रिट याचिका ऑफलाइन कैसे दायर करें?

आखिरी अपडेट Oct 2, 2022

1. रिट याचिका दायर करने के लिए फॉर्म/प्रपत्र प्राप्त करें अपने मौलिक अधिकार की रक्षा करने की मांग करने वाला व्यक्ति संबंधित अदालत अर्थात हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। संबंधित कोर्ट द्वारा दिए गए निर्धारित फॉर्म/प्रपत्र में ही याचिका दायर की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर करने के लिए निर्धारित फॉर्म वहीं से प्राप्त किया जा सकता है। उच्च न्यायालयों के लिए, प्रत्येक हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित अलग-अलग फॉर्म/प्रपत्र, हैं जिसे संबंधित हाई कोर्ट की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है।

2. याचिका का ड्राफ्ट तैयार करें संबंधित कोर्ट से फॉर्म लेने के बाद, याचिका में निम्नलिखित जानकारी भरना आवश्यक है:

• याचिका दायर करने वाले व्यक्ति का नाम और अन्य जानकारी।

• उस व्यक्ति/संस्था का नाम और उससे संबंधित अन्य जानकारी जिसके खिलाफ याचिका दायर की जा रही है।

• पीड़ित व्यक्ति के किस मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।

• पीड़ित व्यक्ति द्वारा उठाई गयी न्याय की मांग।

• मांग उठाने के कारण।

• (यदि याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा रही है) क्या इस मामले के लिए किसी हाई कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है? और यदि हां, तो उस हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश।

3. यदि आवश्यक हो तो दस्तावेज संलग्न करें,

• यदि याचिका निचली अदालत के आदेश के खिलाफ है, तो ऐसे आदेश की मूल या प्रमाणित प्रति याचिका के साथ संलग्न की जानी चाहिए।

• याचिका दायर करने वाले तथ्यों का शपथ-पत्र/हलफनामा/एफिडेविट।

• कोई अन्य जरूरी दस्तावेज। यदि कोई दस्तावेज याचिकाकर्ता के पास मूल रूप (हार्ड कॉपी) में नहीं है, तो ऐसे दस्तावेजों की एक सूची याचिका के साथ संलग्न की जानी चाहिए।

4. याचिका जमा करें याचिका को पूरी तरह से ड्राफ्ट करने के बाद, इसे याचिकाकर्ता की प्राथमिकता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट या संबंधित हाई कोर्ट, के फाइलिंग काउंटर पर जमा किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले एहतियाती और निवारक उपाय

अनुसूचित जातियों के सदस्यों के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए कानून को राज्य सरकारों द्वारा विशेष उपाय करने की आवश्यकता है
citizen rights icon

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संरक्षण प्रकोष्ठ

कानून के लिए राज्य सरकारों को अपने मुख्यालय में एससी और एसटी सुरक्षा प्रकोष्ठ स्थापित करने की आवश्यकता है।
citizen rights icon

संवैधानिक उपचार का अधिकार कितने प्रकार के होते हैं?

इस संदर्भ में, कोर्ट का आदेश होता है कि, रिट याचिका में जिस किसी व्यक्ति की चर्चा है उसको कोर्ट में पेश किया जाए।
citizen rights icon

पीड़ितों और गवाहों के अधिकार

यह विशेष कानून पीड़ितों, उनके आश्रितों और इस कानून के तहत दायर शिकायतों के गवाह के रूप में कार्य करने वालों को कुछ अधिकारों की गारंटी देता है।
citizen rights icon