बैंकों द्वारा लापरवाही/गलत ढंग से चेक बाउंस करने के मामले भी हो सकते हैं। हो सकता है कि बैंक द्वारा चेक गलत तरीके से बाउंस हो गया हो। यह बैंक की ओर से लापरवाही या गलती के कारण हो सकता है। यह उपभोक्ता कानून में ‘सेवा में कमी’ के अपराध के बराबर है।
अगर आपके द्वारा जारी किए गए चेक के साथ ऐसा हुआ है तो आप बैंक के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करा सकते हैं।
बैंक अधिकारियों की ओर से चूक या लापरवाही के कारण डिमांड ड्राफ्ट का बाउंस होना जैसे हस्ताक्षर न करना, कोड नंबर का उल्लेख करने में विफलता आदि को भी सेवा में कमी के रूप में माना गया है।