वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए, सामान्यतः आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा 30 नवंबर, 2020 है। पिछला वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए विलंबित और/या रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2020 है।
आप इस टैक्स कैलेंडर में वर्ष 2020 के लिए अन्य महत्वपूर्ण देय तिथियां और आयकर समय सीमा देख सकते हैं।
आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फॉर्म में, आपको फॉर्म भरने के लिए एक श्रेणी का चयन करना होगा, जो निम्नलिखित पर निर्भर करता है:
• आईटीआर फॉर्म भरने की तिथि पर -1.) देय तारीख को या उससे पहले फॉर्म भरना 2.) देय तारीख के बाद फॉर्म भरना
• इनकम टैक्स रिटर्न के प्रकार पर-आम तौर पर, आप उस निर्धारण वर्ष के लिए लागू एक मूल आईटीआर फॉर्म दाखिल करेंगे। मूल फॉर्म भरने के बाद, यदि आपको उस फॉर्म में किसी भी विवरण को सही या संशोधित करना हो, तो आप मूल फॉर्म के संदर्भ में एक और परिशोधित या संशोधित रिटर्न फॉर्म दाखिल करेंगे।
टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय उसकी अलग-अलग समयसीमा
इसके लिए, विभिन्न इनकम टैक्स रिटर्न निम्न प्रकार से दाखिल किए जा सकते हैं:
• देय तारीख को या उससे पहले-उदाहरण के लिए, यदि इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म भरने की समय सीमा 30 नवंबर है, और प्रीति 15 नवंबर को अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करती है, तो उसने देय तारीख से पहले आईटीआर दाखिल किया है।
बिलेटेड रिटर्न (देय तिथि के बाद)
आपको दिए गए समय के भीतर अगर आपने अपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न जमा नहीं किया है, तो किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए, आप उस वर्ष की समाप्ति से पहले, या मूल्यांकन के पूरा होने से पहले (जो भी पहले हो) किसी भी समय रिटर्न जमा कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, एक ऐसी स्थिति मान लीजिए, जहां आपको वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न 30 जून 2020 तक जमा करना था, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। ऐसे में आपका असेसमेंट ईयर 2020-21 होगा। अगर असेसमेंट ईयर 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहा है, तो आपको इस तारीख (असेसमेंट ईयर की समाप्ति होने) तक अपना रिटर्न जमा करना होगा। अगर ‘इनकम टैक्स असेसमेंट’ मूल्यांकन वर्ष खत्म होने से पहले होता है, तो आपको असेसमेंट होने से पहले ही अपना बिलेटेड रिटर्न जमा करना होगा।
रिवाइज्ड रिटर्न
रिटर्न/विलंबित रिटर्न जमा करने के बाद, यदि आपको कोई चूक हो गयी हो या आपसे कुछ छूट गया हो या आपने कोई गलत जानकारी भर दी है, तो उस असेसमेंट ईयर की समाप्ति से पहले या मूल्यांकन के पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, आप किसी भी समय एक संशोधित रिटर्न जमा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न 30 जून 2020 की समय सीमा तक जमा किया है, तो आपका असेसमेंट ईयर 2020-21 होगा।
रिटर्न जमा करने के बाद, यदि आपको पता चलता है कि आपने फॉर्म में कुछ गलत जानकारी दी है, तो आपको सही जानकारी के साथ एक और रिवाइज्ड फॉर्म जमा करना होगा। अगर असेसमेंट ईयर 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहा है, तो आपको इस तारीख (असेसमेंट ईयर की समाप्ति तक) तक अपना रिवाइज्ड रिटर्न जमा करना होगा। अगर ‘इनकम टैक्स असेसमेंट’ आकलन वर्ष खत्म होने से पहले होता है, तो आपको असेसमेंट से पहले अपना रिवाइज्ड रिटर्न जमा करना होगा।
मॉडिफाइड रिटर्न
यह उस स्थिति में लागू होता है जहां आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के बाद कोई एग्रीमेंट या समझौता किया है। यदि एग्रीमेंट उस वित्तीय वर्ष पर लागू होता है या उसे प्रभावित करता है जिसके लिए आपने इनकम टैक्स दायर किया है, तो आपको एग्रीमेंट के अनुसार मॉडिफाइड रिटर्न जमा करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न 30 जून 2020 की समय सीमा तक जमा किया है, तो आपका असेसमेंट ईयर 2020-21 होगा। रिटर्न जमा करने के बाद, यदि आप एक समझौता करते हैं जो वित्तीय वर्ष के लिए आपके इनकम टैक्स रिटर्न को प्रभावित करता है, तो आपको समझौते के विवरण सहित एक मॉडिफाइड रिटर्न जमा करना होगा।
मॉडिफाइड रिटर्न उस महीने के अंत से तीन महीने के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए जिस महीने में आपने एग्रीमेंट किया था। उदाहरण के लिए, यदि आपने जुलाई में एग्रीमेंट किया है, तो आपको अक्टूबर (3 महीने के भीतर) के अंत तक मॉडिफाइड रिटर्न जमा करना होगा।
जब आयकर अधिकारियों द्वारा देरी से रिटर्न भरने की अनुमति दी गई हो,
तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) किसी भी आयकर प्राधिकरण को अवधि समाप्त होने (एक्सपायरी पीरियड) के बाद भी इनकम टैक्स में छूट, कटौती, वापसी या राहत के लिए आवेदन की अनुमति देने के लिए अधिकृत कर सकता है। इसके लिए आप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या वकील की मदद ले सकते हैं।