घरेलू संबंध

कानून के तहत घरेलू हिंसा से राहत पाने के लिए, आपको यह साबित करने की जरूरत है कि उत्पीड़क के साथ आपके घरेलू संबंध हैं। एक घरेलू संबंध का मतलब है कि आप अपने उत्पीड़क के साथ निम्नलिखित तरीकों में से कोई भी एक से संबंधित हैं:

  • खून द्वारा संबंधित। उदाहरण के लिए, कोई भी रिश्तेदार, जैसे आपके अंकल, आपकी बहन, आपके पिता आदि।
  •  विवाह द्वारा संबंधित। उदाहरण के लिए, आपके पति, आपकी नन्द, आपके बहनोई आदि।
  • रिश्ता जो शादी की प्रकृति के समान है, जैसे आपका लिव-इन पार्टनर
  • गोद लेने द्वारा संबंधित। उदाहरण के लिए, आपके सौतेले पिता, आपके सौतेले भाई आदि।
  • संयुक्त परिवार के रूप में साथ रहने द्वारा संबंधित। उदाहरण के लिए, संयुक्त परिवार में, आप परिवार के सभी सदस्यों जैसे कि आपके पिता, भाई/भाभी, चाचा/चाची, दादा/दादी आदि के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।

अदालत में जाने पर, आपको यह भी साबित करना होगा कि आप और उत्पीड़क एक ही घर में वर्तमान में रहते हैं, या अतीत में रहते थे ।

LGBTQ+ समुदाय में प्रणय और रिश्ते

18 वर्ष की आयु से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को प्यार करने का और किसी के साथ भी यौन संबंध रखने का अधिकार है, वह भी किसी लिंग के परे। इसके पहले, एक ही लिंग के दो व्यक्तियों में आपसी सहमति के बाद भी, यौन क्रियाओं में संलग्न होना कानूनन दंडनीय अपराध था, जिसमें जेल की सज़ा और जुर्माना दोनों ही हो सकते थे। सन् 2018 के बाद इस प्रकार की यौन क्रियाएं, भारतीय कानून के तहत, दंडनीय नहीं हैं। अब आपको न कोई परेशान कर सकता है, न चोट पहुंचा सकता है, न पुलिस से शिकायत कर सकता है, ना ही आपको जेल भेजा जा सकता है, प्रताड़ित किया जा सकता है, और ना ही आप पर किसी प्रकार की हिंसा की जा सकती है:

आपके यौन अभिविन्यास के चलते

इसका मतलब यह है कि आपका लैंगिक आकर्षण किसी भी लिंग के व्यक्ति के प्रति होने के चलते आप पर कोई हिंसा नहीं की जा सकती है, चाहे वह व्यक्ति जिसके प्रति आप आकर्षित हैं वह आपके लिंग का हो, या तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) का। आप निम्नलिखित कार्यों के लिये स्वछंद हैंः

  • आप किसी भी लिंग के साथी के साथ प्यार करें, और उसके साथ रिश्ते में रहें।
  • आप किसी भी लिंग के साथी के साथ, उसकी सहमति से, यौन क्रियाओं में भाग लें।
  • आप अपने साथी के साथ, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर, बिना किसी डर के, स्वतंत्र रूप से घूमें।

आपकी अपनी लिंग पहचान

आपको यह अधिकार है कि आप अपने स्वयंनिर्धारित लिंग से पहचाने जाएं। सन् 2014 के बाद, न्यायालय ने यह माना है कि आपको “पुरुष” और “महिला” के अलावा, खुद को “तीसरे लिंग” (ट्रांसजेंडर) की श्रेणी में रखने का, और उसी लिंग से पहचाने जाने का भी अधिकार है। कानून के अनुसार, तीसरे लिंग की श्रेणी में स्वयं को पहचाने जाने के लिए आपको लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर एफर्मेटिव थेरापी) कराने की ज़रूरत नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि आप शारीरिक रूप से एक महिला पैदा हुई हैं, लेकिन आप वास्तव में खुद को एक पुरुष मानते हैं तो आपको अपने को इसी लिंग से पहचाने जाने का पूरा अधिकार है।

तीसरे लिंग की श्रेणी के तहत पहचाने जाने के लिए, आप अपना नाम बदल सकते हैं, और नये पहचान दस्तावेज बनवा सकते हैं जो आपके स्वयंनिर्धारित लिंग को दर्शाए।

अगर आपको कोई प्रताड़ित करता है, चाहे वह पुलिस हो, आपके माँ-बाप हों, या कोई और व्यक्ति हो, तो आपको उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करनी चाहिए क्यों कि आपको, बिना किसी अन्य के दखलअंदाज़ी के, अपनी ज़िंदगी जीने का अधिकार है।

सहमति क्या है?

