सार्वजनिक सभाओं के लिए सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी या उसके उम्मीदवारों को सार्वजनिक जगहों जैसे मैदान, हेलीपैड आदि पर इस्तेमाल का एकाधिकार नहीं है।
चुनाव प्रचार के लिए/ उससे जुड़ी सभाओं को करने के लिए, राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को सार्वजनिक या सरकारी हक वाली जगहों का इस्तेमाल करने की अनुमति है, जो इस प्रकार हैंः
- स्कूलों, कॉलेजों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के खेल के मैदान और इस ही तरह की सार्वजनिक संपत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है
लेकिन इस शर्त पर कि :
- किसी भी हाल में स्कूल/कॉलेज के शैक्षणिक गतिविधि पर कोई रूकावट नहीं होनी चाहिए
- इस तरह के प्रचार के लिए स्कूल/कॉलेज प्रबंधन को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए और पहले से ही स्कूल/कॉलेज प्रबंधन से और मंडल अधिकारी (एसडीओ) से प्रचार की अनुमति लेनी होगी
- इस तरह की अनुमति ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर मिलेगी। किसी भी राजनीतिक पार्टी का सार्वजनिक संपत्ति के इस्तेमाल पर एकाधिकार नहीं है।
- ऐसे किसी जगह /मैदान के इस्तेमाल पर किसी कोर्ट का कोई प्रतिबंध नहीं लग सकता है
- राजनीतिक पार्टी/उम्मीदवार/प्रचारक को ये बात ध्यान रखनी है, कि आचार.संहिता का उल्लंघन न हो
- जिस राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार को स्कूल के मैदान को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। उसे ध्यान रखना होगा कि मैदान को कोई नुकसान न हो। अगर कोई नुकसान होता है, तो उन्हें स्कूल प्रशासन को उचित मुआवजा देना होगा।
निजी संपत्ति का इस्तेमाल राजनीतिक सभाओं के प्रचार में हो सकता है, लेकिन इसके लिए संपत्ति के मालिक से अनुमति लेनी होगी।
अगर कोई पार्टी या उम्मीदवार सार्वजनिक या निजी संपत्ति के मालिक से अनुमति नहीं लेता है, तो यह एक अपराध होगा। इस अपराध की सजा 3 महीने तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकती है।