चुनाव प्रचार करते समय उम्मीदवारों के समुदाय के लिए कर्तव्य है किः
वे समुदाय में नफरत न फैलाएं। उम्मीदवारों या राजनीतिक पार्टी को धर्म, जाति, वर्ग,समुदाय, भाषा आदि के नाम पर नफरत की भावना को बढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर कोई उम्मीदवार प्रचार करते समय हिंदू समुदाय से वोट लेने के लिए दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई वादा करता है। तो ऐसा करना समुदाय में नफरत फैलाना है।
किसी भी उम्मीदवार को सती-प्रथा का प्रचार या उसको बढावा नहीं देना चाहिए। यह प्रथा ना केवल आचार-संहिता का उल्लंघन है बल्कि कानून से भी प्रतिबंधित है।
उदाहरण के लिए, अगर कोई उम्मीदवार वोट के बदले किसी समुदाय में सती-प्रथा को फिर से शुरू करने का वादा करता है, तो यह एमसीसी का उल्लंघन है।
किसी उम्मीदवार को वोट देने या उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए चुनाव से जुड़ा कोई झूठा या गलत बयान देना एमसीसी का उल्लंघन है।
उदाहरण के लिए, अगर कोई उम्मीदवार कहता है कि ईवीएम मशीन की रिकाॅडिंग होती है, इसीलिए वह उसे वोट ना देने वाले मतदाताओं बाद में देख लेने की धमकी देता है, तो यह एमसीसी का उल्लंघन है।