यदि इस विशेष कानून के तहत अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति समूह के किसी व्यक्ति के खिलाफ किए गए अपराध की सूचना पुलिस को दी गई है, तो इसकी जांच एक पुलिस अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए जो पुलिस उप-अधीक्षक या उससे ऊपर के पद पर हो।
कानून के अनुसार, डीएसपी को तीस दिनों के भीतर सर्वोच्च प्राथमिकता पर अपनी जांच पूरी करनी होगी। इस जांच की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत की जानी चाहिए, जो आगे उस राज्य के पुलिस महानिदेशक को प्रस्तुत करेंगे।