जहां कहीं भी ‘अस्वच्छ शौचालय’ मौजूद है, तो उस जगह के अधिभोगी को ही उसे गिराना या उसका पुननिर्माण/ संपरिवर्तन करना होता है। यदि एक से अधिक व्यक्ति उस जगह के अधिभोगी हैं, जहां पर अस्वच्छ शौचालय बनाया गया है, तो लागत का भुगतान किसी एक मालिक द्वारा किया जाना चाहिए या उन सभी को समान रूप से भुगतान करना होगा।
जबकि राज्य सरकार इस पुननिर्माण प्रक्रिया में मालिकों की मदद कर सकती है, ज़मीन के मालिक सरकार द्वारा 9 महीने से अधिक की देरी को अस्वच्छ शौचालय बनाए रखने के बहाने के रूप में उपयोग नहीं कर सकते हैं। यदि मालिक 9 महीने के भीतर किसी अस्वच्छ शौचालय को नष्ट या परिवर्तित नहीं करता है, तो स्थानीय प्राधिकरण को 21 दिनों की सूचना देकर यह काम अपने हाथ में लेना होगा। प्राधिकरण तब मालिक से लागत वसूल सकता है।
प्रथम उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल और साथ ही उन पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी बार ऐसा करने पर दो साल तक की जेल और 1,00,000 रुपये तक के जुर्माने लगाया जा सकता है।