किसी व्यक्ति द्वारा यौन क्रिया में अपनी मर्जी और साफतौर पर समझ कर इकरार करना सहमति है। महिला को यह समझना चाहिए कि वह किस बात के लिए सहमत है और यदि वह यौन क्रिया के लिए सहमत होती है तो उसके परिणाम क्या होंगे। यहां तक ​​​​कि अगर वह शारीरिक रूप से सम्भोग का विरोध नहीं करती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसने यौन गतिविधि के लिए सहमति दी है।

निम्नलिखित परिस्थितियों में, किसी आदमी को बलात्कारी तब भी माना जाता है जब वह किसी दूसरे आदमी को किसी का बलात्कार करने के लिए कहें, भले ही महिला ने अपनी सहमति दे दी हो:

• यदि उसकी सहमति उसे चोट पहुँचाने की धमकी देकर या उसके जीवन या अपने प्रियजनों के जीवन के लिए भय देकर जबरन प्राप्त की गई हो।

• यदि पुरुष जानता है कि वह उस महिला का पति नहीं है, और उसने अपनी सहमति केवल इसलिए दी है क्योंकि वह सोचती है कि वह पुरुष उसका पति है।

• यदि महिला मन की अस्वस्थता या नशे के कारण या पुरुष द्वारा दिए गए किसी हानिकारक पदार्थ के कारण क्रिया के प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ होते हुए अपनी सहमति देती है।

• यदि महिला की आयु अठारह वर्ष से कम है।

कानून किस की सुरक्षा करता है?

ट्रिगर वॉर्निंग: निम्नलिखित विषय में शारीरिक हिंसा पर जानकारियां दी गई है, जिससे कुछ पाठकों को असहज महसूस हो सकता है। 

कानून सभी व्यक्तियों को एसिड अटैक से सुरक्षा प्रदान करता है, चाहे उनका लिंग कुछ भी हो। इसके अलावा, सर्वाइवर की उम्र को लेकर कानून में कोई विशेष प्रावधान नहीं है। इसलिए, एसिड अटैक, चाहे वह किसी भी उम्र के व्यक्ति पर किया गया हो, कानून के तहत दंडनीय है। कानून उन विदेशियों को भी सुरक्षा प्रदान करता है, जिनके ऊपर भारत में रहने के दौरान एसिड हमले हुए और वे ज़िंदा बच गए।

 

 

निजता पर आक्रमण कैसे एक यौन अपराध है?

[जारी चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, दुर्व्यवहार और गाली-गलौज के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है। 

सभी व्यक्तियों को निजता का अधिकार है। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी कर सकता है, यौन क्रिया या कुछ और, यह सोचकर कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है (बशर्ते कि यह अवैध/गैरकानूनी न हो)। कानून के तहत किसी व्यक्ति को केवल अपराध के लिए ही दंडित किया जा सकता है।

किसी के द्वारा ताक-झाँक करने पर, 

अगर कोई व्यक्ति निजी कार्य या यौन कार्य कर रहा हो, और वे यह कार्य तब कर रहें हो जब उन्हें लगता है कि वे तो पूरी तरह से अकेले हैं या फिर अपनी सहमति से किसी विशेष व्यक्ति के साथ कर रहें हो, तो अगर कोई व्यक्ति उस स्थिति में किसी को देखने की कोशिश करता है, तो इसे कानून के तहत अपराध समझा जाएगा। इस अपराध को आमतौर पर दृश्यरतिकता के रूप में जाना जाता है। इस तरह के मामलों का कुछ उदाहरण इस प्रकार है:

• किसी महिला को किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा देखा जाना, जब वह अकेली होती है। उदाहरण के लिए, जब वह शौचालय का उपयोग कर रही हो।

• किसी व्यक्ति के बेडरूम में अवैध रूप से कैमरा लगा देना या उसे अपने निजी स्थान में देखने के लिए उसके वेबकैम को हैक कर लेना।

प्राइवेट फोटो खींचना,

यदि किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना ही उसकी तस्वीरें, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग की जाती है, तो ऐसा करना एक अपराध है।

