सशस्त्र बलों के खिलाफ कोई मामला नहीं

आखिरी अपडेट Sep 19, 2022

जब तक केंद्र सरकार से कोई विशेष अनुमति न हो तब तक कोई भी सशस्त्र कर्मियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कर सकता है। इस कानून के तहत, अगर किसी फौजी या सशस्त्र बलों के किसी व्यक्ति के खिलाफ उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए अदालत में मामला दर्ज करना है, तो अदालत की कार्यवाही तभी हो सकती है जब केंद्र सरकार की अनुमति हो।

AFSPA के तहत सेना के जवानों के खिलाफ गिने-चुने मामले ही दर्ज किए गए हैं।

उदाहरण: चित्राक्षी के पति सुमेश् को सशस्त्र बलों के एक अधिकारी ने मार डाला है और वह इसके खिलाफ एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करना चाहती है। पुलिस थाना उसकी एफआईआर दर्ज करेगा, लेकिन अदालत में अपना मामला लड़ने के लिए उसे केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी। केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने पर ही सशस्त्र बलों के अधिकारी के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जा सकता है।

 

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