परामर्श किसी सलाहकार से पेशेवर मार्गदर्शन के प्रावधान की ओर इशारा करता है, जो आपके द्वारा झेली गई घरेलू हिंसा के मामले को निपटाने में, इस बात की गारंटी दिलाने में कि हिंसा दोहराई नहीं जाएगी, आपकी और आपके उत्पीड़क की मदद करेगा, और घरेलू हिंसा की समस्या का सर्वोत्तम संभव समाधान लेकर आएगा। अदालत या तो उत्पीड़क को या आपको, या तो अकेले या एक साथ, किसी सेवा प्रदाता या कोर्ट द्वारा नियुक्त काउंसलर(परामर्शदाता) से परामर्श करने का आदेश पारित कर सकती है।
काउंसलर(परामर्शदाता) नहीं हो सकता हैः
- कोई ऐसा व्यक्ति जो इस केस से जुड़ा हो, या कोई ऐसा व्यक्ति जो आपका या आपके उत्पीड़क का संबंधी हो जब तक कि आप और उत्पीड़क दोनों ही इसके लिए अपनी सहमति न दे दें1)।
- कोई ऐसा वकील जो इस मामले में उत्पीड़क की ओर से पेश हो चुका है।
यदि आप काउंसलर(परामर्शदाता) से किसी कारणवश संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अपने वकील से इस बारे में कोर्ट को बताने के लिए कह सकते हैं जो इस मामले को देखेगा।
काउंसलर(परामर्शदाता) की भूमिका
काउंसलर(परामर्शदाता) की भूमिका है कि वहः
- किसी ऐसी जगह पर आपके साथ अकेले या उत्पीड़क के साथ एक मीटिंग तय करे जो आपके और आपके उत्पीड़क के लिए सुविधाजनक हो2)।
- काउंसलर(परामर्शदाता) को परामर्श देने की कार्यवाहियां इस बात को सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से पूरी करनी पड़ेंगी कि घरेलू हिंसा दोहराई न जाए। काउंसलर(परामर्शदाता) उत्पीड़क से यह कहते हुए एक वचन3) ले सकता है कि वहः
- आगे कोई घरेलू हिंसा नहीं करेगा।
- पत्र, टेलीफोन, इलेक्ट्रॉनिक मेल के माध्यम से या जज द्वारा अनुमत तरीके से काउंसलर(परामर्शदाता) की मौजूदगी के अलावा किसी और माध्यम से मिलने या बातचीत करने की कोशिश नहीं करेगा।
- यदि आप फैसला करते हैं कि आप मामले को निपटाना और केस को खत्म करना चाहते हैं, तो आप काउंसलर(परामर्शदाता) से कह सकते हैं, जो इसमें सम्मिलित हर एक के लिए सर्वोत्तम संभव समाधान पेश करने की कोशिश करेगा।
परामर्श देने की प्रक्रिया में, उत्पीड़क को इस बात की अनुमति नहीं है कि वह आपको घरेलू हिंसा का शिकार बनाने के लिए किसी कारण का औचित्य पेश करे। परामर्श की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, काउंसलर(परामर्शदाता) को जितना जल्दी हो सके कोर्ट में परामर्श की बैठक (बैठकों) से संबंधित रिपोर्ट जमा करनी होती है ताकि कोर्ट आगे की कार्रवाई कर सके और, 2 महीने के भीतर, केस की सुनवाई के लिए तारीख तय कर सके। यदि निपटारा नहीं हो पाया है, तो काउंसलर(परामर्शदाता) को अदालत के समक्ष इसके कारण बताने होंगे।
अनीता देवी
January 1, 2023
मेरा नाम अनीता देवी है तथा मेरा मुकदमा गुजारा भत्ता का 10 सालों से चल रहा है तथा कोर्ट में उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही तथा पुलिस उसको मेरे पति को गिरफ्तार करके वहां भेज नहीं रही है तथा उसका किस तरह निपटारा होगा कहां इसकी आज का कहां धार करें जिससे मेरा जल्द से जल्द निपटारा हो
Roopam Chaubey
February 14, 2025
Mera counselling ho chuka hai ab agli date mili hai ab court number 1 mai jana hai mai Nagpur se hu aap batayiye ab mujhe kya karna hoga