किसी को उसकी जानकारी या सहमति के बिना कैप्चर करने पर या देखने पर कम से कम तीन साल या अधिकतम सात साल तक की जेल की सजा है और साथ ही जुर्माना भी है।

प्राइवेट फोटो और वीडियो को सार्वजनिक करना 

कोई भी व्यक्ति तब तक किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो को रिकॉर्ड या वितरित नहीं कर सकता, जब तक कि वे सहमति नहीं देते। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति केवल अपने प्रियजन के साथ यौन क्रिया को रिकॉर्ड करने की सहमति देता है, लेकिन उसे अन्य लोगों में डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति नहीं देता है, और अगर वह रिकॉर्डिंग डिस्ट्रीब्यूट की जाती है, तो ऐसा करना एक अपराध है।

प्राइवेट फोटो या ऑडियो के वितरण करने पर दंड/जुर्माना के साथ कम से कम तीन साल या अधिकतम सात साल की जेल की सजा है।

 

 

प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाएं कौन-कौन सी हैं?

प्रसव पूर्व निदान प्रक्रियाओं में गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन के लिए कोई प्रसवपूर्व निदान परीक्षण करने हेतु किसी भी स्त्री रोग संबंधी, प्रसूति या चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अल्ट्रासोनोग्राफी, एमनियोटिक द्रव, रक्त या किसी अन्य ऊतक या किसी व्यक्ति के तरल पदार्थ के सैंपल लेना या निकालना शामिल है।

इन प्रक्रियाओं का उद्देश्य प्रसव से पूर्व निदान परीक्षण करने के लिए सामग्री प्राप्त करना है ताकि किसी विशेष लिंग का भ्रूण प्राप्त करने की संभावना बढ़ सके।

 

चोरी के प्रकार

केवल निजी सामान चोरी होने पर ही चोरी करना एक अपराध नहीं है। चोरी के कई अन्य रूप हैं और कानून उन लोगों को दंडित करता है, जो स्थिति के आधार पर चोरी करते हैं, और साथ ही वे कौन हैं, इस पर निर्भर करते हैं। विभिन्न प्रकार की चोरी के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

• चोरी की गई वस्तु

निजी सामान

बिजली

पशु

वाहन

कंप्यूटर से संबंधित डेटा

घोटाला

• स्थिति

यात्रा करते समय

पिक-पॉकेटिंग (जेब काटना) और स्नैचिंग (छीनना)

दुकानों से सामान चोरी करना (शॉपलिफ्टिंग)

घर में चोरी करने के लिए घुसना(हाउस ब्रेक-इन)

चोरी के दौरान हिंसा का सामना करना

• चोरी करने वाला व्यक्ति

बच्चे द्वारा चोरी

सहायक (हेल्प)/नौकर द्वारा चोरी

किसी को चोरी करने में मदद करना

रैगिंग माने जाने वाले कृत्य

छात्रों के अनेक कृत्‍यों को कानून के तहत रैगिंग माना जाता है। रैगिंग के रूप में माने जाने वाले कुछ कृत्‍य हैं-

मानसिक दुर्व्‍यवहार

किसी छात्र को मानसिक क्षति पहुंचाना कानून के तहत रैगिंग माना जाता है। इसमें ये ये शामिल हो सकते हैं-

  • किसी छात्र द्वारा किया गया कोई भी आचरण, चाहे वह लिखित, मौखिक या व्यवहार-संबंधी हो, जो किसी दूसरे छात्र के साथ छेड़छाड़ या क्रूर व्यवहार करता हो। उदाहरण के लिए, किसी छात्र को अपमानजनक नामों से बुलाना।
  • उपद्रवी या अनुशासनहीन व्यवहार जिसके कारण किसी भी छात्र को झुंझलाहट, कठिनाई या मानसिक नुकसान हो सकता है। इसमें ऐसे मानसिक नुकसानों, झुंझलाहट या कष्ट की आशंका या डर भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, एक छात्र की नोटबुक्‍स चोरी करना और फेंक देना।
  • एक छात्र को एक ऐसा काम करने के लिए कहना, जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा, और जिसके कारण उसे शर्म, पीड़ा या शर्मिंदगी महसूस होती है, और उसके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, भरी कक्षा में किसी छात्र से मजबूरन डांस करवाना।
  • कोई भी काम जो एक छात्र के मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को प्रतिकूल प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, किसी छात्र से कक्षा के सामने मजबूरन डांस करवाना और उसके लिए उसकी खिल्‍ली उड़ाना।
  • एक ऐसा कृत्‍य या दुर्व्‍यवहार, चाहे वह लिखित हो, मौखिक या ऑनलाइन (ईमेल, पोस्ट आदि), जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र असहज हो जाए। इसमें प्रताड़‍ित होने वाले छात्र की कीमत पर इस तरह के कृत्‍य में भागीदारी के द्वारा मजे लेना शामिल है। उदाहरण के लिए, किसी छात्र के बारे में ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अफवाहें फैलाना।

