प्रत्येक राज्य में बाल विवाह के मुद्दों को रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (सीपीएमओ) नियुक्त किए जाते हैं। ये अधिकारी बाल विवाह की रिपोर्ट करने और उन्हें रोकने के लिए जिम्मेदार हैं।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के कर्तव्य राज्य सरकार द्वारा तय किये और सौंपे जाते हैं। उनमें मोटे तौर पर निम्नलिखित बातें शामिल है:
• बाल विवाह को रोकने के लिए ऐसे कदम उठाना जो उपयुक्त हों।
• इस कानून के तहत आरोपित व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों को इकठा करना।
• इलाके के लोगों को बाल विवाह में किसी भी तरह से शामिल न होने होने की सलाह और परामर्श देना।
• बाल विवाह से उत्पन्न होने वाली समस्याओं जैसे मातृत्व मृत्यु दर, कुपोषण, घरेलू हिंसा आदि के बारे में जागरूकता फैलाना।
• बाल विवाह के मुद्दे पर समुदाय को संवेदनशील बनाना।
• बाल विवाह की बारंबारता और घटना पर राज्य सरकार को आवधिक विवरणियों और आंकड़ों की ।
अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से पालन करने के लिए, राज्य सरकार एक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को एक पुलिस अधिकारी की कुछ शक्तियां भी प्रदान कर सकती है। यह शक्तियां कुछ शर्तों और सीमाओं के द्वारा शासित होंगी। यह शक्तियां सरकारी राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से प्रदान करी जाती हैं ।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के कामकाज के बारे में और अधिक पढ़ने के लिए, कृपया इस सरकारी हैंडबुक को देखें जिसमें उनके कर्तव्यों का विस्तार से वर्णन किया गया है। (पेज 19-22)