लोक सेवक द्वारा संपत्ति की चोरी या बिक्री
जब कोई लोक सेवक चोरी करता है या किसी को उनके आधिकारिक काम के हिस्से के रूप में दी गई संपत्ति को चोरी या बेचने के लिए ले जाता है, तो उन्हें “आपराधिक कदाचार” के लिए दंडित किया जा सकता है। इस अपराध का दंड जुर्माने के साथ 4 से 10 साल की कैद है।
सेना के पास जिन स्थानों को नष्ट करने के अधिकार हैं, वे इस प्रकार हैं:
- ऐसे स्थान जहां आमतौर पर सशस्त्र हमले किए जाते हैं या किए जाने की संभावना है या संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा किए जाने का प्रयास किया जाता है, या
- सशस्त्र स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर के रूप में उपयोग की जाने वाली कोई भी संरचना, या
- हथियारों से लैस गिरोहों या पुलिस द्वारा अपराध के लिए वांछित लोगों द्वारा ठिकाने के रूप में उपयोग किया जाने वाला कोई भी स्थान।
उदाहरण: अगर कुछ हथियारबंद लोग पहाड़ी पर या घर में, या कहीं भी छिपे हुए हैं और सेना को संदेह है कि वे हमला कर सकते हैं, तो सेना उस क्षेत्र को सील कर सकती है और ठिकाने को नष्ट करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद का उपयोग कर सकती है।
एक नागरिक के रूप में, आपको सरकार या उसके कार्यों के बारे में, अखबार, पत्रिका आदि के माध्यम से, आलोचना या टिप्पणी, जो भी पसंद हो, लिखने का अधिकार हैं, जब तक आप लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा के लिए, या सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने के लिए उकसाते नहीं हैं। लेखन, वितरण और प्रसार देशद्रोह के कार्यों के भाग हैं। हालाँकि, इनमें से सिर्फ किसी एक कार्य करने से देशद्रोह नहीं हो सकता है। यह न्यायालय द्वारा मामले दर मामले पर तय किया जाता है। यदि इन कार्यों के परिणामस्वरूप लोगों के बीच सार्वजनिक अव्यवस्था या हिंसा पैदा होती है, तो इसके लिए जिम्मेदार लोग इस अपराध के उत्तरदायी होंगे।
उदाहरण: यदि श्री एक्स के पास, सरकार के साथ लड़ने के लिए हिंसा और छापामार बल का उपयोग पर चर्चा करने वाले एक नक्सली संगठन के पर्चे, पुस्तिकाएं और पत्र पाये गये, या वे उसे वितरित करते पाए गए, तो वे राजद्रोह कानून के दोषी हैं। ये दस्तावेज़ स्वयं दिखाते हैं कि ये सरकार के प्रति असंतोष को बढ़ाने के लिए तैयार किए गए दस्तावेज़ हैं।
लोक सेवक द्वारा संपत्ति की चोरी या बिक्री
जब कोई लोक सेवक चोरी करता है या किसी को उनके आधिकारिक काम के हिस्से के रूप में दी गई संपत्ति को चोरी या बेचने के लिए ले जाता है, तो उन्हें “आपराधिक कदाचार” के लिए दंडित किया जा सकता है। इस अपराध का दंड जुर्माने के साथ 4 से 10 साल की कैद है।
एक लोक सेवक को अपराध करने में मदद करना
अगर आप किसी लोक सेवक को व्यावसायिक सहयोगियों से उनके वेतन या संपत्ति के अलावा धन या उपहार लेने के अपराध करने में मदद करते हैं, सुझाव देते हैं या प्रोत्साहित करते हैं, भले ही अपराध सफलतापूर्वक नहीं किया गया हो तो आप कानून तोड़ रहे हैं। आपको 3 से 7 साल की अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है और जुर्माना भी भरना होगा।
उदाहरण: राजेश, रवि का चचेरा भाई, रवि को कनिष्ठ रेलवे अधिकारी के पद पर नियुक्त करने के बदले में मुकेश (एक लोक सेवक) को एक नया घर देता है। अगर रवि को पद नहीं मिलता है, तो भी राजेश ने मुकेश को “बहकाया” या कानून तोड़ने में मदद किया है।
कोई भी सशस्त्र बल अधिकारी अशांत क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है:
- संज्ञेय अपराध करने पर ;
- या अगर संदेह है कि संज्ञेय अपराध किया जाएगा।
गिरफ्तारी को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारी आवश्यकतानुसार बल का प्रयोग कर सकता है।
जब सेना का एक जवान इस कानून के तहत किसी नागरिक को गिरफ्तार करता है, तो कानून के अनुसार सेना द्वारा उस व्यक्ति को तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन को सौंप दिया जाना चाहिए।
वैसे परिदृश्य में, जहाँ आप पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है, तब आपके पास की अखबार, किताब या दस्तावेज की हर कॉपी जिसमें राजद्रोही पाठ या सामग्री मौजूद है, सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। विशेष रूप से, कोई भी सामग्री जो आपके पास है उसे भी उस पुलिस अधिकारी द्वारा जब्त की जा सकती है, जिसके पास आपके परिसर और अन्य क्षेत्रों के खोज का अधिकार है और जहाँ उसे संदेह है कि राजद्रोह की सामग्री मौजूद है।
लर्नर्स लाइसेंस एक अस्थायी लाइसेंस, है जो 6 महीने के लिए वैध होता है। यह कानूनी रूप से आपको भारतीय सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करने की अनुमति देता है, लेकिन तब ही जब आपके साथ एक वयस्क हों, जो एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखता है। कृपया ध्यान दें कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। यदि आपको 18 वर्ष की आयु से पहले अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त होता है, तो आपको अपने लर्नर लाइसेंस का नवीकरण करवाने, या नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है, और यह आपके राज्य के नियमों के आधार पर होगा, क्यों कि लर्नर लाइसेंस केवल 6 महीने के लिए ही मान्य होता है।
नया लर्नर लाइसेंस बनवाना
जब तक कि आपके पास राज्य मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल द्वारा दिया गया एक ड्राइविंग प्रमाण पत्र न हो, तब तक ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने से पहले आपको एक लर्नर लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है। एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।
