एफआईआर, गिरफ्तारी और जमानत

आखिरी अपडेट Nov 1, 2022

जब अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के खिलाफ किए गए अपराध या अत्याचार के लिए एफआईआर दर्ज की जाती है, तो सिर्फ बताने पर की गई फाइलिंग से पहले जांच अधिकारी द्वारा कोई प्रारंभिक जांच करने की आवश्यकता नहीं होती है।

इस कानून के तहत अपराध करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जांच अधिकारी को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के पूर्व मंजूरी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।

इसके अलावा, वह व्यक्ति जो इस कानून के तहत किए या ना किए गए अपराधों के लिए गिरफ्तारी से डरता है, वह अग्रिम जमानत के लिए फाइल नहीं कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

अग्रिम जमानत

कानून हर वैसे व्यक्ति को जमानत के लिए आवेदन करने की इजाजत देता है, जिसे भले ही अभी गिरफ्तार नहीं किया गया हो, लेकिन निकट भविष्य में उसे अपनी गिरफ्तारी का भय/संदेह है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

पीड़ितों और गवाहों के अधिकार

यह विशेष कानून पीड़ितों, उनके आश्रितों और इस कानून के तहत दायर शिकायतों के गवाह के रूप में कार्य करने वालों को कुछ अधिकारों की गारंटी देता है।
citizen rights icon

उपभोक्ता कल्याण कोष

समग्र उद्देश्य उपभोक्ताओं के कल्याण को बढ़ावा देने और देश में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले एहतियाती और निवारक उपाय

अनुसूचित जातियों के सदस्यों के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए कानून को राज्य सरकारों द्वारा विशेष उपाय करने की आवश्यकता है
citizen rights icon