जब एक आरोपी व्यक्ति अदालत/पुलिस को आश्वासन देता है कि वह रिहा होने पर समाज से भागेगा नहीं और कोई नया अपराध नहीं करेगा, तब उसे जमानत दी जाती है । अतः, जमानत आमतौर पर इनमें से किसी एक खास तरीके से मिलता है:
जमानती बॉण्ड
जमानती बॉण्ड वह पैसा है जिसे किसी व्यक्ति द्वारा जमानत मिलने के लिये न्यायालय के पास जमा करना होगा। आरोपी व्यक्ति कहीं भाग नहीं जाए यह सुनिश्चित करने के लिये कि ऐसा किया जाता है। अपराध की प्रकृति के आधार पर जमा की गई राशि, कम या ज्यादा हो सकती है। यदि आपके पास पैसा नहीं है, तो ऐसी स्थिति में जमानत पाने के लिए आपकी संपत्ति को संलग्न किया जा सकता है। जमानत की राशि का कोर्ट में जमा होना या आपकी संपत्ति का संलग्न होना जमानत के लिए अनिवार्य है। जमानत बॉण्ड के तहत, न्यायालय उस व्यक्ति को देश की सीमा क्षेत्र न छोड़ने का आदेश दे सकता है, और जब भी जरूरत हो न्यायालय को रिपोर्ट करने के लिए कह सकता है।
व्यक्तिगत बॉण्ड
कुछ मामलों में आरोपी व्यक्ति को जमानत देते समय, न्यायालय उसे जमानती बॉण्ड से छूट दे सकता है, बल्कि इसके बदले उन्हें उनके वादे पर ही छोड़ सकता है, आमतौर पर इसे व्यक्तिगत बॉण्ड के रूप में जाना जाता है। व्यक्तिगत बॉण्ड पर जमानत किसी प्रतिभूति (स्युरिटी) के साथ, या बिना किसी प्रतिभूति के भी दी जा सकती है। न्याालय के पास ऐसे मामले में विवेकाधिकार है ताकि वे बिना प्रतिभूति के व्यक्तिगत बॉण्ड ले कर, एक आरोपी को रिहा कर सकें।
प्रतिभूति (स्युरिटी)
जब आप जमानत के लिए न्याालय से संपर्क करते हैं, तो कभी-कभी न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए आप भाग नहीं जाएंगे, पर्याप्त गारंटी चाहता है। न्यायालय आपसे कुछ लोगों को, प्रतिभूति के तौर पर, यह जिम्मेदारी लेने के लिए कह सकता है। एक ही व्यक्ति को हमेशा के लिये प्रतिभूति के रूप में रहने की जरूरत नहीं है। एक व्यक्ति जो प्रतिभूति के रूप में दर्ज है, वह किसी समय स्वयं को प्रतिभूति की जिम्मेदारी से ‘मुक्त’ होने के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में, आपको अपने प्रतिभूति को बदलने की जरूरत पड़ेगी। आपको किसी और व्यक्ति को न्यायालय में ले जाने की जरूरत होगी जो आपके नये प्रतिभूति के तौर पर दस्तखत कर दे। यदि आप प्रतिभूति को बदल नहीं सकते हैं, तो आपको पुनः हिरासत में ले लिया जाएगा।