1. रिट याचिका दायर करने के लिए फाॅर्म लें
आप सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं। याचिका विशेष अदालत द्वारा दिए गए निर्धारित फाॅर्म में दायर की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका के लिए निर्धारित फाॅर्म यहां दिया गया है। हाई कोर्ट के लिए, हर हाई कोर्ट के निर्धारित फाॅर्म हैं, जिन्हें उस हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है।
2. याचिका को तैयार करें
उपयुक्त न्यायालय के लिए निर्धारित फाॅर्म मिलने के बाद, याचिका में कुछ जानकारी देनी होती है, जो कुछ इस तरह हैंः –
- याचिका दायर करने वाले व्यक्ति का नाम और विवरण
- उस व्यक्ति का नाम / निकाय का नाम और विवरण , जिसके खिलाफ याचिका दायर की जा रही है
- पीड़ित व्यक्ति (याचिका देने वाले) के मौलिक अधिकार के हनन की जानकारी
- पीड़ित व्यक्ति क्या उपाय (उपचार) मांगना चाहता है
- उपाय पाने के कारण की जानकारी
- (अगर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा रही है) क्या इस मामले के लिए याचिका पहले से किसी हाई कोर्ट में दायर की जा चुकी है और अगर हां, तो उस हाई कोर्ट के ऑर्डर की जानकारी
3. अगर जरूरी हो, तो दस्तावेज भी लगाएं
- अगर याचिका निचली अदालत के आदेश के खिलाफ है, तो ऐसे आदेश की मूल या प्रमाणित काॅपी याचिका के साथ लगाएं
- तथ्यों के हलफनामे, जिनके कारण याचिका दायर की गई
- दूसरे जरूरी दस्तावेज अगर कोई दस्तावेज याचिकाकर्ता (याचिका देने वाला) के पास नहीं है, तो ऐसे दस्तावेजों की एक सूची याचिका के साथ लगाएं।
4. याचिका दाखिल (जमा) करें
- याचिका का पूरा मसौदा तैयार करने के बाद, याचिकाकर्ता इसे सुप्रीम कोर्ट में या राज्य के हाई कोर्ट के फाइलिंग काउंटर में दाखिल किया जाना चाहिए
चन्द्रकिशोर नारायणजी टेभंरे
July 19, 2023
प्रति,
विषय :- गरीब बेसहारा हार्ट कि बिमारी से ग्रस्त इंसान को उचित न्याय के साथ मुआवजा मिलने हेतु
महोदय
हम आपको बताना चाहते हैं हमने १३/०५/२०२४ को आपले सरकार पोर्टल में पटवारी एवं अन्य अधिकारीयो की शिकायत किए थे हमारे शिकायत के ऊपर कुछ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई ऐसा क्यों हम एक गरीब बेसहारा बिमारियों से ग्रस्त इंसान है इसलिए आप हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है हम भारतीय नागरिक हैं हमारा अधिकार है या नही इसके बारे में हमें समंर्पुण जानकारी देजिए और हमारे जैसे गरीब बेसहारा बिमारियों से ग्रस्त इंसान को उचित न्याय दिलावाकर मुआवजा दिलाने की कोशिश करोगे क्योंकि इन कुछ अधिकारियों के कारण हमें बहुत ही ज्यादा परेशानिया हो रही है इसलिए हमें जल्द से जल्द उचित इंसाफ के साथ मुआवजा मिले
हम चन्द्रकिशोर नारायण जी टेभंरे दासगाॅव खुर्द आपको बतलाना चाहते है कुछ सरकारी कर्मचारियों के कारण मुझ गरीब और बेसहारा बिमार इंसान को बहुत ज्यादा परेशानीया हुई जैसे कि हमारे जमीन के ७/१२ दासगाॅव बु के पटवारी मा,श्री,दिवाकर आडकुजी शेटे को हमने जनवरी महिने से ७/१२ मांगने दासगाॅव बु पटवारी आफिस में चार या पांच गए थे तब हम हमें दासगाॅव बु का पटवारी आफिस बंद मिलते था फिर हमने दिनांक २१/०२/२०२३ समय दोपहर १२ : ४० बजे पटवारी मा,श्री, दिवाकर आडकुजी शेटे को फोन किए तब उन्होंने मुझे पाढराबोडी पटवारी आफिस में आने के लिए बोले तब हमने उनको बोले हम पाढराबोडी पटवारी आफिस नहीं आ सकते हमारी जो समस्या थी उसके बारे में पुरी जानकारी बता दिए थे