भारत में विभिन्न निचली अदालतों में लंबित मामलों में संपत्ति विवाद के मामले लगभग 66% हैं, वहीं सर्वोच्च न्यायालय में न्याय के लंबित मामलों में संपत्ति विवाद के मामले लगभग 30% हैं।

अगर मेरा किसी से जमीन या अचल संपत्ति को लेकर कोई विवाद है, तो मुझे किस अदालत में जाना चाहिए?

आखिरी अपडेट May 6, 2025

अचल संपत्ति के विवाद में मुकदमा दायर करने के लिए आपको किस अदालत में जाना हैं, यह आपकी संपत्ति की जगह से तय होगा। अदालत के पास उस विवादित संपत्ति की जगह का अधिकार क्षेत्र होना चाहिए।1 अगर कोई संपत्ति एक से ज्यादा अदालतों की अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के बाहर स्थित है, तो मुकदमा इनमें से किसी भी अदालत में दायर किया जा सकता है। मुकदमेबाजी करने से पहले एक वकील से राय मशविरा कर लें।

अदालतों में जाने के अलावा, लोक अदालतों की मदद से भी विवादों को सुलझा सकते हैं। ये कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत मान्यता प्राप्त विवादों को हल करने का एक वैकल्पिक तरीका हैं।

लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां ज़मीन और संपत्ति जैसे मुकदमे में या पहले के मुकदमेबाजी पर लंबित विवादों/मामलों  का शांतिपूर्वक निपटारा/समझौता किया जाता है। लोक अदालत का फैसला आखिरी और बाध्यकारी होता है। इसके फैसले पर आगे अपील का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, अगर पक्ष फैसले से असंतुष्ट है, तो वे अदालत में मुकदमेबाजी की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

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