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नाम
: यदि आपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदल लिया है, तो आप अपना नया नाम आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाणों की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आवश्यक होने पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारियों को आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।
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लिंग विवरण
: एक नया लर्नर लाइसेंस प्राप्त करते समय, आपके पास लिंग के लिए 3 विकल्प हो सकते हैं, जो “पुरुष”, “महिला” और ” तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर)” है। चूंकि लर्नर के लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, अतः यह हो सकता है कि कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, तो इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
- अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
- वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।
लर्नर लाइसेंस में विवरण को नवीनीकृत कराना
अपने राज्य की नियमों के आधार पर आप अपने लर्नर लाइसेंस, जो सिर्फ 6 महीने के लिए वैध होता है, को नवीनीकृत करा सकते हैं, या इसकी समाप्ति की तारीख के बाद एक नया लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए आपको अपने राज्य के विशिष्ट नियमों की जांच करनी चाहिए। अपने लर्नर लाइसेंस को नवीनीकृत करने के तरीके को समझने के लिए, यहां पढ़ें।
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अपना नाम बदलना
: यदि आप अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए अपना नाम बदलना चाहते हैं, तो आप अपना नया नाम नवीकरण आवेदन पत्र में भर सकते हैं। आपको अपने बदले हुए नाम के केंद्रीय / राज्य राजपत्र की एक प्रति और किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र की एक प्रति अपने साथ ले जानी चाहिए, जो आपके नए नाम की प्रमाणिकता दे सके।
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लिंग विवरण बदलना
: चूंकि लर्नर लाइसेंस को राज्यों द्वारा विनियमित किया जाता है, हो सकता है कहीं तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) को चुनने का विकल्प न हो, अतः इस तरह की स्थिति में, आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) से संपर्क करें और पूछें कि क्या किया जा सकता है
- अपने पहचान का प्रमाण एक हलफनामे (affidavit) के रूप में लें, जिसमें आपका निर्धारित लिंग, आपका नया नाम इत्यादि लिखित हो।
- वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद लें।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) अधिकारी आपसे लिंग की पहचान या नाम बदलने के प्रमाण करने वाले दस्तावेज़ों की मांग कर सकते हैं, लेकिन वे आपका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं कर सकते हैं, या लिंग सत्यापन की मांग मौके पर नहीं कर सकते हैं। यदि आपको किसी उत्पीड़न, या भेदभाव का सामना करना पड़ा है, तो आपको लर्नर लाइसेंस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए। अगर वे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद ले सकते हैं ताकि यह प्रक्रिया आपके लिए सहज हो सके, और साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई कर सकते हैं।
कानून में आमतौर पर यह आवश्यक होता है कि किसी स्थान की तलाशी के लिए किसी प्राधिकरण द्वारा तलाशी वारंट प्राप्त किया जाए। लेकिन AFSPA के तहत सशस्त्र बलों को बिना वारंट के किसी जगह की तलाशी लेने का विशेष अधिकार है।
अधिकारी निम्नलिखित में से किसी भी कार्य के लिए वारंट के बिना किसी भी परिसर में प्रवेश और तलाशी ले सकता है:
- किसी को गिरफ्तार करना;
- किसी ऐसे व्यक्ति को रिकवर करने के लिए जिसे गलत तरीके से प्रतिबंधित या सीमित माना जाता है;
- चोरी की संपत्ति होने के संदेह के कारण किसी की भी संपत्ति की तलाशी लेना;
- परिसर में अवैध रूप से रखे जाने वाले किसी भी हथियार, गोला-बारूद या विस्फोटक पदार्थों की तलाशी लेना।
देशद्रोह की सजा तीन साल की जेल है जो जीवन पर्यंत जेल तक बढ़ायी जा सकती है, इसके साथ साथ जुर्माना भी लग सकता है।
जब तक केंद्र सरकार से कोई विशेष अनुमति न हो तब तक कोई भी सशस्त्र कर्मियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कर सकता है। इस कानून के तहत, अगर किसी फौजी या सशस्त्र बलों के किसी व्यक्ति के खिलाफ उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए अदालत में मामला दर्ज करना है, तो अदालत की कार्यवाही तभी हो सकती है जब केंद्र सरकार की अनुमति हो।
AFSPA के तहत सेना के जवानों के खिलाफ गिने-चुने मामले ही दर्ज किए गए हैं।
उदाहरण: चित्राक्षी के पति सुमेश् को सशस्त्र बलों के एक अधिकारी ने मार डाला है और वह इसके खिलाफ एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करना चाहती है। पुलिस थाना उसकी एफआईआर दर्ज करेगा, लेकिन अदालत में अपना मामला लड़ने के लिए उसे केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी। केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने पर ही सशस्त्र बलों के अधिकारी के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जा सकता है।