आपको जमानत का अधिकार है। जमानती अपराधों के मामले में इस अधिकार का सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है। गैर जमानती अपराधों के लिए यह अधिकार न्यायालय के विवेक पर निर्भर है।
जमानत देने का तर्क यह है कि, अगर आरोपी के भागने का कोई बड़ा संदेह/खतरा नहीं है, तो इसका कोई कारण नहीं है कि उसे कैद में रखा जाए। जमानत का मिलना आमतौर पर मुकदमें के शुरुआती चरण में आता है।
न्यायालय किसी व्यक्ति को जमानत देते वक्त उसके लिंग, स्वास्थ्य और आयु को ध्यान में रखता है।यदि आप निम्नलिखित श्रेणी में से हैं, तो न्यायालय आपको अधिक आसानी से जमानत दे सकता है:
- महिलाएं
- सोलह वर्ष से कम उम्र के बच्चे
- बीमार और अशक्त लोग
Akhilesh kushwah
April 26, 2024
Jamanat daar ke khilaf MJC ki karwae kaise ki jaati hai