शैक्षणिक क्रि‍याकलाप में व्‍यवधान

रैगिंग किसी छात्र की पढ़ाई-लिखाई में खलल डाल सकती है। यदि कोई भी छात्र किसी अन्य छात्र की नियमित शैक्षणिक गतिविधि को रोकता या बाधित करता है, तो यह रैगिंग है। उदाहरण के लिए, यदि कोई वरिष्ठ छात्र किसी जूनियर छात्र को कक्षा में इतना परेशान करता है कि वह कक्षाओं में जाना बंद कर देता है, तो इसे रैगिंग माना जा सकता है।

किसी छात्र का उपयोग करना या उसका शोषण करना

रैगिंग दूसरे छात्र के शोषण का रूप ले सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र अपना होमवर्क किसी और छात्र से करवाता है, तो उसे रैगिंग माना जा सकता है। निम्नलिखित को रैगिंग के रूप में माना जाता है-

  • किसी व्यक्ति / समूह को सौंपे गए शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने के लिए किसी भी छात्र का शोषण करना। उदाहरण के लिए, एक छात्र द्वारा कुछ अन्य छात्रों के होमवर्क असाइनमेंट करवाना।
  • पैसे की जबरन वसूली या किसी भी छात्र से जबरन खर्च करवाना। उदाहरण के लिए, एक छात्र से दूसरे छात्र/छात्रों के खर्चों का भुगतान करवाना।

शारीरिक शोषण

रैगिंग शारीरिक शोषण और हिंसा का रूप ले सकती है। निम्नलिखित को रैगिंग के रूप में माना जाता है-

  • उपद्रवी या अनुशासनहीन व्यवहार, जिसके कारण किसी भी छात्र को शारीरिक नुकसान होने की संभावना है, या कोई भी ऐसा काम जो किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाता है या पहुंचा सकता है या ऐसा डर पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र को पीटने की धमकी देना।
  • किसी छात्र को एक ऐसा काम करने के लिए कहना, जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा, और जिसके कारण उसे शर्म, पीड़ा या शर्मिंदगी महसूस होती है, और उसके शारीरिक हाल-चाल पर बुरा असर पड़ता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र की पिटाई करना क्योंकि उसने किसी काम को करने के लिए वरिष्ठ के आदेशों का पालन नहीं किया था।
  • मारपीट, कपड़े उतरवाने, जबरन अश्लील और भद्दी हरकतें या इशारे आदि समेत यौन शोषण। उदाहरण के लिए, एक महिला छात्रा को जबरन कपड़े उतारने के लिए कहना।
  • कोई भी ऐसा काम जो किसी छात्र को शारीरिक नुकसान या किसी अन्य खतरे का कारण बनता है। मसलन, एक छात्र के भोजन में जुलाब डालना।

किसी अन्‍य छात्र के साथ भेदभाव करना

रैगिंग दूसरे छात्र के खिलाफ भेदभाव और पूर्वाग्रह का रूप ले सकती है। आपकी त्वचा, जाति, धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, यौनिक रुझान, रंग-रूप, राष्ट्रीयता, क्षेत्रीय मूल, भाषाई पहचान, जन्म स्थान, निवास स्थान या आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी भी दुर्व्‍यवहार को रैगिंग के रूप में माना जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्रा को उसके क्षेत्रीय मूल के आधार पर लगातार छेड़ा जाता है और उसे अपशब्‍द कहे जाते हैं, या उसका उपहास किया जाता है क्योंकि वह अन्य छात्रों की तुलना में कमतर सामाजिक-आर्थिक स्‍तर से आती है, तो इसे रैगिंग माना जा सकता है।

रैगिंग के पीछे की मंशा कोई मायने नहीं रखती; भले ही यह मज़े के लिए किया गया हो, या खुशी हासिल करने के लिए, या अधिकार या श्रेष्ठता जतलाने के लिए-भारतीय कानून के तहत रैगिंग एक अपराध है।

यदि आपकी रैगिंग की जा रही है, तो आप कॉलेज के अधिकारियों या पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

