कानूनी हिंदू विवाह

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

किसी शादी को हिंदू विवाह के रूप में कानूनी मान्यता देने के लिए, निम्नलिखित शर्तें जरूर पूरी की जानी चाहिएः

  • कानून की नजर में दंपति को हिंदू होना चाहिए।
  • विवाह करते समय पति की आयु 21 वर्ष और पत्नी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • पति और पत्नी दोनों स्वस्थ चित्त हों।
  • एक दूसरे से विवाह करते समय ना तो पति विवाहित हो सकता है ना ही पत्नी।
  • पति और पत्नी निषिद्ध संबंध में ना हों।
  • पति और पत्नी एक दूसरे के सपिंदा ना हों।

यदि इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं की जाती है, तो कानून आपके विवाह को वैध नहीं मान सकता, और कुछ मामलों में, आपको सजा भी हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों पर गाइड

गाइड में किन कानूनों पर बात होगी? इस गाइड में, भारत के संविधान में शामिल ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम 2020 के प्रावधानों पर बात होगी। ऐसे कानून क्यों बनाए गए? सामाजिक स्वीकृति की कमी के कारण ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज का हिस्सा नहीं माना जाता […]
citizen rights icon

हिंदू विवाह कानून के तहत विवाह समाप्त करना

जब आप अपनी शादी समाप्त करते हैं, तो वैवाहिक संबंध समाप्त हो जाते हैं। लेकिन कुछ कानूनी बाध्यताएं फिर भी बनी रह सकती हैं।

हिंदू विवाह और मानसिक रोग

ऐसे भी कोई दिशानिर्देश नहीं हैं कि किस प्रकार के रोग या रोग का स्तर आपको विवाह के लिए अनुपयुक्त बनाती हैं।

हिंदू विवाह कानून के तहत तलाक की कार्यवाही के दौरान सुलह

सभी पारिवारिक कानूनी मामलों में, न्यायालय पति-पत्नी के बीच सुलह के प्रयास को प्रोत्साहित करते हैं।

हिंदू विवाह कानून के तहत तलाक के लिए फाइलिंग

तलाक आपके जीवनसाथी से अलग होने का एक अंतिम और अपरिवर्तनीय कृत्य है। इसके बावजूद अलग होने के बाद भी कुछ चीज़ें हैं जो बनी रहती हैं।

कौन शिकायत कर सकता है?

जो लोग भुगतान के एवज़ में अपने लिए या अपने काम के लिए सामान खरीदते हैं या सेवाओं का उपयोग करते हैं।