फीर भी उन्होंने हमको उस वक्त हमारे के जमीन के ७/१२ नहीं दिए बड़े मुस्किल से पटवारी मा,श्री,दिवाकर आडकुजी शेटे ने दिनांक २४/०२/२०२३ समय श्याम ०४ : ३० बजे को पटवारी आफिस दासगाॅव बु से हमारी जमीन के ७/१२ हमने प्राप्त किए कुछ १० या १२ दिन बात आई हमारी जमीन गट नम्बर ५५/२ में हमारे नाम दुरुस्ती करने कि तब पटवारी मा,श्री,दिवाकर आडकुजी शेटे ने हमको बोले नाम दुरुस्ती यहां से नही होता आपको रजिस्टर आफिस में जाकर नाम दुरुस्ती करना पड़ेगा तब हमने बोले ठीक उसके बाद हमने दिनांक २४/०३/२०२३ को हमारी जमीन गट नम्बर ५५/२ में हमारे नाम दुरुस्ती करवाने के लिए तहसीलदार महोदय को हमने अर्ज भेज दिए थे कुछ दिनों बाद दिनांक १०/०४/२०२३ को नोटिस मुझे व्हाट्सएप के द्वारा प्राप्त हुआ था नायब तहसीलदार के द्वारा महाराष्ट्र जमीन महसुल अधिनियम कलम २२७ के तहत कोर्ट में सभी पेपर लेकर दिनांक २१/०४/२०२३ को उपस्थित होने के लिए बोले थे लेकिन हमारी तबियत ठीक नही होने के कारण हम २४/०४/२०२३ को तहसील आफिस में जाकर प्रतेक्ष रुप से नायब तहसीलदार महोदय के साथ बड़े मुस्किल से दोपहर ०१ : ०० बजे मुलाकात हुई तब नायब तहसीलदार महोदय हमको बोले कोई बात नही आपकी जमीन गट नम्बर ५५/२ में आपके नाम की दुरुस्ती १० दिन के अंदर हो जाएगी तब हमने उनको बोले ठीक है उसी वक्त तहसीलदार महोदय के समक्ष हमको आफिस के आफिसर्स एवं पटवारी/ तलाठी लापरवाही के कारण तहसील आफिस हमें हार्ट अटैक आया उसके बाद दिनांक २८/०४/२०२३को हम नागपुर में इलाज करवाने के लिए गए और दिनांक ३०/०४/२०२३ को हाॅस्पिटल में एडमिट होकर अपना इलाज करवाने के बाद दिनांक ११/०५/२०२३ श्याम ०७ : ०० बजे दासगाॅव आ गए दुसरे दिनांक १२/०५/२०२३ को करीब दोपहर १२ : ०० बजे समय हमारे छोटे भाई हमारी जमीन के ७/१२ पटवारी आफीस से लेकर हमको दिया उस वक्त हम ७/१२ चेक किए हमारी जमीन गट नम्बर ५५/२ के ७/१२ मे हमारे नाम की दुरुस्ती नही हुई थी पटवारी आफिस वाले ने हमारे छोटे भाई से ५० रुपए ज्यादा लिए थे इसलिए हम उसी समय पटवारी आफिस में कोतवाल को फोन करने के बाद बिमारी के हालत में गए और वहां पटवारी/तलाठी आफिस में पटवारी योगेश कुमार मेश्राम के समक्ष कोतवाल को पूछताछ किए तब कोतवाल ने बोला चाय पानी का खर्च लिए हमने उसी वक्त वहां मौजूद सभी लोगों को बोले आप सबको चाय पानी का खर्च लिए महाराष्ट्र महसुल मंत्री मा, श्री, राधाकिशन विखे पाटील जी को बोलना पड़ेगा पटवारी आफिस में ऐसे बोलकर उसने हमारे छोटे भाई से ५० रुपए ज्यादा लिए थे वह ५० रुपए वापस लेकर हम अपने घर लौटकर आ गए फिर हम दिनांक १६/०५/२०२३ को तहसील आफिस मे गए थे लेकिन उस दिन तहसील आफिस में कोई भी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार महोदय मौजूद नहीं थे हमने वहां मौजूद अन्य क्रमचारीयो से पुछताछ किए तो उन्होंने बोले कहीं मिटिंग में गए है हमने बोले ठीक है उसके बाद दिनांक ०२/०६/२०२३ को करीब दोपहर ०२ : ०० बजे हम तहसील आफिस में नायब तहसीलदार महोदय मा, श्री, सी. एन. वाडके मुलाकात हुई तब उन्होंने मुझे कहा मैंने पटवारी श्री,दिवाकर आडकुजी शेटे को आपके जमीन के गट नम्बर ५५/२ में दुरुस्ती करने का आदेश अवाहल दिनांक २४/०५/२०२३ को दे दिया हुॅ आपको कोई चिंता करने कि जरुरत नहीं है नायब तहसीलदार महोदय मा, श्री, सी. एन. वाडके इनके द्वारा हमारे नाम की आदेश अवाहल प्राप्त करने के बाद हमने घर लौटकर आ गए उसके बाद दिनांक ०३/०६/२०२३ हमने नायब तहसीलदार महोदय