इसे देख सके।
- किसी यौन संबंधित वस्तु, या यौन अंग के किसी भी भाग को बच्चे को दिखाना।
- किसी बच्चे को उसके अपने शरीर के अंगों को किसी और को दिखाने के लिए कहना या मजबूर करना।
पीछा करना और धमकी देना
- किसी बच्चे को, फ़ोन, एसएमएस, इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से, बार-बार या लगातार, सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से देखना, उसका पीछा करना, या उससे संपर्क करना।
- किसी बच्चे को, किसी भी प्रकार के माध्यम से किसी यौन क्रिया में शामिल करने के लिए फुसलाना या धमकी देना।
अश्लील चित्रण संबंधी
- बच्चे को, किसी भी रूप में अश्लील चित्र दिखाना।
- बच्चे को चॉकलेट जैसी चीज़ों को देकर लुभाना ताकि बच्चा किसी भी अश्लील कृत्य में भाग ले सके।
एक बच्चे को यौन प्रताड़ित करने का दंड, 3 साल तक की जेल की सजा के साथ साथ जुर्माने की सजा भी हो सकती है।
जब किसी वस्तु या किसी भी शरीर के भाग को किसी बच्चे के शरीर के किसी भाग में घुंसाया या प्रच्छेदित (पेनिट्रेट) किया जाता है, तो इसे एक अपराध माना जाता है जिसे ‘प्रच्छेदक यौन आक्रमण’ (पैनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट) कहा जाता है।
निम्नलिखित क्रियाएं प्रच्छेदक यौन आक्रमण (पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट) की श्रेणी में आती हैं:
- किसी भी बच्चे के योनि, मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में अपने लिंग, या शरीर के किसी अन्य भाग या वस्तु को घुसाना।
- किसी बच्चे को उसके अपने लिंग को, किसी अन्य व्यक्ति या चीज़ में घुसाने के लिए मजबूर करना।
- किसी बच्चे के साथ ‘मुख मैथुन’ करना, या किसी बच्चे को किसी और के साथ मुख मैथुन करने के लिए मजबूर करना।
इस अपराध के लिए सजा, जुर्माना के साथ साथ, 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
अगर किसी ने आपके बच्चे पर यौन उत्पीड़न किया है या आपके बच्चे के साथ किए गए यौन कर्म को दर्ज कर लिया है, तो आपको इस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए। माता-पिता के रूप में, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्लैकमेलिंग के कारण आपको, आपके बच्चे को और आपके परिवार को मानसिक आघात से न गुजरना पड़े, और ऐसे मामलों को आप पुलिस को, और अन्य अधिकारियों को रिपोर्ट कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि सीमा के ट्यूशन शिक्षक ने उसका यौन उत्पीड़न किया है, और उसने इसका एक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया है और फिर वह उसके माता-पिता से पैसे और कई अन्य तरह की सहायता के लिए ब्लैकमेल कर रहा है, तो ऐसी परिस्थितियों में, उसके माता-पिता को तत्काल पुलिस को, और अन्य अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए जो उस पर कार्रवाई करेंगे।
यदि कोइ व्यक्ति, किसी अन्य व्यक्ति को उसकी प्रतिष्ठा, संपत्ति या शारीरिक क्षति पहुँचाने की धमकी देता है, या किसी ऐसे व्यक्ति को क्षति पहुँचाने की धमकी देता जो उसका करीबी है तो उस व्यक्ति को, ऐसे धमकी देने की सजा, दो साल का जेल, और / या जुर्माना होगा।
अगर कोई आपको ब्लैकमेल कर रहा है तो कृपया पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करें। आप बाल यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट भी वहाँ कर सकते हैं।
जब कोई व्यक्ति किसी बच्चे का उपयोग किसी भी प्रकार के मीडिया (प्रिंट, वीडियो, इमेज इत्यादि) में करता है और उस सामग्री का उपयोग किसी व्यक्ति के यौन आनन्द के लिए किया जा सकता है; तो उस मीडिया बनाने वाले व्यक्ति को बाल अश्लील चित्रण के लिए उत्तरदायी माना जाएगा। यदि ऐसी मीडिया का उपयोग सार्वजनिक और व्यक्तिगत, दोनों के लिए किया जा सकता है, फिर भी यह एक अपराध है। अश्लील चित्रण में बच्चों के दुरुपयोग के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- एक बच्चे के अंगों का प्रतिरूपण।
- असली या नकली यौन कर्म के लिए बच्चे का दुरुपयोग करना। इस कर्म के लिये प्रवेशन क्रिया की तरह का अपराध होना आवश्यक नहीं है।
- बच्चे का अभद्र या घृणित प्रतिरूपण।
अश्लील चित्रण के लिये यह जरूरी नहीं है कि बच्चों को केवल उपर्युक्त गतिविधियों में लिए उपयोग किया गया हो। यदि कोई व्यक्ति कि्सी अन्य तरीके से अश्लीलता दिखाने में बच्चे का उपयोग करता है तो वह भी बाल अश्लील चित्रण के अंतर्गत आता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बाल अश्लील मीडिया के संपादन, बिक्री या वितरण या इससे संबंधित कोई अन्य क्रियाकलाप में शामिल है, तो यह भी बाल अश्लील चित्रण ही होगा।
बाल अश्लील चित्रण के लिए दंड, उसमें बच्चे की भागीदारी की सीमा और अपराध की प्रकृति के हिसाब से भिन्न भिन्न होगा। बाल अश्लील चित्रण के तहत विभिन्न अपराधों के लिए सजा, जुर्माने के साथ साथ, 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है।
जब आप किसी बच्चे को यौन उत्पीड़न में, किसी व्यक्ति की मदद करते हैं, उसे छुपाते हैं या जानकर प्रोत्साहित करते हैं, तो आप बाल यौन उत्पीड़न के दुष्प्रेरक बन जाते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर कोई आपको बताता है कि वे अपने पड़ोसी के बच्चे के साथ एक अश्लील वीडियो शूट करना चाहते हैं और आप यह जानकर भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। और वे एक कैमरा खरीदते हैं और बच्चे को उस तरह से फिल्माते हैं, तो आप दोनों को इस अपराध के लिये दंडित किया जा सकता है।
किसी बच्चे को यौन उत्पीड़न में मदद करने की सजा और जुर्माना भी वही होगा जो एक बाल यौन उत्पीड़न के वास्तविक अपराधी के लिये होगा।
यदि सात वर्ष से ज्यादा का कोई बच्चा, जो किसी दूसरे बच्चे के साथ यौन प्रताड़ना करता है या किसी अन्य तरीके से उसपर यौन आक्रमण करता है, तो इसे यौन उत्पीड़न माना जायेगा और उस बच्चे को ‘किशोर न्याय (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015’ जुवेनाइल जस्टिस (केयर एण्ड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन ऐक्ट, 2015) के तहत दंडित किया जा सकता है।
कानून यह मानता है कि 7 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे के पास अपराध करने की मानसिक क्षमता नहीं बन पाती है क्योंकि कोई बच्चा अपने किए गए कार्यों के परिणामों को समझ नहीं सकता है।
एक बच्चे का एक परिवारिक सदस्य सिर्फ वह नहीं है जो उससे खून से संबंधित है, वह और अन्य तरह के संबंध जैसे, शादी, गोद लेना, अभिभावकीय संरक्षण, और पालन पोषण (फाेस्टर) आदि से भी हो सकता है। इसमें ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं जिनके साथ, माता-पिता या बच्चे का, एक ही घर में रहने के कारण घरेलू संबंध हैं। जब इस तरह के एक परिवारिक सदस्य द्वारा यौन दुराचार किया जाता है, तो उसे किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में जो परिवार का सदस्य नहीं है, ज्यादा गंभीर दंड दिया जाता है क्योंकि बच्चे का उनके साथ अधिकार और विश्वास का संबंध हैं। एक परिवारिक सदस्य द्वारा यौन उत्पीड़न के लिए सजा, दस साल की जेल से आजीवन कारावास तक है, जब कि एक गैर-परिवारिक सदस्य के लिए यह सजा, सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक है।
यदि आप किसी परिवार के सदस्य को जानते हैं जो बाल यौन उत्पीड़न कर रहा है, या परिवार में किसी यौन उत्पीड़ित बच्चे को जानते हैं, तो आप कृपया हमारे स्पष्टीकरण को देखें कि ऐसे अपराध की रिपोर्ट आप किस तरह कर सकते हैं।