‘सहमति’ (कनसेन्ट)

एक वयस्क और एक बच्चे के बीच

वयस्क = उम्र 18 साल और उससे ज्यादा

बच्चा = उम्र 18 साल से कम

कानून यह नहीं मानता कि बच्चे में यौन संबंध करने के लिए सहमति देने की क्षमता है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई वयस्क किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए कहता है, और बच्चे ने यदि स्पष्ट रूप से हाँ कहा, या यह संकेत दिया कि इसमें उसकी सहमति हैं, तो भी इस गतिविधि को बाल यौन उत्पीड़न के रूप में माना जाएगा।

बच्चों के बीच यौन संबंध

यदि दो बच्चे यौन गतिविधियों में स्वेच्छा से शामिल होते हैं, तो भी इसे अवैध माना जाता है। लड़कियों और लड़कों, दोनो के लिए यौन गतिविधि के लिये सहमति देने की न्यूनतम उम्र 18 साल है।

यदि 16 वर्ष से अधिक उम्र का कोई लड़का, 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ किसी भी यौन गतिविधि में संलग्न/लिप्त होता है तो उसे अपराध माना जाता है, और यदि इस गतिविधि की रिपोर्ट की जाती है, तो लड़के पर कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

LGBTQ+ व्यक्ति को उत्पीड़न और हिंसा की संभावनाएं

आपको निम्नलिखित कारणों के चलते कई तरह के उत्पीड़न या हिंसा का सामना करना पड़ सकता है:

  • अपनी लिंग पहचान के लिए, जब आपको विशेष रूप से, जन्म में मिले लिंग से अलग स्वयंनिर्धारित लिंग से पहचाने जाने के चलते तंग किया जाएः उदाहरण के लिए, पुलिस द्वारा तीसरे लिंग के (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन्हें परेशान करने के लिए, बहुत बार भिखारी विरोधी कानूनों का उपयोग किया जाता है।
  • अपने यौन अभिविन्यास के अनुरूप, आपकी यौन प्राथमिकता और आपके साथी के चयन विकल्प के चलते, हो सकता है आपको तंग किया जाए। उदाहरण के लिए, बहुत से विचित्रलिंगी (क्वीर) व्यक्ति अपने यौन अभिविन्यास के सार्वजनिक होने पर सहज महसूस नहीं करते हैं, और ऐसे मामलों में कुछ लोग उनके लिंग को गुप्त रखने के बदले उनसे पैसे के लिए ब्लैकमेल कर सकते हैं।
  • यदि आप इस तरह के उत्पीड़न या हिंसा का सामना करते हैं, तो आपको शिकायत करने और सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, भले ही वो व्यक्ति जो आपको परेशान कर रहा है या चोट पहुंचा रहा है, आपके परिवार का ही सदस्य है, या शिक्षक है, या कोई और। तत्काल सुरक्षा के लिए, आप सरकारी हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं, जो आपको सलाह देगी कि आपको क्या कदम उठाने चाहिये, और आपके निवास स्थान पर आपकी सहायता करने के लिये पुलिस को भी भेज सकती है।

हिंसा के वे प्रकार, जिसका आपको सामना करना पड़ सकता हैं वे इस रूप में हो सकते हैं:

  • यौन हिंसा, जैसे बलात्कार या अन्य यौन अपराध, जैसे अनुचित स्पर्श, पीछा करना आदि। आपको विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन यौन हिंसा का भी सामना करना पड़ सकता है।
  • शारीरिक हिंसा, जैसे कोई आपको घायल कर दे, चोट पहुंचा दे, या आपको घर में बंद रक्खे, आदि।
  • मनोवैज्ञानिक हिंसा, जैसे कोई व्यक्ति आपको चोट पहुंचाने की धमकी दे, आपको सहायता करने के नाम पर, या धन आदि के लिए ब्लैकमेल करे। यह आपके साथ ऑनलाइन भी हो सकता है।
  • यदि आप प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाने का निर्णय लेते हैं, तो जाने से पहले आप में आत्मविश्वास होना, और कानून की पूरी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि ऐसी स्थितियां भी हो सकती हैं, जहां आप पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाएं। उदाहरण के लिए, पुलिस अधिकारी आपकी बात सुनने से इंकार कर दे, क्योंकि आप तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) के एक व्यक्ति हैं, इसलिए यह आपके लिये महत्वपूर्ण है कि आप उस कानून को जानें, जिसके तहत आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं।