क्या आप वोटर आईडी कार्ड के बिना मतदान कर सकते हैं?

आप बिना वोटर आईडी कार्ड के भी मतदान कर सकते हैं।

आप अपना वोट डालने के लिए नीचे बताए गए किसी भी दस्तावेज़ को मतदान केंद्र पर ले जा सकते हैंः

  • वोटर आईडी कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) / ईपीआईसी
  • आधार कार्ड
  • मनरेगा जॉब कार्ड
  • बैंक/ डाकघर द्वारा जारी अपनी फोटो लगी पासबुक
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • सेवा पहचान पत्र (जो केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू पब्लिक लिमिटेड कंपनी द्वारा कर्मचारियों को जारी किया हो)
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • पेंशन दस्तावेज़ (जिसमें आपका फोटो लगा हो )
  • एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
  • स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड (श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी हो)
  • सांसदों/ विधायकों/ एमएलसी को जारी किया गया आधिकारिक पहचान पत्र

आप मतदान केंद्र कैसे ढूंढ सकते हैं?

अपना मतदान केंद्र ढूंढने के लिए नीचे बताई बातों को ध्यान में रखेंः

मतदान केंद्र/स्टेशन
अगर आप मतदाता पहचान पत्र के साथ पंजीकृत मतदाता हैं, तो आपको मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर जाना होगा। मतदान केंद्र या स्टेशन एक ऐसी बिल्डिंग या हॉल है, जहां संबंधित मतदान क्षेत्र के मतदाता अपना वोट डालते हैं। आमतौर पर मतदान केंद्र स्कूलों, सरकारी बिल्डिंग आदि जैसे स्थायी जगहों पर बनाए जाते हैं। लेकिन जगह उपलब्ध न होने पर इन्हें मतदान क्षेत्र के बाहर के निजी बिल्डिंग या जगहों में भी बनाया जा सकता है।

अपना मतदान केंद्र ढूँढना
आप मतदाता सेवा पोर्टल पर जाकर पता कर सकते हैं कि आपका मतदान केंद्र कहां है। मतदान केंद्र आमतौर पर आपके घर से केवल 2 किलोमीटर दूर पर ही होगा। केवल पहाड़ी क्षेत्रों या वन क्षेत्रों में ही मतदान केन्द्र को ज्यादा दूरी पर बनाया जा सकता है।

आप मतदाता सूची में अपना नाम कैसे सत्यापित कर सकते हैं?

मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करना जरूरी है। मतदान केंद्र पर जाने से पहले, आप नीचे बताए तरीकों में से किसी भी एक तरीके से यह सत्यापित कर सकते हैं कि आपका नाम आपके निर्वाचन क्षेत्र की चुनावी सूची में है या नहींः

ऑनलाइन
आप एनवीएसपी की चुनावी खोज (Electoral Search) वेबसाइट पर जाकर जरूरी जानकारी भरें, जैसे कि आपका नाम, उम्र, राज्य, जिला और विधानसभा क्षेत्र जहां आप रहते हैं। अगर आप मतदाता सूची में हैं, तो आपके ईपीआईसी नंबर के साथ आपकी जानकारी वेबसाइट द्वारा सत्यापित होंगी।

व्यक्तिगत रूप से (खुद से)
अगर आप अपना नाम ऑनलाइन सत्यापित नहीं कर पा रहे हैं, तो आप 1950 पर कॉल कर सकते हैं। इस काॅल पर उस कार्यालय की जानकारी मांग सकते हैं, जहां आपको चुनावी सूची में अपना नाम जांचना है। वे आपको सत्यापन के लिए जरूरी दस्तावेज़ की भी जानकारी दे सकते हैं।

मतदान के दिन क्या होता है?

मतदान के दिन की घोषणा
मतदान की तारीखों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की जाती है। मतदान की तारीखों की जानकारी उनकी वेबसाइट पर भी दी जाती है। इसमें वे तारीख भी शामिल होती हैं, जिसमें आपके राज्य में मतदान होगा।

सवैतनिक छुट्टी
जिस दिन आपके निर्वाचन क्षेत्र में मतदान होता है, उस दिन को कानूनी रूप से सवैतनिक छुट्टी घोषित की जाती है। इसका मकसद आपको अपने कार्यस्थल से बिना दबाव के स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति देना है। अगर आप किसी नौकारी, बिजनेस, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान में काम करते हैं, या यहां तक ​​कि दैनिक वेतन मजदूर के रूप में भी काम करते हैं, तो आपके नियोक्ता को आपको मतदान के दिन सवैतनिक छुट्टी देनी होगी।

छुट्टी ना देने पर नियोक्ता के लिए सजा
मतदान के दिन सवैतनिक छुट्टी नहीं मिलने पर, आपके नियोक्ता पर 500 रु. तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

आप वोटर आईडी कार्ड की जानकारी को कैसे बदल सकते हैं?

अपने वोटर कार्ड में आप केवल इन स्थितियों में बदलाव करा सकते हैंः

गलत नाम, गलत उम्र और गलत जन्मतिथि जैसे मामलों में अगर आप अपने वोटर आईडी कार्ड में अपना नाम, फोटो, उम्र, पता, जन्मतिथि, लिंग, रिश्तेदार का नाम या रिश्ते का प्रकार बदलना या सही करना चाहते हैं, तो आपको फॉर्म 8 भरना होगा। आप भरे हुए फॉर्म को ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के पास जमा कर सकते हैं।

मकान बदलने के मामले में अगर आप अपना स्थायी निवास स्थान बदल रहे हैं, तो आपको अपना नाम मतदाता सूची में पिछले पते से कटवाकर नये पते में बदलना होगा। इसके बाद आपको पुराना वोटर आईडी कार्ड लौटाकर उसकी जगह पर नया वोटर आईडी कार्ड जारी करने का अनुरोध करना होगा। ऐसा करने के लिए, आपको फॉर्म 8 भरना होगा और अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी को ऑनलाइन या खुद से जाकर जमा करना होगा। इस फॉर्म में नया पता लिखा होना चाहिए। आपको इस फॉर्म के साथ बताए गए पते के प्रमाणपत्र की खुद से सत्यापित काॅपी भी संलग्न करनी होगी।

आप वोटर आईडी कार्ड (मतदाता पहचान) के लिए कैसे पंजीकरण कर सकते हैं?

वोटर आईडी कार्ड सरकार द्वारा जारी एक पहचान प्रमाण पत्र की तरह भी काम करता है। आप नए वोटर आईडी कार्ड के लिए फॉर्म 6 भरकर मुफ्त में खुद से या ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। फाॅर्म 6 भारत में मतदाता पंजीकरण करने का फाॅर्म है। अगर आप फाॅर्म में दी गई सभी बातों को पूरा करते हैं तो आपका नाम ‘मतदाता सूची’ में जोड़ा जाएगा । मतदाता सूची किसी भी एक खास निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के नामों की एक सूची है।

चरण 1 फॉर्म 6 भरें: फॉर्म 6 डाउनलोड करें, जो हिंदी, अंग्रेजी और मलयालम में उपलब्ध है। फाॅर्म को ऑनलाइन और ऑफलाइन भरें। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी / सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ स्तर अधिकारियों के कार्यालयों से भी फॉर्म 6 ले सकते हैं। अगर आप एक दिव्यांग हैं, तो ऊपर बताए कार्यालय में मदद मिलेगी।

चरण 2 जरूरी दस्तावेज़ शामिल करें: अगर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन से फॉर्म भर रहे हैं, तो आपको अपने दस्तावेजों खुद सत्यापित करना होगा। जरूरी दस्तावेज हैंः एक हाल की रंगीन पासपोर्ट साइज की फोटो आयु प्रमाण पत्र की कापी (जैसे जन्म प्रमाण पत्र,दसवीं और बारहवीं स्कूल प्रमाण पत्र) पते के प्रमाण की कापी (पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस)

चरण 3 फॉर्म जमा करें: अगर आपने ऑफलाइन फाॅर्म भरा है, तो आपको फॉर्म और दस्तावेज अपने मतदान केंद्र के बूथ स्तर के अधिकारी को जमा करना होगा। यहां पता लगा सकते हैं कि ये कार्यालय कहां हैं। अगर आपने फॉर्म 6 ऑनलाइन भरा है तो आपको कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। आप जरूरी खुद से सत्यापित दस्तावेजों के साथ फॉर्म को डाक के माध्यम से भी कार्यालयों में भेज सकते हैं।