मा, श्री, सी. एन. वाडके इनके द्वारा आदेश अवाहल पटवारी मा,श्री, दिवाकर आडकुजी शेटे को व्हाट्सएप कर दिए थे फीर भी हमारे जमीन गट नम्बर ५५/२ में नाम दुरुस्ती नहीं हुआ तब हमने दासगाॅव बु के मंडल अधिकारी मा,श्री, प्रकाशजी वंजारी के साथ फोन करके हमारे साथ जो हुआ उसके बारे में पुरी जानकारी बताए उन्होंने मुझे बोले ठीक चन्द्रकिशोर टेभंरे जी मैं आज कोई भी हालत में आपके जमीन गट नम्बर ५५/२ में नाम दुरुस्ती करवाता हु वाकई में दासगाव बु के मंडल अधिकारी मा,श्री, प्रकाशजी वंजारी ने हमारे जमीन गट नम्बर ५५/२ में नाम दुरुस्ती करवाने में हमारी सहयोग / मदद किए हम दासगाव बु के मंडल अधिकारी मा,श्री, प्रकाश वंजारी जी का धन्यवाद करते है ऐसे अच्छे अधिकारी बहुत कम लोग है हमारे जमीन गट नम्बर ५५/२ में नाम दुरुस्ती होने के बाद भी पटवारी मा,श्री, दिवाकर आडकुजी शेटे ने बड़े मुस्किल से हमारी जमीन गट नम्बर ५५/२ का नाम दुरुस्ती किया हुआ ७/१२ बड़े मुस्किल से दिनांक १५/०६/२०२३ को श्याम ०७ : ०० बजे कोतवाल पास हमारे घर भिजवाए
मा. श्री. एकनाथजी शिंदे मुख्यमंत्री महाराष्ट्र राज्य और
मा, श्री, चिन्मयजी गोतमारे कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट गोंदिया जिल्हा महाराष्ट्र राज्य इनके तरफ से ईमेल हमे प्राप्त हुआ है इसलिए हम आपको बताना चाहते है कृपया आप ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब लोगों समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन अधिकारीयों ने हमें हरेसमेंट एवं प्रताड़ित किए ऐसे अधिकारीयों के कारण हमको हार्ट अटैक आया उसके जिम्मेदार मा,श्री, दिवाकर आडकुजी शेटे और अन्य अधिकारी रहेंगे क्योंकि हमारी तबियत खराब होने से हमें बहुत ज्यादा तकलीफ़ एवं परेशानीया हो रही है अगर हमारी तबियत में कोई सुधार नहीं आ रहा है हमारी मौत के जिम्मेदार होंगे तहसीलदार महोदय हमारी समस्या पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हो क्या हुआ आप गरीब इंसानों को ऐसे घुमाते रहोगे कैसे होगा आपका काम है मा,श्री, दिवाकर आडकुजी शेटे
के ऊपर जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करके हमेशा के लिए नौकरी से बर्खास्त करें क्योंकि बहुत मात्रा में भ्रष्टाचारी हो रही है
दासगाव बु के मंडल अधिकारी मा,श्री,प्रकाशजी वंजारी निर्दोश है
इस प्रकार से पटवारी आफिस एवं तहसील आफिस गोंदिया में हमारे जैसे गरीब बेसहारा बिमार कई किसानों से पैसे लेने काम चल रहा है ऐसा भ्रष्टाचारी / भ्रष्ट अधिकारियों को सरकारी नौकरी करने का कोई अधिकार नही है आप ऐसे अधिकारियों पर शक्त शक कारवाई करके इन अधिकारियों को हमेशा के लिए नौकरी से बर्खास्त किया जाए और हमारे जैसे गरीब बेसहारा बिमारियों से ग्रस्त इंसान को इंसाफ दिलवाकर हमें उचित मुआवजा दिलवाने कि कृपा करें
-: धन्यवाद करते है हम आपको : –
:- जय हिन्द -:
भारत माता की जय मां भारती को शत् शत् नमन
जय जवान जय किसान जय हिन्द जय भारत
वन्देमातरम
अर्जदार
चन्द्रकिशोर नारायणजी टेभंरे
मु-पोष्ट दासगाव खुर्द तहसील- गोंदिया
जिला – गोंदिया महाराष्ट्र राज्य
मोबाइल नंबर : ९३७२३०३३४६
Shelly Jain
February 21, 2024
यदि आप किसी ऐसे बच्चे से मिलते हैं जो बाल श्रम में मजबूर है या बाल श्रम में लिया गया है, तो अपने निकटतम पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करें या 1098 पर चाइल्डलाइन पर कॉल करें। 1098 एक टोल-फ्री नंबर है और यह भारत भर में चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा संचालित है, जो बच्चों के अधिकारों और संरक्षण के लिए काम करता है। 1098 पर कॉल करते समय, जानकारी प्रदान करें जैसे कि बच्चे का नाम (यदि पता है), उम्र (अनुमान), विवरण, और पता (सही स्थान और लैंडमार्क्स सहित)। आप श्रम और रोजगार मंत्रालय के बाल श्रम अनुभाग में ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं, जिसमें बच्चे का विवरण, राज्य, जिला जहां बाल श्रम में लिया जा रहा है, और आपका संपर्क जानकारी शामिल होना चाहिए। ये कदम बाल श्रम में फंसे बच्चों की तत्काल हस्तक्षेप और संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद करते
विनोदबुवा
August 26, 2023
देवस्थान इनाम वर्ग 3 रिट याचिका दाखल करायची आहे . नमुना प्रपञ पाहिजे आहे.
Shelly Jain
February 21, 2024
मेरे प्रश्न को हल करने के लिए अधिक विवरण देने के लिए आपको कृपया विस्तार से समझाएं। मेरा प्रश्न अस्पष्ट है। अधिक जानकारी दें।
Rakesh dhruw
September 11, 2023
Kya bhai ki naam registerd jamin ki batwara ho skta h ek ghar ek kitchen me hi khana bnta ho sujhaav jarur de
Shelly Jain
February 21, 2024
Ha, batwara ho sakta hai. Agar yeh family property hai toh aap batwara kar sakta. Aap phela yeh baat apna Bhai se baat kariya or fir agar woh nahi Manta hai toh aap court ja sakta hai batwara ka liya.
Binay kumar
December 12, 2023
रिट याचिका दायर करने के लिए फॉर्म/प्रपत्र
के site का नाम।
Online registration litigant में registration kaise hota hai.
Alka Manral
June 4, 2024
ऑनलाइन रिट याचिका दायर करने के लिए आप यहां सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जा सकते हैं – https://efiling.sci.gov.in/
नीचे दाएँ कोने में, आपको एक पुस्तिका मिलेगी जिसमें आपको बताया जाएगा कि अपना मामला किस प्रकार क्रमबद्ध तरीके से दायर किया जाए। इसके अतिरिक्त, आप अधिक जानकारी के लिए यहां हमारी वेबसाइट देख सकते हैं – https://hindi.nyaaya.org/legal-explainer/how-to-file-a-writ-petition-online-2/
ऑनलाइन फाइलिंग सेवाएँ भी यहाँ उपलब्ध हैं – https://filing.ecourts.gov.in/pdedev/?p=registration
Binay kumar
January 14, 2024
झारखंड हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर करने का फॉर्म के साइट का नाम बताएंगे।
Alka Manral
June 4, 2024
रिट याचिका दायर करने के लिए फॉर्म/प्रपत्र प्राप्त करें अपने मौलिक अधिकार की रक्षा करने की मांग करने वाला व्यक्ति संबंधित अदालत अर्थात हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। संबंधित कोर्ट द्वारा दिए गए निर्धारित फॉर्म/प्रपत्र में ही याचिका दायर की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर करने के लिए निर्धारित फॉर्म वहीं से प्राप्त किया जा सकता है। उच्च न्यायालयों के लिए, प्रत्येक हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित अलग-अलग फॉर्म/प्रपत्र, हैं जिसे संबंधित हाई कोर्ट की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है।
2. याचिका का ड्राफ्ट तैयार करें संबंधित कोर्ट से फॉर्म लेने के बाद, याचिका में निम्नलिखित जानकारी भरना आवश्यक है:
• याचिका दायर करने वाले व्यक्ति का नाम और अन्य जानकारी।
• उस व्यक्ति/संस्था का नाम और उससे संबंधित अन्य जानकारी जिसके खिलाफ याचिका दायर की जा रही है।
• पीड़ित व्यक्ति के किस मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।
• पीड़ित व्यक्ति द्वारा उठाई गयी न्याय की मांग।
• मांग उठाने के कारण।
• (यदि याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा रही है) क्या इस मामले के लिए किसी हाई कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है? और यदि हां, तो उस हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश।
3. यदि आवश्यक हो तो दस्तावेज संलग्न करें,
• यदि याचिका निचली अदालत के आदेश के खिलाफ है, तो ऐसे आदेश की मूल या प्रमाणित प्रति याचिका के साथ संलग्न की जानी चाहिए।
• याचिका दायर करने वाले तथ्यों का शपथ-पत्र/हलफनामा/एफिडेविट।
• कोई अन्य जरूरी दस्तावेज। यदि कोई दस्तावेज याचिकाकर्ता के पास मूल रूप (हार्ड कॉपी) में नहीं है, तो ऐसे दस्तावेजों की एक सूची याचिका के साथ संलग्न की जानी चाहिए।
4. याचिका जमा करें याचिका को पूरी तरह से ड्राफ्ट करने के बाद, इसे याचिकाकर्ता की प्राथमिकता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट या संबंधित हाई कोर्ट, के फाइलिंग काउंटर पर जमा किया जाना चाहिए।
https://jharkhandhighcourt.nic.in/efiling-guide/3.0/
Israr
May 13, 2024
प्रति
मैं बेसहारा छात्र हुं
महोदय
मैं इसरार जिला बुलंदशहर से मेरे पिताजी बीमार थे वो हार्ड के मरीज हैं , मैं अब्दुल्लाह हॉस्पिटल गया था, मुझे हॉस्पिटल वालो ने मारा है, और आयुष्मान कार्ड को लेने से बिलकुल मना कर दिया है ये सब सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड है मैं ये जानना चाहता हूं मुझे इसके खिलाफ कैसे इंसाफ मिल सकता है।
ये सब मे पूर्व विधायक हाजी अलीम का भाई भी सामिल है मैने 112 पर कॉल भी की थी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
वो बहुत दबंग लोग हैं, मुझे अपना गांव छोड़ना पड़ गया है मैं बच कर दिल्ली आया हुं मैं इंसाफ के लिए क्या कर सकता हुं।
जय हिन्द
लक्ष्मी सुनिल भालेराव
May 27, 2024
चतुरा इंगोले हिलादोन मुलं असुन मुलं सांभाळ करत नाही. तिच हक्काच घर विकण्यासाठी तिचा मोठा मुलगा भाग पाडतो. तसेच ती साधें दुखीने बीमार आहे. घर काम करुन आपलं पोट भरते.तिला तिच घर मुलाला न देता तीच असावं.
Akhilesh singh
June 10, 2024
Sir hamara karobar barbad hogya Bank se loan hai defeat hogya hoon daily Bank ka phone court ka notice recovery agent ka ana jana bahut pareshan hogya hoon ghar me kamane wala akela inshan tha lekin ab jingadi bahut bhojh hogya hai pls kya kare
अंजुल अग्रवाल
July 4, 2024
मुझे अंजुल अग्रवाल को अपनी पत्नी गुंजन अग्रवाल से तलाक चाइए वो भी 15 दिन मैं और मुझे उस के सात नही रहना और बच्चे मुझे चाय
Sikha
December 10, 2024
Hello hope you are doing well, obtaining a divorce and securing child custody within 15 days is generally not feasible under Indian law due to mandatory legal procedures and cooling-off periods. However, here are the legal remedies and processes involved:
Divorce
1. Mutual Consent Divorce
Section 13B of the Hindu Marriage Act, 1955
Both parties must agree to the divorce and file a joint petition.
Cooling-off Period: A mandatory 6-month period is required between the first and second motions, though it can be waived by the court under exceptional circumstances.
