न्यूनतम मजदूरी दर क्या है?

आखिरी अपडेट Sep 29, 2022

नियोक्ता को कम से कम प्रत्येक कर्मचारी को संबंधित सरकार द्वारा निर्धारित और अधिसूचित मजदूरी की न्यूनतम दर का भुगतान करना होगा, 6 जो निम्न के लिए न्यूनतम मजदूरी दर तय करेगा:

• समय आधारित काम (मजदूरी दर एक घंटे, दैनिक या मासिक आधार पर तय की जा सकती है)।

• उजरती काम (उजरती काम में लगे कर्मचारियों के लिए, सरकार एक समय कार्य के आधार पर न्यूनतम मजदूरी दर निर्धारित कर सकती है)।

यदि कोई कर्मचारी अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी दर वाले दो या अधिक प्रकार के काम करता है, तो नियोक्ता उन्हें काम के प्रत्येक वर्ग में बिताए गए समय के लिए उचित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करेगा। उदाहरण के लिए, एक प्रकार के काम के लिए न्यूनतम मजदूरी बीस रुपये प्रति घंटा है, और दूसरे प्रकार के लिए दस रुपये प्रति घंटा है। यदि कर्मचारी प्रत्येक प्रकार पर 2 घंटे खर्च करता है, तो उन्हें 4 घंटे के लिए (20*2) + (10*2) = ₹60 मिलेगा।

संबंधित सरकार आमतौर पर हर पांच साल में न्यूनतम मजदूरी दर की समीक्षा या संशोधन करेगी।

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क्या होगा यदि कोई कर्मचारी न्यूनतम घंटों से कम या अधिक काम करता है?

अगर वे काम करने के इच्छुक नहीं होने के कारण न्यूनतम घंटों तक काम करने में विफल रहे, तो वे इस अधिकार का दावा नहीं कर सकते।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

विवाद निपटान तंत्र के रूप में मध्यस्थता

मध्यस्थता एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है जहां पार्टियां कार्यवाही के तरीके को तय कर सकती हैं। यह विवादों के शीघ्र निपटारे में मदद करता है।