चरण 4 वोटर आईडी कार्ड का इंतेजार करें: फाॅर्म में दिए गई जानकारी को जांचने के लिए एक बूथ स्तर अधिकारी फॉर्म में दिए गए पते जाएगा। वोटर आईडी बनने के बाद, बूथ स्तर का अधिकारी इसे आपके पते पर भेज देगा या आपसे इसे निर्वाचन पंजीकरण कार्यालय से लेने को कहेगा। इसके बाद आपका नाम ‘मतदाता सूची’ में जोड़ा जाएगा । यह सूची एक खास निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के नामों की एक सूची है। आप ऑनलाइन भी अपना नाम इस सूची में चेक कर सकते हैं ।

आप वोट कैसे कर सकते हैं?

वोट करने के लिए इन बातों का पालन करेंः

मतदान केंद्र पर जाने से पहले यह देख लें कि आपका नाम आपके निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में है या नहीं। आप यहां से सूची की जांच करके अपना नाम देख सकते हैं।

भारत में रहने वाले मतदाता: मतदान केंद्र पर अपना मतदाता पहचान पत्र यानी आईडी कार्ड अपने साथ ले जाएं। अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है, तो आप दूसरे पहचान पत्र भी ले जा सकते हैं। लेकिन केवल वे ही पहचान पत्र जिनमें आपके निर्वाचन क्षेत्र (जिस जगह पर आप वोट दे रहे हैं ) का पता एक सामन हो।

भारत से बाहर रहने वाले (एनआरआई) मतदाता: मतदान केंद्र पर अपना पासपोर्ट अपने साथ ले जाएं। आपको वोट देने की बारी आने तक लाइन में इंतजार करना होगा। महिलाओं, पुरुषों और दिव्यांग लोगों को अलग-अलग लाइन से मतदान केंद्र में जाने की अनुमति होती है। साथ ही एक समय पर केवल एक मतदाता ही अन्दर जा सकता है। आपको एक नोटिस दिखाई देगा जो मतदान केंद्र भवन या हॉल पर चिपका या लगा होगा, जिसमें नीचे दी गई जानकारी लिखी होगीः

  • मतदान क्षेत्र, और अलग-अलग मतदान केंद्र और उनके पते (अगर एक से ज्यादा हैं, तो)।
  • हर एक मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लिस्ट।
  • चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट।

पोलिंग बूथ के अंदर: जैसे ही आप मतदान केंद्र के अन्दर आएंगे, तो सबसे पहले मतदान अधिकारी यह देखेगा कि क्या आपके पास वैध आईडी है और आपका नाम मतदाता सूची में हैं। एक बार जब यह चेक हो जाएगा, तो दूसरा मतदान अधिकारी आपकी उलटे हाथ की उंगली (बायीं तर्जनी) पर स्याही का निशान लगा देगा। ऐसा मतदान अधिकारी इसलिए करते हैं, कि आपने मतदान कर लिया है और किसी व्यक्ति को कई बार मतदान करने की अनुमति नहीं है। उंगली पर स्याही का निशान एक निशानी है, कि आपने अपना वोट दे दिया। अगर आपकी बायीं तर्जनी नहीं है तो क्या करना होगा, ये समझने के लिए ये वीडियो देखें। अगर आपकी उंगली पर पहले से ही स्याही का निशान है या आप स्याही का निशान लगाने से मना करते हैं, तो आपको वोट भी नहीं देने दिया जाएगा।

अधिकारी के काम:

  • फॉर्म 17ए में आपके वोटर आईडी नंबर का रिकॉर्ड बनाएंगे।
  • आपको मतदाताओं के रजिस्टर नामक किताब में अंगूठे का निशान या हस्ताक्षर करने के लिए कहेंगे।
  • मतदाता सूची की एक प्रति पर आपका नाम लिखकर देंगे, जिसके बाद आप मतदान कर सकते हैं।

इसके बाद आपको वोटिंग कंपार्टमेंट की ओर जाना होगा। एक मतदाता के रूप में आप अपना मतदान ईवीएम मशीन (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ) का इस्तेमाल करके करेंगे। यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो वोटों को रिकॉर्ड करने में मदद करती है।

वोटिंग कम्पार्टमेंट में जाना एक ईवीएम मशीन में दो इकाइयाँ होती हैं – एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेटिंग यूनिट (जो पाँच.मीटर केबल से जुड़ी होती है)। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है और बैलेटिंग यूनिट को वोटिंग डिब्बे के अंदर रखा जाता है, जहां आप मतदान करते हैं। पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी आपके लिए इसमें मतपत्र देता है, ताकि आप उसमें अपना वोट डाल सकें।

उम्मीदवारों के नाम और उनके चुनाव चिन्ह की एक सूची उसके बगल में एक नीले बटन के साथ होती है। आपको जिस उम्मीदवार को वोट देना है उसके नाम के आगे वाला बटन दबाना है। अगर आप किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते हैं, तो आपके पास ईवीएम मशीन में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं ) का विकल्प चुनने का भी अधिकार है।

मतदान करने के ठीक बाद आपको ईवीएम मशीन के बगल में लगी वीवीपैट मशीन पर एक हरी बत्ती दिखाई देगीए जो यह बताएगी कि आपने मतदान कर दिया है। आपको एक लिखी हुई पर्ची भी दिखाई देगी जिसमें उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और प्रतीक लिखा होगा। आप इसे 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी विंडो से देख सकते हैं। यह छापी हुई पर्ची खुद ही कटकर वीवीपैट के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाएगी।

आप एक से ज्यादा बार मतदान नहीं कर सकते हैं। अगर आपसे कोई गलती हो भी जाए तो आप उसे सुधार नहीं सकते। भले ही आपका नाम मतदाता सूची में दो बार आता हो या आपका नाम दो अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में हो, आप केवल एक बार ही मतदान कर सकते हैं। अगर आप दो बार वोट देते हैं तो आपके दोनों वोट नहीं गिने जाएंगे। ईवीएम मशीन में ये सब ख़त्म होने के बाद आपको कुछ नहीं करना है। एक बार जब आप मतदान केंद्र से बाहर निकल जाते हैं, तो आपने अपनी मतदान करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

लोकसभा चुनाव में कौन मतदान कर सकता है?

8 साल या उससे अधिक उम्र के हर भारतीय नागरिक को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और साथ ही स्थानीय सरकारी निकाय चुनावों में भाग लेने और वोट देने का अधिकार है। इसके लिए आपको अपने निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत करना होता है।

मतदाता सूची में पंजीकरण कराने के लिए जरूरी है कि-

  • आप भारत के नागरिक हो
  • आपकी उम्र 18 साल या उससे अधिक हो
  • आप मानसिक रूप से स्वस्थ हों


आप नीचे बताए गए अपराधों को करने के लिए अदालत से दोषी नहीं ठहराए गए हो-

  1. रिश्वत देने
  2. किसी दूसरे के नाम पर मतदान देने
  3. किसी को डरा धमका कर वोट देने से रोकने की कोशिश में
  4. लोगों के बीच नफरत और हिंसा को भड़काने में
  5. चुनाव प्रक्रियाओं को रोकने या उसे जुड़े दस्तावेजों को नष्ट करने में

राज्य चुनाव क्या हैं?

राज्य चुनावों के माध्यम से आप राज्य विधानमंडल के सदस्यों का चुनाव करते हैं। ये सदस्य ही राज्य स्तर पर आपके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। राज्य विधानमंडल में विधान परिषद (उच्च सदन) हो या न हो, लेकिन विधानसभा (निचला सदन) हमेशा होती है।

किसी राज्य के निचले सदन यानी विधानसभा के हर सदस्य को 5 साल के लिए चुना जाता है, और उच्च सदन यानी विधान परिषद के हर सदस्य को 6 साल के लिए चुना जाता है। राज्य विधानमंडल के सदस्यों की संख्या हर राज्य में अलग-अलग होती है। यह संख्या हर राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करती है।

उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल में सदस्यों की संख्या पुड्डचेरी की तुलना में काफी ज्यादा है।

मतदान और चुनाव

इस व्याख्या की मदद से आप भारत में मतदान कैसे कर सकते हैं और मतदान प्रक्रिया से जुड़ी अधिक जानकारी पा सकते हैं। 

यह व्याख्या लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, चुनाव संचालन नियम, 1961, भारत का संविधान, 1950 और भारतीय दंड संहिता, 1860 में निर्धारित कानूनों से संबंधित है।