2. Contested Divorce
Grounds for Divorce
One can file under grounds like cruelty, adultery, desertion, etc., as per Section 13 of the Hindu Marriage Act, or respective provisions under Muslim, Christian, or Parsi law.
3. Special Marriage Act, 1954
For inter-religious or civil marriages : Similar provisions as the Hindu Marriage Act, with a mandatory one-year separation before filing and the same cooling-off period for mutual consent divorce.
Custody of the Child
Custody Laws: Governed by various personal laws, with the primary consideration being the best interests and welfare of the child.
Hindu Minority and Guardianship Act, 1956
Natural Guardians: The father is the natural guardian of a minor child, but the welfare of the child is paramount.
Mother’s Preference: For children under the age of 5, the mother is generally preferred.
Guardians and Wards Act, 1890
Court’s Discretion: The court has the discretion to decide on custody based on the child’s welfare, regardless of religious personal laws.
Child Custody in Mutual Consent Divorce
Agreement: Parents can mutually agree on custody arrangements, subject to court approval.
Expedited Processes
Waiver of Cooling-off Period: The Supreme Court in Amardeep Singh vs. Harveen Kaur (2017) allowed the waiver of the 6-month cooling-off period under exceptional circumstances.
Urgent Applications: File an urgent application for interim reliefs like child custody, visitation rights, and maintenance during the pendency of the divorce proceedings.
Jitendra Kumar Singh
July 17, 2024
दिल्ली उच्च न्यायालय में हिन्दी भाषा में रिट पिटीशन किस नियम के तहत दाखिल की जा सकती है
Rishi kumar
August 7, 2024
Sir my problem is social harrassment and torcher trying to kill me,, because I have very rare problem,,i heard the voice and mind Thord feel the fillings when the conection joint with me my all enemies know how to connection joint with me in this subject I can petition file inthe my nearly Bikram police station,,in this file all the information written by me and many more things I want to explain with you,,
Vikas rathi
August 25, 2024
The client can directly submit the case related documents in High Court Jaipur because the lawyer is misleading and cheating him.
सीताराम केवट जबलपुर
August 25, 2024
मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट प्रधान पीठ जबलपुर, में सिंगल बेंच के केस नंबर W.P.10091/2024 के आदेश दिनांक 12.08.2024 डिसमिस होने से असंतुष्ट हूं और अब वहीं पर डबल बेंच के समक्ष WRIT APPEAL पेश करना चाहता हूं । रिट अपील मैं स्वयं हिंदी में ड्राफ्ट/ तैयार करना चाहता हूं क्योंकि वकीलों की फीस बहुत अधिक है तथा वो जलेबी भी अच्छे से बनाते हैं और बात भी अकड़ कर करते हैं। इसलिए मैं स्वयं अपील ड्राफ्ट करके, अपनी पैरवी खुद करना चाहता हूं, क्या यह संभव है, यदि हां, तो रिट अपील का हिंदी फार्मेट मेरे ई-मेल पर भेजिए । तथा सभी जरूरी सावधानियां और हिदायतें भी दीजिए ।
sarita bholanath patel
November 21, 2024
माननीय महोदय ,
हम सरिता भोलानाथ पटेल पुत्री भोलानाथ पटेल , पापा के एक छोटे भाई थे ओम प्रकाश पटेल और उनकी पत्नी शीला ओमप्रकाश पटेल। शीला और ओमप्रकाश दोनों ने साजिश करके हमारे के साथे गलत किया है पैतृक सम्पत्तिं को शीला देवी के नाम से कुछ का बैनामा करा लिया थे और बाकि का वरासत। हमारे पापा क़ानूनी उत्तराधिकारी है। हमे पता चलने पर हमारे पापा ने बैनामा ख़ारिज का केस सिविल न्यायलय में किया फिर केस करने के १० दिन के तीतर वरासत करा लिया जिसके केस वसीहतं मनसुखि का किया हुआ है साथ ही हमे तहसील मड़ियाहूं में आपत्ति धारा ३४ कर दिया था इसके बावजूत स्वराज डिपाटमेंट ने धोके से एकतरफा आर्डर पास करने शीला का नाम चढा दिया खतौनी पर। हमे स्वराज डिपार्टमेंट पर उच्च न्यायालय में रिट फाइल करना है किर्पया हमारी मदद कीजिये।
आपकी प्रार्थी ,
सरिता पटेल